1664+ Majburi Shayari In Hindi | मजबूरी शायरी हिंदी

Majburi Shayari In Hindi , मजबूरी शायरी हिंदी
Author: Quotes And Status Post Published at: September 19, 2023 Post Updated at: March 5, 2025

Majburi Shayari In Hindi : “होगी कोई मजबूरी उसकी भी, जो बिन बताएं चला गया, वापस भी आया तो किसी और का होकर आया ! उसे चाहना हमारी कमजोरी है ! वो क्यू न समझते हैं हमारी खामोशी को । उन से कह न पाना हमारी मजबूरी है !

कुछ अलग ही करना है तो वफ़ा करोवरना मजबूरी का नाम लेकरवफाई तो सभी करते है !!

खुशी के मिलने का अब कोई भी रास्ता ना रहा, नींद से भी आजकल मेरा कोई वास्ता ना रहा।

वो नही आती पर अपनी निशानी भेज देती है,ख्वाबो में दास्ताँ पुरानी भेज देती है,उसकी यादों के पल कितने भी मीठे हैं,मगर कभी कभी आँखों में पानी भेज देती है।

यूँ ना कहो कि ये किस्मत की बात है !!मुझे बर्बाद करने में तुम्हारा भी हाथ है !!

हर बात में आँसू बहाया नही करते,हर बात दिल की हर किसी से कहा नही करते,ये नमक का शहर है,इसलिए ज़ख्म यहाँ हर किसी को दिखाया नही करते।

अपने ही आँसुओ से अपने घर को सींचा है, कैसे बताऊं तेरे जाने से मेरा दिल कितना पसीजा है।

जो लोग आपकी मजबूरी को समझते है,वही आपके मजबूरी का फायदा उठाते है…!!

जो हमे समझ ही नहीं सका, उसे हक है हमें बुरा समझने का।

हमारी चाहत ने उस वेबफा को ख़ुशी देदी,और उस वेबफा ने बदले में ख़ामोशी देदी,मांगी तो उस रब से दुआ मरने की थी,लेकिन उसने भी हमे तड़पने के लिए जिंदगी देदी।

किसी की मजबूरी का मजाक ना बनाओ यारो !!ज़िन्दगी कभी मौका देती है कभी धोखा भी देती है !!

👉#तूशायदभूल_गई होगी 👩#छोरी…,#परमेरे 📱#Phon_का🔓#Lockअाजभीतेरे ➡🅿#Naam_से💙#ही _खुलताहै…✔👈

किसी की मजबूरी कोई समझता नहींदिल टूटे तो दर्द होता है, मगर कोई कहता नहीं !

खामोशी समझदारी भी है !!और मजबूरी भी कहीं नज़दीकियां बढ़ाती है !!और कहीं दूरी भी !!

बेशक जो जितना खामोश रहता है वो अपनी इज़्ज़त उतनी ही महफूज़ रखता है.

क्या जानो तुम बेवफाई की हद दोस्तों, वो हमसे इश्क सीखती रही किसी ओर के लिए.

बेबसी का आलम उस शख्स से पूछिए जो रोना चाहता है मगर रो नहीं सकता

अगर तेरी मजबूरी है भूल जाने की,तो मेरी आदत है तुझे याद रखने की.

पैसा आने पर बटुआ फूल जाता है,इंसान रिश्ता, दोस्ती, प्यार सब भूल जाता है।

ग़म-ए-ज़माना ने मजबूर कर दिया वर्ना !!ये आरज़ू थी कि बस तेरी आरज़ू करते !!

“कोई ठहरता नहीं यूँ तो वक़्त के आगेमगर वो ज़ख़्म कि जिस का निशाँ नहीं जाताफ़र्रुख़ जाफ़री “

यार बेकार बेज़ार हम हुए बर्बाद इश्क़ में बर्बाद हम हुए

तुम्हारा तो झूठ भी इतना सच्चा होता है की,हम हर बार आंख बंद करके यकीं कर लेते हैं !

