Muharram Shayari In Hindi : वो जिसने अपने नाना का वादा वफा कर दिया, घर का घर सुपुर्द-ए-खुदा कर दिया, नोश कर लिया जिसने शहादत का जाम, उस हुसैन इब्न अली को लाखों सलाम। खून से चराग-ए-दीन जलाया हुसैन ने, रस्म-ए-वफ़ा को खूब निभाया हुसैन ने, खुद को तो एक बूँद न मिल सका लेकिन करबला को खून पिलाया हुसैन ने।
शहादत💧 सब के हिस्से में कहाँ आती💦 है दुनिया 🌍में !!मैं तुझ पे रशक🔥 करता हूँ तिरा मातम 💦नहीं करता !!
इमाम का हौसला 💦इस्लाम जगा 💫गया !!अल्लाह 🤲🏿के लिए उसका फर्ज आवाम 🥀को धर्म सिखा !! गया !!
“फिर आज हक के लिए जान फ़िदा करे कोई, वफ़ा भी झूम उठे यूँ वफ़ा करे कोई, नमाज़ 1400 सालों से इंतज़ार में है, हुसैन की तरह मुझको अदा करे कोई..”
सबा भी जो गुजरे कर्बला से तो उसे कहता है अर्थ वाला, तू धीरे गूजर यहाँ मेरा हुसैन सो रहा है।
इस दुनिया में लाखो लोग रहते है कोई हँसता है तो कोई रोता है पर दुनिया में सुखी वही होता है जो शाम को 2 पैग लगा के सोता है
इमाम का हौसला इस्लाम जगा गया, अल्लाह के लिए उसका फर्ज आवाम को धर्म सिखा गया।
मुहर्रम को याद करो वो कुर्बानी!!जो सिखा गया सही अर्थ इस्लामी!!ना डिगा वो हौसलों से अपने!!काटकर सर सिखाई असल जिंदगानी!!
जिस तरह Diwali बिना Ali अधूरी है, वैसे ही Muharram भी कहाँ बिन Ram मुकम्मल है.
न हिला पाया वो रब की मैहर को,भले जीत गया वो कायर जंग,पर जो मौला के दर पर बैखोप शहीद हुआ,वही था असली सच्चा पैगम्बर
करीब अल्लाह के आओ तो कोई बात बने ,ईमान फिर से जगाओ तो कोई बात बने ,लहू जो बह गया कर्बला में ,उनके मकसद को समझो तो कोई बात बने |
साल तो पहले भी कई साल बदले, दुआ है इस साल उम्मत का हाल बदले। #मुहर्रम
वो जिसनेº अपने नाना का वादा वफाº कर दियाघर का घरº सुपुर्द-ए-खुदा कर दियानोश कर लिया जिसनेº शहादत का जामउस हुसैन इब्नº अली को लाखों सलाम
करीब अल्लाह🤲🏿 के आओ तो कोई💦 बात बने !!ईमान🏞 फिर से जगाओ तो🌅 कोई बात बने !!लहू जो🌄 बह गया कर्बला💢 में !!उनके💫 मकसद को समझा तो 💯कोई बात बने !!
ज़िक्र-ए-हुसैन आया तो आँखें छलक पड़ी, पानी को कितना प्यार है अब भी हुसैन से. Mateen Ahmad
ईद का त्यौहार आया है!!खुशियां अपने संग लाया है!!खुदा ने दुनिया को महकाया है!!देखो फिर से ईद का त्यौहार आया है!!आप सभी को दिल से ईद मुबारक!!
मिटकर भी मिट सके ना ऐसा वो हामी-ओ-यावर नेज़े की नोंक पर था फिर भी बुलंद था सर. एहतिशाम आलम
मौसम ये हसीन कहता है प्यार करले दिल दीवाना कहता है इकरार करले चाहत कहती है इजहार करले पर मम्मी कहती है पहले ग्रेजुएशन तो पास करले
कर्बला की कहानी में कत्लेआम था !!लेकिन हौसलों के आगे हर कोई गुलाम था !!खुदा के बन्दे ने शहीद की कुर्बानी दी !!इसलिए उसका नाम पैगाम बना !!
