1822+ Masumiyat Shayari In Hindi | मासूमियत शायरी स्टेटस

Masumiyat Shayari In Hindi , मासूमियत शायरी स्टेटस
Author: Quotes And Status Post Published at: September 27, 2023 Post Updated at: March 2, 2025

Masumiyat Shayari In Hindi : #बादलों में जो छिप जाता है वो चाँद, मैंने रोज़ उसे तुम्हारे दुपट्टे को# सजाते देखा है। कितनी #मासूमियत छलक आती है जब छोटे बच्चे# की तरह वो मेरी #उंगलियो के साथ खेलते खेलते सो जाती है

मैंने उस एक्वेरियम में घुटती साँसे देख लीं, ~ कैसे कह देता मुझे वो मछलियाँ अच्छी लगीं

ये सहारा जो न हो तो परेशां हो जाए मुश्किलें जान ही लेले अगर आसान हो जाए

ज़रूरत’ दिन निकलते ही निकल पड़ती है ‘डयूटी’ पर, ~ ‘बदन’ हर शाम कहता है कि अब ‘हड़ताल’ हो जाए ।।

इंसानो की आदत होती है साथ छोड़ना, पर कुत्ता ऐसा नहीं करता वह बहुत वफादार होता है।

मुमकिन है हमें गाँव भी !!पहचान न पाए !!बचपन में ही हम घरसे कमाने निकल आए !!

कहकर नहीं चला करते ये रिश्ते,बल्कि सहकर इनका वजूद बना रहता है।

दम तोड़ जाती है हर शिकायत, लबों पे आकर,जब मासूमियत से वो कहती है, मैंने क्या किया है

कितना पवित्र था वो बचपन का प्यार !!ना भूख थी जिस्म की न था सम्पति का लालच !!थी तो बस एक दूजे के साथ की चाहत !!

दांतो तले उंगली दबा कर निगाहें मुझ पर रोकना !!बड़ा अच्छा लगता मुझे तेरा मासूम नजरों से देखना !!

थक गये पैर लेकिन हिम्मत नहीं हारी, ~ ज़ज्बा है जीने का, सफ़र है अभी जारी

काबा भी हम गए न गया पर बुतों का इश्क़ ~ इस दर्द की ख़ुदा के भी घर में दवा नही

तेरे चहरे ने मेरी नींद उड़ा रखी है अब तो बस आपके ज़िस्म में रात बितानी है।

वफ़ा की चाहत है तो एक कुत्ता पाल लो,अब इंसानों में वफ़ादारी कहां?

जब से फैला है #ज़माने में रिश्वत का रोग, अरबो मे बिकने लगे है दो कोडी# के लोग !!

है मगर तू बहुत खूबसूरत !!पर दिल लगाने के काबिल नह !!

इस दुनिया में अगर इरादे साफ़ है,तो समझ लो की खिलाफ है।

बे-नकाब न निकलो तुम, लोगो की नजर लग जायेगी।

होती है बड़ी ज़ालिम एक तरफ़ा मोहब्बत ~ वो याद तो आते हैं मगर अफसोस हमें याद नहीं करते…

वो बचपन क्या था !!जब हम दो रुपए में !!जेब भर लिया करते थे वो वक़्त ही क्या था !!जब हम रोकर दर्द भूल जाया करते थे !!

चीज़े खुद-ब-खुद समझ आ जाती है ,जब वो बदलने लग जाती है।

जब दिल ये आवारा था,खेलने की मस्ती थी।नदी का किनारा था,कगज की कश्ती थी।ना कुछ खोने का डर था,ना कुछ पाने की आशा थी।

दम तो नहीं होता उन बचपन के नन्हे हाथों में !!पर फिर भी ज़िद्द इतनी जी जान से पकड़ते हैं !!की पूरी हो ही जाती है !!

ये हादसा तो किसी दिन गुजरने वाला था में बच भी जाता तो मरने वाला था

हर बात मानी है तेरी सिर झुका कर ऐ ज़िंदगी,हिसाब बराबर कर तू भी तो कुछ शर्तें मान मेरी।

मुझे देखकर शर्म से नजरें चुरा लेती है वो, उसे बेवफा न समझ लूं इसलिए, चेहरे से जुल्फों को हटा जरा सा मुस्कुरा देती है वो !

पहले से उन कदमों की आहट जान लेते हैं,तुझे ऐ ज़िंदगी हम दूर से पहचान लेते हैं।

रातो को बेवजह गंवा रहे हो,तुम कोशिशो को क्यों नहीं आज़मा रहे हो।

साँसों की सीडियों से उतर आई जिंदगी बुझते हुए दिए की तरह, जल रहे हैं हम

तेरे चहरे की रोशनी से रोशन मेरी रात है पास है तू मेरे जब तारों को भी चांद का साथ है।

ख़ुश-हाल घर शरीफ़ तबीअत सभी का दोस्त वो शख़्स था ज्यादा मगर आदमी था कम!!!

उनके हर एक लम्हे कि #हिफाजत करना ए खुदा #मासूम चेहरा है उदास अच्छा नहीं लगता…

जलो वहां, जहाँ जरूरत हो, उजालों में, चिरागों के, मायने नहीं होते…

कमबख्त मानता ही नहीं दिल उसे भूलने को ~ मैं हाथ जोड़ता हूँ तो ये पांव पड़ जाता है…

तेरी सूरत में चांद नज़र आया तेरी बातों में ईमान नज़र आया तू मेरे क़रीब आजा इस कदर क्युकी हर रात तेरा हुस्न नज़र आया।

रोये कुछ इस तरह से मेरे जिस्म से लिपट के !!ऐसा लगा के जैसे कभी बेवफा न थे वो !!

