Mehndi Par Shayari In Hindi : किस्मत की लकीरें भी आज इठलाई है, तेरे नाम की मेहँदी जो हाथों अपर रचाई है. तेरे मेहँदी लगे हाथों पे मेरा नाम लिखा है, ज़रा से लफ्ज़ में कितना पैगाम लिखा है.
तू हमेशा रहे मेरे साथ में,जल्दी मेहंदी रचे मेरे हाथ में।
लब-ए-नाज़ुक के बोसे लूँतो मिस्सी मुँह बनाती हैकफ़-ए-पा को अगर चूमूँतो मेहंदी रंग लाती है..!!
#तेरी मेहंदी वो देखंगे तो अपना दिल रख देंगे मेहंदी रूप सवारे मेहंदी रंग निखारे!!!
पहले तो उसकी चूड़ियां ही जानलेवा थी,उपर से जालिम ने हाथो पर मेहंदी लगा ली…
नाम तेरा मेहंदी वाले हाथो में छुपा कर,कैसे मैं किसी और से वफा निभाऊं।
मेहंदी की मोहक महक मदमस्त हो मधुमास प्यार के मोती बरसते उमंगे छू लेती आकाश
मेहंदी ने ग़ज़ब दोनों तरफ़ आग लगा दी,तलवों में उधर और इधर दिल में लगी है..!!
मेहँदी लगा लो उसके नाम की, जो मोहब्बत हो आप की.
किसी और के रंग में रंगने लगे है वो,मेरी दुनिया बेरंग कर, किसी गैर की याद में हँसने लगे है वो।
आपके चेहरे पर मुस्कान हमेशा ऐसे ही रहें, कोई भी गम मेरी भांजी के पास ना रहे, मेरी यही दुआ है कि मेरी भांजी कभी भी परेशान ना रहे।
मखमल के पर्दों के बाहर, फूलों के उस पारज्यों का त्यों है खड़ा, आज भी मरघट-सा संसार
तेरे हाथों की मेहँदी ने उड़ा दिया हवास दिल का सोचे तो झुक जाये न सोचे तो हलचल मचाये
हवाई बारिशें क्या अबतो मेहंदी पायल भी सवाल करती हैकौन होगा वो दिलदारजिसके लिए तू भी एक श्रृंगार करती है !!
सब- कुछ पा लिया जिंदगी मेंमगरवो तेरे मेहंदी वाले हाथ नहीं पा सका_!!
मेरी भांजी की कोयल जैसी मिठी बोली सबको लुभा जाती है, अब दिल के हर एक कोने में उसकी ही सुरत नजर आती है।
चढ़ तुँग शैल शिखरों पर सोम पियो रे योगियों नहीं विजयी के सदृश जियो रे
मेहँदी के पत्ते जैसा हो जाना चाहता हूँ, मिटकर भी खुशियाँ दे जाना चाहता हूँ।
अम्बर पर अपनी विभा प्रबुद्ध करो रे गरजे कृशानु तब कँचन शुद्ध करो रे
मेहंदी लगाए बैठे हैं कुछ इस अदा से वो,मुट्ठी में उनकी दे दे कोई दिल निकाल के..!!
उन्हीं के हाथों की मेहँदी दिलों को भाती है,जो घर-आँगन में अपने संग खुशियां लाती है!!
किस्मत की लकीरें भीआज इठलाई हैतेरे नाम की मेहँदी जोहाथों अपर रचाई है !!
“ क्या हुआ जो उसने रचा ली मेहंदी,हम भी अब सेहरा सजाएंगे,पता है वो मेरे नसीब में नहीं है,अब उसकी छोटी बहन को पटाएंगे….!!
तेरे मेहंदी लगे हाथों पे मेरा नाम लिखा है,जरा से लफ्ज में कितना पैगाम लिखा है !!
खुदा ही जाने क्यूँ तुम हाथो पे मेहँदी लगाती हो..! बड़ी नासमझ हो फूलों पर पत्तों के रंग चढ़ाती हो..!!
