Marwadi Shayari In Hindi : बरसात आऊं आऊं करे,सरकार जाऊं जाऊं करे,कोरोना खाऊं खाऊं करे,सचिन कुछ पाऊं पाऊं करे,दूर बैठी मौसी म्याऊं म्याऊं करे। बातां प्यार सूं करां म्हेजरूरत पड़े तो लट्ठ गाड़ दा,शांति गा प्रतीक हों पणदुश्मनों के सिर फाड़ दा।
“ प्रेम रे बदळै प्रेम तो हर कोई दे सकेपण जका नफरत रेबदळै प्रेम देवे बे ही महान हूवे….!!
माटी जिसा हा मिलणो भी जाणा हा तोमिलाणो भी जाणा हा बावळीबूच
वीरों ने कुर्बानी देकर जिसके कण-कण को संवारा है,ना झुकी है आज जहाँ की, ये राजस्थान हमारा है.
ना हमे है टेंसन ना फिकर, जहाँ जयपुर जिलावाले खड़े होते है !! वहाँ matter हमेशा बड़े होते हैं जहाँ राजस्थानी भी खड़े होते हैं !!
मरुस्थल मन में उठे शीतल जल की धार,जिंदगी ऐसे जियो कि जीवन में रहे प्रेम का विस्तार।
अपने ह्दय में समेटे हुए शौर्य, वीरताबलिदानो की अमर गाथायेविरो की भूमि राजस्थान के स्थापना दिवसपर हार्दिक शुभकामनाये।
“पंख ही काफ़ी नहीं हैं आसमानों के लिए, हौसला भी चाहिए ऊंची उड़ानो के लिए।”
जद मन करै रुंख पै आवै,जद मन करै आकास में फुर सूं उड़ जावै।
“ सुण रै म्हारी सखी सहेलीकिती सुखी है आ छोटी सी चिड़कलीजद मन करै रुंख पै आवैजद मन करै आकास में फुर सूं उड़ जावै…!!
बातां प्यार सूं करां म्हे जरूरत पड़े तो लट्ठ गाड़ दा, शांति गा प्रतीक हों पण दुश्मनों के सिर फाड़ दा।।
बहुत खूबसूरत वो रातें होती हैं,जब तुमसे दिल की बातें होतीं हैं।
कौन कहता हैं की औरत केवल रसोई में शोभा देती हैं.. पधारो हमारे राजस्थान में कभि , बाईसा तलवार से धड़ अलग करना भी बखुबी जानती है !!
कण-कण से गूजे जय-जय राजस्थान,बढ़ा देता है भारत का गौरव और सम्मान।राजस्थान दिवस की बधाई
मुनाफा ही होता है रिश्तों के व्यापार में, हमारी आँखे होंगी आपकी इन्तजार में, हम नई जिन्दगी शुरू करने वाले है प्यार मांगेंगे आपका आशीर्वाद में.
“ पधारो सा म्हारे देशहिवड़ो रंगियो प्रीत सूंसज सौले सिणगार,पधारो म्हारे देशकरो खुशियां रो इजहार…!!
तू हंसती रहवे मुस्काती रहवेप्रार्थना या ही करु छूकसम की कसम छोरीम प्यार थारे स्यु करू छू
आपके जन्मदिन के संदेश ने मेरे जन्मदिन को और भी खास बना दिया। मुझे खुशी है कि आपने मेरे जन्मदिन को याद रखा।
एक अच्छी जीवन संगिनी आपको खुश रखती है और एक खराब जीवन संगिनी आपको दार्शनिक बना देती है।
पेन से नहीं, प्रेम से ! होठ से नहीं, हृदय से ! अक्षर से नहीं, अंतर् से ! शब्द से नहीं, स्नेह से ! मन, वचन, काया से मिच्छामि दुक्कडम
कौन कहता हैं की औरत केवल रसोई में शोभा देती हैं,पधारो हमारे राजस्थान में,बाईसा तलवार से धड़ अलग करना भी बखुबी जानती है।
“ अंगरेजी म्हाने आवे कोणीन हिंदी रो घणो ज्ञानराजस्थान रा बाशिंदा हाराजस्थानी है म्हारी पिछाण…!!
सर में पहरियो साफोमूंछ रो दियो वठ,बल रो भंडार हूँ मैंम्हारा हाथ ही म्हारा लठ।
#नहीं झुकने देंगे पगड़ी चाहे दांव लग जावे जान का सिर की पगड़ी हैं यह प्रतीक हैं सम्मान का!!!
