Musafir Shayari In Hindi : ग़म तेरी बेवफ़ाई में,कुछ इस क़दर मिल गया..चलत मुसाफ़िर था मैं,जिंदगी का रास्ता भूल गया.. महसूस करता था मैं महफूज़उसकी आंखों में इस कदर..अब तो मुसाफ़िर की तरहभटक गया जिंदगी का सफ़र..
बस इस वक्त से पाबंध थे हम ये दोस्त जूनून-ए-इश्क तो हम भी कर सकते थे बन के रह गए एक मुसाफिर इन रहूं पे, रांझा, मिर्जा हम भी बन सकते थे.
आज आपकी रात की अच्छी शुरुवात हो,प्यार भरे सपनों की बरसात हो,जिनको दिन भर ढूंढ़ती रही आपकी नजरे,रब करे सपनो मे उनसे मुलाकात हो.
मैं अकेला ही भला हूँ, किसी औऱ की उम्मीद नहीं करता, तन्हाई रोज़ खुल कर जीता हूँ, भीड़ से गुज़रने की जिद नहीं करता।
ये किसने दी है मुझको हार जाने पर तसल्ली ये किसने हाथ मेरे हाथ पर रखा हुआ है
जिसने भी कहा था की दुनिया उम्मीद पर टिकी है उसे जरूर अपने बच्चे की शक्ल देखकर ये ख्याल आया होगा । — मुसाफ़िर कैफै, दिव्य प्रकाश दुबे
अकेला भी इस तरह पड़ गया हूं, कि मेरा हौसला भी साथ न दे रहा है।
आपको सब कुछ मिलेगा जीवन में जब आप किस्मत से ज्यादा मेहनत पर भरोसा करोगे ।
अपने अस्तित्व की तलाश में उलझा प्रत्येक व्यक्ति संघर्षशील बस किसी का संघर्ष छप जाता है तो किसी का छिप जाता है .. !
नफरत कमाना भी आसान नहीं हैं इस दुनिया में,बहुत सी खूबियाँ रखनी पड़ती हैं किसी की आँखों में खटकने के लिए।
अपना हमसफर बना ले मुझे,तेरा ही साया हूँ अपना ले मुझे,ये रात का सफर और भी हसीं हो जायेगा,तू आ जा मेरे सपनो में या बुला ले मुझे.
ख्वाहिशो का मोहल्ला बहुत बड़ा होता है, बेहतर है हम ज़रुरतो की गली में मुड जाये।
बुझी समा भी जल सकती है , तुफानों से भी कस्ती निकल सकती है , होके मायूस यूं ना अपने इरादे बदल, तेरी किस्मत कभी भी बदल सकती है ।
अगर मंजिल के रास्ते में कठिनाई आते तो घबराना नहीं क्योंकि मंजिल हमेशा कठिनाईयों के पार ही मिलती है ।
हो सकता है कि इस बात के लिए बहुत से लोगो को बुरा भी लगता हो | पर ऐसा कुछ भी हम आपको ठेस पहुचाने के लिए नही करते |
जनाब दुनिया में मेहनत की सबसे अच्छी दवा है ‘ जिम्मेदारी ‘ ,एक बार पी लीजिए, जिंदगी भर आपको थकना नहीं देती ।
लाइफ को जितनी ज्यादा सीरियसली लोगे न, लाइफ उससे भी ज्यादा लेगी तुम्हारी ।— मुसाफ़िर कैफै, दिव्य प्रकाश दुबे
महीनों बाद दफ्तर आ रहे हैं हम एक सदमे से बहार आ रहे हैं समंदर कर चूका तस्लीम हमको ख़ज़ाने खुद ही ऊपर आ रहे हैं
सहारे ढूढ़ने की आदत नहीं हमारी, हम अकेले पूरी महफिल के बराबर है।
मंजिल पाने की तलाश में घर से निकल तो गया पर अभी तक पता नहीं हैं की सफर और कितना तय करना हैं।
चाँद की चांदनी में एक पालकी बनाई है,और ये पालकी हमने बड़े प्यार से सजाई है,दुआ है ए हवा तुझसे, ज़रा धीरे चलना,मेरे यार को बड़ी प्यारी नींद आई है.
