Naseeb Shayari In Hindi : देखा है हमने मौत को करीब से, जिन्दा हैं हम जिंदगी के नसीब से। शिकवा नहीं किसी से, किसी से गीला नहीं, नसीब में नहीं था जो, हमको मिला नहीं।
जिसकी आधी जिंदगीरसोई में ही चली जाती है।वह कोई और नहीं वह माँ होती है।
जो #नसीब में लिखा है वो तो मिलना ही है मजा तो तब आएगा जब नसीब को पीछे छोड़# हम अपनी वो मंजिल पा लें जिनकी हमें चाह है…….!!!
मतलब से मिलने वाले मिलने का मतलब क्या जाने
हमने चाहा आपको अपने चाहे किसी और को.!!हमारी दुआ है की खुदा न करे तुम्हे चाहने वाला.!!कभी चाहे किसी और को.!!
बेटी जैसे-जैसे बड़ी होती है,पिता खुद को बेटी के और करीब पाता है।इसीलिए तो बेटी के जाने के बाद,सबसे ज्यादा गम पिता को होता है।
मिट जाए तो फिर मिटने दे सब ज़ख्म मेरे दिखने दे मैं एक टूटा शायर हूँ मुझे गम मेरे लिखने दे
बहुत मुस्कुराते हैं वो लोग साहेब जो अंदर से टूटे होते हैं
मेरी माँ भी गिनती मैं अक्सर गलती कर जाती हैरोटी एक मांगता हूंतो 2 ही दे जाती हैLove you 😘 Maa
जिंदगी देने वाली भी माँ है,पहली शिक्षक भी माँ है,पहली दोस्त भी माँ है,माँ से बड़ा कुछ नहीं है।
भगवान से ऊंचा दर्जामाँ का क्यों होता है?क्योंकि भगवान तोकर्मों के हिसाब से फल देते हैंलेकिन माँ हमें अपना सब कुछहमारी करतुते देखे बिना दे देती है
जिंदगी तस्वीर भी है और तकदीर भी, फ़रक तो बस रंगों का हे मनचाहे रंगों से बने तो तस्वीर, और अनजान रंगों से बने तो तकदीर ।
मेरे नसीब में ना था तेरा दीदार करना मैंने आंसुओं से लिख दिया तेरा इंतजार करना!
चर्चा-एं- आम रहा तेरा इश्क मेरे महफिले दिल में लाख ढूंढा तुझे पर मिला ना तू कभी मेरे नसीब में!
प्यार मोहब्बत तो सब करते है,इसको खोने से भी सब डरते है,हम तो न प्यार करते है न मोहब्बत करते है,हमतो बस आपकी एक मुस्कुराहट पाने को तरसते है।
मुझ में और किस्मत में हर बार बस यही जंग रही, मैं उसके फैसलें से तंग और वो मेरे हैसले से दंग रही।
एक दिन एक #बात सुना था में,की अगर आपके #अंडर सच्चा दिल बस्ता है,अगर आपके अंडर# जूनून है,तो नसीब# कितनी भी बुरे हो जाये,आपको# कोई नहीं रुख सकता।
माँ बड़ी मुश्किल से पैसों को जोड़करउन पैसों से हमारी खुशियां खरीद लाती है
हज़ार बार जो माँगा करो तो क्या हासिल.!!दुआ वही है जो दिल से कभी निकलती है.!!
क्यों ख़तम हुआ ये रिश्ता जो तेरे मेरे दरमिया था तुझे तो अब घुटन होने लगी थी तेरे लिए ये रिश्ता और क्या था
लेकर गई मोहब्बत को एक ऐसे मोड़ पर जिंदगी ना लौटना मुमकिन था ना बिछड़ना
पहले जिन्दगी छीन ली!!अब मेरी मौत का फायदा उठाती है!!मेरी कब्र पे फूल बढ़ाने के बहाने!!वो किसी और से मिलने आती है!!
जिस हाथ को थामकर सीखाया था चलना कभी, आज कैसे गए भूल हम उन कांपते हाथों को थामना?
