Mehndi Par Shayari In Hindi : किस्मत की लकीरें भी आज इठलाई है, तेरे नाम की मेहँदी जो हाथों अपर रचाई है. तेरे मेहँदी लगे हाथों पे मेरा नाम लिखा है, ज़रा से लफ्ज़ में कितना पैगाम लिखा है.
एक तू और एक तेरी मोहब्बत, इन दो लब्जो में है दुनिया मेरी. 🌹😘❤️
हाथों की लकीरों पर बड़ा गुरूर था,किसी और के नाम की मेहँदी ने तोड़ दिया..!!
मेहंदी में क्यों ढूंढते हो नाम अपना,आंखों में बसी तस्वीर देख लो मेरी।
पलती है दिल का रस पीकरसबसे प्यारी पीर,बनती है बिगड़ती रहतीपुतली में तस्वीर।
इन हाथों मेंलिख के मेहँदी से सजना का नाम,जिसको मैं पढ़ती हूँ सुबह शाम !!
प्यार को मेरे अपनेमेहंदी के रंग जैसा मत समझना..रंग तो उड़ जाएगा एक दिनमेरे प्यार को इस कदर मत नापना..!!
दूध-दूध औ वत्स मंदिरों में बहरे पाषान यहाँ हैदूध-दूध तारे बोलो इन बच्चों के भगवान कहाँ हैं
रातभर बेचारी मेहंदी पिसती हैं पैरों तले क्या करू, कैसे कहूँ रात कब कैसे ढले…
“ मेहंदी ने ग़ज़ब दोनोंतरफ़ आग लगा दी,तलवों में उधर और इधर दिल में लगी है….!!
“ अपने हाथों कीलकीरों मे मुझको बसाले,ये मुमकिन नहीं तोमेहंदी मे मुझको रचाले….!!
धड़कनों में बसते हैं कुछ लोग, जुबान पे नाम लाना ज़रूरी नही होता.
तेरे हाथों की मेहँदी में मेरे प्यार का भी रंग है, तू किसी और का हो जा, पर तेरा प्यार मेरे संग है.
जब कभी अहम पर नियति चोट देती हैकुछ चीज़ अहम से बड़ी जन्म लेती हैनर पर जब भी भीषण विपत्ति आती हैवह उसे और दुर्धुर्ष बना जाती है
तुम्हारे जीवन में हमेशा ही खुशियों के फुल खिलें, दुआ करता हूं रब से कि मेरी प्यारी भांजी को जीवन में सफलता मिलें।
मेहंदी में लिखे मेरे नाम के अल्फाज,मोहब्बत के सफर की कहानी है।संग चलने के वादे हैं इसमें,महक में उसकी ये शाम सुहानी है।
“ मेहंदी ने ग़ज़ब दोनोंतरफ़ आग लगा दीतलवों में उधर औरइधर दिल में लगी है….!!
वो मेरे सामने जब आके मुस्कुराती थी !!मेरी आँखों मे देख कर वो शर्मा जाती थी !!
“ मेहंदी लगाए बैठे हैंकुछ इस अदा से वो,मुट्ठी में उनकी देदे कोई दिल निकाल के….!!
पड़ जाता चस्का जब मोहकप्रेम-सुधा पीने का,सारा स्वाद बदल जाता हैदुनिया में जीने का।
कब्र-कब्र में अबोध बालकों की भूखी हड्डी रोती हैदूध-दूध की कदम-कदम पर सारी रात होती है
तेरे हाथों की मेंहदी की वो महकतेरी बातों में वो कशिश और चहकआज भी याद हैं....पहली मुलाकात का ख़ुमारआज भी आबाद हैं......©कुँवर की कलम से...✍
अच्छा लगता है हर रात तेरी यादों में खो जाना, जैसे दूर होकर भी तेरी बाहों में सो जाना.