कौन तुम्हारे पास से उठ कर घर जाता है तुम जिसको छू लेती हो वो मर जाता है
सोच हमेशा ऐसी रखोजो मुझे आता है उसे मैं कर लूंगाऔर जो मुझे नही आताउसे मैं सीख लूंगा।
अपनी ऊर्जा को चिंता करने में खत्म करने से बेहतर है,इसका उपयोग समाधान ढूंढने में किया जाए।
तेरे बिना कैसे गुज़रेंगी ये रातेंतन्हाई का ग़म कैसे सहेंगी ये रातेंबहुत लम्बी है घड़ियां इंतज़ार कीकरवट बदल बदल कर कटेंगी ये रातें.
हर आदमी अपने अंदर इतना कुछ दबाए रहता है की किसी दिन वो सबकुछ ईमानदारी से बता दे तो सुनने वाला पागल हो जाये । |— मुसाफ़िर कैफै, दिव्य प्रकाश दुबे
सूरज ने झपकी पलकी और ढल गयी शाम,रात ने है आँचल बिखेरा मिलकर तारों के साथ,देख कर रात का यह नज़ारा कहने कोशुभ रात्रि हम भी आ गए हैं साथ.
तुझसे दूर जाने के बाद तन्हा तो हूँ लेकिन, तसल्ली बस इतनी सी है, अब कोई फरेब साथ नहीं।
जीत के खातिर बस जुनून चाहिए जिसमे उबाल हो ऐसा खून चाहिए,ये आसमान भी आएगा जमीन पर बस इरादों में जीत की गुंज चाहिए ।
इतना सबक किताबें नहीं सीखा पाती, जितना एक यात्रा सीखा देती है।
प्रवृत्ति की कमजोरी चरित्र की कमजोरी बन जाती है।
चांदनी बिखर गई है सारी,रब से है ये दुआ हमारी,जितनी प्यारी है तारों की यारी,आपकी नींद भी हो उतनी ही प्यारी.शुभ रात्रि!
जी चाहता है तुम से प्यारी सी बात हो,हसीं चाँद तारे हो, लम्बी सी रात हो,फिर रात भर यही गुफ्तगू रखे हम दोनों,तुम मेरी जिंदगी हो, तुम मेरी कायनात हो.
वो दुख नसीब हुए ख़ुद-कफ़ील होने में, कि उम्र कट गई ख़ुद की दलील होने में।
महफुस रखना आँखो मे सितारे,कल तक सिर्फ रात होगी !मुसाफिर हम भी, मुसाफिर तुम भी,नजाने अब किस मोड पर मुलाकात होगी...!!!
हम इस दुनिया के जंगल में सभी यात्री हैं, और हमारी यात्रा में सबसे अच्छा जो हम पाते हैं वह एक ईमानदार दोस्त है। – रॉबर्ट लुइस स्टीवेन्सन
जब रात को आपकी याद आती है,सितारों में आपकी तस्वीर नज़र आती है,खोजती है निगाहें उस चेहरे को,याद में जिसकी सुबह हो जाती है.
सफलता भी उसी के कदमों पर निसार है जिसके सर पर मेहनत का ताज सवार है ।
जहां महफ़िल सजी हो वह मेला होता है, जिसका दिल टूटा हो, वो तन्हा,अकेला होता है।
हथेली पर रखकर नसीब तू क्यों अपना मुक़द्दर ढूँढ़ता है , सीख उस समंदर से मेरे दोस्त जो टकराने के लिए पत्थर ढूँढता हैं ।
कोई भी दुःख मनुष्य के साहस से बड़ा नहीं है जीवन में हारा वहीं है जो लड़ा नहीं ।
मै रास्ते पूछते हुए चल रहा था मंजिलो के काबिल नहीं था मै शायद हर किसी ने जो मेरे घर का पता पूछा मुझसे।
बारिश का मौसम याद दिलाते हैं गरम चाय, स्वेटर और मनाली …
बर्बादियों का हसीन एक मेला हूँ मैं, सबके रहते हुए भी बहुत अकेला हूँ मैं।
तुझ से किस तरह मैं इज़हार-ए-तमन्ना करतालफ़्ज़ सूझा तो मआ’नी ने बग़ावत कर दी
अगर तैरना सीखना है तो पानी में उतरना तो होगा ही , किनारे बैठ कर कोई गोताखोर नहीं बनता ।
जिंदगी में किस्मत के भरोसे कभी मत बैठों, क्योंकि क्या पता कि किस्मत आपके भरोसे बैठा है ।
आग भी क्या अनमोल चीज़ है, बातों से ही लग जाती है।
अब मोहब्बत नही रही इस जमाने में, क्योंकि लोग अब मोहब्बत नही मज़ाक किया करते है इस जमाने में।
पम्मी के ये बोलते ही चन्दर के सामने रखा खाली कप सुधा की याद से भर गया।— मुसाफ़िर कैफै, दिव्य प्रकाश दुबे
अगर लोग आपको नीचे गिराना चाहते हैं, तो इसका मतलब आप उनसे ऊपर हैं।
होगा मुसाफिर जो जहां में आएगा सफर का जहां मुक़ाम छोड जाएगा… इस सफर में होते हैं साथ मुसाफिर बहुत कोई किसी के साथ ना आया ना जाएगा….
