606+ Mirror Shayari In Hindi | Best Aaina shayari in Hindi

Mirror Shayari In Hindi , Best Aaina shayari in Hindi
Author: Quotes And Status Post Published at: September 26, 2023 Post Updated at: September 14, 2024

Mirror Shayari In Hindi : किसी के हक़ में, किसी के ख़िलाफ़ कह गये,हम तो आईना हैं, जो देखा बेबाक कह गये.. दिल साफ़ करके मुलाक़ात की आदत डालो,धूल हटती है तो आईने भी चमक उठते हैं।

अंदाज़ अपना आईने में देखते हैं वो, और ये भी देखते हैं कोई देखता तो नहीं।

आईने में मैं अब देखता ही नहीं की जिसे दिखाना चाहता हूँ संवारकर वो मुझे देखता ही नहीं।

रहते हैं आईने से हमेशा दो चार आप।तन्हा ही लूटते हैं ये सारी बहार आप।।

परिस्थितियों को संभालने के लिए कर्म बहुत नायाब तरीका है। आपके बस आराम से बैठना है और देखना है।

आइना देख कर तसल्ली हुईहम को इस घर में जानता है कोईगुलज़ार

तेरी बेवफाई का काफिला मेरी शहर से यूं गुजरा, गुजर गई मेरी हस्ती मिट गया पूरा शहर.

निगाहों के तीर से क्यों घायल है सबकभी जो दर्पण देखो तो पता चले। – सौरभ

मुझे शिकवा नहीं कुछ बेवफ़ाई का तेरी हरगिज़, गिला तो तब हो अगर तूने किसी से निभाई हो.

मोहब्बत का नतीजा दुनिया में हमने बुरा देखा, जिन्हें दावा था वफा का उन्हें भी हमने बेवफा देखा.

छोड़ गए हमको वो अकेले ही राहों में, चल दिए रहने वो औरों की पनाहों में, शायद मेरी चाहत उन्हें रास नहीं आई, तभी तो सिमट गए वो गैर की बाहों में.

हमारा #Style और #Attitude ही कुछ #अलग है, #बराबरी करोगे तो #बिक जाओगे।

रूक जाती है सारी शिकायतें इन होंठो तक आकर, जब मासूमियत से वो कहते है अब मैंने क्या किया.

कोई भी सेल्फी कितना भी खूबसूरत हो, अगर लाइक ना मिले तो थोड़ी-सी कम ख़ुशी होती है.

कर्म कभी न कभी जरूर सामने आता है। जैसा करोगे, वैसा ही भरोगे।

खुद को आईना लेकर ढूँढने चला हूँ अजनबी शहर में…बहुत तबियत से बर्बाद किया है किसी ने मुझको…

आईना आज फिर रिस्वत लेता हुआ पकड़ा गयादिल में दर्द था और चेहरा हंसता हुआ पकड़ा गया

आईना की तरह साफ दिल है मेरातुम चाहो तो तोड़ दो…मगर एक बार खुद को आईना में देख करतुम चाहो तो मुझे छोड़ दो। ~सूरज।

आईना क्यों न दू कि तमाशा कहें जिसेऐसा कहां से लाऊं कि तुझ सा कहें जिसे

एक शक़्स बैठता है आईने में, जिसे जब देखो रोता रहता है।

वक्त की हाथो में सबकी तकदीर हैं आईना झूठा है सच्ची तस्वीरें है।

जब से तेरे आँखो मे देखा हूँतब से आईना देखना भूल गया हूँतौक़ीर आलम

उम्र भर गालिब़, यही भूल करता रहाधूल चेहरे पे थी, आईना साफ करता रहा।

जैसे एक बछड़ा हजार गायों की भीड़ में भी अपनी माँ को ढून्ढ लेता है, वैसे ही कर्मा करोड़ों लोगों में अपने करता को ढून्ढ ही लेता है।

हाथ पकड़कर रोक लेते अगर तुझ पर जरा भी जोर होता मेरा, ना रोते हम यूं तेरे लिए अगर हमारी जिंदगी में तेरे सिवा कोई और होता.

वक़्त नहीं इसे आइना कहिए जनाब अच्छे अच्छो को उनकी औकात दिखा देता है।

मैं चाहता हूँ कोई मुझसे बात करता रहे मैं चाहता हूँ की अंदर की ख़ामोशी निकले मैं चाहता हूँ मुझे तकचो में रखा जाए मैं चाहता हूँ जलूं और रौशनी निकले

कर्म पर विश्वास करो, अगर अच्छा बोया है तो अच्छा ही काटोगे।

“तुम्हारी झलक मेरी आँखों में मेरे अपने साथ कुछ कहती है, जो सिर्फ हम दोनों ही समझते हैं”

आईना देखकर तसल्ली हुई,हमको इस घर मे जानता है कोई।दिन कुछ ऐसे गुज़ारता है कोई।

उलझन भरी आंखों से मुझे देखता रहा,आईने में खड़ा शख्स परेशान बहुत था।

अरे बेपनाह मोहब्बत की थी हमने तुझसे ओ बेवफा, तुझे दुःख दूं ये न होगा कभी खुद मर जाऊं यहीं ठीक है.

मैंने तुम्हे बस आइना दिखाया था, अब तुम्हे अपना चेहरा पसंद नहीं आया इसमें मेरा क्या कसूर।

कहता है आईना तुझसे ये बार बार नज़र लग जायेगी तुझे तू काजल लगा ले तू एक बार।

ये तमीज कौन है? सब मुझे उससे बात करने को कह रहे हैं!!