वो मेहंदी तेरे नाम की खुशबू तेरे प्यार की,अपने आंचल से बांध ली हर तस्वीर तेरे दीदार की।
सच है, विपत्ति जब आती है, कायर को ही दहलाती है,शूरमा नहीं विचलित होते, क्षण एक नहीं धीरज खोते,विघ्नों को गले लगाते हैं, काँटों में राह बनाते हैं।
कुछ और ज़ज़्बातों को बेताब किया उसने, आज मेहंदी वाले हाथों से आदाब किया उसने…
मेहंदी लगाए बैठे हैं कुछ इस अदा से वो,मुट्ठी में उनकी दे दे कोई दिल निकाल के..!!
हाथों की लकीरों में उनका नाम नहीं !!फिर भी हम मेहँदी से लिख लिया करते है !!
तेरे हाथों के मेहंदी का रंग गहरा लाल है,क्योंकि मेरे इश्क का चाहत बेमिसाल है !!
सुनुँ क्या सिंधु, मैं गर्जन तुम्हारास्वयं युग-धर्म की हुँकार हूँ मैंकठिन निर्घोष हूँ भीषण अशनि काप्रलय-गांडीव की टंकार हूँ मैं
मेहेंदी का है ये कहना,अपने पिया के संग रहना,मेहंदी के रंग का है ये कहनारंग छूटे पर पिया का संग ना छूटे !!
अपने हाथों की लकीरों मे मुझको बसाले,ये मुमकिन नहीं तो मेहंदी मे मुझको रचाले !!
“ तेरे हाथो की हिनादेख कर ये आलम हैमैंने कुछ दिन से तोखाना भी नही खाया है…!!!
दिल तो उन्होंने हमसे लगा रखा है, लेकिन अपनी हाथो की मेहँदी में नाम किसी और का लिखवा रखा है।
मुमकिन नहीं है किसी और से दिल लगना, तुमसे प्यार ही इतनी शिद्दत से करते हैं.
हर एक रिश्ते से मिलती है एक पहचान, दुनिया में मैं सबसे ज्यादा ही खुशनसीब समझता हूं अपने आपको जो कि मिला मुझे मामा होने का सम्मान।
मेहँदी लगाते वक्त वो मुस्कुरा रही थी, और यहां हमारे आँखों से नमी आ रही थी।
कुछ और ज़ज़्बातों को बेताब किया उसने,आज मेहंदी वाले हाथों से आदाब किया उसने..!!
दोस्ती और मेहंदी में फर्क नही होता,दोनो एक काम कर जाती है।जिंदगी मैं खुशियों के रंग देती है,और खुद फना हो जाती है।
मेहँदी जो मिट कर हाथों पर रंग लाती है,दो दिलों को मिलाकर कितनी खुशियाँ दे जाती है !!
#मेहंदी हाथों पे लगाकर वो मुस्कुरा रही थी मेरे अरमानों को दफ़न कर वो नया घर बसा रही थी!!!
सुबह शाम तू मेरी इबादत सा लगे, जो कभी न छूटे वो आदत सा लगे.
यू भी कभी तूफान से हम लड़ झगड़ गए !!हाथो की मेहंदी देख कर पर हम बिखर गए !!
भीतर ही भीतर चिल्लाई होगी !!हाथों में जब मेहन्दी सजाई होगी !!मैंने उजाड़ दी जिन्दगी उसकी !!ये बात उसने खुद को समझाई होगी !!
#उसने हाथों पर मेहंदी लगा रखी थी हमने भी अपनी बारात सजा रखी थी क्यूंकि हमें मालूम था वो बेवफा निकलेगी इसलिए हमने भी उसकी सहेली पटा रखी थी!!!
दिल की धड़कन बन कर दिल में रहोगे तुम, जब तक सांस है तब तक मेरे साथ रहोगे तुम.
तुम्हारे हाथों में सजी है मेहंदी ये मेरे नाम की,उम्र भर साथ चलेंगे हम कसम है अपने प्यार की।
दूर तुम हो फिर भी,तुम्हारा एहसास मेरे साथ है।मेहंदी जो रचाई तेरे नाम की,महकता मौसम आज है।
अच्छा लगता हैं तेरा नाम मेरे नाम के साथ, जैसे कोई खूबसूरत जगह हो हसीन शाम के साथ.
