Narazgi Shayari In Hindi : गलती तो सबसे होती है, हाँ मुझसे भी हो गयीअब माफ़ भी कर दे मुझे, क्यों दूर इतना हो गईएक गलती के लिए क्यों ऐसे साथ छोड़ गयी आज कुछ लिख नही पा रहा,शायद कलम कोमुझसे नाराजगी हैं कोई।
तुझ से नहीं तेरे वक़्त से नाराज हूँ… जो कभी तुझे मेरे लिए नहीं मिला…
तुम सकट दिल निकले, क्या गिला करें हम शिकवा-ए-दिल लैब पर लाने क्य आदत नही है
हम 😜बेबस हैं बे-😅परवाह नहीं ❌हम उदास😔 हैं खफ़ा नहीं. 😌कदर 👍करते हैं दोस्तों 😇की दिल❤️से हम🤔 जिंदगी में😇 मजबूर तो 😜हो सकते हैंलेकिन बेवफ़ा💔 नहीं..💯💯
ज़माने से रुठने की जरूरत ही क्यो हैजब मेरे अपने ही मेरे बने रकीब है!
नखरे तेरे नाराजगी तेरी देख लेना,एक दिन जान ले लेगी मेरी..!!
“कभी वो न मिलने आए तो तुम चले जाया करो, ये रिश्ते हैं कोई व्यापार नहीं।”
जिंदगी में अपनापन तो हर कोई दिखाता है,पर अपना हैं कौन यह वक़्त ही बताता हैं..!!
मेरे नाराज होने से,नहीं है उसे कोई राब्ता,जैसे कि, इस नाराजगी का..किसी और से हो रिश्ता…
भूल जाऊ हो नहीं सकता,मैंने नहीं मेरे दिल ने चुना है तुमको..!!
नारागज़ी वहाँ मत रखना ऐ दोस्त, जहाँ तुमको ही बताना पड़े के तुम नाराज़ हो.
याद रखना भी बहुत हिम्मत का काम हैक्यूंकि किसी को भुला देनाआजकल बहुत आम बात है
मुझको छोड़ने की वजह तो बता देते,मुझसे नाराज़ थे या मुझ जैसे हज़ारों थे।
जब वो नाराज होता है, तब मुझे दुनिया की सबसे महेंगी चीज उसकी मुस्कान लगती है…
रूठे रिश्ते और नाराज लोग सबूत हैंइस बात के कि ज़ज्बात अब भीजुड़े रहने की ख्वाहिश रखते हैं
किस बात पर खफा हो, यह जरूर बता देना, अक्सर दिल में छुपी नाराजगी से, रिश्तों की डोर कमजोर हो जाती है।
किसी से करो प्यार इतना, कि किसी ओर से मिलने की गुंजाइश ना रहे, वो मुस्कुरा देँ आपको देख कर एक बार, तो जिंदगी से फिर कोई ख्वाहिश न रहे.,
कोई ग़ज़ल सुना कर क्या करना यूँ बात बढ़ाकर क्या करना तुम खफा ही अच्छे लगते हो फिर तुमको मना कर क्या करना
नाराज़गी न हो तो मोहब्बत है बे-मज़ा, हस्ती ख़ुशी भी ग़म भी है नफ़रत भी प्यार भी.,
वो शख्स कुछ नाराज़ सा था मुझ से,शायद नाराजगी के साथ अकेले घर जा रहा था,चेहरा भी कुछ खामोश सा था उसका,लेकिन शोर उसकी आंखो में नजर आ रहा था।
यहाँ सब खामोश है कोई आवाज़ नहीं करता…. सच बोलकर कोई किसी को नाराज़ नहीं करता….
