Negative Shayari In Hindi : फिर नेगेटिव टटोल रही हो,यादें तो कब की ख़त्म हो गई हैं,अब क्या करोगी तुम उस सुरुर का,शायद ख़ुश-फ़हम में समझाया था।लेकिन तहलील कर गई थी मुझे। सोच नेगेटिव या पॉजिटिव नहीं बल्कि प्रेक्टिकल होनी चाहिये, जो आपको सच्चाई दिखाए !!
धोखा देने के लिए शुक्रिया तेरा !तुम न मिलती तो दुनिया की समझ न आती.
अकेले ही लड़नी पड़ती है जिंदगी कीलड़ाई, लोग बस तसल्ली देते है साथ नहीं।
अभी कांच हू तो सबकोचुभता हु मैंजिस दिन आइना बन जाऊँगासारी दुनिया देखने आएंगी
कुछ बातें समझाने से नहीं !खुद पर बीत जाने से समझ आती हैं.
हर किसी की नज़र में आपबेदागी नहीं हो सकते,कोशिश कीजिये कि बस खुदकी नज़रों में आप पर दाग ना हो।
तेरी मोहब्बत कोकभी खेल नहीं समझा हमने,वरना खेल तो इतनेखेले कि कभी हारे नहीं।
वो मुझे ब्लॉक करके सोचती होगी कि मुझे याद करता बेबी तुजजैसी 36 मिलेगी ये बादशाह उनको भी रिजेक्ट करता होगा.|
मंजिले भी जिद्दी है,रास्ते भी जिद्दी है।देखते है कल क्या होगा,इरादे भी जिद्दी है।
नकली लोग अक्सर मोहबत की माला जपते रहते है, आँखों खुली रखना बरना कभी भी धोखा खा जाओगे।
अच्छे वक़्त की एक खराबी हे,अच्छा वक़्त ख़तम हो जाता हैं,लेकिन बुरे वक़्त की एक अच्छाई हे,के वो भी ख़तम हो जाता हैं।।
अगर अंजाम की परवाह होती मुझे,तो मोहब्बत करना ही छोड़ देती मै,जिद्द तो मेरे प्यार में है ,और जिद्द की बड़ी ही पक्की हूं मै।
हमारे साथ पंगा लोगे तो उसकी ना कोई माफी है..ओर तुम्हे हम जवाब नही देंगे क्योंकि मेरे साथ जो 2-3 बेटे रहते है वोही काफी है.|
खुशहाल परिवार और मिटटी के वर्तन की कीमत बस बनाने वाले को पता होती है तोड़ने वालो को नहीं।
मेरी हंसी-मेरी खुशी की इकलौती वजह तुम ही होनारित्व की पहचान हो तुम, मेरे सम्मान की वजह तुम ही हो
रिश्ते एक कच्ची डोरी की तरह होती है,अगर कभी टूट जाएऔर उसे दोबारा जोड़ने की कोशिश करें,तो गाँठ पड़ जाती हैऔर रिश्ते कभी पहले जैसे नहीं हो पाते.
लोगों के रुकने मत रुको क्योंकिजिंदगी उनके नहीं तुम्हारी पलटेगी
मेरे करेक्टर पर शक मत कर पगली,ये तो तेरे चेहरें से भी ज्यादा साफ है।।
रिश्ते कभी भी “कुदरती” मौत नहीं मरते,इनको हमेशा ‘इंसान’ ही क़त्ल करता हैं,‘नफ़रत’ से,‘नजरअंदाज’ से,तो कभी ‘गलतफहमी’ से.
मदद का दिखावा करने वाले यहां लाखों मिल जाएंगे, लेकिन मदद करने वाला यहां पर एक भी नहीं दिखेगा !
