Ladki Ki Tarif Me Shayari In Hindi : अपना चांद सा चेहरा देखने की इजाजत दे दो, इस खूबसूरत शाम को और सजाने की इजाजत दे दो। एक लाइन में क्या तेरी तारीफ़ लिखूं पानी भी जो देखे तुझे तो प्यासा हो जाये
तेरी खुबसूरती का भी क्या कहना, तुम तो हो मेरे जन्म जन्मांतर का गहना।
कितनी खूबसूरत हैं आँखें तुम्हारी,बना दीजिये इनको किस्मत हमारी।इस ज़िंदगी में हमें और क्या चाहिए,अगर मिल जाए मोहब्बत तुम्हारी।
मैं भी ठहरूं किसी के होंठों परक़ाश मेरी ख़ातिर….दुआ करे कोई
हल्की हल्की मुस्कुराहटें और सनम का खयालबड़ा अजीब होता है मुहब्बत करने वालों का हाल
उसकी खूबसूरती की तारीफ करने से डरते हैं, कहीं समझ न ले वो इसे हमारी खता, इसलिए इजहार-ए-मोहब्बत करने से डरते हैं।
उसने होठों से छू करदरिया का पानी गुलाबी कर दिया,हमारी तो बात और थी उसने तोमछलियों को भी शराबी कर दिया..!!
ना जाने कैसी मासूमियत है तेरे चहरे पे तुझे सामने से ज़्यादा छुपकर देखना अच्छा लगता है।
मैं पत्थर से आग जला भी दूँ तो इसमें हैरत क्या है, . .वो अदाओं से बस्तियाँ जलाकर आई है ..
मेरी आँखों को जब उनका दीदार हो जाता है, दिन कोई भी हो मेरे लिए त्यौहार हो जाता है.
फिर ना कीजे मेरी गुस्ताख निगमों से गिला,देखे आपने फिर प्यार से देखा मुझे।
हमें तुम जैसा कोई नहीं सिर्फ तू चाहिए।
हुस्न वालों को संवरने की जरूरत ही क्या हैवो तो सादगी में भी क़यामत की अदा रखते हैं
उनसे कह दो कि नज़रें बा – खूब मिलाया करें, कभी कुछ पल मेरे पहलू में भी मुस्कुराया करें
हुस्न को बे-हिज़ाब होना था शौक़ को कामयाब होना था,हिजर में कैफ-ऐ-इज़्तेराब न पूछ,,खून -ऐ -दिल भी शराब होना था।
खूबसूरती न सूरत में है ना लिबास में है, निग़ाहें जिसे चाहे उसे हसीन बना दे।
तुम फिर उसी अदा से अंगड़ाई ले के हँस दो, आ जाएगा पलट कर फिर गुज़रा हुआ ज़माना.
बहुत खूबसूरत हो तुम फूल की तरह, खुद को दुनिया कि नजर से बचाया करो, सिर्फ आँखों में काजल ही काफी नहीं, गले में नीम्बू-मिर्ची भी लटकाया करो।
प्यार करना कितना आसान है,पर प्यार का इजहार करना मुश्केल । ☹️
मोहब्बत है कितनी ज्यादा तुमसेकहो तो सारे जहाँ को बता दूँतू करदे हाँ एक बारतेरे कदमो में आसमा बिछा दूँ
इक अदा आपकी दिल चुराने की, एक अदा आपकी दिल में बस जाने की, चेहरा आपका चाँद जैसा और इक ज़िद हमारी उस चाँद को पाने की.
अल्फाज खुशी दे रहे थे मुझे और, वो मेरे इश्क की तारीफ कर रही थी !!
