Mausam Shayari In Hindi : विचार हो जैसा वैसा मंजर होता है,मौसम तो इंसान के अंदर होता है. रुका हुआ है अज़ब धुप छाँव का मौसम,गुज़र रहा है कोई दिल से बादलों की तरह..!!
मौसम का मिजाज समझ में नही आता है,यह भी इंसानों की तरह बेवफा हो जाता है.
सावन का मौसम जब भी धरती सेमिलने आता है तब तब अपनी तड़पका दास्ताँ बरस कर सुनाता हैक्यों होती है अक्सर जुदाई उनसेजिसको दिल चाहे क्यों।
इस हसीं शाम ने मौसम बना रखा है !!वैसे पीता तो नहीं पर फिर भी !!नशा पूरा चढ़ा रखा है !!
हर बरस सर्दी में दिन सर्द मिला हैदिल तरस मत हर मौसम बेदर्द मिला है ।
बारिश की बूँदों के गीत सुनो,सरदियों की ठंडी हवा चुनो,गर्मी के दिनों की याद सताए,मौसम के रंग में रंग जाए।
आज मौसम कितना खुश गंवार हो गया ख़त्म सभी का इंतज़ार हो गया बारिश की बूंदे गिरी इस तरह से लगा जैसे आसमान को ज़मीन से प्यार हो गया.
मौसम हुआ सुहाना दिल हुआ गुलजार हो गए,मुस्कुराए वो और हम कर्जदार हो गए
जब से तेरे ख़याल का, मौसम हुआ है दोस्तदुनिया की धूप-छाँव से आगे निकल गये।।
कुछ तो मौसम ए हवा भी सर्द थी कुछ था तेरा ख्याल भी दिल को खुशी के साथ साथ होता रहा मलाल भी
अब बादल घिर कर आ गया है सर पे लगता है,अब बरसात जोरदार होगी।
अपनी अदाओं से मौसमको यू बदलती हैकी रूठे थे तुफा औरपल भर में बारिश ला देती हो!
कोई दिल में इस कदर उतर जाता है, जिसके बाद हर मौसम रंगीन नजर आता है, उसे ना देखों तो दिल बेचैन हो जाता है, उसे देख लो तो उस पर प्यार आता है
घटा देख कर ख़ुश हुईं लड़कियाँ !!छतों पर खिले फूल बरसात के!!
उनके प्यार में इस कदर मदहोश है की,बारिश की बूंदों का स्पर्श भी उन्ही का एहसास कराता है…!
बारिश की बूंदों को छातों से रोका न करो,बेचारी बहुत दूर से तुमसे मिलने आती हैं।
मंजर भी बेनूर थे !!और फिजायें भी बेरंग थी !!तुम्हारी याद आयी और !!मौसम सुहाना हो गया !!
अभी दो चार ही बूँदें गिरीं हैंमगर मौसम नशीला हो गया है
बड़ी भूल हुई अनजाने में, ग़म छोड़ आये महखाने में; फिर खा कर ठोकर ज़माने की, फिर लौट आये मयखाने में; मुझे देख कर मेरे ग़म बोले, बड़ी देर लगा दी आने में।
जब बारिश धीरे-धीरे बरसने लगती है, हमें आपकी याद आने लगती है।
छु कर निकलती है जो हवाएँ तेरे चेहरे को !!सारे शहर का मौसम गुलाबी हो जाता है !!
बादल उनका इंतजार करो ,उस मुसाफिर की तरहदिख नहीं रहे वो पर आएंगे जरूर बारिश की तरह
हँसाना नहीं बस रुलाना जनता है हाय,ये गर्मी का मौसम बस जलाना जानता है..!!
कुछ अपना अंदाज है,कुछ मौसम रंगीन है,तारीफ करूँ या चुप रहूँजुर्म दोनो ही संगीन है.
तुम्हारे शहर का मौसम बड़ा सुहाना लगे,मैं शाम चुरा लूँ अगर बुरा न लगे..!!
मौसम की मिसाल दूँ या नाम लूँ तुम्हारा, कोई पूछ बैठा है बदलना किसको कहते है।
जरा सी बात पर रिश्ते बदल भी जाते है,तेज बारिश हो तो यारो फिशल भी जाते है…!
अरे इतना भी मत सताओमौसम सुहाना है !!थोड़े नखरे कम करो !!दूर क्यूँ हो !!थोड़ा पास आजाओ !!
मिरी धूप में आने से पहलेकभी देखे थे मौसम ऐसे
रोता है खुद भी और मुझे भी रुलाता है !!मौसम यह बारिश का यादें उसकी दिलाता है !!
जब तुम यूँ मुस्कुराते हुए आते हो !!तो संग मौसम बाहर का लाते हो !!
कहीं फिसल न जाऊं तेरे ख्यालों में चलते-चलते अपनी यादों को रोको मेरे शहर में बारिश हो रही है।
रुका हुआ है अज़ब धुप छाँव का मौसम, गुज़र रहा है कोई दिल से बादलों की तरह।
चूम लेता हु मै उसको जब वो उदास होता है,ये बारिश का मौसम भी बोहोत खास होता है…!
बे मौसम बरसात से अंदाज़ा लगता हूँ मैं फिर किसी मासूम का दिल टुटा है मौसम-ए-बहार में.
संभला ही था दिल तेरी यादों के समंदर से, कि अचानक फ़िर से बरसात हो गई।
अपने किरदार को मौसम से बचाए रखना !लौट कर फूलों में वापस नहीं आती खुशबू.”
ऐसे मौसम में तेरी कमी खलती है !!दिल में तेरी याद और पलती है !!छोड़ कर सब कुछ आजा मेरे पास !!इन शामों को मेरे यार बना दे ख़ास !!
