Milna Shayari In Hindi : अब बहक ही गयी हो बाहों में मेरी,तो थोड़ा वक़्त लगेगा रिहाई में तेरी। तुम्हारा ना होना खल जाता है ,कितना प्यार है तुमसे पता चल जाता है।
नमकीन-सी मेरी ज़िंदगी मेंमिठास घोल देते हो ,बिन सुने मुझेमेरे दिल की बात बोल देते हो।
उनकी यादो को प्यार करते हैलाखो जनम उन पर निसार करते हैअगर राह में मिले वो आपसे तो कहना उनसेहम आज भी उनका इंतज़ार करते है।
भूल कर भी अपने दिल की बात किसी से मत कहना, ~ यहाँ कागज भी जरा सी देर मे अखबार बन जाता है॥
जिन्दगी क्या है एक सबर ही तो हैहर शक्स किसी ना किसी के इंतेजार में है ।
खुशी का रहस्य वह नहीं है जो तुम पसंद करते हो, बल्कि वह है जो जिसे भी पसंद करता है तो मुझे पसंद करते हो।
चाहत का दामन कभी ना छूटे,आप हमसे हम आपसे कभी ना रूठे,इस कदर निभाये अपने प्यार को हम,धड़कने खामोश हो जायें पर,ये रिश्ता कभी ना टूटे।
भले ही तुम कितने भीपुराने यार हो मेरेमैने दोस्ती निभानीतुमसे ही सिखी थी।
मुझे एक इश्क मुकम्मल करना हैहाँ ये सच है मुझे तुमसे निकहा करना है !
हर नज़र को एक नज़र की तलाश है,हर चेहरे में कुछ खास है,आपसे दोस्ती हम यू ही नहीं कर बैठे,क्या करें हमारी पसंद हे कुछ खास है.
ये हकीकत है जिंदगी की जिसे मैंने अनुभव किया है, कदर करने वालों की कभी जिंदगी में कदर नहीं होती।
पहले प्यार हो जाने पे नींद नहीं आती है, और प्यार के बिछड़ जाने पे भी नींद नहीं आती है..!!!
रिश्तों में सदा प्यार की मिठास रहे !कभी न मिटने वाला एक एहसास रहे !कहने को तो छोटी सी है यह जिंदगी !मगर दुआ है कि सदा आपका साथ रहे !!
उसने होठो से छू कर दरिया का पानी गुलाबी कर दिया… हमारी तो बात और थी उसने मछलियों को भी शराबी कर दिया….!!
उस की यादों में क्या खीचाव है! उसको याद करते ही हवा ग़मगीन हो जाती हैं !!
मैंने तो देखा था बस एक नजर के खातिरक्या खबर थी की रग रग में समां जाओगे तुम।
तेरी बेवफाई ने हमारा ये हाल कर दिया है,हम नहीं रोते, लोग रोते हैं हम देखकर ।
सुना है दिल से याद करो तो खुदा भी आ जाता है, .. हमने तो साँसों को भी दाँव पे लगा दिया फिर भी अकेले रहे !!
जी भर गया है तो बता दो, ~ हमें इनकार पसंद है….इंतजार नहीं…!
कटा जब शीश सैनिक का तो हम खामोश रहते हैं। कटा एक सीन पिक्चर का तो सारे बोल जाते हैं।।
दोस्ती शब्द का मतलब बड़ा ही मस्त होता हैं,दों हस्ती जब दों हस्ती मिलती है,तब दोस्ती होती है.
वो जिस दिन करेगा याद मेरी मोहब्बत कोरोयेगा बहुत खुद को बेवफा कह कर
हम तो आँखों में संवरते हैं वहीं संवरेंगे हम नहीं जानते आईने कहाँ रखें हैं!!
