Ladki Ki Tarif Me Shayari In Hindi : अपना चांद सा चेहरा देखने की इजाजत दे दो, इस खूबसूरत शाम को और सजाने की इजाजत दे दो। एक लाइन में क्या तेरी तारीफ़ लिखूं पानी भी जो देखे तुझे तो प्यासा हो जाये
तरस गये आपके दीदार को,दिल फिर भी आपका इंतज़ार करता है।हमसे अच्छा तो आपके घर का आईना है,जो हर रोज़ आपका दीदार करता है।
वो भूखी प्यासी व्रत खोलने के लिए, बेसब्री से चाँद का इंतजार करेंगी। और सोलह श्रृंगार में उनका चांद से अद्भूत सौंदर्य देख, हमारे दिल की धडकनें बढेंगी।।
तुम्हारी खूबसूरती से इतनी मोहब्बत है,कि चाहते हैं ज़िन्दगी भर तुम्हें देखते रहें।
तेरे वजूद से हैं मेरी मुक़म्मल कहानी,मैं खोखली सीप और तू मोती रूहानी।
किसी ने मुझ से कहा बहुत खुबसूरत लिखते हो यार,मैंने कहा खुबसूरत मैं नहीं वो है जिसके लिए हम लिखा करते है.
महक़ रहा है चमन की तरह वो आईना कि जिस में तूने कभी अपना रूप देखा था
इश्क़ के फूल खिलते है तेरी ख़ूबसूरत आँखों में, जहाँ देखे तू एक नजर वहाँ खुशबू बिखर जाएँ.
कुछ अपना अंदाज हैं कुछ मौसम रंगीन हैं, तारीफ करूं या चुप रहूं जुर्म दोनो ही संगीन हैं!
क्या पूछते हो हमसे हुस्न की तारीफ़ हमें जिस से मोहब्बत हुई, वो ही सबसे हसीं
तेरी तारीफ में कुछ लब्ज कम पड़ गए शायद?वरना हम भी किसी ग़ालिब से कम ना थे।।
तुम्हारी खूबसूरती की दिन रात मैं तारीफ करता हूं,तुम्हारी तस्वीर लेकर यूं ही दिन रात देखा करता हूं.
हर बार हम पर इल्जाम लगा देते हो मुहब्बत का,कभी खुद से भी पूंछा है इतनी खूबसूरत क्यों हो.
Puaar तो tujse behisab hai, parTujhe kahne ka tarika nahi pata. ❤️
तेरे वजूद से हैं मेरी मुक़म्मल कहानी, मैं खोखली सीप और तू मोती रूहानी।
मेरे दिल के धड़कनों की वो जरूरत सी है, तितलियों सी नाजुक, परियों जैसी खूबसूरत सी है.
तुझसे जुड़ा होगा भी दिल को चैन नहीं मिलता,तेरी हर अदा मुझे अपना बना लेती है।
इस सादगी पे कौन न मर जाए ऐ ख़ुदा,लड़ते हैं और हाथ में तलवार भी नहीं..!!
क्या लिखूँ तेरी सूरत ए तारीफ मेँ, मेरे हमदम अल्फाज खत्म हो गये हैँ, तेरी अदाएँ देख-देख के.
रोज इक ताजा शेर कहाँ तक लिखूं तेरे लिए, तुझमें तो रोज ही एक नई बात हुआ करती है !
सुर्ख आँखो से जब वो देखते है,हम घबराकर आँखे झुका लेते है।क्यू मिलाए उन आँखो से आखे,सुना है वो आखो से अपना बना लेते है।
आफ़त तो है वो नाज़ भी अंदाज़ भी लेकिन,मरता हूँ मैं जिस पर वो अदा और ही कुछ है
बेशक़ तुम ताउम्र मत करना,अपने “इश्क़” का इज़हार !
स घड़ी देखो उनका आलमनींद से जब हों बोझल आँखें,कौन मेरी नजर में समायेदेखी हैं मैंने तुम्हारी आँखें।
कसा हुआ है तीर हुस्न का, जरा सम्भलकर रहियेगा, नजर नजर को मारेगी, तो कातिल हमें ना कहियेगा.
