Mausam Shayari In Hindi : विचार हो जैसा वैसा मंजर होता है,मौसम तो इंसान के अंदर होता है. रुका हुआ है अज़ब धुप छाँव का मौसम,गुज़र रहा है कोई दिल से बादलों की तरह..!!
आज मौसम भी बड़ी बेईमानी कर रहा है !!खुद तो अच्छे से देख रहा है उन्हें !!पर म देखूं !!तो परेशानी कर रहा है !!
अपने किरदार को मौसम से बचाए रखनालौट कर फूलो में वापस नहीं आती खुशबू।
बरसात का बादल तो दीवाना है क्या जाने,किस राह से बचना है किस छत को भिगोना है।
तब्दीली जब आती हैमौसम की अदाओं मेंकिसी का यूँ बदल जानाबहुत ही याद आता है।
सुहाने से मौसम में, रूहानी सी बात कह गई,उससे प्यार नही करना था, मगर प्यार हो गई.
दिसंबर में मौसम भी कति प्यारा होता है !!होता ठंडा है मगर !!फिर भी सबका दुलारा होता है !!
मेरे दिल को तोड़कर तू मिलने का बहाना न कर,दर्द हमने बहुत सहे है, इस मौसम को सुहाना न कर.
रोये वो इस कदर उनकी लाश से लिपटकर कि लाश खुद उठ कर बोली, “ले तू मरजा पहले, . . . . . . उपर ही चढे जा रहा है इतनी गर्मी में।”
काश तुझे सर्दी के मौसम मे लगे मुहब्बत की ठंड,और तू तड़प कर माँगे मुझे कम्बल की तरह..!
हर दफ़ा बारिश उसका पैग़ाम लेकर आती है,और मेरे बंजर से दिल को हरा भरा कर जाती है।
याद आई वो पहली बारिशजब तुझे एक नज़र देखा थाyaad aai vo pahali baarish jab tujhe ek nazar dekha tha
अगर भीगने का इतना ही शौक है,बारिश मे तो देखो ना मेरी आँखों मे,बारिश तो हर एक के लिए होती है,लेकिन ये आँखें सिर्फ तुम्हारे लिएबरसती है ।
कुछ तो मौसम ए हवा भी सर्द थी कुछ था तेरा ख्याल !!भी दिल को खुशी के साथ साथ होता रहा मलाल भी !!
ये बारिश का मौसम, और तुम्हारी याद।चलो फिर मिलते है ,एक कप चाय के साथ।।
प्यार करने का मौसम नहीं आता हैं !!पर जब तुम सामने आते हो !!तो हर मौसम मजेदार बन जाता हैं !!
ऐसे मौसम में तेरी कमी खलती है !!दिल में तेरी याद और पलती है !!छोड़ कर सब कुछ आजा मेरे पास !!इन शामों को मेरे यार बना दे ख़ास !!
जब लुत्फ़ का मंजर देखता रहता हूँ बारिश में, बदन जलता है और मैं भीगता रहता हूँ बारिश में !
जो आना चाहो हज़ारों रास्ते न आना चाहो तो हज़ारों बहाने मिज़ाज-ऐ-बरहम , मुश्किल रास्ता बरसती बारिश और ख़राब मौसम.
पतझड़ में सिर्फ पत्ते गिरते हैं नज़रों,से गिरने का कोई मौसम नहीं होता..!!
लो एक दफा फिर से बदल गया मौसम बिलकुल तुम्हारी ही तरह।
जिसे भीगने का डर होता है,वो बारिश का मजा कहाँ ले पाता है,जिसे बिछड़ने का डर होता है,वो सच्चा इश्क़ कहाँ कर पाता है.
दिन छोटे और रातें लम्बी हो चली है,मौसम ने यादों का वक्त बढा दिया..!!
मजबूरियाँ ओढ़ के निकलता हु !!में आजकल वरना शौक तो आज भी हे !!बारिश में भीगने का !!
सावन के महीने में भीगे थे हम साथ में, अब बिन मौसम भीग रहे है तेरी याद में !
आज मौसम कितना खुश गंवार हो गया खत्म सभी का इंतज़ार हो गया बारिश की बूंदे गिरी कुछ इस तरह से लगा जैसे आसमान को ज़मीन से प्यार हो गया!
हर एक बूंद गुजरे लम्हों की याद दिलाती है, प्यार की कहानी फिर से बनाती है।
प्यासे दो दिल बरसो बाद मिल रहे थे बिना !!मौसम के बरसात तो होनी ही थी!!
तुम्हारे शहर का मौसम बड़ा सुहाना लगे !!मैं शाम चुरा लूँ अगर बुरा न लगे !!
क्यों आग सी लगा के गुमसुम है चाँदनी !!सोने भी नहीं देता मौसम का ये इशारा !!
क्या भरोसा बदलते मौसम कारंग कल कुछ था आज और है कुछ
मुझे फ़ुरसत ही कहाँ मौसम सुहाना देखूं मैं तेरी याद से निकलूं तो ज़माना देखूं।
हम कि रूठी हुई रुत को भी मना लेते थे !!हम ने देखा ही न था मौसम-ए-हिज्राँ जानाँ !!
बारिश सुहानी और मोहब्बत पुरानी, जब भी मिलती है नई सी लगती है।
तुम अपना गम भूल जाओगे दोस्त,जिस दिन बारिश में नहाओगे दोस्त…!