तेरी मोहब्बत में रो रहा है सबा भी जो गुजरे कर्बला से तो उसे कहता है अर्थ वाला तू धीरे गुजर यहां मेरा हुसैन सो रहा है
जन्नत में तो जन्नत के हकदार ही जायेंगे, कसम आल्लाह की अली के खुब्दार जायेंगे, दर-ए-जन्नत पे खरी जेहरा कहती है, जन्नत में मेरे लाल के अजादार जायेंगे!!!
कर्बला की💦 कहानी में कत्लेआम 💧था लेकिन हौसलों !!💢 के आगे हर 🌄कोई गुलाम था !!खुदा के🌺 बन्दे ने शहीद की कुर्बानी🌟 दी इसलिए🥀 !!उसका नाम🌟 पैगाम बना !!
डॉव से नहाकर क्या करना है 2016 में तो सभी को मारना है 1 साल ख़ुशी से जी लो यारो अगले जन्म में फिर जॉनसन बेबी से शुरू करना है
वो जिसने अपने नाना का वादा वफ़ा कर दिया !!घर का घर सुपुर्द-इ-खाक कर दिया !!नोश कर लिया जिसने शहादत का जाम !!उस हुसैन इब्न अली को लाखों सलाम !!
कई बार खेले होगे किशीके दिलसे ।👉🏻 मत खेलो किशीके दिलसे ।👉🏻 दर्द होता है दिल टूटने पे ।😔
सल्तनत💯 ए यजीदी💧 मिट गई दुनियां🌍 से !!दिलों 💔में हैं लोगों के बादशाहत 🕌ए हुसैन !!
धड़कन दिल की रुक जाती है सांसे अक्सर थम जाती है बहुत बुरी हालत होती है यारों जब गर्लफ्रेंड से शादी करने की नौबत आती है
यूँ ही नहीं जहाँ में चर्चा हुसैन का, कुछ देख के हुआ था जमाना हुसैन का, सर दे के जो जहाँ की हुकूमत खरीद ली, महँगा पड़ा यजीद को सौदा हुसैन का।
सजदे से कर्बला को बंदगी मिल गयी, सब्र से उम्मत को ज़िन्दगी मिल गयी, एक चमन फातिमा का उजड़ा मगर सारे इस्लाम को जिंदगी मिला गयी.
यूँ ही नहीं जहाँ में चर्चा हुसैन का,कुछ देख के हुआ था ज़माना हुसैन का,सर दे के जो जहाँ की हुकूमत खरीद लेमहंगा पड़ा यज़ीद को सौदा हुसैन का,
कौन उलझेगा मोहम्मदﷺ के जिगर पारों सेजंग का पांसा पलट देते हैं किरदारों सेसर जो सजदे में कटा ये है नज़र का धोखाशम्मा की लौ भी कहीं कटती है तलवारों से?
कर्बला की 🌺शाहदत इस्लाम🕌 बन गई !!खून तो 🥀बहा था लेकिन🌺 हौशालो की उडान💦 बन !! गई !!
ख़ुदा 🥀का जिस पर 🥀रहमत हो वो हुसैन🕌 होता है!!जो इन्साफ 💯और सत्य 💯के लड़ जाए वो हुसैन🕌 होता है!!
“कौन भूलेगा वो सजदा हुसैन का, खंजरों तले भी सर झुका ना था हुसैन का… मिट गयी नसल ए याजिद करबला की ख़ाक में, क़यामत तक रहेगा ज़माना हुसैन का…”
करीब अल्लाह के आओ तो कोई बात बने, ईमान फिर से जगाओ तो कोई बात बने, लहू जो बह गया कर्बला में, उनके मकसद को समझा तो कोई बात बने।
आया वो मेरे दिल में फिर एक नए गम की तरह!!इस बार भी ईद गुजरी मेरी मुहर्रम की तरह!!
