Painful Shayari In Hindi : प्यार मैं कहना जरुरी नहीं होता, प्यार मैं तो समझा जाता है💔 लबो पर जब किसी के दर्द का अफ़साना आता है, हमें रह-रह कर अपना दिल-ए-दीवाना आता है💔
बिना लिबास आये थे इस जहाँ में, बस एक मात्र कफ़न की खातिर,इतना लम्बा सफर करना पड़ा हमें।
ये रात भी बीत गयी तुम्हारा इंतेजार करते-करते मुझे पता है तुम नही आओगी ये तन्हाई जीत ही जाएगी
तू भी आइने की तरह बेवफा निकलाजो भी सामने आया उसी का हो गया
ख़ुशी के मारे आँखे ना खुलती थी,फिर वो चले गए आंखें खुद-ब-खुद खुल गयी।
कुछ लोग खाने के इतने शौक़ीन होते है की वोदूसरों की खुशियाँ भी खा जाते है
साथ चलते चलते साथ छूठ गया कोई ठहर गया तो कोई बहुत दूर गया
दर्द दिलो के कम हो जातेफोन अगर बन्द हो जाते
दर्द-ए-दिल दर्द-ए-जिगर,दिल में जगाया आपने,पहले तो मैं, शायर था,आशिक़ बनाया आपने….!
मेरे ग़म आपको मिले होते तो आपने होश खो दिये होतेवो तो मैं ही हूं जो मुस्कुरा रहा हूं आप होते तो रो दिए होते
“ जो प्रेम दर्द ना दे वो प्रेम कैसा,जो प्रेमी दर्द सह ना पाए वो प्रेमी कैसा…!!!
मसला ज़िन्दगी का मेरा कभी हल ना हुआ,जो मेरा कभी बीता कल था वो क्यू आने वाला कल ना हुआ।
खामोशियों से मिल रहे हैं !!खामोशियों के जवाब कैसे कहें कि !!उनसे बात नहीं हो रही हैं !!
आयी है यादें उसकी मिलने मुझसे आज फिर से उनको पन्हा दी ये गलती मेरी थी घर में मेरे बरकत थी जा जबतक साथ खुदा पर उसको खुदा बनाया फिर ये गलती मेरी थी
किया है बर्दाश्त तेरा हर दर्द इसी आस के साथ, कि खुदा नूर भी बरसाता है आज़माइशों के बाद। 💔
कभी कभी सबके सामने हँसनातनहा रोने से ज्यादा तकलीफ देता है
सुना था दर्द अक्सर बेदर्द लोग देते है, मगर हमारी दुनिया उजाड़ी है एक मासूम चेहरे ने
वक्त नूर को बेनूर कर देता है,छोटे से जख्म को नासूर कर देता है,कौन चाहता है अपनों से दूर होना,लेकिन वक्त सबको मजबूर कर देता है।
फिर ऐसा हुआ कि सब्र की उंगली पकड़कर हमइतना चले की रास्ते हैरान रह गए
अब दर्द उठा है तो गज़ल भी है जरूरी,पहले भी हुआ करता था इस बार बहुत है
“प्यार किया तुझको दिलोजान से,इस दिल में तुमको इस कदर बसा लिया,भुला ना पाया है ये दिल तुझको आज तक,लेकिन तुमने तो इसे दुख के आंसू रुला दिया।”
ज़ख्म दे कर ना पूछ तू मेरे दर्द की शिद्दतदर्द तो फिर दर्द है कम क्या ज्यादा क्या
नया दर्द एक और दिल में जगा कर चला गया, कल फिर वो मेरे शहर में आकर चला गया, जिसे ढूंढ़ता रहा मैं लोगों की भीड़ में, मुझसे वो अपने आप को छुपा कर चला गया।
दिल में है जो दर्द वो दर्द किसे बताएंहंसते हुए ये ज़ख्म किसे दिखाएँकहती है ये दुनिया हमे खुश नसीबमगर इस नसीब की दास्ताँ किसे बताएं
“ तमाम उम्र भी अगरतेरा इंतज़ार कर लूँ तो भीमुझे ये अफ़सोस रहेगाकि जिंदगी ही मेरी कम थी…!!
