Mausam Shayari In Hindi : विचार हो जैसा वैसा मंजर होता है,मौसम तो इंसान के अंदर होता है. रुका हुआ है अज़ब धुप छाँव का मौसम,गुज़र रहा है कोई दिल से बादलों की तरह..!!
फिर किया था भरोसा मैंने जो उसने तोड़ दिया !!फिर बारिश के मौसम में वो मुझे तन्हा छोड़ गया !!
मौसम की मिसाल दूँ या तुम्हारी कोई पूछ बैठा है !!बदलना किसको कहते हैं !!
बरसती बारिशों से बस इतना ही कहना है,के इस तरह का मौसम मेरे अंदर भी रहता है..!!
कुछ दर्द कुछ नमी कुछ बातें जुदाई की !!गुजर गया ख्यालों से तेरी याद का मौसम !!
दूर जाकर भी मुझे तुम कितना सताते हो,इस सर्द मौसम में तुम बहुत याद आते हो.
बारिश का मौसम मुझे इसीलिये भाता है, अंदर और बाहर का मौसम एक सा हो जाता है।
तुम्हारे चेहरे का मौसम बड़ा सुहाना लगे !!मैं थोडा लुफ्त उठा लू अगर बुरा न लगे !!
आज मौसम कितना खुश गंवार हो गयाखत्म सभी का इन्तजार हो गया बारिश कीबुँदे गिरी इस तरह से लगा जैसे आसमान कोजमीन से प्यार हो गया!!!
जालिम ये मौसम तुम्हारी YAAD दिला देता। जाने-अनजाने में MUJHE रुला देता।
मौसम गए चैन गया ज़िन्दगी गईमोहब्बत की आग में क्या-क्या गया मत पूछो।
कोई तो बारिश ऐसी हो जो तेरे साथ बरसे, तन्हा तो मेरी आंख हर रोज बरसाती हैं !!
पहले बारिश होती थी तो याद आते थे ,अब याद आते हो तो बारिश होती हैpahale baarish hoti thi to yaad aate the , ab yaad aate ho to baarish hoti hai.
बहुत बिगडे है जमाने के रंग क्योंकि मिल बैठे हैं तीन यार संग संग Summer Monsoon Winter
मौसम का रुख बदल रहा है !!मेरा मन मचल रहा है !!कहता है मेहबूब से मिल ले !!अब दिल नहीं संभल रहा है!!
दिल की बाते कौन जानता हैतुम्हारे हालात कौन जाने हैबारिश का मौसम आ गया हैतेरे दिल की ख्वाहिश कौन जानता है
ये बारिश ये हसीन मौसम और ये मदमस्त हवाये, लगता है आज मोहब्बत प्यार की बाहो में है।
जिसे भीगने का डर होता है,वो बारिश का मजा कहाँ ले पाता है,जिसे बिछड़ने का डर होता है,वो सच्चा इश्क़ कहाँ कर पाता है.
लोग कहते है कि !!दिन छोटा होता है तब रातें लम्बी हो जाती है !!मैं कहता हूँ कि !!जब दिल टूटता है तब रातें लम्बी हो जाती है !!
उस ने बारिश में भी खिड़की खोल के देखा नहींभीगने वालों को कल क्या क्या परेशानी हुई।
उदास जिन्दगी लगती है !!उदास वक़्त लगता है !!उदास ये मौसम लगता है !!जब उदास तू लगता है !!
सुहाने मौसम में दिल भी कहीं भटक जाता है !!उस गली में ही कहि फिर से दिल अटक जाता है !!
सर्द मौसम में आग लगाया ना करों,बाजार में जुल्फों को लहराया ना करों.
कही फिसल न जाओजरा संभाल कर चलनामौसम बारिश का भी हे औरमोहब्बत का भी।
मौसमी रंग भी कितना रंगीन होता है ठहरता है बस कुछ वक्त के लिए पर फिर भी ये मौसम हसीन होता है.
नसीब की लकीरों पर भी कई बार !!होता असर वक्त का है !!लेकिन मुझ पर हो रहा यह जादू !!मौसम ए इश्क का ही है !!
मंजर भी बेनूर थे !!और फिजायें भी बेरंग थी !!तुम्हारी याद आयी और !!मौसम सुहाना हो गया !!
अरे इतना भी मत सताओमौसम सुहाना है……थोड़े नखरे कम करोदूर क्यूँ हो ,थोड़ा पास आजाओ।
दिसंबर में मौसम भी कति प्यारा होता हैहोता ठंडा है मगरफिर भी सबका दुलारा होता है।
फिर से तेरी यादों का मेरे दिल में बवंङर है !!वही मौसम वही सर्दी वही दिलकश नवम्बर है!!
आ देख मेरी आँखों के !! ये भीगे हुए मौसम !!ये किसने कह दिया कि तुम्हें भूल गये हम !!
उसे छुआ तो दिसम्बर में प्यास लगने लगी।कि उसके ज़िस्म का मौसम तो जून जैसा है।।
हैरत से ताकता है सहरा बारिश के नज़राने को,कितनी दूर से आई है ये रेत से हाथ मिलाने को।
सीने में समुन्दर के लावे सा सुलगता हूँ मैं तेरी इनायत की बारिश को तरसता हूँ.