अंगरेजी म्हाने आवे कोणी, न हिंदी रो घणो ज्ञान !! राजस्थान रा बाशिंदा हा, राजस्थानी है म्हारी पिछाण !!
#बो टैम अब ज्यादा दूर कोणी जद लुगाई आपके आदमी साग लड़ती टैम इयां कहसी मेरा ही कर्म फूटेडा हा झको म तेरी Friend Request Accept कर ली!!!
आज राजस्थान का कुँवारा लन्डुर बहूत खुश होरया है,ईया कह है अब तो कश्मीरन ही परनाके ल्यासया…
हमारी जिन्दगी की नई शुरूआत के लिए, ख़ुशी में शामिल होने के लिए,हम स्नेह से आपको निमंत्रण भेज रहे है आपके आशीर्वाद के लिए.
अरे हिवड़े सूं प्यारो है माने प्रदेश राजस्थान, आओ कभी घूमने मरुधरा मिलेंगे सुनने लोक संगीत और मिलेगा ढेर सारा मान सम्मान।
ना दवा भी करे असर, ना दुआ भी काम आये,तेरे बीमार हो चुके है हम, मुझे कैसे आराम आये।
म्हे राजस्थान आळा भीदिल का बादशाह हा, सुणा भी दिल की और करा भी दिल की
रामजी थाने सगळा ने निरोगा राखै कमाई दुनी चोगुणी बढ़ावे, टाबरिया आपस्यूं भी ऊँचा चढ़े घर आळी या घर आळा री मोकळी मेहरबानी रेवे।
“ कौन कहता हैं कीऔरत केवल रसोई में शोभा देती हैंपधारो हमारे राजस्थान में कभिबाईसा तलवार से धड़अलग करना भी बखुबी जानती है…!!
तुम मेरे दिल में रहो इतना ही बहुत हैं,..क्योकि म्हार घर म तो मेरी मां तन बड़न कोनी दे…
मै कोकोकोला जैसा काला तू लस्सी जैसी गोरी शहरो की इंद्रपुरी तुम मै गांव का देसी छोरा..!
दो शब्द क्षमा के जीवो को खुशहाल करते है टकराव दूर होता है, खुशिया हज़ार देते है खुश रहे खुशिया बाटे, महान उसे कहते है मिच्छामि दुक्कडम्
हर एक खेजडा खेड़ा में, रोहिड़ा खिम्प कंकेडा में ! मारू री गूंजी राग अठे, बलिदान हुया बेथाग अठे !
धुंसो बाजे रे महाराजा हणवंतसिंह रो, (वाह-वाह) धुंसो बाजे रे !!महाराजा हणवंतसिंह कँवर कन्हैया, हुकम दियो रे खेलो होली !!
अरे सुन लो प्यारी मानो बात म्हारी,थोड़ा तन खिलखिला लो आ मिलन गी रुत है प्यारी।
सारो जगत जाणै, मै के करूँ ईको गुणगान,अठै पैदा हुए क्षत्रिय कुम्भा, सांगा, प्रताप महान।
उंगते हुये सुरज की किरण जिंदगी में खुशियों की सौगात लाए, मेरी भांजी अपने जो भी सपने देखे वो पुरे हो जाएं।
रंगीलो राजस्थान शायरीजीमो बाजरे री रोटीऔर सांगरी रो साग,रंगीलो म्हारो राजस्थानबरसों सूं है हिवड़े हुं लाग।
आसमान से चांद उतरेगा तारे मुस्कुराएंगे हमें खुशी तब होगी जब आप हमारी दीदी/ भैया की शादी में ज़रूर से ज़रूर आएंगे।
जब कोई इंसान बन जाए अपनी गलतियों का वकील .. और दूसरों की गलतियों पर जज बन जाए .. तो समझ ज्याओ क अब 2-4 दिना म बिंक जुत पड़ण आला हैं !!
बिण ढाला बांको लड़े,सुणी ज घर-घर वाह |सिर भेज्यौ धण साथ में,निरखण हाथां नांह ||९७||
मैं अपने दिल की गहराई से आप सभी का धन्यवाद करना चाहता हूं जो आपने अपने व्यस्त जीवन से समय निकाल कर मुझे बर्थडे विश किया।
आपने मेरे जन्मदिन पर जो भी शुभकामनाएं दी हैं उसके लिए बहुत-बहुत धन्यवाद। आपने मेरे इस खास दिन को और भी खास बना दिया।
हार जाओ कोई बात नही..लेकिनराजस्थानी मीणा कभी बिकता नही..