“ दुःख-दर्द कीरात नींद नहीं आती,और सुख कीरात कौन सोता है..!!!
हंसी आती ये सोचकर कि दर्द कोई समझता नही मगर उन्हीं दर्दनाक अल्फ़ाज़ो पर दाद देते है लोग 💔
“ न कर तू इतनी कोशिसेमेरे दर्द को समझाने कीपहले इश्क कर फिर जख्म खाफिर लिख दावा मेरे दर्द की…!!!
जब इंसान का दिल टूट जाता है।तो वो अन्दर के खामोश और,दुनिया को खुश दिखने के लिए,झूठी हंसी का सहारा लेने लगता है।
ना कर तू इतनी कोशिशे मेरे दर्द को समझने कीपहले इश्क़ कर फिर ज़ख्म खा फिर लिख दवा मेरे दर्द की
नहीं करेंगे आज के बाद कभी मन्नतें तुम्हारी,खुदा जब तैयार होगा,तब तुम तो क्या हर चीज़ मेरी ही होगी।
इश्क चख लिया था इत्तफ़ाक से, ज़बान पर आज भी दर्द के छाले हैं💔
नींद मिल जाए कहीं तो भेजना जरा, बहोत सारे ख्वाब अधूरे है मेरे💔
यूँ ना बर्बाद कर मुझे अब तो बाज़ आ दिल दुखाने सेमै तो सिर्फ इन्सान हूँ पत्थर भी टूट जाता है इतना आजमाने से
ना जाने हम कैसे इश्क़ मैं फसते जा रहे हैं;जीसके हम न हो सकते उसी के हो रहे हैं ।
मेरे दिल के दर्द को किसने देखा है, मुझे बस मेरे खुदा ने तड़पते देखा है, हम तन्हाई में बैठे रोते हैं, लोगों ने हमे महफ़िल में हँसते देखा है💔
यहां किसी को कोई वास्ता किसी से नहीं किसी के बारे में कुछ सोचना ज़ियाँ है यहां
“ जिंदगी में आधे दुःख गलतलोगो से उम्मीद रखने से मिलते हैऔर आधे दुःख गलत उम्मीदरखने से मिलते है….!!!
“ दर्द को आधार से जोड़ दो साहब,जिन्हें मिल गयाउन्हें दुबारा ना मिले…!!
“ मिली है तुमसे जो दर्दवो सारी लिखता हूँ,लोग समझते हैमैं अच्छी शायरी लिखता हूँ….!!!
लोग तो हल्के से शोर से जाग जाते हैं,मुझे तो तुम्हारी यह चुप्पी ही सोने नहीं देती।
मुझे रुलाने की कोशिश भी मत करनामेरी परवरिश ही दर्द ने की है
मेरी ख्वाईश है के तुम मुझे ऐसे चाहो,जैसे दर्द में कोई सुकून चाहता है.
रात की गहराई आँखों में उतर आई, कुछ ख्वाब थे और कुछ मेरी तन्हाई, ये जो पलकों से बह रहे हैं हल्के हल्के, कुछ तो मजबूरी थी कुछ तेरी बेवफाई.
दिल में छुपा लो गम पर वो दिख ही जाता है, सच्चा प्यार चाहे कितना दूर हो वो मिल ही जाता है !
जिन्दगी की राहों में मुस्कराते रहो हमेशा, उदास दिलों को हमदर्द तो मिलते हैं, हमसफ़र नहीं।
आज उसने एक बात कहकर,मुझे रूला दिया जब दर्द बरदाश नही,कर सकते तो मोहब्बत क्यों की..!
