Ladki Ki Tarif Me Shayari In Hindi : अपना चांद सा चेहरा देखने की इजाजत दे दो, इस खूबसूरत शाम को और सजाने की इजाजत दे दो। एक लाइन में क्या तेरी तारीफ़ लिखूं पानी भी जो देखे तुझे तो प्यासा हो जाये
सर झुका कर कबूल कर ली हर सजा..!! बस कसूर इत्ना था की बेकसूर थे हम…!!
बहुत खुबसूरत है हमारा सनम,खुदा ऐसा चेहरा बनाता है कम।
कर दिया इज़हार ए इश्क़ हमने टेलीफ़ोन पर,लाख रुपए की बात थी,दो रूपए में हो गई।
तुम ही तुम दिखते हो हमेकुछ तो हुआ ज़रूर है!ये आईने की भूल है यामेरी निगाहों का कसूर है!!
इस सादगी पे कौन न मर जाए ऐ ख़ुदा,लड़ते हैं और हाथ में तलवार भी नहीं।
ख्वाहिश ये नहीं की मेरी तारीफ हर कोई करे,बस कोशिश ये है की मुझे कोई बुरा न कहे।
बात तो तेरी सुनी ही नहीं मैंनेध्यान मेरा तेरे लबों पर था
ऐसे माहौल में दवा क्या है दुआ क्या है,जहां कातिल ही खुद पूछे कि हुआ क्या है।
बस इक लतीफ तबस्सुम बस इक हसीन नजर, मरीजे-गम की हालत सुधर तो सकती है।
गर्म आंसू भड़ गए उसके गोरे गाल पर,कर्ज मेरे भड़ता जा रहा है अब मेरे रुमाल पर।
मेरी जान तेरे इश्क़ में खोने को जी चाहता हैं, तेरी खुले बालों की छाँव में सोने को जी चाहता हैं.
आज उसकी मासूमियत के कायल हो गए,सिर्फ उसकी एक नजर से ही घायल हो गए।
हुस्न से उनकी हमें कभी मोहब्बत न थी, वो तो बस उनका मुस्कुराना हमारा दिल चीरकर ले गया।
देखते ही उनको फिदा हो जाएं, इतनी हसीन हैं वो, न गहने न श्रृंगार, फिर भी वो बला की खूबसूरत है.
हुस्न की तारीख मुझे मालुम नहीं यारो,मेरी नजरों में हसीन वो है जो मेरे यार जैसा हो।
कभी आप अपनी तारीफ सुन कर शक में पर जाएँ तोह यक़ीन करें आपको अकाल आ चुकी है..!!
हम आज उसकी मासूमियत के कायल हो गए,उसकी सिर्फ एक नजर से ही घायल हो गए।
जिस मोड़ पे तू मिल गई, वहाँ एक नई राह खुल गई, तू नये किरण की बहार है अब रात भी मेरी ढल गई.
मेरी निगाह-ए-शौक भी कुछ कम नहीं मगर,फिर भी तेरा शबाब तेरा ही शबाब है।
नजरों का शर्माना भी एक अदब है,और नजरों से सब कुछ कह जाना भी गजब है।
ख्वाहिश ये नहीं की मेरी तारीफ हर कोई करे, बस कोशिश ये है की मुझे कोई बुरा न कहे.
कातिल आपकी अदाओं ने लूटा है,मुझे आपकी वफाओं ने लूटा है,शौक नहीं था हमें आशिक़ी का,मुझे तो अपकी निगाहों ने लूटा है..!!
मत पूछो की कैसे लगते है,जान हो आप मेरी ओर सीधे दिल पे लगते हो । ❤️
यह मुस्कुराती हुई आँखें,जिनमें रक्स करती है बहार।शफक की, गुल की,बिजलियों की शोखियाँ लिये हुए।
ऐ दिल बिन बताये मुझे ले चल कहीं,जहाँ वो मिल जाये, मेरी मंजिल वहीँ।
सौ सौ उम्मिदीन बंधती हैं, एक इक निगाह पर,मुझे ना ऐसे प्यार से देखा करे कोई।
चाँद की चमक भी फीकी लगती हैं, तू परियों से ज्यादा खूबसूरत दिखती है.
मैं उमरा भर जिन्का ना दे शक जवाब,वो एक नज़र में इतने सवाल कर गए।
ये अदा ये अंदाज यु मुस्कराना तेरा, कईयों को डुबो गया आखो के सागर में…
मेरा इश्क उसके लिए एक सवाल था और उसकी मोहब्बत मेरे हर सवालों का जवाब।
तेरा होना ही मेरे लिए खास है,तू दूर हो कर भी मेरे पास है । 💚
हम तो फना हो गए उनकी आँखे देखकर, ना जाने वो आइना कैसे देखते होंगे।
सजते दिल में तरने बहुत है,जिंदगी जीने के बहुत बहुत है।आप सदा मस्कुराते रहे,आपकी मुस्कान के दीवाने बहुत है।
तुझे मिलके जाना कीप्यार किसे कहते है । ❤️
कोई चांद सितारा है तो कोई फूल से प्यारा है, जो दूर रहकर भी हमारा है वो नाम सिर्फ तुम्हारा है.
निगाह उठे तो सुबह हो,झुके तो शाम हो जाएँ,एक बार मुस्कुरा भर दो तो कत्ले-आम हो जाएँ।
क्या लिखूं तेरी तारीफ-ए-सूरत में यार, अलफ़ाज़ कम पड़ रहे हैं तेरी मासूमियत देखकर..!!