खुद में ही उलझी हुई हैं जो मुझे क्या सुलझायेगीं, भला हाथों की चंद लकीरें भी क्या किस्मत बताएगीं।
बस एक दुआ है कि जिन लम्हों में मेरे सभी.!!अपने मुस्कुराते हो वो लम्हें कभी खत्म ना हो.!!
अपने प्यार को देख कर अक्सर ये एहसास होता हे, जो तक़दीर में नहीं होता वही इंसान ख़ास होता हैं।
सुलगती जिंदगी से मौत आ जाये तो बेहतर है!!हमसे दिल के अरमानों का अब मातम नहीं होता!!
दिल का जोर कहां चलता है नसीब पर.!!किसी का प्यार बड़ी मुश्किल से मिलता है.!!
जो मजा पापा के कंधों पर झूलने में आता था, वो मजा पार्क के झूलों में कहां है।
तेरी मोहब्बत की तलब थी!!इसलिए हाथ फैला दिए!!वरना हमने तो अपनी!!ज़िन्दगी की भी दुआ नहीं माँगी!!
वो आ गए मिलने हमसे एक शाम तन्हाई मिटाने!!और हम समझ बैठे इसे अपनी दुआओं का असर!!
भाई बुलाने का हक,मैंने सिर्फ मेरे दोस्तों को दिया है,वरना दुश्मन हमे आज भीबाप के नाम से जानते है
नसीब मिला दे मुझे उससे.!!जिसकी मुझे तलाश है.!!उसके ना होने से मेरी.!!जिंदगी में गम ही पास है.!!
#डरता हूं की कभी में तुझको #शर्मसार कर बैठूँ, इससे अच्छा तू कुछ सवाल रहने दे मैं कुछ #जवाब रहने दूँ।
ननिहाल की एक बात सेमुझे बहोत खुशी होती हैकि वहां मुझे सबमेरी माँ के नाम से ही पहचानते हैं
वो बात क्या करें जिसकी कोई खबर ना हो वो दुआ क्या करें जिसका कोई असर ना हो कैसे कह दे कि लग जाय हमारी उमर आपको क्या पता अगले पल हमारी उमर ना हो
नजरे-करम मुझ पर इतना न कर,कि तेरी मोहब्बत के लिए बागी हो जाऊं,मुझे इतना न पीला इश्क़-ये-जाम की,मैं इश्क़ के जहर का आदी हो जाऊं।
नसीब के खेल को भी अजीब तरीके से खेला है हमने । जो ना था नसीब मैं उसी को टूट कर चाह बैठे …
तकदीर लिखने वाले एक एहसान लिख दे.!!मेरी मोहब्बत की तकदीर में मुस्कान लिख दे.!!
माना तेरी नज़रों में तेरे काबिल नहीं हूँ मैं मैं क्या हूँ उनसे पूछ जिन्हें हासिल नहीं हूँ मैं
आजकल कोई किसी की परवाह नहीं करता, कोई किसी का नहीं होता।
अगर रुक जाये मेरी धड़कन तो मौतन समझना, कई बार हुआ है ऐसा तुझे याद करते करते !!
अगर माँ की ममता कोऔलाद समझ जाएतो यह धरती स्वर्ग बन जाए
जो अपने होते हैं वो हो ही जाते हैं कहकर किसी को अपना बनाया नहीं जाता
तुझ से क़िस्मत में मिरी सूरत-ए-क़ुफ़्ल-ए-अबजद था लिखा बात के बनते ही जुदा हो जाना
अपनों से होती है नाराजगी साहेब गैरों से क्या गिले-शिकवे
तुम मिले तो यूँ लगा, हर दुआ कबूल हो गयी, कांच सी टूटी क़िस्मत मेरी हीरों का नूर हो गयी.
अल्फाज तो जमाने के लिये हैं,तुम्हें तो हम अपने दिल की धडकनें सुनायेंगे..Alfaz toh jamane ke liye hain,Tumhe toh hum apne dil ki dhadkane sunayenge..
