Nature Love Shayari In Hindi : प्रकृति से मिलें है हमको शुद्ध आहार, मत करो प्रकृति के साथ दुर्व्यवहार ! यहाँ खुशबू है वादियों में, यहाँ खुशबू है लोगों के किरदारों में !
कुदरत से भी उतना ही प्यार करो,जितना आप खुद से करते हो..!!
पुस्तक और प्रकृति से बेहतर दोस्त, इस दुनिया में और कोई नहीं !
हवा की सरसराहट, चिड़िया की चचहाहट,समुद्र का शोर, जंगलों में नाचते मोर,इनका नहीं कोई मोल,क्योंकि प्रकृति है अनमोल।
कभी खुशी से खुशी की तरफ नहीं देखा तुम्हारे बाद हमने किसी की तरफ नहीं देखा
पुरानी होकर भी ख़ास होती जा रहीमोहब्बत बेशर्म है जनाब, बेहिसाब होती जा रही है
इश्क़ के ख्यालों का हसीं मंजर हो तुम…. मैं डूब जाता हूँ जिसमें वो समंदर हो तुम…!!
इतना खूबसूरत इतफ़ाक़ हैअमावस की रात है और चाँद मेरे पास है।
कितनी छोटी सी है ये जन्नत मेरीएक मैं हूँ और एक महोब्बत मेरी❤️❤️kitani choti si hai ye jannat meri,ek main hoon aur ek mahobbat meri.
नाम सुनके हमारा तुम मुस्कुराया ना करो,राज की बातें हैं ये, सबको बताया ना करो…!!
प्रकृति की हर चीज हमें लगातार,बताती रहती है कि हम क्या हैं !
बिन तुम्हारे कभी नहीं आयी… क्या मेरी नींद भी तुम्हारी है…
– आइए हम सराहना करना सीखें कि ऐसे समय होंगे जब पेड़ नंगे होंगे, और उस समय का इंतजार करेंगे जब हम फल ले सकते हैं।
दुनिया में हमें वही मिलता है,जो हम दूसरे को देते है,प्रकृति की ही एक ऐसी व्यवस्था है,जो सिर्फ देती है,बदले में कुछ लेती नहीं।
प्रकृति में कुदरत को खोजना ही हमारा कर्तव्य है।
ये दर्द है जनाब,ये भी दावा करता है, और सबक भी,ये दर्द जिंदगी के मायने बदल देता है!!!
मैं भगवान में विश्वास करता हूँ और मैं इसे प्रकृति कहता हूँ।
आपकी कातिल नज़रों से जो टकराया होगा…! मझे नहीं लगता वो, अब तक घर पहुँच पाया होगा…!!
बिखर जाने दे मुझे तेरी मोहब्बत में,ये तो वो नशा है जो कभी उतरता नहीं।
प्रकृति के साथ बातचीत करते रहो, उसका हिस्सा बनकर रहो।
अपने होठों को किसी परदे में छुपा लिया करोहम गुस्ताख़ लोग नजरों से चूम लिया करते हैं
“ प्रकृति के नियमों के साथखिलवाड़ मत करोक्योंकि जब ये बदला लेगी तोआप इसके वार को सहननहीं कर पाओगे…!!
“ प्रकृति में न तो पुरस्कार हैंऔर न ही दंड;यहाँ परिणाम हैं…!!
झुकी तेरी पलको पेआशियाना सजा लूंगातू बस हा बोलदे तोतुम्हे तुमसे ही चुरा लूंगा
बर्फीली रातों में चाँदनी की किरनों का संगीत,प्रकृति के इस महान वादी में दिल को मिलती शांति और सुख।
तुमने खिड़की से चांद देखा थामैन खिड़की में चाँद देखा है।
– दुनिया में सुंदरता की ओर देखना, मन को शुद्ध करने का पहला कदम है।
प्रकृति को पूजना भगवान को पूजना है।
क्यों सिमटा रहे हो पर्वतों को, क्यों काटते हो वृक्षों को, क्यों छीन रहे हो जानवरों के घर को, क्यों बर्बाद कर रहे हो प्रकृति को।
प्रकृति कहना चाहती है हमसे,बचा है वक्त संभल जाओ अभी से,बहुत हुआ दोहन और चली मनमर्जी,नहीं सुधरे, तो फिर दिखेगी प्रकृति की सख्ती।
पर्वत वर्षा करने में मददगार साबित होते हैं, इसलिए पर्वतों का महत्व हमेशा महत्वपूर्ण रहेगा |
कुदरत का करिश्मा है, देखो चारों तरफ हरियाली है, हम इनको हैं काटते और यह करती हमारी रखवाली है।
सिर्फ जीना काफी नहीं है आपके के पास, धूप, स्वतंत्रता और एक छोटा सा फूल भी चाहिए !
सरलता से प्रकृति प्रसन्न होती है। और प्रकृति कोई डमी नहीं है।
मैं तो उससे सारी बहस बस जीतने ही वाला था कि, उसने दोनो हाथ उठा कर बाल बांधने शुरू कर दिये..!!
प्रकृति के ख़िलौनों में खोकर खुशियों की धारा,उसके साथ बिताये ये समय, दिल को मिलती आनंद और प्रेरणा।
बहुत जरूरी था प्रकृति के कहर का भी आना !!यहाँ हर कोई खुद को खुदा समझ बैठा था !!
जीवन में कुछ चीजें ऐसी हैं!!जो आप सिर्फ शांति में सीख सकते हैं!!और कुछ चीजें ऐसी हैं!!जो आप सिर्फ तूफान में सीख सकते हैं!!