धन्य हूं थारी गोदयां खेल्यो, अरविन्द गांव थारा गुणगानहै आ धरती सुरगां सुं प्यारी, म्हारो मनडो ओ राजस्थान
#वा बोली की चौधरी थारा दिल म्हारी खातर कोणी धड़कता अब कुन बतावे बावली नें की जाट का दिल तो Army खातर ही धडक्या करे हैं!!!
“ जिण टेम तू दिख जावेदन घनो ही चोखो जावेतने ही तने देखतो रेहरूतने हिवड़ा म यो ही ख्याल आवे…!!
शेरो के घर से शेर ही पैदा होते है करोड़ो केबीच राजस्थानी की अलग ही पहचाने जाते है।
करते हैं हम हमेशा मस्ती क्योंकि जिंदादिल है राजस्थानी हस्ती।
सच में यह राजाओ का स्थान है.यह म्हारों सबसे प्यारा राजस्थान है.राजस्थान स्थापना दिवस की शुभकामनाएं
बा राजी रहणी चाहिए बस, मेरो के है म तो,दूसरी पटा लेस्यु
अरे होगा लोगों पर रुपया पैसा, हम गांव वाले छोरो ने इज्जत कमाई है और ये वो currency है जो किसी भी बैंक में लोन पर नही मिलती।
मेरी बिखरी सी जिंदगी में कोई जान सी आ गई, मैं बहुत ही भाग्यशाली हूं मुझे मामा कहने वाली भांजी आ गई।
“ राजस्थानी वाले छोरे तूधरती पे चाहे जहाँ भी रहेगी,में तुझे तेरी खुशबू सेपहचान लूँगा मेरी जान…!!!
इस छोटीसी जिंदगी में, आपसे छोटी सी मुलाकात में, कभी भी कही भी, जाने अनजाने में, मेरे द्वारा हुई भूल के लिए, ह्रदय से क्षमायाचना !! मिच्छामि दुक्कड़म !!
मन, वचन, काया से जानते हुए अजान्ते हुए आपका दिल दुखाया होतो आपसे उत्तम क्षमा मिच्छामि दुक्कडम
हम कभी घर से बहार भी ना झांकते थे,आज खिड़कियों से भी उसका इंतजार करने में भी सुकून
“ इयां हाल चाल पूछबा वाला घणा है, बस कमीं तो काळजाकि बात पूछ बा वाला कि है…!!
नियत साफ है तो एक लौटो पाणी ही घणोई हैनिजणा ५६ भोग ही की कामरा कोनी
जीवन जितना सजता है माँ-बाप के प्यार सेउतना ही महकता है गुरू के आशीर्वाद से
कई कई छोरया की आवाज तो इसी होव, आगलो फ़ोन उठाता ही कहसी हां भाईजी कुण बोलो हो
जब खामोश आँखों से बात होती है,तो ऐसे ही मोहब्बत की शुरुआत होती है,तेरे ही ख्यालों में खोये रहते हैं,न जाने कब दिन और कब रात होती है।
दिल के पास आपका घर बना लिया,ख्वाबों में आपको बसा लिया,मत पूछो कितना चाहते हैं आपको,आपकी हर खता को अपना मुक्कद्दर बना लिया।
मातृभूमि पर शीश चढाने वाली कहाँ है हाडा रानी?जौहर व्रत को जन्म देने वाली कहाँहैं पद्मिनी रानी?
ना हमे है टेंसन ना फिकर,जहाँ जयपुर जिलावाले खड़े होते हैवहाँ matter हमेशा बड़े होते हैंवहाँ राजस्थानी भी खड़े होते हैं
पग पग पूजै पूतळी, थापिया खेजड़ थानसंत सती अर सूरमा, म्हारै राजस्थानराजस्थान दिवस की शुभकामनाएं
फर्क नही पड़ता तू कितनी बड़ी हस्ती मैं हैराजस्थानी पहले भी मस्ती में था अब भी मस्ती में है
“ मैं राजस्थानी हां म्हांकीमूंछ्याँ का मरौड देख रसामला कै मरौडा उठ बा लागेओरू म्हांकी हैत देख रस्वर्ग का देवता धरती पर रम बा लागे…!!
म्हारे सांगे-सांगे कद समझीया सगळा रिवाज, जब देखोला म्हारो प्रदेश आप करोला मरुभूमि माथे नाज।।