Mulaqat Shayari In Hindi : अगर हो वक़्त तो मुलाकात कीजिये, दिल कुछ कहना चाहे तो बात कीजिये, यूं तो मुशकिल है तुमसे दूर रहना,अगर लम्हा एक मिल जाये तो हमको याद कीजिये. तुमसे मिलकर हम अपने,दिल की हर बात कह गए, मुलाकात हुई थी सपनों में, सुबह हम तन्हा रह गए।
इस अदा से मिले वो हमसे किहमें उनसे एतबार हो गयावो मुलाकात थी पहली औरहमें उनसे प्यार हो गया
तारों की रात अधूरी.!!तुमसे दिल की बात अधूरी.!!देख ना लूं जी भर कर जब तक.!!तुमसे हर मुलाकात अधूरी.!!
सुनो तुम मेरे चेहरे पे मुस्कराहट फिर से ला सकती हो क्या। तुम मुझसे मिलने लखनऊ आ सकती हो क्या।
पहली मुलाकात में देखी मैंने उनकी प्यारी सी सूरत.!!और उसी पल बन गए वो जिंदगी की जरूरत.!!
“उससे वह पहली मुलाकात आज भी याद है मुझे,उसे देर हो रही थी फिर भी मेरा हाथ थाम रखा था उसने |”
उस दिन हुई हमारी हर बात आखिरी थीतुम्हारे साथ गुजारी वो रात आखिरी थीहमने सोचा बिताएंगे जिंदगी तुम्हारे साथपर क्या पता था वो मुलाकात आखिरी थी
इस अदा से मिले वो हमसे कि.!!हमें उनसे एतबार हो गया.!!वो मुलाकात थी पहली और.!!हमें उनसे प्यार हो गया.!!
अगर हमारी आपसे मुलाक़ात होगई होती आपकी आपके दिलसे अदावत होगई होती.
इस तरह से ना देखो तुम.!!की कोई वजह हमारे आंखों में थी.!!हम तो पहले ही इतने नशे में है.!!बस इसीलिए लगा के.!!एक मुलाकात जरूरी थी.!!
अगर हमारी आपसे मुलाक़ात हो गई होतीआपकी आपके दिल से अदावत हो गई होती.
चाहा ना उसने मुझे बस देखता रहा,मेरी ज़िंदगी से वो इस तरह खेलता रहा,ना उतरा कभी मेरी ज़िंदगी की झील में,बस किनारे पर बैठा पत्थर फेंकता रहा।
मुसाफ़िर हैं हम भी मुसाफ़िर हो तुम भी.!!किसी मोड़ पर फिर मुलाक़ात होगी.!!
नक्शा उठा के कोई नया शहर ढूंढिए.!!इस शहर मे तो सब से मुलाकात हो गई.!!
कुछ लम्हे सजा कर रखे है मेने तुम्हारे लिए, इंतज़ार सिर्फ तुम्हारे मिलने का है।
वह जो सूरत पर सबकी हंसते है,उनको तोहफे में एक आईना दीजिए Vah Jo Surat per Sabki Hanste Hain unko tohfe me ek aaina dijiye
नशीब नहीं हुई तेरी अरसे से जलक भी.!!आखरी मुलाकात वाली वो तेरी.!!मुस्कुराहट आज भी जीने की वजह हे मेरी.!!
तेरी तस्वीर ही बहुत है बात करने.!!को अब तुझसे मिन्नते कौन करें एक.!!मुलाकात करने को.!!
अगर हो वक़्त तो मुलाकात कीजिये.!!दिल कुछ कहना चाहे तो बात कीजिये.!!यूं तो मुशकिल है तुमसे दूर रहना.!!अगर लम्हा एक मिल जाये तो हमको याद कीजिये.!!
दिल मे आरज़ू के दिये जलते रहेगे,आँखों से मोती निकलते रहेगे,तुम शमा बन कर दिल में रोशनी करो,हम मोम की तरह पिघलते रहेंगे।
मैं चुप था तो चलती हवा रुक गई.!!ज़बाँ सब समझते हैं जज़्बात की.!!
