Mehndi Par Shayari In Hindi : किस्मत की लकीरें भी आज इठलाई है, तेरे नाम की मेहँदी जो हाथों अपर रचाई है. तेरे मेहँदी लगे हाथों पे मेरा नाम लिखा है, ज़रा से लफ्ज़ में कितना पैगाम लिखा है.
“ इन हाथों में लिखके मेहँदी से सजना का नाम,जिसको मैं पढ़ती हूँ सुबह शाम…!!
#अगर मोहब्बत उनकी कमाल ना होती तो मेरे हाथों की मेहंदी भी यूँ लाल ना होती!!!
“ होठों पर हंसी न होतो हाथों में मेहँदी नहीं लगाई जाती हैइश्क़ किसी और से होतो किसी गैर से शादी नहीं रचाई जाती है….!!
#इन हाथों में मेहंदी लगाये बैठे हो सच-सच बताओं किस-किसका नाम छुपाये बैठे हो!!!
दिन भर खफा थी मुझ से मगर चाँद रत को मेहँदी से मेरा नाम लिखा उस ने हाथ पैर
खुदा ही जाने क्यूँ तुम हाथो पे मेहँदी लगाती हो, बड़ी नासमझ हो फूलों पर पत्तों के रंग चढ़ाती हो.
“ सु-र्ख़रू होता है इंसाँ ठोकरेंखाने के बाद रंग लाती हैहिना पत्थर पे पिस जाने के बाद….!!
“ उसे शक है हमारी मुहब्बत पर लेकिन,गौर नहीं करती मेहँदीका रंग कितना गहरा निखरा हैं….!!
“ दोनों का मिलना मुश्किल हैदोनों हैं मजबूर बहुत उस के पाँव मेंमेहंदी लगी है मेरे पाँव में छाले है…!!!
कुछ रिश्तें मेहँदी के रंग की तरह होते है शुरुवात में चटख, बाद में फीके पड़ जाते है
हमारा दिल चुराए बैठे हे,वो जो सर झुकाये बैठे हे।हमने कहा हमारा दिल लौटा दो,वो बोली हम तो हाथो में,,मेहँदी लगाए बैठे हे।
#मोहब्बत भी हाथों पर लगी मेहंदी की तरह होती हैं कितनी भी गहरी क्यूँ ना हो आखिर फीकी पड़ ही जाती हैं!!!
ख्वाब ही सही मग़र खूबसूरत बहोत था, मेरा चेहरा तेरी बाज़ु़ओ की गिरफ़्त में था.
मुझे क्या गर्व हो अपनी विभा काचिता का धूलिकण हूँ, क्षार हूँ मैंपता मेरा तुझे मिट्टी कहेगीसमा जिसमें चुका सौ बार हूँ मैं
अगर हो सके तो मुझे अपने हाथो की लकीरो में बसा लियो, अगर ये ना हो सके तो अपने हाथो में मेरे नाम की मेहँदी रचा लियो।
तू वह, रचकर जिसे प्रकृतिने अपना किया सिंगार,तू वह जो धूसर में आयीसुबज रंग की धार।
चुरा के ले गई है दिल आशिक का,वो तो आज कमाल लग रही है।
कुछ और जज्बातो को बेताब किया उसने आज मेहंदी वाले हाथो से आदाब किया उसने।
लगाकर उसने हाथों में मेहंदीकमाल ही कर डालाकुछ चाहने वाले मर गए कुछ ने शहर ही बदल डाला__!!Mahendi Pe Shayari
मुख से न कभी उफ कहते हैं, संकट का चरण न गहते हैं,जो आ पड़ता सब सहते हैं, उद्योग-निरत नित रहते हैं,शूलों का मूल नसाने को, बढ़ खुद विपत्ति पर छाने को।
तुम्हारे हाथों की मेहंदी,सदा यूं ही महकती रहे।खुशियों का ये सिलसिला,तेरे संग हमेशा चलता ही रहे।
लब-ए-नाज़ुक के बोसे लूँ,तो मिस्सी मुँह बनाती है।कफ़-ए-पा को अगर चूमूँ,तो मेहंदी रंग लाती है।
खुदा-ऐ-रेहमत तू मेरा हो जाये !!वरना अंजाम मेरा बहुत बुरा होगा !!रचाये जो अगर तूने मेहंदी से हाथ अपने !!वो मेहंदी नहीं मेरे दिल का खून होगा !!
