1446+ Mausam Shayari In Hindi | मौसम शायरी और स्टेटस

Mausam Shayari In Hindi , मौसम शायरी और स्टेटस
Author: Quotes And Status Post Published at: September 19, 2023 Post Updated at: April 12, 2025

Mausam Shayari In Hindi : विचार हो जैसा वैसा मंजर होता है,मौसम तो इंसान के अंदर होता है. रुका हुआ है अज़ब धुप छाँव का मौसम,गुज़र रहा है कोई दिल से बादलों की तरह..!!

आज समय है रजाई का अविष्कार करने वाली महान आत्मा को शत-शत नमन करने का। कसम से कमाल की चीज बनाई है।

बरसात का मज़ा तेरे गेसू दिखा गए, अक्स आसमान पर जो पड़ा अब्र छा गए.

कभी बेपनाह बरस पड़ीकभी गुम सी हे ,ये बारिश भी कुछ – कुछ तुम्हारीजैसी हे।

बेईमान मौसम से पूछो !!कुछ हरकत कर रहा है !!बताता नहीं क्या !!ये मेरे हमसफर से डर रहा है!!

हँसाना नहीं बस रुलाना जानता हैये मौसम भी ना बस औरों को फसाना जानता है।

अपनी सी लगती है हर नमी अब तो,आँखों ने खुश्क मौसम कभी देखे ही नहीं…!!

उदास जिन्दगी लगती है,उदास वक़्त लगता है,उदास ये मौसम लगता है,जब उदास तू लगता है.

तुम अब भी मेरी चाहत का सितम है क्या,तेज़ बारिश में मेरा आना कम है क्या…!

रुका हुआ है अज़ब धुप छाँव का मौसम,गुज़र रहा है कोई दिल से बादलों की तरह.

तब्दीली जब आती है मौसम की अदाओं में,किसी का यूँ बदल जाना बहुत ही याद आता है..!!

मौसम ने ली कुछ ऐसी अंगड़ाई है, कि मोहब्बत भरी शामें आई है।

अरे बारिश का मौसम भी कुछ बता रहा है !!खुले बाल कर उनका यूँ मेरी तरफ चले आना !!ओह अरे मुझे शता रहा है !!

क्या लाजवाब था तेरा छोड़ के जाना !!भरी भरी आँखों से मुस्कुराये थे हम !!अब तो सिर्फ मैं हूँ और तेरी यादें हैं !!गुजर रहे हैं यूँ ही तन्हाई के मौसम !!

बारिश की बूंदों में जल रहा है दिल मेरा,हर तरफ तेरी यादों का धुआं धुआं सा है…!

मौसम की मिसाल दूँ या तुम्हारी कोई पूछ बैठा है !!बदलना किसको कहते हैं !!

इनपे कभी मौसम का असर क्यों नहीं होता !!रद्द क्यों तेरी यादों की उड़ाने नहीं होती !!

है एक लहजे को तेरे अपना लूंगा,मैं बारिश की तरह तुझे खुद में शमा लूंगा…!

अपने किरदार को मौसम से बचाए रखना !लौट कर फूलों में वापस नहीं आती खुशबू.”

बारिश की तरह बरसे मेरा इश्क टुमपर,तुम्हे भी ही जाए फिर इश्क का बुखार…!

बारिश और मोहब्बत दोनों ही, यादगार होते है बारिश में जिस्म, भीगता है और मोहबब्त में आंखे !

वो बारिश की तरह है दोस्त,अगर बरसे तो कायनात भीग जाए…!

इस बरसात में हम भीग जायेंगे,दिल में तमन्ना के फूल खिल जायेंगे,अगर दिल करे मिलने को तो यादकरना बरसात बनकर बरस जायेंगे..

सर्दी में दिन सर्द मिला !!हर मौसम बेदर्द मिला !!

यूँ ही शाख से पत्ते गिरा नहीं करतेबिछड़ के लोग भी ज्यादा जिया नहीं करतेजो आने वाले हैं मौसम उनका एतराम करोजो दिन गुजर गए उनको गिना नहीं करते।

मौसम ने बनाया है निगाहों को शराबी !!जिस फूल को देखूं वोही पैमाना हुआ है !!

खुद को इतना भी ना बचाया करो, बारिशे हुआ करे तो भीग जाया करो !

प्यार करने का मौसम नहीं आता हैं,पर जब तुम सामने आते हो, तो हरमौसम मजेदार बन जाता हैं।।

ये मौसम बारिश का अब पसंद नहीं मुझे,आंसू ही बहुत हैं मेरे भीग जाने के लिए।

ये मौसम कितना प्यार है !!खूबसूरत कितना यह नजारा है !!इश्क़ करने का गुनाह हमारा है !!मेरे सीने में धड़कता दिल तुम्हारा है !!

इस हसीं शाम ने मौसम बना रखा हैवैसे पीता तो नहीं पर फिर भी …….नशा पूरा चढ़ा रखा है।

प्यासे दो दिल बरसो बाद मिल रहे थे बिन मौसम के बरसात तो होनी ही थी।🌧️

यदि आप बारिश में भीगने का मजा नही ले रहे हैंतो बारिश की शायरी पढ़ने का मजा लीजिए.

दिन छोटे और रातें लम्बी हो चली हैमौसम ने यादों का वक्त बढा दिया.

कुछ दर्द कुछ नमी कुछ बातें जुदाई की,गुजर गया ख्यालों से तेरी याद का मौसम..!!

उसे छुआ तो दिसम्बर में प्यास लगने लगी,कि उसके ज़िस्म का मौसम तो जून जैसा है..!!