मेरी रूह मेरी कब्र पर आकर कहती है जिसके लिए तू मर गया वो अब औरों पे मरती है
यूँ ही नहीं होती हाथ की लकीरों के आगे उंगलियाँ, खुदा ने भी किस्मत से पहले मेहनत लिखी है.
मेरे खयालों पर तेरी यादों के साए हैं भूले बिसरे लोग मेरी गजलों में आए हैं सब के नसीब में कहां होती है मोहब्बत क्या शिकवा करे जो अपने हुए पराए हैं।
मोहब्बत और मौत दोनों बिन बुलाए मेहमान होते है, कब आजाए कोई नहीं जानता लेकिन, दोनो का एक ही काम है एक को दिल चाहिए, दुसरी को धड़कन !!
बेटी की जिंदगी में पिता की जगह कोई नहीं ले सकता।
जरा ख्याल की जिए मर न जाऊँ कहीँ,बहुत जहरीली है तेरी ख़ामोशी मैं पी न जाऊँ कहीँ।
सिर्फ ख्वाबों से गुजारा नहीं होता है इस दुनिया में कोई किसी का सहारा नहीं होता है!
प्यार की कली सबके लिए खिलती नहीं, चाहने पर हर एक चीज मिलती नहीं, सच्चा प्यार किस्मत से ही मिलता है, और हर किसी को ऐसी तकदीर मिलती नहीं.
#नियत साफ हो जाए तो नसीब# भी बदलने लगता है.
गिर के फिर उठने के भी किस्से हैं कुछ गिराने वालों के भी किस्से हैं
कोई गिला नहीं की तुम मेरे नसीब में नहीं हो!!हम भी सोच लेंगे की तुम हमसे मिले ही नहीं!!
आसमान पे बैठ कर सब देखता है खेल नसीबों का कैसे खेलता है तू भी कर तब पता चलेगा तुझे मोहब्बत के ख़ंजर दिल कैसे झेलता है
मेरे नसीब में अच्छे दिन लिखे ही नहीं मेरी क़िस्मत में जो लोग बुरे लिखे हैं
माँ की ममता,माँ का प्यार,माँ का गुस्सा औरमाँ के हाथ का खानासिर्फ किस्मत वालों को हीनसीब होता है।
बयां क्या करूँ मैं अपना हाल-ए-दिल वो जो मेरा था अब मेरा नहीं उसे अपना कहना भी गुनाह सा है अब उसकी यादों पर भी हक़ मेरा नहीं
माँ के हाथों का,वो रोटी के ऊपरघी और शक्कर लगाकररोल कर देनाउसके आगे दुनिया के सारेपिज़्ज़ा और बर्गर बेकार है।
इंसान अगर खुद को बेच भी दे,फिर भी “माँ” का कर्जवो कभी नहीं चुका सकता।
प्यार हो तो नसीब मे हों.!!वरना दिलों में हर किसी के होता है.!!
अगर यकिन होता की कहने से रुक जाएंगे, तो हम भी हंसकर उनको पुकारते,
दिल में मोहब्बत.!!और होठों पे मुस्कान रखते है,तुझे पाने की दुआ.!!हम दिन रात किया करते है.!!
यही दुआ है खुदा से!!सब को रखना सलामती से!!ना हो कोई गुस्ताखी मुझ से मौला!!और ना किसी का दिल दुखे मेरी वजह से!!
सोचा नही था जिंदगी में ऐसे भी फसाने होंगे, रोना भी जरूरी होगा और आसूं भी छुपाने होंगे
सोच रहा था संग तुम्हारे जीत ही लूंगा सारा जहां!!मगर ओ बेवफा पता चला के मेरी इतनी खुशनसीबी कहां!!
“आसमान के परे मुकाम मिल जाए, खुदा को मेरा ये पैगाम मिल जाए, थक गयी है धड़कनें अब तो चलते चलते, ठहरे ये सांसे तो शायद आराम मिल जाए !
इक बेवफा को दिल में पनाह देकर मैं अपने ही क़तल का गुनहगार हो गया