उन्हीं के हाथों की मेहँदी दिलों को भाती है,जो घर-आँगन में अपने संग खुशियां लाती है।
#वो जो सर झुकाए बैठे हैं हमारा दिल चुराए बैठे हैं हमने कहा हमारा दिल हमें लौटा दो वो बोले हम हाथों में मेहंदी लगाये बैठे हैं!!!
चलो, उसे कुछ प्यार मिला है। उसका एक तरफ मेरा नाम है।
मेहंदी के धोके मत रहज़ालिम निगाह कर तूख़ूँ मेरा दस्त-ओ-पासे तेरे लिपट रहा है..!!
“ मेहँदी जो मिट करहाथों पर रंग लाती हैदो दिलों को मिलाकरकितनी खुशियाँ दे जाती है….!!
चोटें खाकर बिफरो, कुछ अधिक तनो रे धधको स्फुलिंग में बढ़ अंगार बनो रे
सब तरह का सुकून मुझ में समाया होतेरा दिल मुझसे से जुड़करमुझमें आया होतू बहुत दूर तक चले मेरे साथतुझसे जुदा कभी न मेरा साया होGood Morning Jaan Shayari
होठों पर हंसी न हो तो हाथों में मेहँदी नहीं लगाई जाती है, इश्क़ किसी और से हो तो किसी गैर से शादी नहीं रचाई जाती है.
माना की सब कुछ पा लूँगामैं अपनी ज़िन्दगी मेंमगर वो तेरे मेहँदी लगे हाथमेरे न हो सके..!!
अम्बर में कुन्तल-जाल देख,पद के नीचे पाताल देख,मुट्ठी में तीनों काल देख,मेरा स्वरूप विकराल देख।सब जन्म मुझी से पाते हैं,फिर लौट मुझी में आते हैं।
प्यार करने की ज़रूरत हो तुम, जो न हो सकी पूरी, ऐसी हसरत हो तुम.
हाथों की मेहंदी गालों पर निखर कर आई है, तेरे लबों की लाली ने यह महफ़िल सजाई हैं।
दिल समंदर से भी गहरा होता है, फिर कोई क्यों नही समाया इसमें ‘तेरे सिवा’.
भाई पर भाई टूटेंगे,विष-बाण बूँद-से छूटेंगे,वायस-श्रृगाल सुख लूटेंगे,सौभाग्य मनुज के फूटेंगे।आखिर तू भूशायी होगा,हिंसा का पर, दायी होगा।’
कच्ची-पक्की नीम की निम्बोलीसावन जल्दी आयो रे म्हारो दिल धड़क जाए सावन जल्दी आयो रे हरियाली तीज की शुभकामनाएं
“ कैसे भूल जाऊँ मैं उसकोजो चाहता है इस कदरहथेली की मेहंदी में लिखा हैउसने मेरा नाम छिपाकर….!!!
चुरा के ले गई है दिल आशिक का,वो तो आज कमाल लग रही है।
चले आओ ना अब कहाँ गुम हो, कितनी बार कहूं? मेरे दर्द की दवा तुम हो.
“ मेहँदी के पत्ते जैसाहो जाना चाहता हूँ,मिटकर भी खुशियाँदे जाना चाहता हूँ….!!
वक्त के साथ मेहंदी का रंग उतर जाता है, पर चाहत के रंग अपने दिल से कैसे उतारोगी?
“ उन्हीं के हाथों की मेहँदीदिलों को भाती हैजो घर-आँगन मेंअपने संग खुशियां लाती है….!!
#हम चाहत के अफसाने लिखते रहे वो भी हमें दूर से ताकते रहे जब हमने इजहार करने को हाँथ थामा तो मेहंदी से रंगा उनका हाथ पाया!!!
तूने जो मेहँदी वाले हाथों में मेरे नाम लिखा है,तुम कहो या न कहो, तुम्हारे दिल का प्यार मुझे दिखा है..!!
