Mehndi Par Shayari In Hindi : किस्मत की लकीरें भी आज इठलाई है, तेरे नाम की मेहँदी जो हाथों अपर रचाई है. तेरे मेहँदी लगे हाथों पे मेरा नाम लिखा है, ज़रा से लफ्ज़ में कितना पैगाम लिखा है.
#मेहंदी लगाये बैठे हैं कुछ इस अदा से वो मुट्ठी में उनकी दे दे कोई दिल निकाल के!!!
जब कुपित काल धीरता त्याग जलता हैचिनगी बन फूलों का पराग जलता हैसौन्दर्य बोध बन नई आग जलता हैऊँचा उठकर कामार्त्त राग जलता है
इस क़दर जलते दिल से उतर जाओं जा कुछ दिन लगते हैं हाथों से हिना मिटने में
उद्दाम प्रीति बलिदान बीज बोती हैतलवार प्रेम से और तेज होती है
#मेहंदी लगा कर जा रही हो मेरी मोहब्बत को सबसे छिपा रही हो सुना था बहुत दिल वाली हो तुम फिर क्यूँ मेरे दिल में आग लगा रही हो!!!
शराब तो यूँ ही बदनाम है।हमने तो मोहब्बत के नशे में,लोगों को मरते हुए देखा है।Good Morning Meri Jaan
जिसे निशि खोजती तारे जलाकरउसी का कर रहा अभिसार हूँ मैंजनम कर मर चुका सौ बार लेकिनअगम का पा सका क्या पार हूँ मैं
मैं न वह जो स्वप्न पर केवल सही करते,आग में उसको गला लोहा बनाता हूँ,और उस पर नींव रखता हूँ नये घर की,इस तरह दीवार फौलादी उठाता हूँ।
“ तुम्हारी थी शरारत मेहंदीसे हथेली पे नाम लिखना,और मुझे रुसवा कर दियातुम ने यूंही खेलते खेलते….!!
ख़ुशी की खबर देने तेरे घर आएंगेअँधेरे से भरे घर को चिराग से जलाएंगेहमेशा नज़र चुराए रहते हैं आपकभी नज़रें उठा के देखिये
इश्क़ तो वो हमसे करते थे लेकिन अपने हाथ में मेहँदी वो किसी और के नाम की रचा के बैठे थे।
“ होठों पर हंसी न हो,तो हाथों में मेहँदी नहीं लगाई जाती है,इश्क़ किसी और से हो,तो किसी गैर से शादी नहीं रचाई जाती है…!!
मेहँदी वाले हाथ वो तेरे पायल वाले पांव,याद बहुत आते हैं मुझको तू और अपना गाँव !!
“ माना कि सब कुछ पा लुँगामैं अपनी जिन्दगी में मगर वो तेरेमेहँदी लगे हाथ मेरे ना हो सकेंगे….!!
सज धज के मैंने लगादी महेंदी हाथों में,इंतेज़ार है बस तेरा, कब आके तुम चुम लो,और महेंदी का रंग गहेरा हो जाये…Mahendi Pe Shayari
वो दिन भी क्या खूब होगा, जब तेरे हाथ की मेहँदी में मेरा नाम होगा।
भेदों का ज्ञाता, निगूढ़ताओं का चिर ज्ञानी हैमेरे प्यारे देश ! नहीं तू पत्थर है, पानी हैजड़ताओं में छिपे किसी चेतन को नमन करूँ मैं ?
मंगलमय हो पंथ सुहागिन,यह मेरा वरदान;हरसिंगार की टहनी-सेफूलें तेरे अरमान।
हवाई बारिशें क्या अब,तो मेहंदी पायल भी सवाल करती है।कौन होगा वो दिलदार,जिसके लिए तू भी एक श्रृंगार करती है।
“ मेहंदी का रंग तो कुछदिनों में मिट जाता हैइश्क़ का रंग तो मौतके साथ ही जाता है….!!
सामने बैठा करो दिल को करार आता है, जितना तुम्हे देखते हैं उतना ही प्यार आता है.