मुझे कुछ और चाहिए ही नहीं मेरी किस्मत सेअगर किस्मत मुझे तुमसे मिला दे आई लव यू सो मच।
मेहँदी मेरे लहू की मुबारक हो आप को रंग-इ-हिना है इस में और खुशबू-इ-वफ़ा भी है
मैत्री की राह बताने को,सबको सुमार्ग पर लाने को,दुर्योधन को समझाने को,भीषण विध्वंस बचाने को,भगवान हस्तिनापुर आये,पांडव का संदेशा लाये।
तू पूछ लेना सुबह से न यकीन हो तो शाम से, ये दिल धड़कता है सिर्फ तेरे ही नाम से.
“ लड़की के हाथों परजब मेहँदी रचाई जाती हैतो बहुत सारे रिश्तों कीअहमियत बताई जाती है….!!
दिल की धड़कन बनकर दिल में रहोगे तुम, जब तक सांस है साथ रहोगे तुम..
आपको पाकर अब खोना नहीं चाहतेइतना खुश होकर अब रोना नहीं चाहतेयह आलम है आपके मिलने का आँखों मेंनींद है मगर सोना नहीं चाहते।Good Morning Love Shayari
“ पूरी मेहंदी भी लगानीनहीं आती अब तकक्यूँ कर आया तुझेग़ैरों से लगाना दिल का…!!!
मैं तेरे हाथों पर रच जाऊँगा मेहँदी की तरह,तू मेरा नाम कभी हाथों पर सजा कर तो देख !!
तुम्हें भूलने का तो सवाल ही नहीं है. मेरे खूबसूरत पलो का हिसाब हो तुम.
तू हमेशा रहे मेरे साथ में,जल्दी मेहंदी रचे मेरे हाथ में..!!
“ मेहेंदी का है ये कहनाअपने पिया के संग रहनामेहंदी के रंग का है ये कहनारंग छूटे पर पिया का संग ना छूटे….!!
“ पीपल के पत्तों जैसा मतबनो जो वक्त आने परसूख कर गिर जाते है बनना हैतो मेहँदी के पत्तों जैसा बनो…!!
तुम स्वयं मृत्यु के मुख पर चरण धरो रे जीना हो तो मरने से नहीं डरो रे
किस्मत की लकीरें भी आज इठलाई है, तेरे नाम की मेहँदी जो हाथों अपर रचाई है।
खुदा-ऐ-रेहमत तू मेरा हो जाये, वरना अंजाम मेरा बहुत बुरा होगा, रचाये जो अगर तूने मेहंदी से हाथ अपने वो मेहंदी नहीं मेरे दिल का खून होगा.
मिला है आज मुझे ज़िन्दगी का वो तोहफा, जिसे पाने के लिए किसी और ने की थी तमन्ना
मुस्कान आती है चेहरे पर हमारी, जब उनकी यादों में सिर्फ और सिर्फ हम होते है.
मेहंदी ने ग़ज़ब दोनों तरफ़ आग लगा दी,तलवों में उधर और इधर दिल में लगी है।
मदहोश कर देती है हरियाली तीज की बहार गाता है ये दिल झूम कर जब झुलु में सखियों के साथ तीज की हार्दिक शुभकामनाएं
“ मेहेंदी का है ये कहनाअपने पिया के संग रहनामेहंदी के रंग का है ये कहनारंग छूटे पर पिया का संग ना छूटे….!!
महबूब के दिल पर प्यार कीजैसे बरसात है छाई..नैनों में कजरा लगाया मैंनेहाथों पर मेहंदी सजाई..!!
आज इस दिल की ख़ुशी का कोई ठिकाना नहीं है क्योंकि हमारे नाम की मेहँदी उनके हाथो में
नहीं समझ सके नजरों का जादू, फिर क्या समझोगे मोहब्बत में ओ बाबू.
“ दोनों का मिलना मुश्किल हैदोनों हैं मजबूर बहुत,उस के पाँव में मेहंदी लगी हैमेरे पाँव में छाले हैं….!!
मेहँदी जब तुम मेरे नाम का लगाती होतो क्या इसे तुम अपने सहेलियों को भी दिखती हो..!!
मेहंदी ने ग़ज़ब दोनों तरफ़ आग लगा दी तलवों में उधर और इधर दिल में लगी है
मेहंदी हाथो पे लगा कर,वो मुस्करा रहीं थीं,मेरे अरमानों को दफन कर,वो नया घर बसा रही थीसुमित परिहार !!