तुम्हारी खूबसूरती मुझे मग्न कर देती है,मेरे दिल में तुम्हारे लिए सिर्फ मोहब्बत ही होती है।
ऐ खुदा उनकी हर पल हिफाज़त करना अब खूबसूरत चेहरा उदास अच्छा नहीं लगता।
गुलाब खिलते नहीं जिंदगी की राह मे.हंसी चहकती रहे आपकी निगाह मे.खुशी की लेहर मिले हर कदम आप को.देता हूँ दिल से दुआ हर वक्त आप को.
तारीफ करूँ क्या तेरी, कुछ अल्फ़ाज ही ना मिले,जब से देखा है तुझको दिल में अरमान है जगे।
माफ़ करना मेरी गुस्ताखियाँ कुछ बढ़ गई है अब मैं तेरे तस्वीर में तेरे होंटों को चूम लेता हूँ।
जो फ़ना हो जाऊं तेरी चाहत में तो ग़ुरूर ना करना……..!!ये असर नहीं तेरे इश्क़ का, मेरी दीवानगी का हुनर है………. !!
लोग मेरी शायरी की तारीफ कर रहे हैलगता है दर्द अच्छा लिखने लगा हूं मैं..!
तारीफ अपने आप की करना फ़िज़ूल है खुशबू खुद बता देती है कौन सा फूल है
कितनी खूबसूरत हैं आँखें तुम्हारी,बना दीजिये इनको किस्मत हमारी,ज़िंदगी में हमें और क्या चाहिए,अगर मिल जाए मोहब्बत तुम्हारी..!!
तुम एक सुंदर फुलझड़ी की तरह हो,जो सभी को अपनी ओर खींचती है।
तुझे पलकों पे बिठाने को जी चाहता है,तेरी बाहों से लिपटने को जी चाहता है।खूबसूरती की इंतेहा हैं तू,तुझे ज़िन्दगी में बसाने को जी चाहता है।
तौबा…तुम्हारी ये बातूनी आंखें…मुझे कुछ बोलने ही नहीं देती..
यकीनन चेहरे की खूबसूरती आंखों को सुकून देती है, लेकिन…. रूह को सुकून तो दिल की खूबसूरती ही देती है।
चांद सा तेरा मासूम चहरा तू हया की एक मूरत है तुझे देख के कलिया भी शर्माए तू इतनी खूबसूरत है।
हसीन तो और भी है इस जहाँ में मौला ,पर जब उसने अपना घुँगट खोला।तो चाँद भी मुझसे शर्मा के बोला,ये रात की चाँदनी है या दिन का शोला।
सुनो…मुझे देखकर तेरा यूं मुस्कुराना बेहद पसंद है…एक तुझ से ही मेरे जीवन मे सदा बसन्त है…!!!
तरस गये आपके दीदार को, दिल फिर भी आपका इंतज़ार करता है, हमसे अच्छा तो आपके घर का आईना है, जो हर रोज़ आपका दीदार करता है।
खूबसूरत हो इसलिए मोहब्ब्त नहीं है, मोहब्बत है इसलिए खूबसूरत लगती हो !
चुपचाप चले थे जिंदगी के सफर मेंतुम पर नजर पड़ी और गुमराह हो गए
जब करते है तारीफ उनकी तो चाँद सितारे अपनी आँखे मलने लगते है, जब चा जाते है नज़रो की गेहराइओ में उनकी तो कुछ अपने जलने लगते है..!!
इन आँखों को जब जब उनका दीदार हो जाता है दिन कोई भी हो, लेकिन मेरे लिए त्यौहार हो जाता है
नायब था अंदाज उसका जमीन से आसमां तक, हर चीज में तारीफ करते खुदा ने बनाया है हसीन आपको.
कुदरत का वो करिश्मा हो तुम,जिसकी चाहत हर किसी को होगी,बड़े नसीबों वाला होगा वो,तू जिसकी ज़िन्दगी होगी।
तुम्हे देख के ऐसा लगा चाँद को जमीन पर देख लिया, तेरे हुस्न तेरे शबाब में सनम हमने कयामत को देख लिया !