आंखों👁 को कोई ख्वाब तो दिखायी💦 दे !!ताबीर 💧में इमाम का जलवा🌄 दिखायी दे !!ए! इब्न-💯ऐ-मुर्तजा !!सूरज 🌞भी एक छोटा सा 💯जरा दिखायी👁 दे !!
कर्बला को कर्बला के शहंशाह पर नाज़ है,उस नवासे पर मुहम्मद को नाज़ है,यूँ तो लाखों सिर झुके सज़दे में लेकिनहुसैन ने वो सज़दा किया जिस पर खुदा को नाज़ है,
आँखों को कोई ख्वाब तो दिखायी दे, ताबीर में इमाम का जलवा तो दिखायी दे, ए इब्न-ऐ-मुर्तजा सूरज भी एक छोटा सा जरा दिखायी दे।
लफ़्जों में क्या🥀 लिखूं मैं शहादत हुसैन 🕌की !!कलम🌺 भी रो देता है कर्बला💦 का मंजर सोचकर🤦♀️ !!
कर्बला की कहानी में कत्लेआम था लेकिन हौसलों के आगे हर कोई गुलाम था, खुदा के बन्दे ने शहीद की कुर्बानी दी इसलिए उसका नाम पैगाम बना।
ऐसी नमाज़ कौन पढ़ेगा जहां में, सजदा किया तो सर ना उठाया हुसैन ने, सब कुछ खुदा की राह में कुर्बान कर दिया, असग़र सा फूल भी ना बचाया हुसैन ने।
न हिला पाया💦 वो रब की मैहर 💧को !!भले जात🌄 गया वो कायर🌅 जंग !!पर जो 💦मौला के दर पर बैखोफ🌺 शहीद हुआ !!वही था 🥀असली और सच्चा💫 पैगम्बर !!
कर्बला की जमीं पर खून बहा, कत्लेआम का मंजर सजा, दर्द और दुखों से भरा था सारा जहां लेकिन फौलादी हौसले को शहीद का नाम मिला।
आया वो मेरे दिल में फिर एक नए ग़म की तरह, इस बार भी ईद गुज़री मेरी मुहर्रम की तरह.
इश्क💔 मैं किया लुटिया इश्क💔 मैं किया बेचेन !!अल ए नबी ने लिख🖊 दिया सारा नसीब💫 रीत पर !!
खून से चराग-ए-दीन जलाया हुसैन ने, रस्म-ए-वफ़ा को खूब निभाया हुसैन ने, खुद को तो एक बूँद न मिल सका लेकिन करबला को खून पिलाया हुसैन ने।
लफ़्जों में क्या लिखूं मैं शहादत हुसैन की, कलम भी रो देता है कर्बला का मंजर सोचकर.
वो मुझसे मिलकर रोयी इतना की उसकी नाक का बुलबुला देख कर मेरी हंसी निकल गयी
सुन लो💫 यज़ीदीयों, तड़पा💦 नही हुसैन मेरा, पानी 🌊 !!के लिए !!दरिया ज़रूर महरूम🗼 था, लब-ए हुसैन🕌 को छूने के !! लिए !!
कर्बला 💦की शहादत इस्लाम💯 बना गयी, खून तो🌌 !! बहा था !!लेकिन 🌌कुर्बानी हौसलों 🏢की उड़ान🌌 दिखा गयी !!
क्या जलवा कर्बला में दिखाया हुसैन ने !!सजदे में जा कर सिर कटाया हुसैन ने !!नेजे पे सिर था और ज़ुबान पे आयतें !!कुरान इस तरह सुनाया हुसैन ने !!
कर्बला को कर्बला के शहंशाह पर नाज़ है,उस नवासे पर मुहम्मद को नाज़ है,यूँ तो लाखों सिर झुके सज़दे में लेकिनहुसैन ने वो सज़दा किया जिस पर खुदा को नाज़ है,
“करबला को करबला के शहंशाह पर नाज है, उस नवासे पर मोहम्मद को नाज़ है, यूँ तो लाखों सर झुके सजदे में लेकिन हुसैन ने वो सजदा किया जिस पर खुदा को नाज़ है.”