जीने की चाह थी पर मजबूर थे कितने, तलाश थी हमें तुम्हारी पर तुम दूर थे कितने ।

तुम्हे दिल में बसा रखा था,तुम ज़रा सा दिल ही रख लेते..Tumhe dil mein rakha tha,Tum zara sa dil hi rakh lete..

बहुत दर्दनाक होती है लाचारी !!करती है जीना मुश्किल मजबूरी !!

ये न समझ के मैं भूल गया हूँ तुझेतेरी खुशबू मेरी सांसो में आज भी हैमजबूरी ने निभाने न दी मोहब्बतसच्चाई तो मेरी वफ़ा में आज भी है !!

ये ज़िन्दगी बहुत कीमत है मेरे दोस्त एक शख्स के पीछे इसे बर्बाद मत करना

मौसम भी इशारा करके बदलता है, लेकिन तुम अचानक से बदले हो हमें यकीन नहीं आता.

जो पड़ते हैं पूरी लगन से सारी रात, वो होते हैं हमेशा सफल;नहीं बैठते हैं जिंदगी में कभी भी खाली हाथ।

क्या थी मजबूरी तेरी जो रस्ते बदललिए तूने हर राज कह देने वालेक्यों इतनी सी बात छुपा ली तूने.

कुछ तो मजबूरीउसकी भी रही होगीयूं ही नही कोई अपनेप्यार को छोड़ देता है !

पढ़ने की उम्र में उसने बच्चे से मजदूरी कराई थी, वह मजदूरी नही साहब मजबूरी थी।

बदनाम तो बहुत हु 😎मैं ज़माने मेंतू बता तेरे सुनने में क्या किस्सा🦋 आया है

वो जो कहते थे तुम शहर में अकेले हो उनकी मोहब्बत हर गली में निकली

“वक़्त बर्बाद करने वालों कोवक़्त बर्बाद कर के छोड़ेगादिवाकर राही “

“शाम का वक्त हो और ‘शराब’ ना हो,इंसान का वक्त इतना भी ‘खराब’ ना हो।। “

लड़को की ज़िन्दगी आसान कहाँ साहब ख्वाहिशे मर जाती है उनकी ज़िम्मेदारियों के नीचे आ कर।

मैं इश्क़ का फ़कीर हूं साहिब,खैरात में चाहता हूँ महबूब को..Main isq ka fakeer hoon sahab,Khairat mein chahta hoon mahboob ko..

कुछ दिन साथ चलने वाले, थोड़ा और साथ चलने की तमन्ना थी, मजबूरी है कहना ही पड़ेगा अलविदा।

मुश्किल ही नहीं नामुमकिन सी बात है जो मेरा था किसी और के साथ है चेहरे ही नहीं ये दिल भी उदास है बेवफाई का ये पहला एहसास है

खोजोगे तो हर मंज़िल की राह मिल जाती है !!सोचोगे तो हर बात की वजह मिल जाती है !!ज़िंदगी इतनी मजबूर भी नही ऐ दोस्त !!प्यार भी जीने की वजह बन जाती है !!

दर्ज करो पते उनके सब ओहदों के साथ, न जाने कौन भूले या फिर याद आए कौन।

कभी भी किसी की मजबूरियों पर मत हँसना, कोई मजबूरियों को खरीद कर नहीं लाता, डर रखिये वक्त की मार से बुरा वक्त किसी को बता कर नहीं आता.

जब बदलने कीआदत होती है किसी कीफिर मजबूरियां रखनीहोती है भूलने की !

आँखें थक गई है आसमान को देखते देखतेपर वो तारा नहीं टूटता ,जिसे देखकर तुम्हें मांग लूँ

ताउम्र तेरे साथ बीती रातों को फिर याद करेंगे, कह सकें अलविदा तुझसे इसलिए मेरे यार, आंसू का एक भी कतरा बहाए बिना बात करेंगे।

वक्त_ ही तो है _बदल _जाएगा🚫🔥आज तेरा है तो कल मेरा होगा!!⚠️

कभी गम तो कभी ख़ुशी देखी, हमने अक्सर मजबूरी और बेकसी देखी, उनकी नाराज़गी को हम क्या समझें, हमने तो खुद अपनी तकदीर की बेबसी देखी.