सही को सही और गलत कोगलत कहने की हिम्मत रखता हूँ,……….. इसीलिए आज कलरिश्ते कम रखता हूँ।
शर्म नहीं तू गर्व हैं बहना, मेरी कलम का लिखा तू हर्फ़ है बहनातेरी नीयत मेरी पहचान है बहना, तू मेरी इकलौती शान है बहना
दरिया बनकर किसी कोडुबाना बहुत आसान है,मगर जरिया बनकरकिसी को बचाए तब बात बने।
मुझे उन लड़कियों की फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट करना पसंद हैजो ऐटिटूड की रानी हो क्योंकि हम भी ऐटिटूड तोड़ने के बादशाह है
अगर बन नहीं रहा तुम्हारा कोई काम,लेलो थोड़ा उस काम से विराम।पता लगाओ कि कहाँ कमी रह गयी,जब तक ना पता लगे, तो मत लो आराम।
लड़कों की दोस्ती पे कभी शक मत करना, कमीने होते हैं लेकिन धोखेबाज़ नहीं।
तुम पवित्रता की प्रतिमा हो, बहना तुम परिवर्तन की प्रतिभा हो।
“दूसरों के बारे में बुरी बातें करने वाले, खुद पर बुरा प्रभाव रखते हैं।”
बहन उन्हीं के हिस्से आती है, जिनके होते हैं कर्म महानसभ्यताओं का संरक्षण करती, नारी ही करती है कल्याण
यदि सहने की हिम्मतरखता हूंतो तबाह करने का हौसला भी रखता हूं.
ध्यान केन्द्रित करकठिन परिश्रम करना हीसफलता की असली चाबी हैं।
ये दुनिया दिखावे की बानी हुयी है यहाँ अपने तो असली में है, पर उनका अपनापन दिखावे का है।
मेरी फितरत में नहीं हैकिसी से नाराज होना,नाराज वो होते हैजिन्हें खुद पर गुरूर होता है।
यदी आप सच कहते हैं,तो आपको कुछ यादरखने की जरूरत नहीं रहती..
ये मत समझ कि तेरे काबिल नहीं हैं हम,तड़प रहे हैं वो जिसे हासिल नहीं हैं हम।
उजालों में तो मिल ही जाएगा कोई ना कोई, तलाश करनी है तो उसकी करो जो अंधेरों में तुम्हारा साथ दे।
हक़ से अगर दो तो नफ़रत भी क़ुबूल है हमें,ख़ैरात में तो हम तेरी मोहब्बत भी न लें।
अन्दाज़ से न देखिये किसी इंसानकी हैसियत को,रुके हुए समंदर अक्सर गहरे हुआ करते है।।
मैं हमेशा डरता था उसे खोने से !उसने ये डर ही ख़त्म कर दिया मुझे छोड़कर.
ये इश्क़ करना छोड दिया यारो वरना,हम तो आज भी पलट के देख ले तो.लडकियाँ सोमवार के व्रत शुरू कर दे।।
कांच की तरह होते हैं गरीबो के दिल,कभी टूट जाते हैं और कभी तोड़ दिए जाते हैं.
कुछ बात तो हैं अच्छाई मेंजो अकेले भी लड़ती हैं,अन्धकार जितना गहरा होएक बाती भारी पड़ती हैं।
लोग कहते हैं दु:ख बुरा होता हैजब भी आता है रुलाकर जाता है !लेकिन हम कहते दु:ख अच्छा होता हैजब भी आता है कुछ सीखा कर जाता है.
जहां कभी तुम हुआ करते थे !वहां अब दर्द होता है.
तू लड़ती है-झगड़ती है, सुन बहना मेरी रक्षा भी तू ही करती हैये पीड़ाएं मुझे छूं न पाए, क्यों इस चिंता से तू इतना डरती है
समय के एक तमाचे की देर है प्यारे,मेरी फ़क़ीरी भी क्या,तेरी बादशाही भी क्या।।
इंद्रधनुष के सात रंगों सी, हैं प्यारी बहन तेरी मुस्कानजैसे आशाओं के दीप के आगे नतमस्तक सारा जहान
बड़े लोगों से मिलने मेंहमेशा फ़ासला रखना,जहाँ दरिया समुंदर सेमिला दरिया नहीं रहता।।
अक्सर मोहब्बत उन्ही लोगो से होती है,जिन्हें पाना नामुमकिन होता है.