मुस्कुराने से भी होता है ग़में-दिल बयांमुझे रोने की आदत हो ये ज़रूरी तो नहीं
मत पूछो कैसे गुजरता है हर पल तुम्हारे बिनाकभी बात करने की हसरत कभी देखने की तमन्ना
कब तक रह पाओगे आखिर यूँ दूर हमसे,मिलना पड़ेगा कभी न कभी ज़रूर हमसेनज़रे चुराने वाले ये बेरुखी है कैसी..कह दो अगर हुआ है कोई कसूर हमसे
नाराज़गी भी तेरी गँवार ना कर सके और ते मोहब्बत से किनारा भी ना कर सके मेरे तमाम ख़्वाब अहूरे हाई रह गए हम ख़्वाब में भी ख़ुद को तुम्हारे ना कर सके
आज कुछ लिख नही पा रहा, शायद कलम को मुझसे नाराजगी हैं कोई।
मेरी नाराज़गी को मेरी बेवफ़ाई मत समझना, नाराज़ भी उसी से होते है जिससे बेइंतिहा मोहब्बत हो।
“कोई भी रिश्ता तोड़ने से पहले एक बार स्वयं से पूछ लें कि आज तक इस रिश्ते को निभा क्यों रहे थे ?।”
गुस्सा ना हो मानो ताज हो उसका, हर वक़्त उसके सर पर सवार रहता है।
रुठने का हक हैं तुझे, पर वजह बताया कर, खफा होना गलत नहीं, तू खता बताया कर
बात बात पे नाराज़ होने की ये तेरी आदत, जाना एक दिन मेरी जान ले जाएगी.
पति को गुस्सा आयेगा तो हर हाल में मनाना पड़ेगा, चाहे कितना भी झगड़ा हो पति के साथ ही रहना पड़ेगा।
😔 हुस्न यूँ इश्क़ से नाराज़ है अबफूल ख़ुश्बू से ख़फ़ा हो जैसे | 🖐
नाराज़गी है तो बयां कर रहे है, खफा हो जाएंगे तो चुप हो जाएंगे ।
तुम्हे जब भी आए गुस्सा तो हम पर उतार दिया करो, तुम यूं रूठा न करो भले ही हमें डाट लिया करो..।
प्यार दिल में होना चाहिए लफ़्ज़ों में नही और नाराज़गी लफ़्ज़ों में होने चाहिए, दिल में नही
पूछ लेते क़रीब आकर जो हाल मेरा, मेरी नाराज़गी वहीँ दूर हो जाती।
बेचैनियाँ बाजारों में नहीं मिला करती मेरे दोस्तइन्हें बाँटने वाला कोई बहुत नजदीक का होता है
तुम्हारे रूठ जाने के बाद भी,तुम्हे मनाने का हुनर रखता हु,अगर हमारे बीच कोई तीसरा ना हो तो,सारी दुनिया से भीड़ जाने का जिगर रखता हु।
मैं तुमसे लड़ सकता हूँ, नाराज़ हो सकता हूँ लेकिन कभी नफरत नहीं कर सकता
ऐसा भी क्या झगड़ा कि छोड़कर जाना, अपना भी और उसका भी दिल तोड़कर जाना, लाख कोशिश करने के बाद वापस लौटकर आना।
हर बार हमे यु न डराया कर कभी तो हमे गले से लगाया कर जानता हु मैं मजबूर इसका इतना फायदा मत उठाया कर
मेरी फितरत में नहीं हैं किसी से नाराज होना, नाराज वो होतें हैं जिन्हें अपने आप पर गुरूर होता है।।
सिर्फ अश्क ही गवाही दे सकते है मेरीकी दिल कितनी शिद्दत से याद करता है तुझे
यही सोचकर कोई सफाई नहीं दी हमनेकि इल्जाम झूठे भले हैं पर लगाये तो तुमने हैं
मेरी नाराज़गी को मेरीबेवफ़ाई मत समझना,नाराज़ भी उसी से होते हैजिससे बेइंतिहा मोहब्बत हो।
है बात ख़ामोशी से मान लेना, एक ये भी अंदाज़ होता है नाराज़गी का।
गुस्सा मतकर मुझपे रूठ के जाती है तो जा,ये मत सोचना मनाने तेरे पीछे-पीछे आऊँगा।
कभी धुप कभी बरसात होती हैजब जब मेहबूबा नाराज़ होती है।
याद रखना भी बहुत हिम्मत का काम है,क्यूंकि किसी को भुला देना आजकल बहुत आम बात है..!!