आजमाइश होंगी पहले तो मोहब्बत की,बाद में उनके नाम के मेहँदी की ख्वाइश होंगी।
शादी के सात फेरों के वक्त, खामोश खड़ा एक शख्स थादुल्हन की मेहंदी में आज भी बस उसका ही अक्स था !!
तुम्हारी थी शरारत मेहंदी से हथेली पे नाम लिखना, और मुझे रुसवा कर दिया तुम ने यूंही खेलते खेलते।
मेहँदी जब तुम मेरे नाम का लगाती हो,तो क्या इसे तुम अपनी सहेलियों को भी दिखती हो !!
सुनो प्यार तो तुमसे करते हैंलड़ाई करने और कही थोड़ी जायेंगे।Good Morning Shayari Love
बेशक कोरोना हो जायेलेकिन मुझे नाईट किश रोज़ चाहिएसमझे पगलू।
कल रात दीवारों ने मेरे मन की आहट सुन ली, सुबह उठा तो मोहबत मेरे सामने खड़ी थी.
मेरा मन झूम-झूम नाचेगाए तीज के हरियाले गीतआज पिया संग झूलेंगेसंग में मनाएंगे हरतालिका तीजहरतालिका तीज की शुभकामनाएं
उसके हाथ में मेंहदी है लेकिन वह खुश नहीं है एक महिला के धैर्य का कितना बड़ा सबूत है।
#कौन कहता हैं हाथों की मेहंदी प्यार का रंग बताती हैं वो देख ले अगर एक नजर ये आँखे भी रंग इश्क दिखाती हैं!!!
मुझे भी फ़ना होना था, तेरे हाथों की मेहँदी की तरह, ये गम नहीं मिट जाने का, तू रंग देख निखरा हूँ किस तरह।
#मेरे हाथों की मेहंदी की वो महक तेरी बातों में वो कशिश और चहक आज भी याद हैं पहली मुलाकात का खुमार आज भी आबाद हैं!!!
“ लड़की के हाथों पर जबमेहँदी रचाई जाती हैतो बहुत सारे रिश्तोंकी अहमियत बताई जाती है….!!
हाथों की लकीरों पर बड़ा गुरूर था, किसी और के नाम की मेहँदी ने तोड़ दिया।
उदयाचल मेरा दीप्त भाल,भूमंडल वक्षस्थल विशाल,भुज परिधि-बन्ध को घेरे हैं,मैनाक-मेरु पग मेरे हैं।दिपते जो ग्रह नक्षत्र निकर,सब हैं मेरे मुख के अन्दर।
अगर मुहब्बत उनकी कमान की न होती,तो मेरे हाथों की मेहँदी भी यूँ लाल न होती।
#मैं ना लगाऊंगी मेहंदी तेरे नाम की कमबख्त रंग चढ़ कर उतरता ही नहीं!!!
“ मेरे प्यार की मेहँदी सजाकरकिसी और का घर बसाने चली है वोमुझे बर्बाद करकेकिसी और को बर्बाद करने चली है वो….!!
तेरे हाथों के मेहंदी का रंग गहरा लाल है,क्योंकि मेरे इश्क़ का चाहत बेमिसाल है।
हमेशा के लिए रख लो ना, पास मुझे अपने कोई पूछे तो बता देना, किरायेदार है दिल का.
यह देख, गगन मुझमें लय है,यह देख, पवन मुझमें लय है,मुझमें विलीन झंकार सकल,मुझमें लय है संसार सकल।अमरत्व फूलता है मुझमें,संहार झूलता है मुझमें।
मेहँदी वाले हाथ वो तेरे पायल वाले पांव,याद बहुत आते हैं मुझको तू और अपना गाँव।
याद बनकर जो तू मेरे साथ रहती है तेरे इस एहसान का सौ बार शुक्रिया.
कैसे भूल जाऊँ मैं उसको, जो चाहता है इस कदर हथेली की मेहंदी में लिखा है उसने मेरा नाम छिपाकर.
“ मल रहे हैं वो अपने घर मेहंदीहम यहाँ एड़ियाँ रगड़ते हैं…!!
स्वातन्त्रय जाति की लगन व्यक्ति की धुन हैबाहरी वस्तु यह नहीं भीतरी गुण है वीरत्व छोड़ पर का मत चरण गहो रेजो पड़े आन खुद ही सब आग सहो रे