इन आँखों से दिनरात बरसात होगी अगर ज़िंदगी सर्फ़एजज़्बात होगी.
हँसाना नहीं बस रुलाना जानता है !!ये मौसम भी ना बस औरों को फसाना जानता है !!
मौसम ने बनाया है निगाहों को शराबी,जिस फूल को देखूं वोही पैमाना हुआ है।।
इस मौसम से सब परेशान है !!नाक में झरना और झरने पर रुमाल !!ये सब इसी मौसम की तो पहचान है !!
आज तो मौसम का हाल भी मुझ सा है, गुस्से में गरज भी रहा है और गम में बरस भी रहा है।
बारिश में हम पानी बनकर बरस जायेंगे,पतझड़ में भी फूल बनकर बिखर जायेंगे,क्या हुआ जो हम आपको सताते हैं,कभी आप इन लम्हो ले लिए भी तरस जायेंगे।
गर्मी सांग: सुनो गौर से पेप्सी वालो; बुरी नज़र ना कोक पे डालो; चाहे जितना Dew पिला दो; सबसे आगे होगा नींबू पानी। शुभ गर्मी!
बारिश में चलने से एक बात याद आती है,फिसलने के डर से वो मेरा हाथ थाम लेता था।
ग़म-ए-बारिशे इसीलिए नहीं कि तुम चले गए,बल्कि इसलिए कि हम ख़ुद को भूल गए।
टपक पड़ते हैँ आँसू जब किसी की याद आती है। ये वो बरसात है जिसका कोई मौसम नहीँ होता।
बारिश का ये सुहाना मौसम कूच याद दिलाता हेकिसी के साथ होने का एहसान दिलाता हेफ़िज़ा भी सर्द हे यादें भी ताज़ी हेये मौसम किसी का प्यार दिल में जगाता हे
कही फिसल ना जाओ,ज़रा संभल के रहनामौसम बारिश का भी हैऔर मोहब्बत का भी है
बदलते लोग बदलते रिश्ते और बदलता मौसमचाहे दिखाई ना दे पर महसूस जरुर होता हैं!!!
ज़िन्दगी और मोसम के इन्ही बदलते रंगों को शायरों ने कुछ इस तरह बयां किया है, पेश है मौसम और रुत पर कुछ अच्छे शेर, उमीद है आप सब को पसंद आएगा !
बनके सावन वो कही बरसते रहेइक घटा के लिए हम तरसते रहेआस्तीनों के छाए में पाला जिनकोसाँप बनके वही रोज डसते रहे।
इस सुहाने मौसम का थोड़ा एहतराम तो कर लेघर तेरे आयें है थोड़ा इंतजाम तो कर लेइन झूठी बातों पर थोड़ा लगाम तू कर लेसोचेगा क्या इतना अरे ……..इंतजाम तो कर ले।
प्यार करने का मौसम नहीं आता है, पर जब तुम सामने आते हो, तो हर मौसम मजेदार बन जाता है।
किसने जाना है बदलते हुए मौसम का मिज़ाज !!उसको चाहो तो समझ पाओगे फ़ितरत उसकी !!
चांद का इशारा है चाँदनी मौसम आपका नहीं बस ये सिर्फ हमारा है !!
हर कोई साथ छोड़कर चला गया,जो कहेते थे तुम्हारे साथ है हम,जब पतझड़ के दिन आये तो सब बिखर गए।
सर्द मौसम में आग लगाया ना करो बाजार में जुल्फों को लहराया ना करो।
तेरी बेवफाई को ओढ़करघर से निकला हु आजकलवरना शोक आज भी हैबारिश में नहाने का।
तुम्हारे शहर का मौसम बड़ा सुहाना लगे।मैं शाम चुरा लूँ अगर बुरा न लगे।।
गर्मी, सर्दी, बरसात हर मौसम का अपना मजा है,जो जिन्दगी ही नही जीता है, उसके लिए सजा है.
तपिश और बढ़ गई इन चंद बूंदों के बाद,काले स्याह बादल ने भी बस यूँ ही बहलाया मुझे।
तेरे बारे में गलत सोच रखने वाले,मुझे एक नजर नही भाते…!
ए बारिश ज़रा थम के बरस,जब मेरा यार आ जाये तो जम के बरस,पहले न बरस की वो आ ना सके,फिर इतना बरस की वो जा ना सके।
मुझे मलूम है तुम्हेंबरसात देखनी हैमगर इन आँखों से सावनभी हार जाता है।
ये इश्क़ का मौसम अजीब है जनाब, इस बारिश में कई रिश्ते धुल जाते है, बेगानों से करते है मोहब्बत कुछ लोग, और अपनों के ही आंसू भूल जाते है।
आज दिन भर बारिश होने की संभावना है.. कृपया अपने दिमाग वाली जगह को प्लास्टिक से ढक लो, क्योकि खाली जगहों में पानी जल्दी भरता है.. Happy Rainy Day!
इस ठंडे मौसम की बाहर बन कर !!ठंडी में भी गर्मी की फुहार बनकर !!शुर मय जीवन में छनकार बनकर !!तेरी मोहोब्बत में फसा हूँ !!एक लाचार बनकर !!
मौसम ने ली कुछ ऐसी अगड़ाई है,कि मोहब्बत भरी शामें आई है..!!
महबूब के बिना हर मौसम उदास सा लगता है, महबूब हो पास तो हर मौसम ख़ास सा लगता है।☔
गर्मी के मौसम का भी एक पल आता है !!जिसमे आधे कपड़े और ठंडे पानी का नल भाता है !!
तेरी जुल्फों के साये में कई मौसम गुजरे है !!हम तो मर ही गए थे !!लेकिन जिए तेरे उस मौसम के सहारे है !!