मौसम की तरह बदलना तुम्ही ने सिखाया हैतभी तो आज ये चाँद तेरे लिए नहीं…….तेरी दोस्त के लिए आया है
आते जाते मौसम का सिलसिला जारी रहे हर ROJ हम मिलते रहे और फासला बाक़ी रहे
मैं तुम्हारा दिल बन जाऊं मोहब्बत मेरी तुम बन जाना !!मौसम जाड़े का मैं बन जाऊं तो गर्म रजाई तुम बन जाना !!
जो कभी बादल बनकर बरसा था,उसी की ख्वाइश में दिल तरसा था…!
मौसम बदलते होंगे तुम्हारे झरोंको से, इन आँखों के झरोंको से तो बस बरसात निकलती है।
कोई अजीब सी ख्वाइश रो रही है,मेरे जिस्म में बारिश रो रही है
बारिश की बूंदें सबको भाती है, एक नयी जिंदगी की उम्मीद जगाती है।
मौसम की मिसाल दू या तुम्हारी कोईपूछ रहा हैं की बदलना किसको कहते हैं!!!
अपनी सी लगती है हर नमी अब तो,आँखों ने खुश्क मौसम कभी देखे ही नहीं…!!
इश्क़ में सुहाना लगता है हर मौसम,हर मौसम टूटे दिल को देता है सिर्फ़ गम.
रंग पैराहन का खुश्बू जुल्फ लहराने का नाम।मौसम-ए-गुल है तुम्हारे बाम पर आने का नाम।।
खो सा गया हू इस बार की बारिश में,तुझे खोने के डर में, तुझे पाने की ख्वाइश में…!
जाता हुआ मौसम_लौटकर आया है, काश वो भी #कोशिश करके देखे? ।
जब इंसान की फितरत बदल रही हो तोये जरुरी नहीं की इंसान बदल गया,हो सकता है बाहर का मौसम बदल रहा हो।।
नीचे गिरे पत्ते भी सुख जाया करते है,सर्दी के मौसम में जोड़े भी रूठ जाया करते है..!!
मौसम मौसम याद में तेरी तन्हा हम ने काट दिएइक लम्हे के मेल का रिश्ता सच है कोई रिश्ता भी
चांद का इशारा है चाँदनी मौसम आपका नहीं बस ये सिर्फ हमारा है !!
काश तुझे सर्दी के मौसम मे लगे मुहब्बत की ठंड, और तू तड़प कर माँगे मुझे कम्बल की तरह।❄️
हँसाना नहीं बस रुलाना जनता हैहाय ये गर्मी का मौसम बस … जलाना जानता है
साथ बारिश में लिए फिरते हो उस को ‘अंजुम’तुम ने इस शहर में क्या आग लगानी है कोई
उदास फिरता है अब मोहल्ले में बारिश का पानी,कश्तियां बनाने वाले मोबाइल से इश्क कर बैठे…!
मौसम का खुमार ऐसा है कि DIL बस यही कहे जाये। एक कप चाय के साथ , एक प्लेट पकोड़े HO जाये !
मेरे शहर का मौसम कितना खुश गंवार हो गया,लगा जैसे आसमां को जमीन से प्यार हो गया.
जकड़े थे तेरे यादों के जंजीर से, फिर बारिश की पहली बूंद ने हमें आजादी मुकम्मल कराई।
मौसम गए सुकून गया ज़िन्दगी गई !!दीवानगी की आग में क्या-क्या गया न पूछ !!
सर्द मौसम में आग लगाया ना करों !!बाजार में जुल्फों को लहराया ना करों !!
दिल खुश हो जाता था जिसके मुस्कुराने से,ये मौसम बेरंग हो गया है उसके छोड़ जाने से.
उस प्यार को हम सच्चा नहीं कहते है,जिसे बारिश में अपने महबूब की याद ना आये.
बारिश की रिमझिम बूंदों में छुपी है ख्वाहिशों की कहानी, हर एक बूंद ले आती है तो प्यार और उमंग से भरी हो जिंदगानी।
बड़े अजीब से हो गए हैं 🌿रिश्ते आज कल ,सब फुर्सत में हैं 🌿लेकिन वक्त किसी के पास नहीं ! 🍁
कुछ तो हवा भी सर्द थी कुछ था तेरा ख़याल भी,दिल को ख़ुशी के साथ साथ होता रहा मलाल भी।
बेईमान मौसम से पूछो कुछ हरकत कर रहा हैबताता नहीं क्या ……ये मेरे हमसफर से डर रहा है
मेरे ख्यालों में वही सपनो में वही,लेकिन उनकी यादों में हम थे ही नहीं,हम जागते रहे दुनियां सोती रही,एकबारिश ही थी जो हमारे साथ रोती रही।
विचार हो जैसा वैसा मंजर होता है,मौसम तो इंसान के अंदर होता है.
फ़ैसले के लिए एक पल था बहुतएक मौसम गया सोचते सोचते
कुछ तो चाहत होगी इन बारिश की बूंदों में,वरना कोन गिरता है ज़मीन पर असमान तक पोहोच्ने के बाद…!
जैसा मूड़ हो वैसा मंजर होता है..मौसम तो इंसान के अंदर होता है…
पता था मुझे बारिश होंगी !!बादलो को दुख जो सुनाया था मैंने !!
तेरे इंतजार का मजा ही कुछ और है अरे उसके आगे तो तेरे इस मौसम का मजा भी कमजोर है।