हाथो में मेहँदी आज फिर लगा ली हे,आज फिर तुम्हे सोचकर खुद का नाम लिख लिया हे।
तू हज़ार बार रूठेगी फिर भी मानालूंगा तुझसे प्यार किया है कोई गुनाहनहीं जो तुझसे दूर होकर खुदको सजा दूंगा।
दबी सी आग हूँ भीषण क्षुधा कादलित का मौन हाहाकार हूँ मैंसजग संसार, तू निज को सम्हालेप्रलय का क्षुब्ध पारावार हूँ मैं
जो कहती थी तुमसे ज्यादा कोई हमें इस,दुनिया में प्यारा नहीं हैं दुल्हन बनी बैठी हैं,,वो और मेहंदी में नाम भी हमारा नहीं हैं।
त्यौहार उत्सव उमंग खुशियों की हर बेला प्यारी शादी विवाह धूमधाम से हिना से खुशियां हमारी
मेरे हाथों की लकीरों में वो नहीं उसके हाथों की मेहँदी में मैं नहीं. mere hathon ki lakiron me wo nahi uske hathon ki mehndi me mai ni.
जिनकी बाँहें बलमयी ललाट अरुण हैभामिनी वही तरुणी, नर वही तरुण हैहै वही प्रेम जिसकी तरँग उच्छल हैवारुणी धार में मिश्रित जहाँ गरल है
दुआं में आज फिर उसको 'कुबूल' होना थालगा के हाथ मे 'मेहंदी' सिसक के रोना था
तीज का त्यौहार है उमंगो का त्यौहारफूल खिले है बागो मै बारिश की फुवारदिल से आप सब को मुबारक हो तीज का एव त्यौहार
अपने हाथों की लकीरों मे मुझको बसाले, ये मुमकिन नहीं तो मेहंदी मे मुझको रचाले…
क्षमा, दया, तप, त्याग, मनोबलसबका लिया सहारापर नर व्याघ्र सुयोधन तुमसेकहो, कहाँ, कब हारा ?
मेरे प्यार की मेहँदी सजाकर !!किसी और का घर बसाने चली है वो !!मुझे बर्बाद करके !!किसी और को बर्बाद करने चली है वो !!
तुमसे उम्र भर इश्क़ करेंगे ये ठान लिया है, तेरे हंसते मुखड़े को ही जिंदगी मान लिया है.
मेहंदी का रंग तो कुछ दिनों में मिट जाता हैइश्क़ का रंग तो मौत के साथ ही जाता है !!
कैसे भूल जाऊ मैं उसको जो चाहता हैं इस कदर,हथेली की मेहंदी में लिखा हैं उसने मेरा नाम छिपाकर।
पहले तो मोहब्बत की आजमाईश होगी, बाद में उसके नाम के मेहँदी की ख़्वाहिश होगी।
महेंदी का रंग तो फीका पड़ गया है,मगर तेरे प्यार का रंग तो जैसा था वैसा ही है…
वो जो सर झुकाए बैठे हैं हमारा दिल चुराएबैठे हैं हमने कहा हमारा दिल लौटा दो वो बोलेहम तो हाथों में मेहंदी लगाये बैठे हैं..!!
है कौन विघ्न ऐसा जग में, टिक सके वीर नर के मग में ?खम ठोंक ठेलता है जब नर, पर्वत के जाते पाँव उखड़।मानव जब जोर लगाता है, पत्थर पानी बन जाता है।
जी चाहे कि दुनिया की हर एक फ़िक्र भुला कर, दिल की बातें सुनाऊं तुझे मैं पास बिठाकर.
महबूब के दिल पर प्यार की जैसे बरसात है छाई,नैनों में कजरा लगाया मैंने हाथों पर मेहंदी सजाई।
तूने जो मेहँदी वाले हाथों में मेरे नाम लिखा है, तुम कहो या न कहो, तुम्हारे दिल का प्यार मुझे दिखा है.