कुछ तो बेवफ़ाई मुझमें भी है, ~ ज़िंदा हूँ ,….तेरे बगैर…
ख़बर उस बेखबर की ला देती ~ तुझ से इतना भी ए सबा न हुआ
कभी हो मुखातिब तो कहूँ क्या मर्ज़ है मेरा, ~ अब तुम दूर से पूछोगे तो ख़ैरियत ही कहेंगे…
गुरुर तो नहीं करते पर इतना यकीन जरुर है !अगर याद नहीं करोगे तो भुला भी नहीं पाओगे !!
कौन कहता है कफ़न सफेद होता हैमैंने लाल जोड़े में भी जनाजा देखा है.!
आपकी दोस्ती की एक नजर चाहिए,दिल है बे-घर उसे एक घर चहिए,बस यूही साथ चलते रहो ‘ऐ दोस्त’ये दोस्ती हमे उम्र भर चाहिए.
तुम क्या समझ पाओगी मेरे प्यार की कशिश, ~ जिसने फ़र्क़ ही नहीं समझा पसन्द और प्यार में.
राख बेशक़ हूँ मगर मुझ में हरक़त है अभी भी ~ जिसको जलने की तमन्ना हो हवा दे मुझको
दोस्ती आम है लेकिन ऐ दोस्तदोस्त मिलता है बड़ी मुश्किल से।
मुझे तुमसे मोहब्बत हो गई है,ये दुनिया खूबसूरत हो गयी है,खुदा से रोज़ तुम्हे मांगता हूँ,मेरी चाहत, मेरी इबादत हो गयी है।
वो जिंदगी भी मौत से कम नहीं हैं,अगर दिल में रहनेवाले जिंदगी मेंनही हैं !
धड़कन के भी कुछ उसूल होते हैं, ये भी हर किसी का नाम सुनकर तेज़ नहीं होती..!!
मेरी नजरो को आज भी तलाश हे तेरी बिन तेरे ख़ुशी भी उदास हे मेरी खुदा से मांगा हे तो सिर्फ इतना मरने से पहले आपसे मुलाक़ात हो मेरी.
कोई लम्बी छोड़ी बात नहीं है, बस यही कहना चाहती हूँ तेरे हाथों में हाथ देकर, मेह्फूस रहना चाहती हूँ..!!
किस कदर एहतमाम करते हो ~ दिल दुखाना सवाब हो जैसे!!!
गुजरा करो इधर से भी होकर कभी-कभी, आ जाया करो नज़र हमें भी कभी-कभी, जानते हैं कि रूठना आदत है तुम्हारी, लगती है ये आदत भी अच्छी तुम्हारी कभी-कभी…
हाल पूछा न खैरियत पूछी…. …. आज भी उसने, हैसियत पूछी.
सारे फैसले खुदा के ~ फिर दिल लगाने की गलती मेरी कैसे…
हुआ जो यह मन हलका तो उड़ने लगता है गर कहीं हो जाए भारी फिर बरसने लगता है!!!
जीवन में किसी को रूलाकर हवन भी करवाओगे तो कोई फायदा नहीं और अगर रोज किसी एक आदमी को भी हंसा दिया तो आपको अगरबत्ती भी जलाने की जरूरत नहीं!
तुझ पर आकर खत्म हो गई सरहदें प्यार की, ~ अब उठते नहीं कदम मेरे किसी और मंज़िल के लिये
ज़रूरी है कि बारिश जैसी लड़कियों कोप्रेम हो जाए रेगिस्तान सरीखे लड़कों से ।
मेरे पास मेरा कुछ भी नही,तुम भी थे तो किसी और के … !
कहा जाऊंगा मैं तुम्हे छोड़कर ,कि तुम्हारे बिना जब रात नहीं गुज़रती –तो ज़िंदगी कैसे गुज़रेगी।
मुझे छूकर एक फकीर ने कहाअजीब लाश है सांस भी लेती है।
पायेदारी क्या कि एक ही लहर से गिर गए ~ कुछ मकां तूफ़ान की झूठी खबर से गिर गए!
मोहब्बत में उस शख़्स से हारे हैजो कहता था कि हम सिर्फ तुम्हारे है.!
