920+ Moon Shayari In Hindi | Chand Shayari in Hindi

Moon Shayari In Hindi , Chand Shayari in Hindi
Author: Quotes And Status Post Published at: September 14, 2023 Post Updated at: September 19, 2024

Moon Shayari In Hindi : रोज तारो की नुमाईश में खलल पड़ता हैये चाँद है पागल जो रात में निकल पड़ता है। काश कोई ऐसी भी रात आएएक चाँद आसमा में होऔर दूसरा हमारे करीब आ जाए।

बेसबब मुस्कुरा रहा है चाँद कोई साजिश छुपा रहा है चाँद

तुम सुबह की चाँद बन जाओ, मैं शाम का ढलता सूरज बन जायूँगा, मिलेंगे हम तभी जब, तुम मुझमे ढल जाओ, मैं तुममें ढल जाऊ !!!

सारी रात गुजारी हमने इसी Intzaar में कीअब तो चाँद निकलेगा AAdhi रात में !

चाँद से तुझ को जो दे निस्बत सो बे इंसाफ़ हैचाँद के मुँह पर हैं छाईं तेरा मुखड़ा साफ़ है!

रात गुमसुम हैं मगर चाँद ख़ामोश नहीं,कैसे कह दूँ फिर आज मुझे होश नहीं,ऐसे डूबा तेरी आँखों की गहराई में आजहाथ में जाम हैं, मगर पीने का होश नहीं.

बिखरे हुए लम्हें अब हम ना समेट पाएंगे, चाँद चला गया आसमां से, सितारें कब तक ठहर पाएंगे।

ऐ काश हमारी क़िस्मत में ऐसी भी कोई शाम आ जाए,एक चाँद फ़लक पर निकला हो एक छत पर आ जाए।

तुमने खिड़की से चांद देखा थामैन खिड़की में चाँद देखा है।

चांद गवाह है मेरे प्यार का,वो चांद के सामने प्यार की बाते करते थे..!!

तुम आ गये हो तो फिर चाँदनी सी बातें हों… अब भला जमीं पर चाँद कहाँ रोज रोज उतरता है…

चांद से तो हर किसी को प्यार है,मैं खुशनसीब हूं कि चांद को मुझसे प्यार है..!!

ना चाँद चाहिए ना फलक चाहिए !!मुझे बस तेरी की एक झलक चाहिए !!

ना दिन में चैन है ना रात में नींद, खो गया मेरा चाँद आसमा के बीच !!!

चाँद का क्या कसूरअगर रात बेवफ़ा निकली,कुछ पल ठहरी और फिर चल निकलीउन से क्या कहे वो तो सच्चे थे शायदहमारी तकदीर ही हमसे खफा निकली।

वो मेरा यार है नाजो आसमान में रहता हैचमकता जरुर है परहर रात अंदाज बदल कर आता है….!!

सारी रात गुजारी हमने इसी इंतजार में की !!अब तो चाँद निकलेगा आधी रात में !!

आज टूटेगा गुरूर चाँद का तुम देखना यारो !!आज मैंने उन्हें छत पर बुला रखा है !!

सुबह हुई कि छेड़ने लगता है सूरज मुझकोकहता है बड़ा नाज़ था अपने चाँद पर अब बोलो !

एक अदा आपकी दिल चुराने कीएक अदा आपकी दिल में बस जाने कीचेहरा आपका चाँद सा और एकहसरत हमारी उस चाँद को पाने की !

ईद का चाँद तुम ने देख लिया !!चाँद की ईद हो गई होगी !!

चांद गवाह है मेरे प्यार का !!वो चांद के सामने प्यार की बाते करते थे !!

चाँद को देखूँ तो तेरा चेहरा नजर आता है,मैं इश्क़ में हूँ इतना तो मुझे समझ में आता है..!!

हर ख्वाइस पूरी हो हर दुआ कबूल हो, तुम्हारी चाँद से चेहरे पे हमेशा मुस्कान हो।

वो थका हुआ मेरी बाहों में ज़रा सो गया था तो क्या हुआ, अभी मैं ने देखा है चाँद भी किसी शाख़-ए-गुल पे झुका हुआ।

सारी रात गुजारी हमने इसी Intzaar में कीअब तो चाँद निकलेगा AAdhi रात में…!!

सुनो मेरी जान चांदको जगह दिखानी होगीबस तुम्हे माथे पर एकदिन बिंदिया लगानी होगी..!

चाँद का हुस्न भी ज़मीन से है,चाँद पर चाँदनी नहीं होती..!!

शाम भी जाने लगा अब तो रात होगी, वो चाँद निकलेगा तभी तो हमारी उनसे कुछ बात होगी !!!

इक दीवार पे चाँद टिका था मैं ये समझा तुम बैठे हो - बशीर बद्र

ऐ चाँद तू भूल जायेगा अपने आप को,जब सुनेगा दास्तान मेरे प्यार की,क्यूँ करता है तू गुरूर अपने आप पे इतनातू तो सिर्फ़ परछाई है मेरे यार की.

बड़ा ही ख़ूबसूरत खेल खेले तेरा यह चाँद सा मुखड़ा।कभी हंसने को करे है दिल मेरा कभी सुनाये है जी दुखड़ा।

मत पूछ मेरे जागने की वजह ऐ चाँद,तेरा ही हमशकल है जो सोने नहीं देता…!!

वो खुशियां बाजारों में कहां, जो खुले आसमान में है, वो खूबसूरती चांद में कहां, जो आप में है।।

ना चाह कर भी मेरे लब पर ये फ़रियाद आ जाती है, ए चाँद सामने ना आ किसी की याद आ जाती है….

जिन आँखों में काजल बन कर तेरी काली रात,उन आँखों में आंसू का इक कतरा होगा चाँद..!!

