1349+ Manana Shayari In Hindi | रूठना मनाना शायरी

Manana Shayari In Hindi , रूठना मनाना शायरी
Author: Quotes And Status Post Published at: September 26, 2023 Post Updated at: September 1, 2024

Manana Shayari In Hindi : अब तो यूँ रुठना भी छोड़ दिया, क्यूंकि अब कोई मानाने वाला नही। ये जो तुम रुठ जाती हो हमसे, कभी बता भी दो किस हक़ से मनाए तुम्हे।

तू रूठ जाता है तोदिल टूट जाता हैबता कैसे संभालुमै खुद कोतेरे बिना मेरा अक्स मुझसेदूर हो जाता है।

तुम रूठ गए तो हम मनानेआ जाएंगे आप पर हमअपना हक़ जताने आ जायेगे।

तुम सिर्फ मेरे हो मेरे ही रहना वरना सारे दांत तोड़ कर हाथ में दे दूंगी।

मुड़के.देखोगे तो.तन्हाई.होगी..अगर.महसूस.करोगे.तो.हमें.पाओगे

तेरे सीने से लग कर तेरी आरजू बन जाऊं तेरी साँसों से मिलकर तेरी खुशबू बन जाऊं फासले ना रहे कोई हम दोनों के दरमियां मैं मै ना रहूं तुम बन जाऊं.

होठो पे वही ख़्वाहिशे आँखो मेहसीन अफ़साने है तू अब भी एकमदहोश गज़ल हम अब भी तेरे दीवाने है।

” बड़ा आदमी वो हे ,जो अपने पास बेठे व्यक्ति कोछोटा मेहसूस ना होने दे..”

तेरा प्यार मेरे लिए जरूरी है, जीने के लिए तेरा साथ जरूरी है, जो तुम नाराज हो गई हो मुझसे, मेरी जिंदगी अब मुझे लग रही अधूरी है।

सुनो…. कुछ खास नहीं बस, इतनी सी हे मोहब्बत मेरी, हर रात का आखिरी ख्याल, और हर सुबह की पहली सोच हो तुम मेरी…

कभी-कभी इंसान सच में थक जाता है खामोश रहते-रहते दर्द सहते सहते सबर रखते रखते उम्मीद करते करते रिश्ते निभाते निभाते सफाइयां देते देते।

इस कदर हम यार को मनाने निकलेउसकी चाहत के हम दिवाने निकले..जब भी उसे दिल का हाल बताना चाहाउसके होठों से वक़्त न होने के बहाने निकले..

रूठता हूँ और बिना मनायें मान जाता हूँ,अपनों के पास वक़्त नहीं, ये जान जाता हूँ.

आज मांगता हूँ मेअपने प्यार का इन्साफहो गयी गलती मुझसेPLEASE करदो ना माफ़।

हारने की आदत सी हो गयी हैन जाने क्यूँ ये जिंदगी क़यामतसी हो गयी है ऐसा लगता हैकी हार चूका हूँ मै सब कुछफिर भी मुकद्दर को बदलनेकी चाहत सी हो गयी है

जब से देखा है आपकी आँखों में झाँककर, कोई भी आईना अच्छा नहीं लगता । आपके प्रेम में ऐसे हुई हूँ दीवानी में कोई और देखे आपको तो अच्छा नहीं लगता ।

तुम रूठ जाती हो तो अच्छा नहीं लगता है, मैं तुम्हारी मुस्कुराती होंठों का दीवाना हूँ.

किसी शख्स से इतना भी रूठना चाहिए,के उसके चले जाने के बाद,खुद को ही ना माफ़ कर सको।

बहुत उदास है कोई शख्स तेरे जाने से,हो सके तो लौट के आजा किसी बहाने से,तू लाख खफा हो पर एक बार तो देख ले,कोई बिखर गया है तेरे रूठ जाने से।

तुम्हारे जैसा कोई मिला नहीं, कैसे मिलता कोई था ही नहीं, मेरे प्रियतम अब नाराजगी खत्म कर दो।

हो कर जुदा तुमसे रह नहीं सकता,रूठ कर तुमसे दूर जा नहीं सकता,ऐ मेरे सनम, तेरे बिन मैं जी नहीं सकता,

नज़र से .मिलने को, .तो .फिर .क्यों नही .प्यार जताती हो

बिगड़ी हुई तक़दीर को सवारने में लगा हूँ,मेरी खुशी मुझसे रूठी है, में मानाने में लगा हूँ,

ये झगड़ा किस बात का है.. ये रूठना मनाना किस लिये है.. दो पल की ज़िन्दगी है.. आ हंस-बोल के काट लें.. 🙂

कोई अपना हमसे जब भी रूठ जाता है, ऐसा लगता साथ रब का छूट जाता है.