नाराज हूँ मैं उससे उसने मनाया भी नहीं,वो लोगों से कहता फिरता है बेवफा हूँ मैं।
नाराज़ उन से हुवा जाता है जिन को तुम्हारी नाराज़गी की फ़िक्र हो
न जाने किस “”””बात पे नाराज हैं वो हमसे…..!!ख्वाबों में भी “””” मिलती हैतो बात नहीं करती….!!
बेशक तुम्हे गुस्सा करने का हक़ हैं मुझ पर नाराजगी में कहीं ये मत भूल जाना की हम बहुत प्यार करते हैं तुमसे!!!
मेरी फितरत में नहीं है किसी से नाराज होना,नाराज वो होते हैं जिनको अपने आप पर गुरुर होता है।
यूँ 🤪ही नहीं नाराज़😌 करता मैं, नाराज़गी😔 तुम्हे और खूबसूरत 😁बना देती है💯💯
नखरे तेरे, नाराजगी तेरी,देख लेना!एक दिन जानले लेगी मेरी।
बहुत याद करती होगी वो मुझेमेरे दिल से ये वहम क्यों नहीं जाता
ये जो तुम्हारे चेहरे पर हमेशा झूठी स्माइल रहती है, बस उसी से मुझे सबसे ज्यादा नफरत है
नाराज़ मत होना, हमें मनाना नही आता दूर नही जाना, हमें भूलना नही आता तुम भूल जाओ हमें तुम्हारी मर्ज़ी मगर हम क्या करें हमें भूलना नही आता
वजह बता कर नारजगी दूर कर चाहते थे मगर बेवजह उन्होंने ही रिश्ता तोड़ दिया।
पूछ कर फायदा क्या कोई बताने वाला ही नहीं है, नाराज़ होकर फायदा क्या कोई मानाने वाला नहीं है।
ना दूर जाते हो ना पास रहते हो, इतना क्यों हमसे नाराज़ रहते हो।
इतना🤔 तो बता 😅जाओखफा😅 होने से पहले😜वो🤔 क्या करे😜 जो तुमसे खफा😜 हो नहीं❌ सकते !!
कुछ बातें प्यार की तू भी बोले हमे मनाते हुए, इस चक्कर में कब से नाराज़ बैठे है.
किसी माशूक़ का आशिक़ से ख़फ़ा हो जाना रूह का जिस्म से गोया जुदा हो जाना
जो मेरी हो नहीं सकती, वो खुद की भी क्या होगी !!मेरी इस बेरुखी को, वो समझती भी क्या होगी !!
सिमट गया मेरा प्यार चन्द लफ़्हज़ों में, उसने कहा प्यार तो है पर तुमसे नहीं किसी और से
हुई हैं गलती चलो माना मैंने अब सजा भी सुना दो आप इतना खामोश क्यों हो इसकी वजह भी बता दो भूल जायेंगे आपको कुछ दिनों में ये ख्याल दिल से मिटा दो
ऐसे 🤔कोई रूठता😔 है क्या, जो मनाने👍 से भी ना माने,❌अपने🙏 ही आशिक 💖की तड़प को ❌ना जाने💥💥
जिन लोगों को तन्हाई पसंद होती हैउन्हें समझना बहुत मुश्किल होता है
तुम भी चली आया करो कभी मनाने मुझको, यूं बेफज़ूल की नाराज़गी तुमसे, मेरी भी जान लेती है !!
नखरे तेरे, नाराजगी तेरी,देख लेना!एक दिन जानले लेगी मेरी।