Mausam Shayari In Hindi : विचार हो जैसा वैसा मंजर होता है,मौसम तो इंसान के अंदर होता है. रुका हुआ है अज़ब धुप छाँव का मौसम,गुज़र रहा है कोई दिल से बादलों की तरह..!!
गर्मी वाले मौसमी मज़े !!ठंडे पानी से नहाने का मजा !!ठंडी कुल्फी को खाने का मज़ा !!निम्बू पानी को बनाने का मज़ा !!भरी गर्मी में बत्ती जाने का मज़ा !!
कुछ तो हवा भी सर्द थीकुछ था तेरा ख़याल भी,दिल को ख़ुशी के साथ साथहोता रहा मलाल भी।
शहर देखकर ही अब हवा चला करती है।अब इंसान की तरह होशियार मौसम होते हैं।।
उदास छोड़ गया वो हर एक मौसम को !!ग़ुलाब खिलते थे कल जिसके मुस्कुराने से !!
यूँ ही शाख से पत्ते गिरा नहीं करते,बिछड़ के लोग भी ज्यादा जिया नहीं करते।जो आने वाले हैं मौसम उनका एहतराम करो,जो दिन गुजर गए उनको गिना नहीं करते।।
सच्चे प्यार को छोड़कर जो अकेले चले तुम !!बदला है अब मौसम तो क्यों ना बदले हम !!
प्यार में एक ही मौसम है बहारों का मौसम लोग !!मौसम की तरह फिर कैसे बदल जाते हैं फ़राज़ !!
आज मौसम ने मूड सुहावना बना रखा हैचलो अंदर चलते है बेफ़िजूली बातों में क्या रखा है
लुत्फ़ जो उस के इंतज़ार में है।वो कहाँ मौसम-ए-बहार में है।।
तेरे लिए कोई और नहीं,बस मैं भीगता हु अकेला…!
तुम्हारी याद दिला देता !!जाने अनजाने में मुझे रुला देता !!
सुना है बारिश में दुआ क़बूल होती है अगर हो इज्जाजत तो मांग लू तुम्हे.
ऊपर से तो सूरज की गर्मी ने सता रखा है !!नीचे इस लड़की की अग्नि ने जला रखा है !!
चंचल हवाएं भी बरसात को निभा रही है, हर एक पौधे को प्यार की आस दिखा रही है।
छु कर निकलती है जो हवाएँ तेरे चेहरे को,सारे शहर का मौसम गुलाबी हो जाता है।।
तुम्हारे शहर का मौसम बड़ा सुहानालगे,मैं शाम चुरा लूँ अगर बुरा न लगे.
जाता हुआ मौसम लौटकर आया है,मनाने की जिद हैकोशिश करके देख ले वह भी ,तू भी कितना ढीठ हैमौसम का नाम लू या तुम्हारीकिसी ने पूछा है बदलना किसे कहते हैं।।
किसने जाना है बदलते हुए मौसम का मिज़ाज !!उसको चाहो तो समझ पाओगे फ़ितरत उसकी !!
तेरे इंतजार का मजा ही कुछ और है !!अरे उसके आगे तो तेरे इस मौसम का मजा भी कमजोर है !!
कितनी भी तेज हो इस बार की बारिश,नही बदल सकती मेरी तुमसे मिलने की ख्वाइश…!
प्यार करने का मौसम नहीं आता हैं !!पर जब तुम सामने आते हो !!तो हर मौसम मजेदार बन जाता हैं !!
हमें बारिश इसलिए पसंद हेक्योकि बारिश में हम दिल खोलकररो सकते हे और किसी कोपता भी नहीं चलता
‘नहाना’ मेरी समझ से परे है – जिस शब्द के आगे ‘न’ है और पीछे ‘ना’ है, उस पर हाँ करवाने पर ये दुनिया क्यों तुली है।
ये मौसम कितना प्यार है !!खूबसूरत कितना यह नजारा है !!इश्क़ करने का गुनाह हमारा है !!मेरे सीने में धड़कता दिल तुम्हारा है !!
एक पुराना मौसम लौटा याद भरी पुरवाई भी,ऐसा तो कम ही होता है वो भी हो तन्हाई भी.
जो मजा आपके इन्तजार में है !!वो कहाँ मौसम-ए-बहार में है !!
मस्त मौसम दिल में बहार लता है !!बिछड़े हुआ जोड़े को फिर से मिलता है !!
तुम्हारे शहर का मौसम बड़ा सुहाना लगे मैं शाम चुरा लूँ अगर बुरा न लगे क़ैसर-उल जाफ़री.
मौसम हे बारिश का औरयाद तुम्हारी आती हेबारिश के हर कतरे से सिर्फतुम्हारी आवाज़ आती हे।
बरसात का बादल तो दीवाना है क्या जानेकिस राह से बचना है किस छत को भिगोना है
बादलों को गुरुर था कि वो उच्चाई पे है,जब बारिश हुई तो उसे ज़मीन की मिट्टी ही रास आयी।
तेरी याद में ये दिल मेरा मचल रहा है !!हद है इसकी भी इतनी सर्दी में भी जल रहा है!!
मौसम का कुछ ऐसा खुमार है !!मन करता चीख कर कह दू !!हमको तुमसे बहुत प्यार है !!
टूटे दिल से मत पूछों कौन-सा मौसम अच्छा लगता है !!जब वो साथ होता है तो हर मौसम अच्छा लगता है !!