प्यार मोहब्बत आशिकी.ये बस अल्फाज थे.मगर.. जब तुम मिले तब इन अल्फाजो को मायने मिले
तेरी तस्वीर से आज तेरा हाल पूछा, कैसे भूल गए आप हमारा प्यार पूछा कभी कहते थे तेरे बिना रह नहीं सकेंगे, अब कैसे रह रहे हैं ये सवाल पूछा..!!
जब परेशान होता हूँ,दोस्तों से बात कर लेता हूँ,जब उदास होता हूँ,दोस्तों से मुलाक़ात कर लेता हूँ.
जमाने भर की नीयत ‘बेनकाब’ हो गयी.. **************************************** 35
अच्छा हुआ जो हमको वक़्त पर ठोकर लगी ~ छूने चले थे चाँद दरिया में देख कर
मेरी हर एक बात अधूरी हो गई मेरी हर एक मुलाक़ात अधूरी हो गई कहना तो उससे बहुत कुछ खास था लेकिन मेरी वो रात ही अधूरी हो गई.
हम जब भी आपकी दुनिया से जायेंगे,इतनी खुशियाँ और अपनापन दे जायेंगे,कि जब भी याद करोगे इस पागल दोस्त को,हँसती आँखों से आँसू निकल आयेंगे.
चाँद सी शक्ल जो अल्लाह ने दी थी तुम को, ~ काश रौशन मिरी क़िस्मत का सितारा करते
अश्क बह कर भी कम नहीं होते, ~ आँखें कितनी अमीर होती हैं..
वो जो ख़ामोशी की एक पतली लकीर उभरी थी न.. ~ अब सरहद बन चुकी है.. तेरे मेरे दरमियाँ…..
पहले प्यार की पहली मुलाकात हमेशा याद रहती है, ये वो हसीं पल है जिन्हें कभी भुलाया नहीं जा सकता !
आसान नहीं है हमसे शायरी में जीत पाना,हमने जो लिखा है मोहब्बत कर के लिखा है!
मीठी-मीठी यादें पलकों में सजा लेना,साथ गुज़रे पल को दिल में बसा लेना,नज़र ना आऊं दिल में अगर,मुस्कुरा कर मुझे सपनो में बुला लेना।
उम्मीद ऐसी हो जो जीने को मजबूर करे, राह ऐसी हो जो चलने को मजबूर करे, महक अपनी दोस्ती की कम न हो कभी, दोस्ती ऐसी हो जो मिलने को मजबूर करे।
ख़ुशी मानव त्रासदी से ध्यान भटकाना है।
सोचते थे नज़रन्दाज़ करेंगे उसे उसी की तरह पर नहीं कर सकते वो ज़ुल्म जिसका दर्द हम जानते हैं!!!
अच्छा लगा देख कर तुम मिलने आये तो सही, हक़ीक़त में नहीं तो ख्वाबो में ही सही।
समझा ना कोई दिल की बात को,दर्द दुनिया ने बिना सोचे ही दे दिया,जो सह गए हर दर्द को हम चुपके से,तो हमको ही पत्थर दिल कह दिया।
यूँ ख्वाब बनकर , नींदों में ना आया करो…., . समझदार बनो, खुद आ जाया करो… **************************************
अजीब किस्सा है जिन्दगी का, ~ अजनबी हाल पूछ रहे हैं ~ और अपनो को खबर तक नहीं.
अगर ना लिखते तो ख़ाक हो गये होतेदिल में ही नहीं रूह में भी सुराख हो गये होते ।
हम तो दुश्मनी भी दुश्मन की औकात देख के करते हैं, क्यूंकि दुश्मनी का असली मजा तो अपने से ज्यादा ताकतवर दुश्मन से करने में आता है!!
“क्या गिला है तुम को, इतने बदगुमां क्यूं हो तुम को चाहा है, तुम से तो कुछ चाहा नही……..”