जंगली जड़ी बूटी सी मैं दोस्तों किसी को जहर, किसी को दवा सी लगती हूं
अजब तेरी है ऐ महबूब सूरत, नज़र से गिर गए सब ख़ूबसूरत !
खूबसूरत है इसलिए मोहब्बत नहीं है, मोहब्बत है इसलिए खूबसरत लगती हो.
मैंने समंदर से सीखा है जीने का सलीक़ा, चुपचाप से बहना और अपनी मौज में रहना ।।
उन्होनें कहा,,, तुम्हारी आंखें बहुत खूबसूरत हैं …मने भी कह दिया,,,तुम्हारे ख़्वाब जो देखती हैं !!
उन्हें हर कोई देख रहा था महफिल मे सरेआम…!उनकी एक नज़र हम पर क्या पड़ी हम तो मशहूर हो गए…
आपके सामने जो दूसरों की बुराई कर रहा है आप उससे ये उम्मीद मत रखना के दुसरो के सामने आप की तारीफ ही करेगा..!!
इश्क़ को जब हुस्न से नजरें मिलाना आ गया,खुद-ब-खुद घबरा के कदमों में जमाना आ गया।असद भोपाली
हमें तो उनकी सादगी से मोहब्बत हो गई, लोग उनके हुस्न के दीवाने हुए फिरते हैं।
कौन देखता है किसी को अब सीरत की नज़र से,सिर्फ खूबसूरती को पूजते है, नए ज़माने के लोग।
इस सादगी पे कौन न मर जाए ऐ ख़ुदालड़ते हैं और हाथ में तलवार भी नहीं।
चाहो तो छोड़ दो। चाहो तो निभा लो।दोस्ती हमारी। मर्ज़ी तुम्हारी
कमसिनी का हुस्न था वो… ये जवानी की बहार,पहले भी तिल था रुख पर मगर क़ातिल न था।
दिल का मौसम कभी तो खुशगवार हो जाये,एक पल को ही सही, तुझे मुझसे प्यार हो जाये।
आपका शर्मना हमे बड़ा भाता है, और आपका एक झलक देकर चले जाना, हमे तड़पता है।
धीरे से लबों पे आया ये सवाल, तू ज्यादा खूबसूरत है या तेरा ख्याल।
सुबह शाम में बस तुम्हे याद करता हूँ, हा में तुमसे बेइंतहा प्यार करता हूँ.
तेरे हुस्न पर तारीफ भरी किताब लिख देता……. काश के तेरी वफ़ा तेरे हुस्न के बराबर होती…….
कैसी थी वो रात कुछ कह सकता नहीं मैं, चाहूँ कहना तो बयां कर सकता नहीं मैं !
नशीली आँखो से वो जब हम देखते है,हम घबरकार आँखे झुका लेते है।कोन मिलाए उनकी आँखों से आँखे,सुना है वो आँखों से अपना बना लेते हैं ।
सच कहूं तो तुमने मेरी ज़िंदगी में आकर मेरा हर लम्हा संवार दिया है, पाकर तुम्हें लगता है, ख़ुदा ने मुझे सबसे ख़ूबसूरत उपहार दिया है ।
आसमान में चांद पर तारों का पहरा, कितना खूबसूरत चांद सा चेहरा।
क्या लिखा तेरी सूरत एह तारीफ में,अल्फाज खतम हो गए हैं, तेरी आने देख देख के।
सँवरने से औरों की बढ़ती होगी खूबसूरती,तेरी चाहत से मेरा चेहरा यू ही निखर जाता है।
ये आईने ना दे सकेंगे तुझे तेरे हुस्न की खबर,कभी मेरी आँखों से आकर पूछो के कितनी हसीन हों तुम।
अगर इजाजत हो आज बारिस की बुँदे जो आपके होठो पे गिरे है उन बूंदों को हम होठो से उठाना है
री आँखों के खूबसूरती में डूब जाऊ मै.धीरे धीरे तेरी तारीफ करता चला जाऊ मै.
कभी हम चांद को देखते हैं,कभी चेहरा आपकादोनों ही बहुत खूबसूरत हैं,अब तारीफ़ करें तो किसकी..!!
इतनी अदाएं कम थीं, जो एक और शामिल है, कातिल सूरत पहले ही थी, अब तो तेरी नजर भी कातिल है।
संजीदा नहीं, तू मुझे बावली ही अच्छी लगती है.. गोरी नहीं, तू मुझे सांवली ही अच्छी लगती है..
वो रेशमी जुल्फे और गुलाबी होठ आप ही बताओ,ये आशिक मोहब्बत न करता तो क्या करता।
कुछ अपना मन है कुछ मौसम रंगीन है, तारीफ करू या चुप रहूं जुर्म दोनो ही संगीन हैं।
हसीं तो और हैं लेकिन कोई कहाँ तुझ सा,जो दिल जलाए बहुत फिर भी दिलरुबा ही लगे।बशीर बद्र
चांद को भी शर्म आ जाए सामने उसके इतनी वो खूबसूरत हैं, दिल है उसका कोमल और शर्मो हया की वो मूरत हैं।
इश्क़ के ख्यालों का हसीं मंजर हो तुम…. मैं डूब जाता हूँ जिसमें वो समंदर हो तुम…!!