कहीं फिसल ना जाओ ज़रा संभल के रहना,मौसम बारिश का भी है और मुहब्बत का भी..
वो मेरे रूबरू आया भी तोबरसाद के मौसम मेंमेरे आंसू बह रहे थे और वोबरसाद समझ बैठा।
मौसम को मौसम की बहारों ने लूटा,हमे कश्ती ने नहीं किनारों ने लूटा।।
इन बदलो में अब वो बारिश कहा,जो तेरे होने पर थी…!
कभी कभी तो ऐसा लगता है मेरी जान,ये बारिश सिर्फ हम दोनो के लिए बनी है…!
कुछ तो हवा भी सर्द थी कुछ था तेरा ख़याल भी, दिल को ख़ुशी के साथ साथ होता रहा मलाल भी।🌬️☁️
बरसता भीगता मौसम धुआं धुआं होगा,पिघलती शम्मों पे दिल का मेरे गुमां होगा…!!
मौसम भी है सुहाना बारिश भी हो रही है !!बस एक कमी है तेरा मुझसे गले लग जाना !!
ना मुस्कुराता हु ना खता पिता हुगर्मी के मौसम में फड़फड़ाता हुपहाड़ो पे बस जाने का जी करता हैपॉकेट पतला हो चूका है सोच के ठहर जाता हु
बरसात की बूंदें जब तपकाती है। हर एक बूंद सपनों को सजाती है।
हम से पूछो मिजाज बारिश का,हम जो कच्चे मकान वाले है…!
बारिश आती है प्यार बढ़ाने के लिए, मगर आप घर के बाहर निकलते ही नहीं !
गर्मी के मौसम का भी एक पल आता है,जिसमे आधे कपड़े और ठंडे
सूरज की रौशनी और हवाओं की लहर,मौसम की खुशनुमा रंगीन बहार,मौसम के इस खेल में भटकती जाएं,खुद को खो जाएं, सपनों में खो जाएं।
जब भी बसंत आऐ, धरा भी इतराए,पीले पीले फूलों से सज कर मंद मंद शर्माए…
जब तुम अपनी जुल्फों को यू आज़ादकरती होमानो ज़म्में पर घटा छा जाती हो !
जैसा मूड़ हो वैसा मंजर होता है..मौसम तो इंसान के अंदर होता है…
ये दिल सर्द है सर्दियों के मौसम सा, अब सयाना हो गया ये पहले था मासूम सा।
सोचता हूँ उस मासूम का दिल कितना मुलायम होगा !!इसीलिए मौसम बदलते रहेंगे मगर प्यार कायम होगा !!
साहिल. रेत. समंदर लहरें बस्ती .जंगल सहरा दरिया !!खुशबू मौसम फूल दरीचे बादल सूरज चाँद सितारे !!आज ये सब कुछ नाम तुम्हारे !!
सुना है आज तुम फिर मुझसे खफा ह!!जाने कैसे मगर मौसमो को भी यह पता है!!
कम से कम अपनी जुल्फे तो बांध लिया करोकमबख्त बेवजह मौसम बदल दिया करते हैं!!!
बलखाने दे अपनी जुल्फों को हवाओं में,जूड़े बांधकर तू मौसम को परेशां न कर..!!
इससे पहले कहीं रूठ न जाएँ मौसम अपने !!धड़कते हुए अरमानों एक सुरमई शाम दे दें !!
मौसम कोई सा भी हो,तुम हमेशा सुन्दर दिखती हो !!
सदाबहार हैं तुम्हारी यादें ओर ख़्वाब तुम्हारेन कोई पतझड़ न कोई बसंत इनका।
ये मौसम भी कितना प्यार है; करती ये हवाएं कुछ इशारा है; जरा समझो इनके जज्बातों को; ये कह रही हैं किसी ने दिल से पुकारा है।
मेरी सादगी से इश्क कर पाओ तो बताना,माना के मेरा चहरा इतना खास नही है…!
लुत्फ़ जो उस के इंतज़ार में है !!वो कहाँ मौसम-ए-बहार में है !!
अगर मेरी चाहते के मुताबिक़ज़माने में हर बात होतीतो बस में होता और वो होतीऔर सारि रात बरसाद होती।
कुछ तो तेरे मौसम ही मुझे रास कम आए,और कुछ मेरी मिट्टी में बग़ावत भी बहुत थी।
बरसात के मौसम में खुद को भिगा दें,दिल बहुत रोया है, आखों को भी रूला दें.
बारिश का मौसम और तुम्हारी यादचलो फिर से मिले एक कप चाय के साथ
बारिश का कोई रंग तो नही होता,मगर इनके बिना प्यार बेरंग है…!
उदास ज़िन्दगी उदास वक्त उदास मौसम !!कितनी चीज़ों पे इल्ज़ाम लग जाता है तेरे बात न करने से !!
हर किसी के जीवन में एक ऐसा वक़्त आता है !!जिसे दिल से चाहों वो मौसम की तरह बदल जाता है !!
कुछ दर्द कुछ नमी कुछ बातें जुदाई की !!गुजर गया ख्यालों से तेरी याद का मौसम !!
शहर देखकर ही अब हवा चला करती है !!अब इंसान की तरह होशियार मौसम होते हैं !!तुम मौसम की तरह बदल रही हो !!मैं फसल की तरह बरबाद हो रहा हूँ !!