254+ Murshid Shayari In Hindi | मुर्शिद शायरी

Murshid Shayari In Hindi , मुर्शिद शायरी
Author: Quotes And Status Post Published at: October 3, 2023 Post Updated at: February 6, 2025

Murshid Shayari In Hindi : मुरशद हाल सुनना मुश्किल है,इसलिए शेर सुनता रहता हूं। इश्क़ जिंदा भी छोड़ देता है मुरशद,मैं तुम्हे अपनी मिसाल देता हूं।

खुदा से एक एहसास का नाम हैजो रहे सामने और दिखाई न दे.

हम तो अकेले थेअकेले हैं मुर्शिद तुमनेछोड़ कर कोई कमालथोड़ी ना किया है |

हम समझाते तोसमझाते कैसे मुर्शदवो कुछ सुननाही नहीं चाहते थे

किस तरह छोड़ दूँ ऐ यार मैं चाहत तेरीमेरे ईमान का हासिल है मोहब्बत तेरी

उस लड़के का दुख भला तुम क्या समझोगे मुर्शीद,जिसे मोहब्बत घेर ले और वो बेरोजगार हो।

दिल में जिनका निशान भी न रहा क्यूं न चेहरों पे अब वो रंग खिलें अब तो खाली है रूह, जज़्बों से अब भी क्या हम तपाक से न मिलें

जब दिल किसी शख्सपर ठहर जाए ना, मुरशदतो जेहन किसी और कोकुबूल करने के काबिल नहीं रहता

बात दिल परआ बनी थी मुर्शदऔर वो दिलतोड़ना चाहते थे

तिरी चाहत के भीगे जंगलों मेंमिरा तन मोर बन कर नाचता है

रोज एक नयी तकलीफ रोज एक नया गम ना जाने कब एलान होगा की मर गए हम। roj ek nayi taklif roj ek naya gam na jane kb elan hoga ki mar gaye hum.

जब चोट लगती हैदिल पे मुर्शदअकल तबठिकाने आती है

मुर्शद उसे कहना के तुम्हारी याद आती है,मुर्शद और उसे ये भी कहना के हम रो पड़ते हैं।

ख़ुदा ऐसे एहसास का नाम है,रहे सामने और दिखाई न दे

के उनकी थी ना खता हम गलत समझ बैठेमुरशद वो मोहब्बत से बात करते थे हम मोहब्बत समझ बैठे

जग में आ कर इधर उधर देखातू ही आया नज़र जिधर देखा

वो जबउनका हाथ छूटा थायूं लगाकुछ टुटा था मुर्शद |

मुरशद तुम उस लड़के कादुख क्या समझोगेजो बेरोजगार हो औरउसे मोहब्बत ने घेर लिया

वो मुझे छोड़ कर चला गया मुर्शदउसे किसीने मजबूर किया होगा

यह जो तुम इश्क़ में करते हो हिसाब किताबमुर्शद हम जो करने बैठे तो तुम्हें खरीद लेंगे

मैं पहले जैसा हो जाऊंमुरशद मगर मुझेयाद तो आएमैं पहले कैसा था

क्या इल्जाम लगा ओगे मेरी आशिकी परहम तो सांस भी तुम्हारी यादों से पूछ कर लेते हैं

काश कोई ऐसा हो जोगले लगा कर कहे मुर्शीदरोया ना करतेरे रोने से मुझे भी दर्द होता है

वो कहती है की मैं मरजाऊं तो गिला ना करना मुर्शदहम दुबारा फिर मिलेंगेखुदा की जन्नत में

मेरी आंखों के आंसू कह रहे हैं मुझसे, अब दर्द इतना है कि सहा नहीं जाता, मत रोक पलको से खुल कर छलकने दे, अब इन आँखों में थम कर रहा नहीं जाता।

मोहब्बत का सफर लंबा हुआ​​ ​​तो क्या हुआ, थोड़ा तुम चलो​ ​थोड़ा हम चले, थोड़ा तुम चलो ​थोड़ा हम चले, फिर रिक्शा कर लेंगे.

तुझको मेरी ना मुझको तेरी खबर मिलीमुरशद ईद इस बार भी दबे पांव गुज़र गयी

हज़रत-ए-नासेह गर आवें दीदा ओ दिल फ़र्श-ए-राहकोई मुझ को ये तो समझा दो कि समझावेंगे क्या

रोज़ जी भर कर आपको देखतें ही होंगे मुर्शिद,आपके घर बालो की क्या ही बात हैं।

हर किसी से इश्क़कहाँ होता है मुर्शदइश्क़ उन्हीं से होता हैजो नसीब में नहै होते |

इलाही कुछ फेर-बदल कर दस्तूर में,मैं सवाली बनूँगा और वो ख़ैरात बने।

बुजुर्गों की “ नियाज़ की दा'वत " की मसरूफ़िय्यत में अल्लाह की " नमाजे बा जमाअत " में कोताही बहुत बड़ी मा'सियत है ।

वो मेरी परवाह नहीं करते, मुझे इस बात की परवाह नही, परवाह इस बात की है कि,वो मेरी परवाह को परवाह नहीं समझते।

जो तीर भी आता वो खाली नहीं जाता, मायूस मेरे दिल से सवाली नहीं जाता, काँटे ही किया करते हैं फूलों की हिफाज़त, फूलों को बचाने कोई माली नहीं जाता।

सीखा ही तो रही है ज़िंदगी आहिस्ता आहिस्ता मुर्शिदजाने क्यो लोग नीद की गोलियां क्यो लेते है।

बस एक मोड़ ग़लत मुड़ गया था मुर्शिद,फ़िर ना रास्ते मिले औऱ ना ही घर आया।

ख़्वाहिशों ने ही तो भटकाएं हैं जिंदगी के रास्ते, वरना रूह तो उतरी थी ज़मीं पे मंजिल का पता लेकर..!!

कमबख्त दिल भी बहुत साजिशे करता है, ठोकर कितनी भी खाये ख्वाहिश उसी की करता है..

महफ़िल में जो हमे दाद देने से कतराते हैं.... सुना है तन्हाइयों में वो हमारी शायरी गुनगुनाते हैं ..!!

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