“ मेहंदी के धोके मत रहज़ालिम निगाह कर तूख़ूँ मेरा दस्त-ओ-पासे तेरे लिपट रहा है….!!
तेरे मेहँदी लगे हाथों पे मेरा नाम लिखा है !!ज़रा से लफ्ज़ में कितना पैगाम लिखा है !!
जिंदगी भर पहनना चाहूं मैं,चूड़ियां सिर्फ तेरे नाम की।रचाई है मेहंदी भी हाथों पर,सजना आज तेरे नाम की।-Gauri
शादी में लगी मेहँदी का रंगकभी नहीं छूटता हैऐसे मौके पर ना जाने कितनेआशिकों का दिल टूटता है !!
तेरे हाथों में लगी मेहंदी महकाती है मेरे मन को,तुम्हारी यह प्यारी मुस्कान बहकाती है मेरे तन को।
मुझसे नफरत ही करनी है तो इरादे मज़बूत करना,ज़रा से भी चुके तो मोहब्बत हो जाएगी।। Good Morning Meri Jaan
#तुम्हारे नाम की मेहंदी लगाये बैठे हैं चले भी आओं हम खुद को सजाये बैठे हैं!!!
#आज फिर लगा ली हैं हाथों में मेहंदी आज फिर तुम्हे सोचकर खुद का नाम लिख लिया हैं!!!
इश्क की बेकरारी इस कदर बढ़ी है, सांसों से ज्यादा अब तू ज़रूरी है.
वो मेरे हाल पर रोया भी मुस्कुराया भी, अजीब शख्स है अपना भी है पराया भी.
खुदा ही जाने क्यूँ तुम हाथो पे मेहँदी लगाती हो, बड़ी नासमझ हो फूलों पर पत्तों के रंग चढ़ाती हो।
कयामत भी आये तोभी जुदा नही कर शकति अब,तूने जो रख ली है हाथो में महेंदी मेरे नाम की….
मेहँदी लगा लो उसके नाम की, जो मोहब्बत हो आप की. mehndi laga lo uske naam ki jo mohabbat ho aap ki.
किस्मत की लकीरें भी आज इठलाई है,तेरे नाम की मेहँदी जो हाथों अपर रचाई है।
समाना चाहता, जो बीन उर मेंविकल उस शून्य की झंकार हूँ मैंभटकता खोजता हूँ, ज्योति तम मेंसुना है ज्योति का आगार हूँ मैं
मेरे हाथों की लकीरों में वो नहीं,उसके हाथों की मेहँदी में मैं नहीं।
दूध-दूध दुनिया सोती है लाऊँ दूध कहाँ किस घर सेदूध-दूध हे देव गगन के कुछ बूँदें टपका अम्बर से
इश्क़ के मौत का मैंने मातम मनाया है,उन्होंने अपनी हाथों में आज मेहँदी लगाया है।
यादों के भंवर में एक पल हमारा हों,खिलते चमन में एक गुल हमारा हों,और जब याद करें आप अपनों कोतो उस याद में एक नाम हमारा हो।Good Morning
तुम्हारे जीवन में दुनिया भर की खुशियां हो सारी, ख्वाबों की हर मंजिल आपकी यही दुआ है हमारी, फुलों की तरह महकती रहे भांजी जिंदगी तुम्हारी।
खुदा ही जाने क्यूँ तुम हाथो पे मेहँदी लगाती हो,बड़ी नासमझ हो फूलों पर पत्तों के रंग चढ़ाती हो !!
ना होकर भी तुम मौजूद हो मुझमें, क्या खूब तुम्हारा वजूद है मुझमें.
मेहंदी लगाए बैठे हे तुम्हारे नाम की,चले भी जाओ हम खुद को सजाये बैठे हे।
जो अगणित लघु दीप हमारेतूफानों में एक किनारे,जल-जलाकर बुझ गए किसी दिनमाँगा नहीं स्नेह मुँह खोलकलम, आज उनकी जय बोल।
तू मेरे दिल पे हाथ तो रख हम तेरे हाथ पे दिल रख देंगे.