तेरी खूबसूरती पर तो लाखों मरते होंगे, तू किसी और से करे बात तो हम जलते रहेंगे।
रूठ कर कुछ और भी हसीन लगते हो,बस एहि सोच कर तुमको खफा रखा है
बहुत तमन्ना थी, प्यार में आशियाना बनाने की,बना चुके तो लग गयी नज़र ज़म्माने की।
तुम्हारे गालों पर एक तिल का पहरा भी जरूरी है,डर है की इस चहरे को किसी की नज़र न लग जाए।
घर जाते ही अपनी नजर उतार लेना…! हमने इश्क की नजरों से देखा है तुम्हें…!!
सुगर तो मैने हमेशा सही मात्रा में ली है, डाइबीटीज होने के कसूरवार तो तुम्हारे होंठ है..!
बिखर जाने दे मुझे तेरी मोहब्बत में,ये तो वो नशा है जो कभी उतरता नहीं।
तू जरा सी कम खूबसूरत होती तो भी बहुत खूबसूरत होती
तुम आईना क्यूं देखती हो?बेरोज़गास करोगी क्या मेरी आँखो को..
बहुत ही खूबसूरत लगती है तुम्हारी अदा, जिस पर है हम कुछ इस तरह फिदा, नही होंगे हम कभी एक दूसरे से खफा, ना ही होगे कभी हम एक दूजे से जुदा।
कल्पना नहीं आती मुझे लिखनी वास्तविकता लिखती हूँ। जो मुझे समझ नही पाते उनके दिमाग मे भी नहीं, जो मुझे समझ जाते हैं उनके दिल में उतरती हूँ ।
नशा हम करते हैं ,इल्जाम शराब को दिया करते है।कसूर शराब का नही उनका है,जिनका चेहरा हम जाम में तलाश किया करते हैं ।
इस कद्र कशिश है तुम्हारी इन अदा में हम अगर तुम होते तो खुद से इश्क कर लेते
यूं तो दुनिया में देखने लायक बहुत कुछ है,पर पता नहीं क्योंये आंखे सिर्फ तुम्हारी आंखों पर आकर ही रुक जाती है।
मोहब्बत अगर खूबसूरती देखकर होती,तो कसम से तुमसे कभी नहीं होती।
मैंने अपार सुंदरता देखी है, जब मैंने “माँ” को मुस्कुराते हुए देखा है।
नींद से क्या शिकवा जो आती नहीं रात भर, कसूर तो उस चेहरे का है जो सोने नहीं देता।
मेरा इश्क भी, तेरा हुस्न भी,गजलों में आके घुल गई,मेरी शायरी की किताब तू,कभी खो गई, कभी मिल गई.
आँखे बयां करती है, दिल में छिपे राज़जब बज रहे हो दिल में मोहब्बत के साज़तेरे नयनों के स्पर्श बिना,मेरी हर रचना अधूरी है…!!!
निगाह उठे तो सुबह हो, झुके तो शाम हो जाएँ, एक बार मुस्कुरा भर दो तो कत्ले-आम हो जाएँ.
ख़ूबसूरत चेहरों में कशिश तो लाज़मी है,मगर ख़ूबसूरत दिल के बग़ैर चाहत अधूरी होती है।
आइने में क्या चीज़ अभी देख रहे थे,फिर कहते हो खुदा की कुदरत नहीं देखी।।
ये तो आपने भी गौर किया होगा की लड़कियों को अपनी ड्रेस से कितना प्यार होता है और वो लोग अपने हर एक ड्रेस को बहुत पसंद करती है.
एक लाइन में क्या तेरी तारीफ़ लिखू, पानी भी जो देखे तुझे तो प्यासा हो जाये ।
हुस्न वालों को संवरने की क्या जरूरत है, वो तो सादगी में भी क़यामत की अदा रखते हैं।
कुछ तुम्हारी निगाह काफ़िर थी,कुछ मुझे भी खराब होना था।
जुल्फे बगावत पर है मेरी आज,तेरे हाथो सवर्ने की जिद कर बैठी है आज।
मुझसे जब भी मिलो नजरें उठाकर मिलो,मुझे पसंद है अपनेआप को तुम्हारी आँखों में देखना।
हमें नहीं चाहिये ज़माने की खुशियाँ, अगर मिल जाये मोहब्बत तुम्हारी…
मैं तो उससे सारी बहस बस जीतने ही वाला था कि, उसने दोनो हाथ उठा कर बाल बांधने शुरू कर दिये..!!