दरिया की देहलीज़ पे बैठी सोच रही है ये आँखें.!कितना वक़्त लगेगा आखिरसारे ख्वाब बहने में.!
सोच को रखना है पोजेटिव, तभी कोरोना रहेगा निगेटिव,जब सोच ही हो नेगेटिव, तब क्यों न हो कोरोना पोजेटिव.
चेहरे बदल जाए तो कोई तकलीफ नहीं !अगर लेहज़े बदल जाए तो बहुत तकलीफ होती है.
तेरे बिना तेरे भाई के वजूद की कोई कल्पना नहींबहना! तेरी खुशियों के बिना, खुशियों की कोई गणना नहीं
कभी कभी अपनों से कुछ ऐसे दर्द मिलते हैं,पास आंसू तो होते है पर रोया नही जाता है.
अब जिन्दगी की दौड़ में जीतेगा वही, जो है नेगेटिव ,,जैसे प्रकृति कह रही हो जिसने मेरा किया दोहन, वह है पॉजिटिव.. मीनाक्षी शर्मा।।
ढूंढ तो लेते अपने प्यार को हम,शहर में भीड़ इतनी भी न थी..पर रोक दी तलाश हमने,क्योंकि वो खोये नहीं थे,बदल गये हैं.
लोग आजकल माफी गलती मानने के लिए नहीं बात ख़तम करने के लिए मांगते है।
तेरे होने से ही मेरे घर परिवार में खुशियां हैं क्योंकि बहना तू मुझे मिला खुशियों का वरदान है।
हाथ में खंजर ही नहींआँखों में पानी भी चाहिए,हमें दुश्मन भी थोड़ा खानदानी चाहिए।
हम 😇 कोई ताबीज से कम नहीं गले लगते ही ❤️ सारे #गम को खींच ☑️लेते हैं
ज़िन्दगी का कोई रिमोट नहीं होता, जागो उठो और इसे खुद बदलो।
जब खोने के लिए कुछ भी ना हो तब,पाने के लिए बहुत कुछ होता है।
“Meri “गलतियों” को Nazar Andaz” किया करो, वैसे भी उखाड तो कुछ सकते नहीं Tum मेरा”
लोग कहते हैं हमसे तुम बहुत बदल गए हो !तो अब क्या टूटे हुए पत्ते रंग भी न बदलें.
दरिया बनकर किसी कोडुबाना बहुत आसान है,मगर जरिया बनकरकिसी को बचाए तब बात बने।।
मेरे ठोकरे खाने से भीकुछ लोगो को जलन है,कहते है यूँ तो ये शख्सतुजर्बे में आगे निकल गया।
दुसरों की शर्तों पर सुल्तान बनने से, कई गुणा ज्यादा बेहतर है, अपनी ही मौज का फकीर बने रहना।
जब महसूस हो सारा शहर तुमसे जलने लगा,समझ लेना तुम्हारा नाम चलने लगा।
“कहते है की सिर्फ नसीब वालो को परिवारनसीब होता है, लेकिन यहाँ तो परिवार की वजह से ही नसीब ख़राब है मेरा।”
पैसा कमाने के लिए इतना वक़्त खर्च नाकरो कि पैसा खर्च करने के लिएज़िन्दगी में वक़्त ही ना मिले
लोगों ने बदलने में मौसम वक़्त और गिरगिट सबको पीछे छोड़ दिया है ना जाने क्यों फिर भी गिरगिट ही क्यों बदनाम है !
खुद से ही जीतने की ज़िद हैखुद को ही हराना है,मैं भीड़ नहीं हूँदुनिया की मेरे अंदर एक ज़माना है।।
मतलबी लोग और झूठे वादों से तो तन्हाई ही बेहतर है।