इन आँखों जब तेरा दीदार हो जाता है, दिन कोई भी हो, त्यौहार हो जाता है।
ਅਮਰੇਟਸ “ਉਹ ਪਹਿਲਾ ਅੱਖ ਪਿਆਰ,ਅੱਖਾਂ ਵਿਚ ਉਹ ਅੱਖਾਂ,ਝੁਕੀਆਂ ਪਲਕਾਂ ਨਾਲ ਐਕਸਪ੍ਰੈਸ ਕਰੋ,ਇਹ ਸਾਡੇ ਰਿਸ਼ਤੇ ਬਾਰੇ ਹੈ,ਮੈਨੂੰ ਉਹ ਖ਼ਾਸ ਪਲ ਹਰ ਸਮੇਂ ਯਾਦ ਆਉਂਦਾ ਹੈ। ”
“नजरें उनसे मिली तो दीवाना घायल हो गया,एक दिल ही तो था मेरा वह भी चोरी हो गया |”– being_sss
धड़कने मद्धम हो जाती है, जान हथेली पर आ जाती है, ज़मीं पर पड़ते नहीं कदम, आसमान में थिरकने लगते है।
“पहली मुलाकात का दावा भी चांद को बनाया हमने,उस रात एक दूजे की हथेलियों पर दस्तक जो किए थे |”
मिलने को मुलाक़ात कैसे समझूँ,अगर दिल से दिल ही ना मिले।
भरी बरसात में तुम हमें छोड़ गएहम को तन्हा कर क्यों मुंह मोड़ गएचाहते तो बिता सकते थे पूरा जीवन मेरे साथआखिरी मुलाकात में मेरे दिल को तोड़ गए
काश तेरा साथ कभी छूटे ना.!!तू मुझसे कभी रूठे ना.!!जिस सपने में हो मुलाकात तुमसे.!!काश वो सपना टूटे ना.!!
रोई है किसी छत पे, अकेले ही में घुटकर, उतरी जो लबों पर तो वो नमकीन थी बारिश।
आंखों में चमक आ गई जब हम मिले पहली बार.!!दिल में बस गया चेहरा हमको हो गया उनसे प्यार.!!
गाहे गाहे की मुलाक़ात ही अच्छी है ‘अमीर’.!!क़द्र खो देता है हर रोज़ का आना जाना.!!
सलीका अदब का तो बरकरार रखिए जनाब, रंजिशे अपनी जगह है सलाम अपनी जगह।।
तमाम उम्र जो हमसे बेरुखी की सबने, कफ़न में हम भी अजीज़ों से मुँह छुपा के चले।
‘असद’ ये शर्त नहीं है कोई मुहब्बत में.!!कि जिससे प्यार करो उसकी आरज़ू भी करो.!!
करनी है मुझे खुदा से एक फरियाद बाकीकहनी है उनसे एक बात बाकीमौत भी आ जाये तो कह दूंगी जरा रुक जाअभी मेरे दोस्तो से है. एक मुलाक़ात बाकी
तेरी उस अधूरी मुलाकात ने मुझे परेशान कर दिया !!और तुमने सोचा कि मिलकर के एहसान कर दिया !!
इतने बेवफा नहीं है की तुम्हें भूल जाएंगे, अक्सर चुप रहने वाले प्यार बहुत करते हैं।।
इतनी सी ज़िन्दगी है पर ख्वाब बहुत है जुर्म तो पता नहीं साहब पर इल्जाम बहुत है।।
बहुत कमिया निकालने लगे हैं हम दूसरों में.!!आओ एक मुलाक़ात ज़रा आईने से भी कर लें.!!
मुसाफ़िर हैं हम भी मुसाफ़िर हो तुम भी किसी मोड़ पर फिर मुलाक़ात होगी बशीर बद्र
दिल की बात करने के लिए अपने बहुत जरूरी हैं !!दिल की हर बात करने के लिए सपने बहुत जरूरी हैं !!
एहसान नहीं ख़्वाब में….एहसान नहीं ख़्वाब में आए जो मेरे पासचोरी की मुलाक़ात मुलाक़ात नहीं हैमुनीर शिकोहाबादी
आज भी अधूरे है दिल के जज्बात,ना जाने कब होती आपसे मुलाक़ात।
मुझे ग़म है कि मैंने ज़िन्दगी में कुछ नहीं पाया.!!ये ग़म दिल से निकल जाए, अगर तुम मिलने आ जाओ.!!
हर मुलाक़ात पे सीने से लगाने वाले कितने प्यारे हैं मुझे छोड़ के जाने वाले विपुल कुमार
हमने पहली बार देखा उनको.!!तो लगा जिंदगी से हुई मुलाकात.!!आंखों ने बयां कर दिया सब कुछ.!!लबों से कुछ भी नहीं हुई बात.!!
तुम्हारी भी ये सारी आदतें बच्चो के जैसी हैं.!!जो मकतब में कभी आते नहीं हैं दाख़िला करके.!!