तेरे हाथ की मेहँदी कुछ इस तरह जच रही हैं जिस तरह हम एक साथ जचते है।
मेहंदी लगाए बैठे हैं कुछ इस अदा से वो,मुट्ठी में उन की दे दे कोई दिल निकाल के।
दुनिया में मैं अपने आपको सबसे खुशनसीब मानता हूं, क्योंकि नन्ही सी राजकुमारी का मामा कहलाता हुं।
हरियाली तीज है उमंग भरा त्यौहारबरसे अंगना मेरे बारिश की फुहारदिल से हमारी तरफ से हो आपकोमुबारक ये हरा-भरा तीज का त्यौहार
उन आँखों की दो बूंदों से सातों सागर हारे हैं,जब मेहँदी वाले हाथों ने मंगल-सूत्र उतारे हैं।
“ मेहेंदी का है ये कहना अपनेपिया के संग रहना मेहंदी केरंग का है ये कहना रंगछूटे पर पिया का संग ना छूटे….!!
चमका न करो जुगनू की तरह रात को,ले जाउंगा मुट्ठी में किसी रोज़ छुपा कर।
“ इश्क़ का मेहँदी जबदिल पर चढ़ जाता हैतो ख़ुद की नजरों मेंइश्क़ का कद बढ़ जाता है….!!
हमें उनके प्यार का नशा बेशुमार है, हम कैसे कहें कि हमे उनसे प्यार है.
वो मोहब्बत ही क्या जो दिल, की बातें लफ़्ज़ों में बयां की जाए.
वो लम्हा बना दो मुझे.. जो गुजर कर भी.. तुम्हारे साथ रहे.
“ जमाने के आगे दिलका हाल छुपाये बैठे है,नादान है वो जो मेहंदीमें मेरा नाम छुपाये बैठे है….!!
आदमी का स्वप्न? है वह बुलबुला जल काआज उठता और कल फिर फूट जाता हैकिन्तु, फिर भी धन्य ठहरा आदमी ही तो?बुलबुलों से खेलता, कविता बनाता है।
“ रातभर बेचारी मेहंदीपिसती हैं पैरों तले,क्या करू, कैसे कहूँरात कब कैसे ढले….!!
“ मेहरबानी होगी आपकी मुस्कान दिख जाएचेहरे पर सजे आपके पैगाम दिख जाएपर्दो में न छिपाओ आंखों का तुम काजलकाश के मेहंदी में तुम्हारी हमारा नाम दिख जाए….!!
“ तेरे हाथों की मेहँदीमें मेरे प्यार का भी रंग हैतू किसी और का होजा पर तेरा प्यार मेरे संग है…..!!
पीला चीर, कोर में जिसकेचकमक गोटा-जाली,चली पिया के गांव उमर केसोलह फूलों वाली।
चुरा के दिल वो मुठ्ठी मे दबाएँ बैठे है, बहाना ये बनाते है के मेंहदी लगाएँ बैठे है.
#आज फिर मेहंदी लगी हैं इन हाथों में ना रंग उसका ना नाम उसका!!!
“ चुरा के दिल मेरामुठ्ठी में छिपाए बैठे हैऔर बहाना ये हैकि मेहंदी लगाए बैठे है….!!!
मम्मी पापा की है वो राजदुलारी, मामा के लिए है उसकी भांजी सबसे निराली।
मेहंदी का रंग चढ़ा ऐसे मेरे हाथों में जैसे तेरा इश्क चढ़ा था मेरी सांसों में!!!
“ हाथों की मेहंदी गालोंपर निखर कर आई हैं,तेरे लबों की लाली नेयह महफ़िल सजाई हैं….!!
किस्मत की लकीरें भी आज इठलाई है, तेरे नाम की मेहँदी जो हाथों अपर रचाई है.
“ ज़ुल्फ बिखेरे उसकी मोहब्बतमुझे नुमाइश सी लगती हैउसके हाथों पे लगी मेहंदी मुझेपराई सी लगती है….!!
मेहंदी लगाने का जो ख़याल आया आप को सूखे हुए दरख़्त हिना के हरे हुए