धन्यावाद! आपके सहयोग के कारण ही हम आपको ये सेवा देने में सक्षम हुए हैं आप इसी प्रकार सहयोग करते रहे हम आपको इसी प्रकार सेवा देते रहेंगे| धय्न्यवाद!
अकेला हूँ पर मुस्कुराता बहुत हूँ, ख़ुद का साथ बड़ी शिद्दत से दे रहा हूँ।
ज़िंदगी की डगर तपिश है ,और पैरों में मेरे छाले हैं,नंगे पाँव ही जाना है मुझे ,क़िस्मत !तेरे खेल भी निराले हैं।
वो मुसाफिर अपना रस्ता कभी भूलता नहीं है जिसे सिर्फ एक ही मंजिल पाने की राह पर जाना होता है।
मैं कश्ती में अकेला तो नहीं हूँमिरे हमराह दरिया जा रहा है
ढूंढ़ोगे अगर तो ही रास्ता मिलेगा क्योंकि मंजिल की फितरत है खुद चलकर कभी नहीं आती ।
अकेले आने और अकेले जाने के बीच अकेले जीना सीखना ही जिंदगी है।
जिंदगी कभी भी आसान नहीं होती बल्कि खुद को ही मजबूत बनाना पड़ता है,सही समय कभी नहीं आता बस समय को ही सही बनाना पड़ता है ।
सितारों से भरी इस रात में,जन्नत से भी खूबसूरत ख्वाब आपको आये,इतनी हसीं हो आने वाली सुबह की,मांगने से पहले ही आपकी हर मुराद पूरी हो जाये.
तिलिस्म-ए-यार ये पहलू निकाल लेता है कि पत्थरों से भी खुशबू निकाल लेता है है बे-लिहाज़ कुछ ऐसा की आँख लगते ही वो सर के नीचे से बाजू निकाल लेता है
कोशिश भी कर , उम्मीद भी रख, रास्ता भी चुन फिर इसके बाद थोड़ा मुक़द्दर की तलाश कर ।
फासलों से तय नहीं होते मंजिलों की दूरी, अक्सर फैसले ही तय करती है कितनी पास है मंजिल ।
तुम ज़िन्दगी में आ तो गये हो मगर याद रखना,हम जान दें देते हैं मगर जाने नहीं देते।
गुमान न कर आपने दिमाग़ पर ए दोस्त,जितना तेरे पास है उतना तो मेरा ख़राब रहता है।
मनुष्य की सबसे बड़ी शिक्षकउसकी गलतियां होती हैं.
मोहताज नहीं हम किस्मत के , मेहनत इतना करेंगे कि किस्मत भी हार मान जाएगी ।
मुसाफिर तो में शुरू से ही था पहले तुझे पाने की तलाश में था और अब खुद को पाने की तलाश में हूँ।
दोहरी शक्सियत रखनें से इन्कार है हमें, इसलिये अकेले रहना स्वीकार है हमें।
ना थके है अभी पैर, ना ही हिम्मत हारी है हौंसला है जिंदगी में कुछ कर दिखाने का इसलिए तो सफर जारी है ।
दुनिया में रहकर सपनों में खो जाओकिसी को अपना बना लो या किसी के हो जाओअगर कुछ भी नहीं होता तो घबराओनहीं चादर तकिया लो और सो जाओ.
इतिहास गवाह है जो सच्चा होता है, वह अकेला होता है, इसीलिए शायद सच्चाई का रास्ता लम्बा होता है।