धूप भी खुल के कुछ नहीं कहती ,रात ढलती नहीं थम जाती है।सर्द मौसम की एक दिक्कत है ,याद तक जम के बैठ जाती है।

आ देख मेरी आँखों के !! ये भीगे हुए मौसम !!ये किसने कह दिया कि तुम्हें भूल गये हम !!

एक पुराना मौसम लौटा याद भरी पुरबाई भी !!ऐसा तो कम ही होता है वो भी हो तन्हाई भी !!

पतझड़ में सिर्फ पत्ते गिरते हैं,नज़रों से गिरने का कोई मौसम नहीं होता. Patjhad Me Sirf Patte Girte Hai, Nazaro Se Girne Ka Koi Mausam Nahi Hota.

ऊपर से तो सूरज की गर्मी ने सता रखा हैनीचे इस लड़की की अग्नि ने जला रखा है

अकेले हम ही शामिल नहींइस जुर्म में,नज़रे जब मिली तो मुस्कराएतुम भी थे ! 🍁

जब बेवफाई का मौसम आता है !!बात करने का लहजा बदल जाता है !!

शहर में बिखरी हुई हैं, ज़ख्म-ए-दिल की खुशबुएँ, ऐसा लगता है के दीवानों का मौसम आ गया।

किसी आंधी का नही,यहां बारिश का जिक्र है,मुझे मौसम की नही ,तेरी फर्क है…!

बलखाने दे अपनी जुल्फों को हवाओं में !!जूड़े बांधकर तू मौसम को परेशां न कर !!

सर्द मौसम में आग लगाया ना करों !!बाजार में जुल्फों को लहराया ना करों !!

सुहाने मौसम से मैं आज भी डरता हूँ,उसे भूलने की कोशिश आज भी करता हूँ.

फ़ैसले के लिए एक पल था बहुत,एक मौसम गया सोचते सोचते..!!

दूर तक छाए थे बादल और कहीं साया न था !!इस तरह बरसात का मौसम कभी आया न था !!

मौसम का  KUCH ऐसा खुमार है.  मन करता चीख कर कह दू- “हमको तुमसे बहुत  PYAR है “

जमाने भर का गम अपने कंधो पर उठा रखा हैनज़रों का कहर दिल में दबा रखा हैअपने मौसम को तो तूने सुहाना बना रखा हैहमारे मौसम को धुंए में जला रखा है

यूँ तो ख़्वाहिशें बहुत थी दिल को बारिशो की, अबके बरस अश्को से रू-ब-रू इरादे धूल गये।

जब तुम अपनी जुल्फों को यू आज़ाद करती हो मानो ज़म्में पर घटा छा जाती हो।

आपकी बातें बेमौसम बरसात जैसी लगती है !!जब जरूरत नहीं तभी बरसने लगती है !!

पहले मौसम पे तब्सिरा करनाफिर वो कहना जो दिल के अंदर है

मौसम गए सुकून गया ज़िन्दगी गईदीवानगी की आग में क्या-क्या गया न पूछ।।

एक पुराना मौसम लौटा याद भरी पुरबाई भी !!ऐसा तो कम ही होता है वो भी हो तन्हाई भी !!

लगता है आज मौसम खुशनुमा है। हुई नहीं बारिश फिर भी वो भीग रही है।

बारिश से मोहब्बत मुझे कुछ इस क़दर है, वो बरश्ता उधर है, और मेरा दिल धड़कता इधर है।

न जाने क्यू अभी आपकी याद आ गयी, मौसम क्या बदला बरसात भी आ गयी, मैंने छुकर देखा बूंदों को तो, हर बूंद में आपकी तस्वीर नज़र आ गयी…

तेरी जुल्फों के साये में कई मौसम गुजरे है !!हम तो मर ही गए थे !!लेकिन जिए तेरे उस मौसम के सहारे है !!

ना भिगो इस तेज बरसात में,मजाक अच्छा नहीं जानम मौसम के साथ में…!

उस ने बारिश में भी खिड़की खोल के देखा नहींभीगने वालों को कल क्या क्या परेशानी हुई।

तेरी गलियों में ना रखेंगे कदम आज के बाद क्योंकि, किचड़ हो गया है, बरसात के बाद।🤣

आज मौसम ने मूड सुहावना बना रखा हैचलो अंदर चलते है बेफ़िजूली बातों में क्या रखा है

ये सुहाना मौसम ये हल्की हवायें फरवरी आ रही हैं,बोलो पट रहे हो तुम या हम किसी और को पटाये..!!

तपिश और बढ़ गई इन चंद बूंदों के बाद,काले स्याह बादल ने भी बस यूँ ही बहलाया मुझे।

न जाने क्यू अभी आपकी याद आ गयी,मौसम क्या बदला बरसात भी आ गयी,मैंने छुकर देखा बूंदों को तो, हर बूंद मेंआपकी तस्वीर नज़र आ गयी ।

मुझे ऐसा ही जिन्दगी काहर एक पल चाहिएप्यार से भरी बारिश औरसंग तुम चाहिए।

आजकल मैं बस तुझे याद कर रहा हूं !!प्यार के मौसम का इंतजार कर रहा हूं !!

मौसम ए इश्क़ है ये जरा खुश्क हो जायेगा,ना उलझिये हमसे जनाब वर्ना इश्क हो जायेगा..!!

तुम्हारे शहर का मौसम बड़ा सुहाना लगे।मैं शाम चुरा लूँ अगर बुरा न लगे।।

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