हर बार हम पर इल्जाम लगा देते हो मुहब्बत का,कभी खुद से भी पूंछा है इतनी खूबसूरत क्यों हो!
आँखों में तेरी कोई करिश्मा जरूर है, तू जिसको देख ले, वो बहकता जरूर है.
मेरी मस्त निगाहों में डुब जा ऐ गालिबबहुत ही हसीन समुन्दरहै तेरे खुदकुशी के लिए
तेरी तस्वीर ज़रूर है मेरे पास मग़र उसकी कोई ज़रुरत नहीं क्युकी तेरे खूबसूरत चहरे को हमने आँखों में बसा रखा है।
मैं इतनी अच्छी भी नहीं जितनी तुम तारीफकर जाते हो, कही किसी और के हिस्से कीतारीफ चुरा के तो नहीं लाते हो.
हया से सर झुका लेना अदा से मुस्कारा देना,हसीनो को भी कितना सहल है बिजली गिरा देना।।
कुछ फिजायें रंगीन हैं, कुछ आप हसीन हैं,तारीफ करूँ या चुप रहूँ जुर्म दोनो संगीन हैं।
उनकी चाहत में हम कुछ यूँ बँधे है….वो साथ भी नही और हम अकेले भी नही…!!
उन आँखों की झपकियों को भी सौ दफा सलाम है ए दिलजिन आँखों की पलकों के नीचे मेरी चाहत पनाह लेती है
प्यार कितनी जिद्दी चीज है,एक बार हो जाता हैओर कभी छूटता नही । 😊
कितना हसीन चाँद सा चेहरा हैं,उसपे सबाब का रंग गहरा हैं।खुदा को यकीन ना था वफ़ा पे,तभी चाँद पर तारों का पहरा हैं।
ख्व़ाब बनकर तेरी आँखों में समाना है, दवा बनकर तेरे हर दर्द को मिटाना है, हासिल है मुझे जमाने भर की खुशियाँ मेरी हर ख़ुशी को बस तुझ पर लूटाना है.
रूठ गए तो हम मना लेंगे,मेरी जान कभी जुदा ना होना । 🙏🏻
हसीन चेहरों से सीखी हमने सिर्फ एक बात, जिसकी जितनी हसीं अदा है वो उतना ही बेवफा है.
जो कागज पर लिख दू तारीफ तुम्हारी तो श्याही भी तेरे हुस्न की गुलाम हो जाये
तुम्हारी सादग़ी ही है, तुम्हारी खूबसूरती, वरना हमारी ये आँखे, तुम्हे यूँ ना घूरती।
निगाह उठे तो सुबह हो,झुके तो शाम हो जाएँ,एक बार मुस्कुरा भर दो तो कत्ले-आम हो जाएँ.
बड़ा हैरान हूं देखकर आईने का ज़िगर,एक तो तेरी कातिल नज़र औरउस पर काज़ल का कहर..
सोचता हूं हर कागज पे तेरी तारीफ करु फिर खयाल आया कहीँ पढ़ने वाला भी तेरा दीवाना ना हो जाए ।
कुछ नशा तो आपकी बात का है कुछ नशा तो आधी रात का हैहमे आप यूँ ही शराबी ना कहिये इस दिल पर असर तो आप से मुलाकात का है
नींद से क्या शिकवा जो आती नहीं रात भर,कसूर तो उस चेहरे का है जो सोने नहीं देता।
हर बार हम पर इल्जामलगा देते हो मुहब्बत का,कभी खुद से भी पूछा है केइतनी खूबसूरत क्यों हो..!!
उसने महबूब की तारीफ कुछ इस कदर की, रात भर आसमान में चाँद भी दिखाई न दी.
इक अदा आपकी दिल चुराने की,एक अदा आपकी दिल में बस जाने की।चेहरा आपका चाँद जैसा और इक ज़िद,हमारी उस चाँद को पाने की।