570+ Pani Shayari In Hindi | Shayari On Water

Pani Shayari In Hindi , Shayari On Water
Author: Quotes And Status Post Published at: September 26, 2023 Post Updated at: October 12, 2023

Pani Shayari In Hindi : हम जब तक पानी की कीमत नहीं समझेंगेजब तक नदिया नहीं सुख जाती पानी में अछ देखकर खुश हो रही थी मैपत्थर किसी ने फेककर मंजर बदल दिया

कोई लम्बी छोड़ी बात नहीं है, बस यही कहना चाहती हूँ तेरे हाथों में हाथ देकर, मेह्फूस रहना चाहती हूँ..!!

किताबों की जिंदगी से अगर निकलें तो पता चलता है की जिंदगी में धुप में घूम कर आने पर छाँव की अहमियत !!

मैं हर रात सारी ख्वाहिशों को खुद से पहले सुला देता, हूँ मगर रोज़ सुबह ये मुझसे पहले जाग जाती है।

इस हसीं शाम ने मौसम बना रखा हैवैसे पीता तो नहीं पर फिर भी …….नशा पूरा चढ़ा रखा है।

एक ही ख़्वाब ने सारी रात जगाया है, मैं ने हर करवट सोने की कोशिश की।

जल है तो हैं हम हम हैं तो है कल कल है तो हैं हम जल है तो है कल

थमते थमते थमेंगे आँसूरोना है कोई हँसी नहीं है।

वो भी समय था जब हमसे उनकी तारीफ में दो लाइन नहीं कही जाती थी , आज भी समय है जब उनके तारीफ में हम दो लाइन तो क्या शायरी करने लगे हैं ..!!!

दिल में एक दर्द उठा आँखों में आँसू भर आएबैठे बैठे हमें क्या जानिए की क्या क्या याद आया है।

जो आना चाहो हज़ारों रास्तेन आना चाहो तो हज़ारों बहाने।मिज़ाज-ऐ-बरहम , मुश्किल रास्ताबरसती बारिश और ख़राब मौसम।।

चांदी उगने लगी है बालों में ,  के उम्र तुम पर हसीन लगती है !

वो सब लोग लोट आयंगे तुम एक बार कामयाब तो हो जाओ।

सुनो…जब कभी देख लुं तुमकोतो मुझे महसूस होता है किदुनिया खूबसूरत हैSunoJab Kabhi Dekh Lun Tumko to mujhe mahsus Hota Hai Ki Duniya Khubsurat hai

घर की फुर्सत रंग लाएगी।हमको वो दिन दिखलाएगी।।27।।कीर्तिमान हम गढ़ जाएंगे।10 करोड़ तो बढ़ जाएंगे।।28।।

मैं वो क्यों बनु जो तुम्हें चाहिएतुम्हें वो कबूल क्यों नहींजो मैं हूंMain vo kyon Banu Jo Tumhen chahie Tumhen vo Qubool Kyon NhiJo Main Hun

बिना वजह हम तेवर नहीं दिखाते, मगर सही वजह पे तेवर के साथ वार भी करते हैं!!

न जाने सच्ची मोहब्बत करने वालो को क्या क्या मिला हैं हमें तो बस आखो में पानी ही मिला हैं

विचार हो जैसा वैसा मंजर होता है,मौसम तो इंसान के अंदर होता है.

धूप भी खुल के कुछ नहीं कहती ,रात ढलती नहीं थम जाती है।सर्द मौसम की एक दिक्कत है ,याद तक जम के बैठ जाती है।।

मैं जब रोया तो उनकी आंखो में भी आँसू आ गएहुस्न की फ़ितरत में शामिल है मोहब्बत का मिज़ाज।

इस कदर हम उनकी मुहब्बत में खो गएकि एक नज़र देखा और बस उन्हीं के हो गएआँख खुली तो अँधेरा था देखा एक सपना थाआँख बंद की और उन्हीं सपनो में फिर सो गए

दिल से आज भी दुआ निकलती है उसके लिए, जिसने मुझे दिल से निकाल दिया।

बदला जो रंग उसने हैरत हुयी मुझे।मौसम को भी मात दे गयी फ़ितरत जनाब की।।

मजबुरी मे जब कोई जुदा होता है,जरूरी नही की वो बेवफा होता है,दे कर वो आपकी आँखों में आंसू,अकेले में वो आपसे भी ज्यादा रोता है

सुहाने मौसम से मैं आज भी डरता हूँ,उसे भूलने की कोशिश आज भी करता हूँ.

