Negative Shayari In Hindi : फिर नेगेटिव टटोल रही हो,यादें तो कब की ख़त्म हो गई हैं,अब क्या करोगी तुम उस सुरुर का,शायद ख़ुश-फ़हम में समझाया था।लेकिन तहलील कर गई थी मुझे। सोच नेगेटिव या पॉजिटिव नहीं बल्कि प्रेक्टिकल होनी चाहिये, जो आपको सच्चाई दिखाए !!
मदद का दिखावा करने वाले यहाँ लाखो मिल जायेंगे, लेकिन मदद करने वाला यहाँ पर एक भी नहीं दिखेगा।
हर बात पर बात उसी की होती है,क्युकि उस शख्स मेंकोई बात होती है।।
अगर इतनी ही नफ़रत है हमसे,तो आज ही ऐसी दुआ करो,की तुम्हारी दुआ भी पूरी हो जाये,और मेरी ज़िन्दगी भी.
भले ही हमने बड़े घराने में जन्म न लिया हो,लेकिन मेरी माँ ने मुझे नवाब बना रखा है।
आज तन्हा हुए तो अहसास हुआ !कई घण्टे होते है एक दिन में.
हमारे अपनों को लगता है कि हमें उनकी चलाकियाँ समझ में नहीं आती लेकिन हम बस चुप चाप उनको अपनी नजरो से गिरता देख रहे होते हैं !
जगह पर हमेशा खामोश रहना,जहाँ दो कोड़ी के लोगअपनी हैसियत के गुण गाते है।।
आधी पौनी बातों को मैं नहीं मानता,चुप हूँ, क्योंकि सच नहीं जानता।
हर किसी की नज़र में आपबेदागी नहीं हो सकते,कोशिश कीजिये कि बस खुदकी नज़रों में आप पर दाग ना हो।
उन्ही रिश्तों को अपना अच्छा वक्त दो,जो रिश्ते बुरे वक्त में साथ दें.
कहते है की रिश्ते में,“Sorry” और “Thanks”नहीं होने चाहिए,लेकिन हकीकत मे,यह दो लफ्ज रिश्तों को बचाते है.
मैं न अन्दर से समंदर हूँन बाहर आसमान,बस मुझे उतना समझजितना नजर आता हूँ मैं।
मैंने जिन्दगी से पूछा सबको इतना दर्द क्यों देती हो ?जिन्दगी ने हंसकर जवाब दिया..मैं तो सबको ख़ुशी ही देती हु,पर एक की ख़ुशी दुसरे का दर्द बन जाती है।।
“किसी के पास $ Attitude $ है, तो किसी के पास $ EGO $, हमारे पास तो “एक-Dil” है, वो भी बड़ा $ Cute $ है”
जिस प्यार को हम ढूढ़ने गए पुरे संसार में, वो प्यार मिला मुझे आपने ही परिवार में।
साथ छोड़ने वालों को तो एक बहाना चाहिए,वरना निभाने वाले तो,मौत के दरवाज़े तक साथ नही छोड़ते.
“सोनेकी चिड़िया उड़ कर नहीं जाती, बदनामी भी कई दिन चलती रहती है।”
हम ना बदलेंगे, वक़्त की रफ़्तार के साथ,जब भी मिलेंगे अंदाज़ पुराना ही होगा।
कुछ लोग पिघल कर मोम की तरह रिश्ते निभाते है,और कुछ लोग आग बनकर उन्हें जलाते ही जाते है.
वो खुद पर ग़ुरूर करते हैंइसमें हैरत की बात नहीं,जिन्हें हम प्यार करते हैंवो आम हो ही नहीं सकतें।
अगर रिश्ते में पूरी तरह सेविश्वास, ईमानदारी और समझदारी है,तो इन्हें निभाने के लिए वचन, कसम, नियम,और शर्तों की कोई जरूरत नहीं है.
हम ना बदलेंगे, वक़्त की रफ़्तार के साथ, जब भी मिलेंगे अंदाज़ पुराना ही होगा।
गलती थी मेरी, चाहने वालों पर घमंड मेरा, पता चला है कि सबने चाहा मुझे सिर्फ अपनी जरूरत के लिए।
मैंने देखा है पत्थर दिल को रोते हुए, आज भी सोचता हूं कि पहाड़ों में ही क्यों बहते हैं झरने सारे।
मुझे मतलबी कहने से पहले, उन लोगों से मेरी कद्र जरूर पूछ लेना, जो कभी मुझे अपना कहते थे।
रिश्ते संवारने में मैं ऐसा क्या झुका, कि लोगों ने झुकना ही मेरी औकात समझ ली।
जिसका दिल भरता गया, वो मुंह फेरते गए हमसे, और लोग कहते हैं कि हम बेगाने से क्यों हो गए हैं।
कभी तारीफों के समंदर में गोते लगाओ, पता चलेगा कितनी गहरी है मतलबी लोगों की दुनिया।
मेरी जिंदगी में हर शख्स कुछ इस तरह उस्ताद निकले, मैं हंस कर मिलता रहा और वो सबक देते गए।
कुछ इस तरह मैनें भी बदल लिए हैं जिंदगी के उसूल, जो याद करेगा, अब वही याद रहेगा।