आपके सीने से लगकर ही तो सुकून मिलता है,लड़ाई तो बस एक बहाना है,बेवजह ही तुम क्यों मुझसे लड़ती हो,क्या मेरे सीने से लगकर ही तुम्हे सुकून मिलता है।।।।

छोटी सी बात पर नाराज मत होना, तुम कहो तो कदमो में सारा जहान रख दू.

अकेले में तुम्हारी याद आना अच्छा लगता है तुम्ही से रूठना तुमको मनाना अच्छा लगता है।

आज तुम रूठे रूठे से लगते हो,कोई तरकीब तो होगी मानाने की,ज़िन्दगी गिरवी रख देंगे हम अपनी,बस तुम कीमत तो बताओ मुस्कुराने की।

उफ़ उसके रूठने की अदाये भी गजब की थी बात बात पे कहना की सोच लो फिर बात नही करुँगी.

बिना तेरे मेरी हर ख़ुशी अधूरी हैं फिर सोच मेरे लिए तू कितनी ज़रूरी है। Bina tere meri har khushi adhuri hai fir soch mere liye tu kitni zaruri hai

जान से बढ़कर है मुझको,ये मुस्कान तेरी है,है जो बाक़ीब सही,बस तू बहन एक मेरी है।

रूठने की उसकी अदा भी अजब है, बिन कहे करता है शिकायतें गजब है ….

तुझे खोने से डरता हूं, तेरी परवाह करता हूं, जब भी तू रूठ जाती है, मैं अपने दिल से लड़ता हूं।

इस कदर हमें अकेले छोड़ जाने कीसजा जरुर पाओगे,इस कदर हमें अकेले छोड़ जाने कीसजा जरुर पाओगे,आगे रास्ता खुदा हुआ है,फिर ‘यू’-टर्न मारकर चले आओगे।

तुम रूठी हो तो मनाने आया हूँ, समझ सको तो इश्क़ जताने आया हूँ. tum ruthi ho to manane aaya hun samjh sako to ishq jatane aya hun.

हमसे कोई खता हो जाये तो माफ़ करना,हम याद न कर पाएं तो माफ़ करना,दिल से तो हम आपको कभी भूलते नहीं,पर ये दिल ही रुक जाये तो माफ़ करना।

दिल से तेरी याद को जुदा तो नहीं किया,रखा जो तुझे याद कुछ बुरा तो नहीं किया,हम से तू नाराज़ हैं किस लिये बता जरा,हमने कभी तुझे खफा तो नहीं किया।

खाता हो गई तो फिरसज़ा सुना दोदिल में इतना दर्द क्यों हैवजह बता दोदेर हो गई आपको यादकरने में जरूरलेकिन तुमको भुला देंगे येख्याल मिटा दो।

याद नही करोगे तो हम याद कराएंगे,रूठ गए अगर तो हम तुम्हे मनाएंगे,ये दोस्ती का दामन छोड़ के कहा तक जाओगे,जहा भी जाओगे हम तेरे साथ चले आएंगे।

जमाने से रुठने की जरूरत ही क्यों होजब मेरे अपने ही मेरे बने रकीब हो

गलती एक करी थी उसने जो हमने सची मानी थी,हमने जाने को कहा और उसने रुठने की ठानी थी़ !

मैं आपसे हजार बार माफी मांगने को तैयार हूं, क्योंकि आप मेरे दिल के करीब, मेरे प्यार हो।

वो मेरे रूठने पर इस तरह मनाती हैकभी तो ज़ी चाहता है बेवजह उससे रूठ जाऊं

जो मनाए ना वो प्यार कैसा गर जताए ना तो वो यार कैसा

हर गलती की माफी होती है, खासकर तब, जब माफी पाने के लिए पत्नी अपना सुख-चैन खो देती है और हर पल रोती है, मुझे माफ कर दीजिए न।

दोस्ती अच्छी हो तो रंग लाती है।दोस्ती गहरी हो तो सबको भाती है।दोस्ती नादान हो तो टूट जाती है।पर अगर दोस्ती अपनी जैसी हो तो इतिहास बनाती है।

नाराज़गी नहीं है कोई … मै किसस शिकायत करूँ! . . . .