आईना मिल जाए जहां मेंसूरत दोबारा नहीं मिलती

नज़र बचा कर सबसे जब हम संवरने लगे, आईना जान गया कि हम भी इश्क़ करने लगे….

आईना क्या बताएगा मुझसे मिलाओ आंख।मेरी नज़र कसौटी है हुस्न-ओ-जमाल की।। – बेखुद देहलवी

एक बात पूछें तुमसे जरा दिल पर हाथ रखकर फरमायें, जो इश्क़ हमसे सीखा था अब वो किससे करते हो.

फ़क़त हूँ ख़ाक नहीं कुछ भी हैसियत मेरीबता रहा है मुझे आईना सिफ़त मेरी

हालत कुछ ऐसे है मेरे, की तुझे देखते भी हैं और देखते हैं की कोई देख तो नहीं रहा।

किसी को प्यार में धोखा दोगे, तो आपका karma भी आपको धोखा ही देगा

मोहब्बत का नतीजा दुनिया में हमने बुरा देखा, जिन्हे दावा था वफा का उन्हें भी हमने बेवफा देखा.

इक बार जो टूटे तो कभी जुड़ नहीं सकताआईना नहीं दिल मगर आईना-नुमा है

कौन कहता है कि आईना सिर्फ चित्र दिखाता है, समय आने पर वह चरित्र भी दिखाता है। ~ अमीर चतुर्वेदी

आईने में देख खुद से पूछता हूँ मैं, कब तक दर्द में रहेगा बताता क्यों नहीं।

वो पगली अभी भी अपने आप कोआईने में निहारती रहती हैं,ना जाने कब मेरी ऑंखे पढ़ेगी उसकी खूबसूरती मेरे आँखोंमें उतरती जा रही हैं।

तेरी बेवफाई का सौ बार शुक्रिया, मेरी जान छूटी इश्क़-ऐ-बवाल से.

फिर आइने में ख़ुद को सँवारा न जाएगाहमसे किसी को अब यूँ पुकारा न जाएगा -Kiran Yadav

एक पत्थर को निशाना साध कर छोड़ा गयाआईना टूटा नहीं था,आईना तोड़ा गयादेख कर हालत जिंदा सिर किनारे हो गए,सिर कटे इंसान के सिर ठीकरा फोड़ा गया…

ये तेरी चाहत का ही असर है मुझे से ज्यादा मेरे आईने को तेरी खबर है।

वर्तमान में अच्छा करो ताकि भविष्य में आपके साथ बुरा न हो। यही कर्मा है।

ये बेवफा, वफा की कीमत क्या जाने, ये बेवफा गम-ए-मोहब्बत क्या जाने, जिन्हे मिलता है हर मोड पर नया हमसफर, वो भला प्यार की कीमत क्या जाने.

लगने लगा था अब कोई साथ नहीं मेरे, फिर अचानक आईने में अपना मैंने चेहरा देख लिया।

तिलिस्म-ए-यार ये पहलू निकाल लेता है कि पत्थरों से भी खुशबू निकाल लेता है है बे-लिहाज़ कुछ ऐसा की आँख लगते ही वो सर के नीचे से बाजू निकाल लेता है

अब ज़रूरी तो नहीं है के वो सकबुछ कह दे दिल में जो कुछ भी हो आँखों से नज़र आता है मैं उसे सिर्फ ये कहता हूँ के घर जाना है और वो मारने मरने पे उतर आता है

हम ट्रैफिक और प्यार में फसते नहीं!!

है वो बेवफा तो क्या हुआ मत कहो बुरा उसको, जो हुआ सो हुआ, खुश रखे खुदा उसको.

मेरी आँखों से बहने वाला ये आवारा सा आसूँ, पूछ रहा है पलकों से तेरी बेवफाई की वजह.

मैं नहीं बेवफा मेरा ऐतबार कर ले, दे दे मुझे मौत या फिर प्यार कर ले.

प्यार मोहब्बत की बातें करना हो तो दिल से करना क्योंकि हमने सेल्फी पूरे दिल से ली है?

उम्र भर ग़ालिब मैं ये भूल करता रहा..धूल चेहरे पे थी, और मैं आइना साफ करता रहा है।

किसी किसी को वो ऐसा जमाल देता हैजो आईने को भी हैरत में डाल देता हैअजय पाण्डेय ‘सहाब’जमाल= ख़ूबसूरती

एक अलग पहचान बनाने सी की आदत है हमें, जखम हो जितना गहरा उतना मुस्कुराने की आदत है हमें..

Karma एक बूमरैंग जैसा ही है, वापस उस व्यक्ति के पास लौटता है जो इसे फेंकता है।

क्यों देखते हो खुद को ‘आईने’ में?तुम तो खुद से भी ज्यादा खूबसूरत हो।।।

आइना ये तो दिखाता है की मैं क्या हूँ मगर ये नहीं दिखाता की क्या है मुझमे।

जो बनाये हमें इंसान, और दे सही गलत की पहचान। देश के उन निर्माताओं को हम करते हैं शत शत प्रणाम।

इससे पहले कि आप किसी से बदला लेना शुरू करें, एक कब्र अपने लिए भी खोदें।

जड़ दो चांदी में चाहे सोने मेंआईना झूठ बोलता ही नहीं।….कृष्ण बिहारी नूर

जब आप अच्छे दिखते हैं और आपका आईना इसे जानता है।

क्या कोई नई बात नज़र आती है हम मेंआईना हमें देख के हैरान सा क्यों है

तू आईने में मेरे बराबर रूबरू है,मैं अपने अश्क में तुझे देखता हूं!!!आशीष माधव

Recent Posts