थक गए हैं ये दूरियों की मोहब्बत से कब आओगे मेरे सामने इस फोटो मैं से निकल के ..!!!

थोड़ा सा रफू करके देखिए नाफिर से नई सी लगेगीजिंदगी ही तो हैThoda sa rafu Karke dekhiye naphir se nahin si Lagegi Jindagi Hi To Hai

मौसम की तरह बदलना तुम्ही ने सिखाया हैतभी तो आज ये चाँद तेरे लिए नहीं…….तेरी दोस्त के लिए आया है

पानी बचाने का नियम बनाओ बच्चे, बूढ़े सब को बतलाओ!Pani bachane ka niyam banao bachche budhe sab ko batalao

ख़ुशबू जैसे लोग मिले अफ़्साने मेंएक पुराना ख़त खोला अनजाने में

किसने जाना है बदलते हुए मौसम का मिज़ाज।उसको चाहो तो समझ पाओगे फ़ितरत उसकी।।

तुम मौसम की तरह बदल रही हो,,मैं फसल की तरह बरबाद हो रहा हूँ..!!

बस उस पानी सा है इश्क मेराजिसमे हर दिन करू जिक्र तेराकहानी तेरी भी ही और मेरी भीइन कहानियों में अपना बसेरा ।

बस उस पानी की तरह हु मैंथोड़ी ठहरी सीतो थोड़ी बह गईमें तो बस अपने सपनो में हीरह गई।

आँसू हमारे गिर गए उनकी निगाह सेइन मोतियों की अब कोई क़ीमत नहीं रही।

गुलाम थे तोहम सब हिंदुस्तानी थेआज़ादी ने हमेंहिन्दू मुसलमान बना दियाGulam the to Hum Sab Hindustani theAzadi Ne HamenHindu Musalman bana diya

यदि आप शिक्षित है और जागरूक है, पानी को बर्बाद न करे और सभी को जागरूक करें.

इन आंशुओं को पानी मत समझना ये भावनाएं हैं मेरी दर्द सेहन नहीं कर पायी और बाहर आगई !!

आग को बुझाता पानी हैप्यास को बुझाता पानी हैपानी है या इश्क मानोबढ़ता जाता पानी है।

आँसू फलक की आँख से टपके तमाम रातऔर सुबह तक ज़मीन का आँचल भिगो गए।

तेरी यादो को पसंद आ गयी है मेरी आँखों की नमी,हँसना भी चाहूँ तो रुला देती है तेरी कमी।।।

दर्द हल्का है साँस भारी है,जिए जाने की रस्म जारी है।Dard Halka Hai Saans Bhari Hai Jiye Jaane Ki Rachna Jari hai

सोचता हूँ दोस्तों पर मुकदमा कर दूँ, इसी बहाने तारीखों पर मुलाक़ात तो होगी..!!!

हँसाना नहीं बस रुलाना जानता हैये मौसम भी ना बस औरों को फसाना जानता है।

हूँ मैं शायर तो नहीं मगरमहबूब ग़ज़ल है खुद मेरी,जब वह होती है बाहों मेंकविता बन जाती खुद मेरी…

बड़ा ही सितम ढाती हैं तेरी प्यार वाली यादें मुझ पर साये की तरह हर पल मेरे साथ चलती रहती हैं !!