इस पबित्र मुहर्रम को आप अपने परिवार के साथ अच्छे से मनाये । यह नया साल आपके और आपके परिवार के लिए खुशियां और समृद्धि लाए।
“वो जिसने अपने नाना का वादा वफ़ा कर दिया.. घर का घर सुपर्द-ए-खुदा कर दिया.. नोश कर लिया जिसने शहादत का जाम.. उस हुसैन इब्ने-अली पर लाखों सलाम…”
शायद मेरे प्यार को टेस्ट करना भूल गयी तुम दिल से ऐसा कट किया की पेस्ट करना भूल गयी तुम
ज़िक्र-ए-हुसैन आया तो आंखें छलक परें!!पानी को कितना प्यार है अब भी हुसैन कहो!!
क्या जलवा कर्बला में दिखाया हुसैन ने, सजदे में जा कर सर कटाया हुसैन ने, नेजे पे सिर था और जुबां पर अय्यातें, कुरान इस तरह सुनाया हुसैन ने।
वो जिसने अपने नाना का वादा वफा कर दिया, घर का घर सुपुर्द-ए-खुदा कर दिया, नोश कर लिया जिसने शहादत का जाम, उस हुसैन इब्न अली को लाखों सलाम।
गुरूर टूट गया कोई मर्तबा ना मिला,सितम के बाद भी कुछ हासिल जफ़ा ना मिला।
इस्लाम के चिराग में खून-ऐ-हुसैन है, ता हश्र ये चिराग रहेगा जला हुआ…
ज़िक्र-ए-हुसैन आया तो आँखें छलक पड़ी, पानी को कितना प्यार है अब भी हुसैन से. Mateen Ahmad
करीब अल्लाह के आओ तो कोई बात बने !!ईमान फिर से जगाओ तो कोई बात बने !!लहू जो बह गया कर्बला में !!उनके मकसद को समझो तो कोई बात बने !!
“करबला की उस जमीन पर खून बहा, कत्त्लेआम का मंजर सजा, दर्द और दुखों से भरा था जहाँ, लेकिन फौलादी हौसलों को शहीद का नाम मिला.”
न हिला पाया💦 वो रब की मैहर को, 💧भले ही जीत🌺 गया वो 🥀कायर जंग !!पर जो मौला🌌 के डर पर बैखोफ🌅 शहीद हुआ !!वही था असली और 💯सच्चा पैगंबर !!
न हिला🌺 पाया वो रब की मैहर💦 को !!भले 🥀जीत गया वो कायर💯 जंग !!पर जो 💢मौला के दर पर बैखोप 🌟शहीद हुआ !!वही 🌌था असली सच्चा🌄 पैगम्बर !!
दिल में आते ही ख़ुशी !!साथ ही इक ग़म आया !!ईद आई तो मैं समझा !!कि मोहर्रम आया !!
कत्ल-ए-हुसैन असल में मार्ग-ए-यजीद हैइस्लाम ज़िंदा होता है हर करबला के बाद
दश्त-ए-बाला को अर्श का जीना बना दिया, जंगल को मुहम्मद का मदीना बना दिया। हर जर्रे को नजफ का नगीना बना दिया, हुसैन तुमने मरने को जीना बना दिया।
दुनिया 🙍♀️ने देखी👁 शान वो कर्बोबला🌺 में !!ज़ो आख़री 💢सज़दा किया मेरे हुसैन🕌 ने !!
इस्लाम🕌 के चिराग में खून❄-ऐ-हुसैन🕌 है !!ता हश्र ये चिराग💦 रहेगा जला 💧हुआ !!
“करबला को करबला के शहंशाह पर नाज है, उस नवासे पर मोहम्मद को नाज़ है, यूँ तो लाखों सर झुके सजदे में लेकिन हुसैन ने वो सजदा किया जिस पर खुदा को नाज़ है.”