नफ़रत करना तो हमने कभी सीखा ही नहीं,मैंने तो दर्द को भी चाहा है अपना समझ कर
ना जाने क्यों उनसे ही मोहब्बत कमाल की होती हैजिनका मिलना हमारे मुकद्दर में लिखा ही नहीं होता।
हम तो सोचते थे कि लफ्ज़ ही चोट करते हैं;मगर कुछ खामोशियों के ज़ख्म तो और भी गहरे निकले। ❞
जिसके होने से हर गम दूर लगता था आज उसी के दिए ज़ख्म झेल रहे हैं
अब इससे बढ़ कर गुनाह-ए-आशिकी क्या होगी,जब रिहाई का वक्त आया, तो पिंजरे से मुहब्बत हो चुकी थी।
कौन कहता है नफ़रतों मैं दर्द होता है, कुछ मोहब्बत बड़ी कमाल की होती है.
आप हमें भूल जाओ हमें कोई गम नहीं,जिस दिन हमने आपको भुला दिया,समझ लीजिएगा इस दुनिया में हम नहीं…!
अगर फुर्सत के लम्हों में मुझे याद करते हो तो अब मत करनाक्योंकि मैं तन्हा जरूर हूँ मगर फ़िज़ूल बिलकुल नहीं
अब शिकायतें तुमसे नहीं मुझे खुद से हैं ,माना की सारे झूठ तेरे थे पर उन पर यकीन तो मेरा था
“ इंसान कितना ही अमीरक्यों ना हो जाएँ,दर्द बेच नहीं सकता है औरख़ुशी खरीद नहीं सकता है….!!!
वो रात दर्द और सितम की रात होगी, जिस रात रुखसत उनकी बारात होगी, उठ जाता हु मैं ये सोचकर नींद से अक्सर, के एक गैर की बाहों में मेरी सारी कायनात होगी.📚
रखा करो नजदीकियां,जिंदगी का भरोसा नहींफिर कहोगे चुपचाप चले गए बताया भी नहीं
मर गया है वो शख्स जिसे इश्क़ था तुझसे अब तो एक शायर है जो अपने ज़ख्म लिखता है
“नाराजगी चाहे कितनी भी क्यों ना हो,पर तुझे छोड़ देने का ख्याल हम आज भी नहीं रखते”
मोहब्बत ख़ूबसूरत होगी किसी और दुनिया मेंइधर तो हम पर जो गुज़री है हम ही जानते हैं
पिछले बरस तू बाहों से जा चुकीफ़िर दिल से जाती क्यू नहीं
हादसे इंसान के संग मसखरी करने लगे, लफ्ज कागज पर उतर जादूगरी करने लगे, कामयाबी जिसने पाई उनके घर बस गए, जिनके दिल टूटे वो आशिक शायरी करने लगे।
हो सके तो दोस्ती कर लेना,पर दिल किसी से कभी न लगाना..Ho sake toh dosti kar lena,Par dil kisi se kabhi na lagana…
रोज़ उदास होते है हम,और रात गुजर जाती है,कहने को तो जी रहे है लेकिन,हर पल हर लम्हा सांस निकलती जाती है.
इस तरह मेरी तरफ मेरा मसीहा देखे,दर्द दिल में ही रहे और दवा हो जाए
“ तुझको अगर जिंदगी कहूँतो फिर दर्द को क्या कहूँ,अगर तुझको दर्द कहूँ तोफिर जिंदगी को क्या कहूँ…!!
हमें देख कर जब उसने मुँह मोड़ लिया, एक तसल्ली हो गयी चलो पहचानते तो हैं💔
बात वफाओं की होती तो कभी ना हारते..बात नसीब की थी कुछ कर ना सके।
काले घटा चाँद पर भी कभी कभी छा जा जाते हैं, दिल में ना बसाना चाहो जिसे वो भी कभी कभी अपने हो जाते हैं !
रोज़ पिलाता हूँ एक ज़हर का प्याला उसे, एक दर्द जो दिल में है मरता ही नहीं है💔
जिंदगी को मिले कोई हुनर ऐसा भी,सबमे मौजूद भी हो और फना हो जाए