मेरे अंदर झांक कर देखो टुकड़ों में !!मिलूंगा ये हसता हुआ चेहरा तो !!बस दिखाने के लिए है !!

मासूम सी परी शर्मा गई फूलों को देख खिल गई.. आई हैं वो फलक से उतरकर देखकर मुझे फिर छिप गई..

तेरा चेहरा आज भी मासूम है,आज भी मेरी चाहत में वही सुकून है,तेरे चेहरे पे एक मुस्कान के लिए,जान भी बार दे ऐसा मेरा जूनून है।

जब आप अपना हाथ मेरे हाथो पर रखते हो तोलगता है की खुदा ने चांद को मेरी हतेली पर रख दिया हो।

अगर मखमल करे गलती तो कोई कुछ नहीँ कहता। फटी चादर की गलती हो तो सारे बोल जाते हैं।।

वो बचपन की नींद अब ख्वाब हो गई,क्या उमर थी कि, शाम हुई और सो गये।

मैने तो बस तुमसे बेइंतहा मोहब्बत की है ~ ना तुम्हे पाने के बारे मे सोचा है ना खोने के बारे मे!!!

सबक इस ज़िन्दगी में बस इतना ही मिला है,,… ~ धोखा बस वो ही नहीं देते, जिन्हें हम मौका नहीं देते…!!gm

चालाकियाँ उससे दरकिनार ही रही, मुश्किलों के बावजूद भी मासूमियत उसकी बरकरार ही रही।

तेरे वजूद से हैं मेरी मुक़म्मल कहानी,मैं खोखली सीप और तू मोती रूहानी।Tere Vajood Se Hain Meri Muqammal Kahani,Main Khokhli Seep Aur Tu Moti Roohani.

पतझड का खौफ मुझे ना दिखाओ यारों, ~ बहुत बिखरा हूँ उस पगली के मोहब्बत की बहार में

जो छोड़ गया उसे याद मत कर, गिरी हुई चीजों की फरियाद मत कर

मुझे परहेज़ है, ज़ख्मों की नुमाइश से, ~ मेरे हमदर्द रहने दे, दिले-बीमार की बाते…

माँ-पापा होते मेरे, बाहर दिनभर..थक जाऊँ, उनका इंतज़ार कर;वक्त बिताऊँ, गुमसुम मैं घर पर।

क्या बयान करें तेरी मासूमियत को शायरी में हम,तू लाख गुनाह कर ले सजा तुझको नहीं मिलनी,

क्या लिखूं तेरी #तारीफ-ए-सूरत में यार, अलफ़ाज़ कम पड़ रहे हैं तेरी #मासूमियत देखकर।

वक़्त तेज़ी से बदल गया ~ और तुम…वक़्त से ज़्यादा तेज़ निकली

ये #मासूमियत का कौन सा अन्दाज़ है, पर काट# कर कह दिया कि,अब तुम #आजाद हो।

एक इच्छा है भगवन मुझे सच्चा बना दो,लौटा दो मेरा बचपन मुझे बच्चा बना दो।

ना-कामी-ए-इश्क़ या कामयाबी ~ दोनों का हासिल ख़ाना-ख़राबी

एक वफादार डाॅगी के अलावा, ऐसा कोई भरोसेमंद जीव नही है जिसने कभी किसी का भरोसा नही तोड़ा हो।

न जाने क्या #मासूमियत है तेरे चेहरे पर.. तेरे सामने आने से ज़्यादा तुझे #छुपकर देखना अच्छा लगता है..

सरहदों पर तनाव है क्या ज़रा पता तो करो चुनाव हैं क्या

बैठ जाता हूं #मिट्टी पे अक्सर… क्योंकि मुझे अपनी #औकात अच्छी लगती है।

लोग हर मोड़ पे रुक रुक के संभलते क्यों हैं इतना डरते हैं तो फिर घर से निकलते क्यों हैं

कितनी मोहब्बत है तुझसे कोई सफाई नहीं देंगे, ~ साये की तरह रहेंगे तेरे साथ लेकिन दिखाई नहीं देंगे !!

जो जुर्म करते है इतने बुरे नहीं होते सज़ा न देके अदालत बिगाड़ देती हैं

अपनों की फितरत में ही है धोखा देना !!क्यूंकि गैरों से मिले धोखे का तो दर्द भी नहीं होता !

अच्छा हुआ जो हमको वक़्त पर ठोकर लगी ~ छूने चले थे चाँद दरिया में देख कर

तुम जान हो ये जान नहीं पा रहे, ये मासूमियत है या दिखावा है सनम।

अभी खोए हुएँ हैं जनाब, #ख़्वाबों की दुनिया में… उठते ही कहेंगे “सुनो, तुमने# जगाया क्यूँ नहीं”..❤️

सुलझा रहा हूँ एक एक करके सारी उलझनें, ~ जाने क्या होगा जब इश्क से सामना होगा ..!!!

बचपन में बड़ा बेसब्र था बड़ा होने को !!क्या करे काफी मासूम हुआ करते थे !!हम बचपन के दिनों में !!

जब आप को हराने में लगे लोग कोशिश करने के बजाय साजिश करने लगे तो… समझ लेना कि आपकी काबिलियत अब्बल दर्जे की है..|

तेरे वादे तू ही जाने मेरा तो आज भी वही कहना है ~ जिस दिन मेरी साँस टूटेगी उसी दिन तेरी आस छूटेगी…

मत कर हिसाब तू मेरी मोहब्बत का, ~ वर्ना ब्याज में ही तेरी जिन्दगी गुजर जाएगी

देखे तो देखें कहा तक यह तो हर शख्स धोखेबाज नजर आता है Dekhe to dhekhe kaha tak yaha to har sakhs dhokebaaz najar aata hai

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