फूलों से खूबसूरत कोई नहीं सागर से गहर कोई नहीं अब आपकी क्या तारीफ करू खूबसूरती में आप जैसा जैसा कोई नहीं.
नाजुक फूलों के जैसा चेहरा है उनका, खिलती कलियों सी लबों की मुस्कान, उनकी तारीफों में शब्द भी पड़ जाएं कम, दुनिया में सबसे खूबसूरत है हमारी जान।
आपके दीदार को निकला है तारे,आपकी खुशबू से छा गई है बहारे।आपके साथ देखते हैं कुछ ऐसे नज़र,की चुप चुप के चांद भी बस इतनी को निहारे।
तेरे चेहरे की चमक, तेरे बाल की खुशबू,तेरी अदाओं का नशा मुझे हमेशा रहता है।
चांद की चमक भी फीकी लगती हैं, तू परियों से ज्यादा खूबसूरत दिखती है।
वो मुझसे रोज़ कहती थी मुझे तुम चाँद ला कर दो,उसे एक आईना दे कर अकेला छोड़ आया हूँ।
माना कि तुम बहुत खूबसूरत हो, पर ये दिल भी होता तो क्या होता।
और भी इस जहां में आएंगे आशिक कितने,उनकी आंखों को तुमको देखने की हसरत रहे।
नही आता तेरी मोहब्बत को छुपाना मुझे तेरी खुशबू मेरी हर शायरी में बसा करती है।।
फिज़ाओ में रंग बिखेरे तुम्हारा चाँद सा चेहरामुझे बेचैन कर जाये तुम्हारा मासूम चाँद सा चेहरामेरी खातिर सँवरता है तुम्हारा चाँद सा चेहरा.
ना रंग से रंगीन हुए,ना भंग से हुए मदहोशडाली जो उसने तिरछी नज़र फिर कहाँ रहा कुछ होश,,
आसमां में एक अजीब खलबली मची हुई है,लोग पूछ रहे हैं की ये ज़मीं पे कौन घूम रहा है,एक चाँद सा खूबसूरत चेहरा लिए हुए।
यूं तो दुनिया में देखने लायक बहुत कुछ है, पर पता नहीं क्यों ये आंखे सिर्फ तुम्हारी आंखों पर आकर ही रुक जाती है ।
तेरे चेहरे की सुंदरता ने हमें दीवाना बना दिया, खुलेआम परवाना बना दिया।
एक बात हो तो तारीफ करूँपर तुझ मे तो बात ही बहुत है,रोज़ मिलना ज़रूरी नहीं तेरा,आदि होने के लिएएक मुलाक़ात ही बहुत है..!!
सारी दुनिया का हुस्न देखा है,लेकिन तुम लाजवाब लगते हो।
कैसी थी वो रात कुछ कह सकता नहीं मैं,चाहूँ कहना तो बयां कर सकता नहीं मैं ।
इश्क़ तो हमेशा से ही ख़ूबसूरत रहा है,दाग़ तो ख्वाहिशें लगाती हैं।
कुछ मौसम रंगीन है कुछ आप हसीन हैं,तारीफ करूँ या चुप रहूँ जुर्म दोनो संगीन हैं।
हर बार हम पर इल्ज़ाम लगा देते हो मोहब्बत का,कभी खुद से भी पूछा है इतने हसीन क्यों हो?
आँखों से पिलाकर मोहब्बत के जाम,क्योँ बैठी हो सनम नज़रे फेरकर,कबूल कर लो हमारे प्यार का पैगाम,यू नज़रे ना चुराओ हमें देखकर।