जब भी करनी होगी तुमसे मुलाकात, तेरे ख्वाबों में आजाएंगे हम उसी रात। Jab bhi karni hogi tumse mulakat tere khwabon me ajyenge hum usi rat.
क्या हुआ मुलाकात नहीं होती तो मेरी जानप्यार तो फिर भी बेशुमार करते हे
कभी हम अगर ख्वाब में मिल गए, बताओ फिर नज़रे मिलाओगे कैसे।
पास बैठे थे वो मेरे फिर भी कुछ दूरी ही रही.!!हाथों में था हाथ फिर भी मुलाकात अधूरी ही रही.!!
कुछ तुम्हें कहना था कुछ हमें सुनना था.!!बस इतनी सी बात थी.!!ना तुमने कहा, ना सुना हमने कुछ भी.!!वो आखिरी मुलाकात थी.!!
एक सुकून सा मिलता है तुझे सोचने से भी,फिर कैसे कह दूँ मेरा इश्क़ बेवजह सा है ।।
खामोशियाँ बोल देती हैजिनकी बातें नहीं होती,इश्क़ उनका भी कायम रहता हैजिनकी मुलाकातें नहीं होती।
ग़ैरों से तो फ़ुर्सत तुम्हें दिन रात नहीं है हाँ मेरे लिए वक़्त-ए-मुलाक़ात नहीं है लाला माधव राम जौहर
कोई पागल ही मोहब्बत से नवाज़ेगा मुझे.!!आप तो ख़ैर समझदार नज़र आते हैं.!!
वो हंसने की आदत तेरी, मेरे दिल में बस कर रह गई, आखिरी मुलाकात की शाम सुहानी, मेरी जिंदगी में अंधेरा कर गई।
काश एक दिन ऐसा भी आए;वक़्त का पल पल थम जाए;सामने बस तुम ही रहो;और उमर गुज़र जाए।
सलामत रखना हमसे मुलाकात की दरकारदुआ में इस नाचीज को सरकार सलामत रखनामाना की आपको वक्त नहीं मिलता दुनियादारी सेअपनी मसरुफियत में मेरा इतवार सलामत रखना
मुलाक़ात हुआ करती हैजब ख़यालों में दबे पांव वो आ जाता हैवो मुलाक़ात मुलाक़ात हुआ करती हैमीना नक़वी
पूरी दुनियां के जज्बात एक तरफा.!!तुमसे वो पहली मुलाकात एक तरफ.!!
कहां आंसुओं की ये सौग़ात होगी.!!नए लोग होंगे नई बात होगी.!!
काबू में ना थे हमारे जजबात.!!सुहानी सी लग रही थी वो रात.!!लब थे चुप, नजरें कर रहीं थी बात.!!कुछ ऐसी थी वो पहली मुलाकात.!!
“उन्होंने चाय पर बुलाया है मुलाकात के लिए,लगता है जिंदगी भर का सुकून,एकसाथ देना चाहते हैं |”
पहली मुलाक़ात थी,हम दोनों ही थे बेबस,वो जुल्फें संभालती रहीऔर खुद को संभाले हम.
यूँ तो हादसों में गुजरी है हमारी ज़िन्दगी.!!हादसा ये भी कम नहीं कि हमें मौत न मिली.!!
आज मुलाकात हुई पहली बार.!!पहली बार में ही जुड़ गए दिल के तार.!!अवसर पर सिर्फ उनका ही धुन सवार.!!क्या बताऊं यारो ऐसे ही होता है प्यार.!!
कुदरत के करिश्मों में अगर रात न होती.!!ख्वाबों में भी फिर उनसे मुलाक़ात न होती.!!
दिले तस्वीरे है यार जबकि गर्दन झुका ली, और मुलाक़ात कर ली वो थे न मुझसे दुर,न मै उनसे दूर था आता न था नजर, तो नजर का कसूर था.
सुनो…जब कभी देख लुं तुमकोतो मुझे महसूस होता है किदुनिया खूबसूरत हैSunoJab Kabhi Dekh Lun Tumko to mujhe mahsus Hota Hai Ki Duniya Khubsurat hai
तमन्ना फिर मचल जाए, अगर तुम मिलने आ जाओ.!!ये मौसम ही बदल जाए, अगर तुम मिलने आ जाओ.!!
हाथ छुटे भी तो रिश्ते नहीं नहीं छोड़ा करते, वक्त की शाख से लम्हें नहीं तोडा करते।