पत्थर की दुनिया जज़्बात नहीं समझती, दिल में क्या है वो बात नहीं समझती, तनहा तो चाँद भी सितारों के बीच में है, पर चाँद का दर्द वो रात नहीं समझती।

चाँद में छीपी है तेरे इश्क़ की आरजू हजार।करेंगे हर एक पूरी तु ज़रा दिल से तो पुकार।

चाँद भी तुम्हे देखकर कहता है की तुझे देखकर मेरे भी दिल में कुछ-कुछ होता है।

ना छत पर है कभी आताना घर से कभी निकलता हैमेरा महबूब जैसे चांद साघटाओ में छिपता है..!

मेरे मोहब्बत के सातों आसमान का,तुम ही इकलौते चांद हो।

मौन में डूबी निशा है,मौन-डूबी हर दिशा है,रात भर में एक ही पत्ता किसी तरु ने गिराया!

भले कई हजार बार टूटे तो फिर क्या !!पता हैं अमावस की रात हैं !!पर हमे आज ही चाँद देखना हैं !!

चाँदनी रात बड़ी देर के बाद आई हैलब पे इक बात बड़ी देर के बाद आई हैझूम कर आज ये शब-रंग लटें बिखरा देदेख बरसात बड़ी देर के बाद आई हैसैफ़ुद्दीन सैफ़

पलके झुकाके कुछ नज़ाकत के साथ यूं शरमाते हैं, जब वो प्यार से हमें अपना चाँद बुलाते हैं।

ये शांति भरी रात का सन्नाटा, और इस चाँद की चांदनी , सुकून देती है इस दिल को।

बदल जाये तो बदले ये ज़माना !!हम तो हमेशा आपके दीवाने रहेंगे !!

आदमी का स्वप्न? है वह बुलबुला जल काआज उठता और कल फिर फूट जाता हैकिन्तु, फिर भी धन्य; ठहरा आदमी ही तो?बुलबुलों से खेलता, कविता बनाता है।

उसके चेहरे की चमक के सामने सादा लगा, आसंमा पे चाँद पूरा था मगर आधा लगा।

खीर में घुले अमृत, चांदनी रात की गरिमा है,मिलन दो ऋतुओं का शीतल शरद पूर्णिमा है.

ऐ काश हमारी क़िस्मत में ऐसी भी कोई शाम आ जाए, इक चाँद फ़लक पर निकला हो इक चाँद सर-ए-बाम आ जाए…. ( सर-ए-बाम – छत के ऊपर )

लोग चाँद तलाशते थे मेरी जेब में, मैं अक्सर तुम्हारी तस्वीर रखना भूल जाता था….

चाँद तारो में नजर आये चेहरा आपका,जब से मेरे दिल पे हुआ है पहरा आपका !

अगर ज़िन्दगी मई कोई साथ न हो, तो चाँद को देखलो वो भी अकेला है मगर, पूरी दुनिया को रौशनी देने के लिए काफी है !!!

आसमान और ज़मीं का है फासला हर-चंद,ऐ सनम दूर ही से चाँद सा मुखड़ा दिखला..!!

में चाँद का दीवाना, वो पूनम की सुहानी.. मैंने लफ्ज़ो सा सरल, वो ग़ज़लों सी सायानी..

रात की गहराई आँखों में उतर आई, कुछ ख्वाब थे और कुछ मेरी तन्हाई, ये जो पलकों से बह रहे हैं हल्के हल्के, कुछ तो मजबूरी थी कुछ तेरी बेवफाई।

चाहते तो हम भी उसे एक ज़माने से थे, मगर चाँद कब इंसानों का हुआ है।

साथ साथ घुमते है रात भर,लोग मुझे तारा और उन्हे चाँद कहते है..!!

आज टूटेगा गुरूर चाँद का देखना दोस्तो, आज मैंने उन्हें छत पर बुला रखा है।

ऐ सनम जिसने तुझे चाँद सी सूरत दी हैउसी अल्लाह ने मुझको भी मुहब्बत दी है!

“चाँद की ओर खींचती हैं नज़रें, अच्छाई-बुराई का करती हैं संकेत।”

वो शख़्स भी क्या कहानी-कार था,बातों बातों में मेरे लिए चाँद भी ला देता था।

चाँद को तारो का सहारा मिला है !!इस जहा को क्या नज़ारा मिला है !!हम खुद को खुश किसमत समझते है !!हमें आपका साथ सारी ज़िन्दगी का मिला है !!

चाँद ने भी आज संगीत का दामन थामा है, यकीनन आज उसका भी दिल टूटा होगा।

चांदनी रात बड़ी देर के बाद आयी⭐ये मुलाकात बड़ी देर के बाद आयी।

जिस दिन उतरेगा आसमान से ये चाँद, उस दिन लगाएंगे हम तुम्हारे नाम का एक जाम !!!

क्यूँ मेरी तरह रातों को रहता है परेशाँऐ चाँद बता किस से तेरी आँख लड़ी है !

एक अदा आपकी दिल चुराने की !!एक अदा आपकी दिल में बस जाने की !!चेहरा आपका चाँद और जिद हमारी चाँदको पाने की !!

चाँद को देखूँ तो तेरा चेहरा नजर आता है !!मैं इश्क में हूँ इतना तो मुझे समझ में आता है !!

निगाहें हम दोनों की चाँद पर ही थी।उनकी आसमान वाले पर और हमारी उन पर!

बुझ गये ग़म की हवा से, प्यार के जलते चराग, बेवफ़ाई चाँद ने की, पड़ गया इसमें भी दाग…

रात भर आसमां में हम चाँद ढूढ़ते रहे !!चाँद चुपके से मेरे आँगन में उतर आया !!

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