आज उसके चेहरे का दीदार हुआ काफी दिनों बाद रूबरू मेरा यार हुआ
“यह उन मार्च दिनों में से एक था जब सूरज गर्म होता है और हवा ठंडी होती है: जब यह गर्मियों में रोशनी और गर्मियों में छाया में रहता है।”
कुदरत की ख़ूबसूरती ही बहुत है, हमें ताज़गी से भरने के लिए
प्राकृतिक बेलों की मधुर छंदों में खो जाना,उसके साथ बिताये ये समय, दिल को मिलती आनंदमय और शांतिपूर्ण महकौल और सुख।
तुम एक दिल लिये बैठे हो, इश्क़ तो नस्ले उजाड़ देता हैं. 🍁🍁🍁
लाखों देखी अदाएं लेकिन कहीं भी दिल को चैन नहीं आया..भटकते हुए इस तन्हा दिल ने बसएक आपकी चाहत में ही सुकून पाया…
गुनाह तो बहुत बड़े किए होंगे!!हमने प्रकृति के साथ!!वरना गंगाजल की जगह!!शराब से हाथ न धोने पड़ते!!
माफ़ करना मेरी गुस्ताखियाँ कुछ बढ़ गई है अब मैं तेरे तस्वीर में तेरे होंटों को चूम लेता हूँ।
मिलकर जो मुस्कुराहट आयी चेहरे परबाद उसके कोई श्रृंगार उस पर जंचा नहीं
“ आएगा एक ऐसा वक्तजब सांस लेना हो जाएगा दुश्वारअभी से लगाओ पेड़नहीं तो जीवन हो जाएगा बेकार….!!!
पैसे देखकर रंग फिसलता नहीं है,गाँव का इश्क है ज़नाबहर रोज बदलता नहीं है।
तेरे इश्क की जंग में, हम मुस्कुराके डट गए,तलवार से तो बच गए, तेरी मुस्कान से कट गए।
❤️❤Đ¡l करता है Status डाल दु तेरे नाम का…….. पर मुझे ये अच्छा नही लगेगा ! कि कोई तुझको☛ LiKe करे…❤️
प्यार तुझ से है बेइंतहा, एक पल के लिए भी तुझे खोना नहीं, इतना जरुरी तो मेरे लिए जीना भी नहीं, जितना जरुरी सिर्फ तेरा होना है..
अगर दूरियों से भी फर्क ना पड़े, तो समझना काफी नजदीक हो तुम !
– मेरा मानना है कि दुनिया अतुलनीय रूप से सुंदर जादू और आश्चर्य की एक अंतहीन संभावना है।
गुरूर हुस्न पर इतना ही कर कि बुरा न लगे,,,, तू सिर्फ़ खुबसूरत लगे … ख़ुदा न लगे..
सुकून को तरसे फिर उम्र भरख्वाहिशों की सुली चढ़ा ना सकेरिवाजों से बगावत मुमकिन थी मगरदोनों कदम आगे बढ़ा ना सके
अगर आपको प्रकृति से सच्चा प्यार है तो आपको हर जगह सुन्दर ही लगेगी।
हमारा लक्ष्य होना चाहिए अपने दिल की धड़कन को ब्रह्माण्ड की धड़कन से मिलाना और अपने सवभाव को प्रकृति से मिलाना।
सभी प्रकृति के लिए कम से कम आंदोलन का महत्व है। संपूर्ण महासागर एक कंकड़ से प्रभावित होता है। -ब्लेस पास्कल
कुदरत से भी उतना ही प्यार करो जितना आप खुद से करते हो।
कुछ तो बात है इन हवाओं में,वरना साथ इन्हें पंछियों का ना मिलता !
अगर आप सच में एक प्रकृति प्रेमी हैं, तो आपको सारा जग सुन्दर लगेगा
साथ सुबह की बेइंतेहा दुआओं के अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त से आप सबकी खुशियों की दुआएं मांगते है अल्लाह हम सबको दिन के रास्ते पर चलने के तौफीक अता फरमाए ।
“प्राकृतिक दुनिया की सुंदरता विवरण में निहित है।”
सुरमई फूलों की खुशबू बाग़ों में फैली,प्रकृति के इस रूप में दिल को मिलती सुखद और सकारात्मक विचारधारा।
“मैं प्रकृति के दिल के करीब हूं … एक बार थोड़ी देर में, और एक पहाड़ पर चढ़ो या जंगल में एक सप्ताह बिताओ। अपनी आत्मा को साफ करो।”
जब तक आप शीर्ष पर नहीं पहुंच जाते, तब तक किसी पहाड़ की ऊंचाई को कभी न मापें। तब आप देखेंगे कि यह कितना कम था।
देते हो क्यू ये दर्द बस हमी कोक्या समझोगे तुम इन आंखो की नमी कोयू तो होंगे लाखो दीवाने इस चांद केचांद क्या समझेगा एक तारे की कमी को।
प्रकृति की गोद में बेशुमार खजाना है !!बशर्ते आप ढूंढ़ना चाहें !!
तुम आओगी तो फुलों की बरसात करेंगे मौसम के फरिश्तों से मेरी बात हुई है..
“प्रकृति हमारी माँ है।”
खेतों में बजते हुए मनमोहक ध्वनियाँ,प्रकृति के संगीत की मधुर मेलोदी है यह मनोहर बदलाव।
भगवान ने इंसान को बनाया है, तो नेचर ने इंसानियत के.. साथ जीना सिखाया है..!!