कभी-कभी सॉरी बोलना धरती पर सबसे कठिन पतला होता है लेकिन इसकी सबसे सस्ती चीज सबसे महंगे उपहार को सहेजना होता है जिसे रिश्ता कहा जाता है..!!!

वो सुख-दुख में साथ निभाना,वो साथ मिलकर जश्न मनाना,अनकहे अंदाज में प्यार जताना,याद है हमे वो तेरा जमाना,अब लौट के आ जाना |

बेबी तुम्हारा प्यार भी कोरोना की तरह है दिन पे दिन बढ़ता ही जा रहा है। baby tumhara pyar bhi corona ki tarha hai din pe din badta hi ja rha ha..

आप नाराज़ हों रूठ के ख़फ़ा हो जाए, बात इतनी भी ना बिगड़े कि हम जुदा हो जाए.

हर एक आंख ने देखा आंसू गिरता मेरी आंख से पर इन गिरते आंसुओं को समझने वाली कोई आंख ना दिखी।

तू नाराज है**मुलाकातों की हमें जरुरत नहीं?हमारे दिल में रहो इतना काफी है

जाने-अनजाने में हो जाती है मुझसे भूल ये जानती हूं, पर मैं आप से सॉरी कहकर अपनी गलती मानती हूं।

अगर दोस्त साथ हो तो हम बड़ी से बड़ी मुसीबत का भी हस के सामना कर सकते है| परन्तु जब यही दोस्त रूठ जाते है तो हम टूट से जाते है ,

रूठने का हक़ है तुझे, वजह बताया कर। ख़फ़ा होना गलत नही, तू खता बताया कर।

इस कदर यू हमे अकेला छोड़जाने की सज़ा जरूर पाओगेआगे रस्ता खुदा हुआ हैफिर यू टर्न मार्कर चले आओगे।

बहुत रो रहा हूँ, ज़िंदा हूँ तुझे ज़िंदा ढूँढ़ने के लिए , कहा अब तो रोज़ मारती हूँ, सुनो अब माफ़ कर दो फिर कार्लो से मिलो

कितना सुना लगता हैजब चांद हो और तारे नहींउसी तरह जिंदगी होऔर उस में तुम नहीं।

न रूठना आप हमसे कभी, हमें मनाना नहीं आता, चाहत कितनी है आपके लिए जताना भी नहीं आता, इंतज़ार करते हैं कब मिलेंगे आपसे, मिलने का कोई बहाना भी नहीं आता!

उनकी अपनी मर्जी है जो हमसे बात करते है, और हमारा पागलपन तो देखो जो उनकी मर्जी का इंतज़ार करते है ।।

हमसे खता हुई अनजाने में, आगे से न करेंगे जाने में, बड़ी मुश्किल से मिले हैं आप हमें, न जाइए छोड़कर हमें वीराने में।

पहले थे क्या_क्या से क्या हो गए, ज़रा सी नाराज़गी से हम जुदा हो गयी.

कह कर.दिल जलाती हो, .बेक़रार है.आतिश-इ-नज़र

इतनी मोहब्बत है तो रूठते क्यों हों,इतना मनाने पर भी कुछ बोलते नहीं हो.

सुनो ना अभी सिर्फ बहुत सारा प्यार कर लो इग्नोर तो शादी के बाद भी कर सकते हैं।

तुम्हारी नाराजगी अब बर्दाश्त नहीं होती तुमसे दूर जाने की अब चाहत नहीं होती तुम में ही मेरी दिल की धड़कन हो तुम्हें भुलाने की कोशिश नहीं होती

माना हमसे कोई खता हो गई,पर खफ़ा होकर हमसे यूँ ना रूठी रहो,तुम्हारे लिये हमारी जान भी हाज़िर है सनम,हमसे अपने दिल के अरमान तो कहो।

हम इस लिए उदास नहीं होते दोस्तों, हमें पता है अब कोई मनाने वाला नहीं रहा।

माना हमसे कोई खता हो गई,पर खफ़ा होकर हमसे यूँ ना रूठी रहो,तुम्हारे लिये हमारी जान भी हाज़िर है सनम,हमसे अपने दिल के अरमान तो कहो।

नाराज़गी कुछ ज्यादा न थी उनसे, मैं बस चाहता था मुझे मानाने वो मेरे पास आये।

मेरे इस दिल को तेरे सिवा कोई और पसंद ही नहीं आता ! क्यूंकि इस दिल को तेरे सिवा कोई समझ ही नहीं पता ।

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