अपनी जिंदगी में माना की में सब कुछ पा लूंगा,मगर वो मेहँदी वाले हाथ मेरे न हो सके।
तेरी मेहंदी में मिरे ख़ूँ की महक आ जाए फिर तो ये शहर मिरी जान तलक आ जाए
हाथों की मेहंदी गालों पर निखर कर आई है,तेरे लबों की लाली ने यह महफ़िल सजाई हैं !!
उंगते हुये सुरज की किरण जिंदगी में खुशियों की सौगात लाए, मेरी भांजी अपने जो भी सपने देखे वो पुरे हो जाएं।
लेकिन होता भूडोल, बवण्डर उठते हैं,जनता जब कोपाकुल हो भृकुटि चढाती हैदो राह, समय के रथ का घर्घर-नाद सुनो,सिंहासन खाली करो कि जनता आती है ।
“ खुदा-ऐ-रेहमत तू मेरा हो जायेवरना अंजाम मेरा बहुत बुरा होगारचाये जो अगर तूने मेहंदी से हाथ अपनेवो मेहंदी नहीं मेरे दिल का खून होगा….!!
हम गुनहगारों के क्या ख़ून का फीका था,रंग मेहंदी किस वास्ते हाथों पे रचाई प्यारे।
मेरे प्यार का रंग भी हे तेरे हाथो की मेहँदी में,तू किसी और की हो जा पर तेरा प्यार मेरे संग हे।
वो मेहंदी तेरे नाम की खुशबू तेरे प्यार की,अपने आंचल से बांध ली हर तस्वीर तेरे दीदार की।
अब्दों, शताब्दियों, सहस्त्राब्द का अन्धकारबीता, गवाक्ष अम्बर के दहके जाते हैंयह और नहीं कोई, जनता के स्वप्न अजयचीरते तिमिर का वक्ष उमड़ते जाते हैं ।
दुनिया का सबसे कीमती तोफा हमसफर हैजो कीमत से नहीं किस्मत से मिलता है!Good Morning Jaan Shayari
वसुधा का नेता कौन हुआ? भूखण्ड-विजेता कौन हुआ ?अतुलित यश क्रेता कौन हुआ? नव-धर्म प्रणेता कौन हुआ ?जिसने न कभी आराम किया, विघ्नों में रहकर नाम किया।
मुझे भी फ़ना होना था,तेरे हाथों की मेहँदी की तरह,ये गम नहीं मिट जाने कातू रंग देख निखरा हूँ किस तरह!!
मुझे भी फ़ना होना था,तेरे हाथों की मेहँदी की तरह।ये गम नहीं मिट जाने का,तू रंग देख निखरा हूँ किस तरह।
ऐसा करने से लोगो को आपके संस्कारो का पता चलेगा जिस से लोगो का ध्यान आपकी और केन्द्रित होगा और श्रोते आपकी और खीचे चले आयेगे
यह सिर्फ एक मेंहदी लॉज है नहीं तो उन्हें हाथों की जरूरत नहीं है।
“ वो जो सर झुका के बैठे हैंहमारा दिल चुराये बैठे हैंहमने उनसे कहा हमारा दिल हमे लौटा दोतो बोले हम तो हाथो मेंमेहँदी लगा के बैठे हैं…!!
“ तेरे हाथों के मेहंदीका रंग गहरा लाल है,क्योंकि मेरे इश्क़का चाहत बेमिसाल है…!!
मुकम्मल छोड़ दो या सिर्फ मेरे हो जाओ, हमे अच्छा नहीं लगता कभी खोना कभी पाना.
मेहंदी लगा कर जा रही हो,मेरी मोहब्बत को सबसे छिपा रही हो।सुना था बहुत दिल वाली हो,तुम फिर क्यूँ मेरे दिल में आग लगा रही हो।
कुछ रिश्तें मेहँदी के रंग की तरह होते है,शुरुवात में चटख, बाद में फीके पड़ जाते है।
चुरा के दिल मेरा मुठ्ठी में छिपाए बैठे हैऔर बहाना ये है कि मेहंदी लगाए बैठे है..!!