😔माना कि बहुत 😰 कीमती है☹ वक़्त तेरा 👰 मगर…….😎हम भी_#नवाब 👑_हैं_बार-बार_नहीं_मिलेंगे 😕…! ♚••♚😎☆▪▪

क्यूँ करते हो वफा का सौदा, अपनी मजबूरिओं के नाम पर, मैं तो अब भी वो ही हूँ, जो तेरे लिए जमाने से लड़ा था ।

मुझसे वफ़ा का वादा करके औरों में खैरात बाटी वो शख्स खुदको जाने क्यों खुदा मानता है

थके लोगों को मजबूरी मेंचलते देख लेता हूँमैं बस की खिड़कियों से येतमाशे देख लेता हूँ !!

किसी की मजबूरी कोई समझता नहीं ! दिल टूटे तो दर्द होता है, मगर कोई कहता नहीं !

मजबूरियॉ ओढ़ के निकलता हूंघर से आजकल,वरना शौक तो आज भी हैबारिशों में भीगनें का।

नाकाम हैं असर से दुआएँ दुआ से हम !!मजबूर हैं कि लड़ नहीं सकते ख़ुदा से हम !!

आखिर शौक थोड़ी है !!किसी का बिछड़ के एक दूसरे से रहना !!कुछ मजबूरियां ऐसी होती है !!मजबूत करती है अलग रहने के लिए !!

बयां क्या करूँ मैं अपना हाल-ए-दिल वो जो मेरा था अब मेरा नहीं उसे अपना कहना भी गुनाह सा है अब उसकी यादों पर भी हक़ मेरा नहीं

ये पागल पागल फिरता है इसको तू समझा दे अब या तो अपना बना ले इसे या फिर दिल जला दे अब

किसी को बांध कर रखना फितरत नहीं मेरी !!मैं प्रेम का धागा हूं मजबूरी की जंजीर नहीं !!

लबो 😌से जिस्म 😅छू लूँ तेरा,😇सांसो 😜में साँस😁 जगा जाऊ😇😇तेरी 👍इजाजत हो🤟 तो,मैं तुझमे🤗 समां जाऊ💥💥

एक तेरे गम को जगह दी दिल में जो मैंने गम गम नहीं रहा ज़हर हो गया

जो लोग आपकी मजबूरी को समझते है !!वही आपके मजबूरी का फायदा उठाते है !!

ज़िन्दगी में ज़िन्दगी के सिवा कुछ नहीं था जो कुछ था उसका था मेरा कुछ नहीं था बर्दाश्त की भी हद थी तभी छोड़ गया वो उसके लिए मुझसे बुरा कुछ नहीं था

खुद से इस तरह दूर ना कर मुझे, पास जीने की वजह सिर्फ तुम हो

ऐसी भी क्या मजबूरी आ गई थी जनाबकी आपने हमारी चाहत का कर्ज धोका दे कर चुकाया !

एक अधूरी ख्वाईश मेरी पूरी हो जाये, मुझे याद करना उनकी मजबूरी हो जाये, ऐ खुदा कुछ ऐसी मजबूरी बना दे कि उनकी हर ख्वाइश हमारे बिना अधूरी हो जाये.

ऐसी भी क्या मजबूरी आ गई जनाब की !!आपने हमारी चाहत का कर्ज़ा धोका दे !!कर चुकाया !!

बस रेहान की एक बात को तू सब्र दे दे,बिन भुलाए तेरे इश्क़ को हम मुस्कुराएं कैसे।

हमारी तबियत भी न जान सके हमे बेहाल देखकर, और हम कुछ न बता सके उन्हें खुशहाल देखकर.

कम नहीं होता है उस बीमार का दुख !!जिसको होता है किसी के प्यार का दुख !!

आपके साथ जिंदगी बितानी हैं वक़्त नहीं..Aapke sath zindagi bitaani hain waqt nahi…

कोई मजबूरी होगी जो वफा कर ना सके..मेरे मेहबूब को ना शामिल करो बेवफाओ में..!!

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