मासूम मोहब्बत काबस इतना फसाना हैकागज की बसती औरबारिश का जमाना है।Masoom mohabbat kaBas itna fasaana haiKaagaz ki basti aurBarish ka zamana hai..!
मौसमों भी जनाब कई कई दिनों में बदलते हैं मगर आपका क्या कहें आप तो हर दिन बदलते रहते थे।
जो आना चाहो हज़ारों रास्तेन आना चाहो तो हज़ारों बहाने।मिज़ाज-ऐ-बरहम , मुश्किल रास्ताबरसती बारिश और ख़राब मौसम।।
महबूब के बिना हर मौसम उदास सा लगता है,महबूब हो पास तो हर मौसम ख़ास सा लगता है.
गुजारिश करता हूं कि उससे अकेले में मुलाकात हो, ख्वाहिश ए दिल है जब भी हो बरसात हो !
मौसम की मिसाल दूँ या नाम लूँ तुम्हारा,कोई पूछ बैठा है बदलना किसको कहते हैं..!!
मौसम का मिजाज समझ में नही आता है,यह भी इंसानों की तरह बेवफा हो जाता है.
मेरी तलाश का है जुर्म या मेरी वफा का क़सूर !!जो दिल के करीब आया वही बेवफा निकला !!
रहने दो कि अब तुम भी मुझे पढ़ न सकोगे !!बरसात में काग़ज़ की तरह भीग गया हूँ!!
गुल तेरा रंग चुरा लाए हैं गुलज़ारों में जल रहा हूँ भरी बरसात की बौछारो में.
आज बादल काले घने हैंआज चाँद पे लाखों पहरे हैंकुछ टुकड़े तुम्हारी यादों केबड़ी देर से दिल में ठहरे हैं
कुछ तो तेरे मौसम ही मुझे रास कम आए,और कुछ मेरी मिट्टी में बग़ावत भी बहुत थी।
भीगी भीगी बारिश का साज़ है,ये मौसम नही मेरे दिल की आवाज है…!
कोन कहता है के बारिश रुलाने आती है,इश्क सच्चा हो तो बारिश का इंतजार रहता है…!
आती जाती है जा-ब-जा बदली साक़िया जल्द आ हवा बदली. - इमाम बख़्श नासिख़
मौसम की मिसाल दूँ या तुम्हारी,कोई पूछ बैठा है बदलना किसको कहते हैं..!!
अपने घर संगएमलामत की हुई है बारिश बेगुनाही की सनद हम जो दिखाने निकले.
जिस वक़्त जिस पहर जिस मौसम भी तेरा आना होगा, मेरे लिए तो वही वही वक़्त वही पहर वही मौसम सुहाना होगा।
साहिल रेत समंदर लहरें बस्ती जंगल सहरा दरिया,खुशबू मौसम फूल दरीचे बादल सूरज चाँद सितारे,आज ये सब कुछ नाम तुम्हारे..!!
बरिश हो अगर उसमे तुम ना होतो फिर बरिश का मजा नहीं आता।
मौसम गए सुकून गया ज़िन्दगी गई,दीवानगी की आग में क्या-क्या गया न पूछ..!!
भूली यादों को याद कर के आज रोया हूँभूले जख्मो को आज फिर से म भिगोया हूँतभी ठंडी के मौसम में भी लंबी चदर को तान सोया हूँ।
कुछ नशा तेरी बात का हैकुछ नशा धीमी बरसात का है,हमे तुम यूँही पागल मत समझोयह दिल पर असर पहली मुलाकात का है।
सुनो ये बादल जब भी बरसता है,मेरा मन तुमसे मिलने को तरसता है…!
सुहाने मौसम में दिल भी कहीं भटक जाता हैउस गली में ही कहि फिर से दिल अटक जाता है
चन्द बूँदें क्या बरसीं बरसात की !!धूल की फ़ितरत ही बदल गयी !!
सर्दी में दिन सर्द मिला !!हर मौसम बेदर्द मिला !!
तपिश और बढ़ गई इन चंद बूंदों के बाद,काले स्याह बादल ने भी बस यूँ ही बहलाया मुझे..!!
नैनों से अब बारिश होती है मेरी, पलकों के कोनों से नींद रोती है मेरी।
बादलों से कह दो, जरा सोच समझ करबरसे, अगर मुझे उनकी याद आ गयी,तो मुकाबला बराबरी का होगा ।
उनसे कहना के किस्मत पर इतना नाज़ ना करे,हमने बारिश में भी जलते हुए मकान देखे हैं…!
खूब हौसला बढाया आँधियों ने धूल कामगर दो बूॅद बारिश ने औकात बता दी!
कुछ तो चाहत रही होंगी, इस बारिश की बूंदो की, वर्ना कौन गिरता है जमीन पर, आसमान तक पहुंचने के बाद !!
मौसम का रुख बदल रहा है मेरा मन मचल रहा है। कहता है मेहबूब से मिल ले अब दिल नहीं संभल रहा है।
अच्छा सुनो तुम अपना जरा ध्यान रखना,अभी मौसम बीमारी का भी हैं और इश्क का भी।।
आज मौसम ने मूड सुहावना बना रखा हैचलो अंदर चलते है बेफ़िजूली बातों में क्या रखा है
मौसम की मिसाल दूँ या तुम्हारी !!कोई पूछ बैठा है बदलना किसको कहते हैं !!
कोई मौसम हो दिल गुलिस्ताँ में !!आरज़ू के गुलाब ताज़ा हैं !!