तू हँसी लेकर मेरी आँखों को आँसू दे देमुझसे ये सूखा हुआ दरिया नहीं देखा जाता।

मेरी गंभीरता को मेरा बदलाव न समझना, वक्त पड़ने पे जुनून और पागलपन आज भी इस्तेमाल कर लेता हूं!!

तू छू कर कुछ यूं निकल गयामानो जैसे बारिश का पानी होपकड़ने का सोचूं तोहाथ से निकल जाए ।

जरूरत अनुसार पानी का कीजिये उपयोग, जल बचाव में आपका होगा सहयोग.

आज़माना अपनी यारी को पतझड़ में मेरे दोस्त  सावन में तो हर पत्ता हरा नजर आता है..

अब दिल की तमन्ना है तो ऐ काश यही होआँसू की जगह आँख से हसरत निकल आए।

कुछ अलग Style है मेरा जीने का कुछ पाने के लिए में Intezar नहीं करता बल्कि उसको पाने की कोशिश करता हूँ..!!

हम कि रूठी हुई रुत को भी मना लेते थे।हम ने देखा ही न था मौसम-ए-हिज्राँ जानाँ।।

जो आज बहेंगा क़ल क़ल तो क़ल ना मिलेंगा जलJo aaj bahenga kal kal to kal na milenga jal.

मौसम गए सुकून गया ज़िन्दगी गईदीवानगी की आग में क्या-क्या गया न पूछ।।

इस मौसम से सब परेशान हैनाक में झरना और झरने पर रुमालये सब इसी मौसम की तो पहचान है

कामयाबी लिखी हे किस्मत में तो बस मंजिल की तरफ बढ़ते रहिये, फ़र्क़ नहीं पड़ता की आप पेदल चल रहे हे या कर से,

ज्यादा वो नहीं जीता जो ज्यादा सालों तक ज़िंदा रहता है, बल्कि ज़्यादा वो जीता है जो ख़ुशी से जीता है।

तारीख़ बताएगी वो क़तरा है कि दरियाआँसू है अभी वक़्त के क़दमों में पड़ा है।

जो चाहे हो जाए वह दर्द कैसा और जो दर्द को महसूस ना कर सके वो हमदर्द कैसा

हँसाना नहीं बस रुलाना जनता हैहाय ये गर्मी का मौसम बस … जलाना जानता है

हर दिल जो प्यार करता है किसी को पाने की उम्मीद में , मगर हर दिल ये उम्मीद नहीं करता किसी को पाने के लिए किसी को खोना भी पड़ेगा..!!!

मुसलसल हादसों से बस मुझे इतनी शिकायत हैकि ये आँसू बहाने की भी तो मोहलत नहीं देते।

जिसके पीछे तुम भाग रहे हो न उससे दो दिन दूर रहके देखो, बात करना तो दूर वो तुम्हें याद तक नहीं करेगा।

जिसे भीगने का डर होता है,वो बारिश का मजा कहाँ ले पाता है,जिसे बिछड़ने का डर होता है,वो सच्चा इश्क़ कहाँ कर पाता है.

इंसान कहाँ होश में होते है,डूबते है तो पानी को दोष देते है.

सेहमा सेहमा डरा सा रहता हैजाने क्यों जी भरा सा रहता है।

Gopal Paji:रूह का रूह से ऐसा वास्ता हो जाता है,आंखे कह देती हैं और दिल समझ जाता है ॥

जमाने भर का गम अपने कंधो पर उठा रखा हैनज़रों का कहर दिल में दबा रखा हैअपने मौसम को तो तूने सुहाना बना रखा हैहमारे मौसम को धुंए में जला रखा है

इस मौसम ने सबको सताया हैजो भीगा नहीं था …..आज उसको भी भिगाया हैकीचड़ में भिगाया हैनाले में बहाया हैइस मौसम ने सबको नचाया है

सलीका अदब का तो बरकरार रखिए जनाब, रंजिशे अपनी जगह है सलाम अपनी जगह।।

Recent Posts