Ladki Ki Tarif Me Shayari In Hindi : अपना चांद सा चेहरा देखने की इजाजत दे दो, इस खूबसूरत शाम को और सजाने की इजाजत दे दो। एक लाइन में क्या तेरी तारीफ़ लिखूं पानी भी जो देखे तुझे तो प्यासा हो जाये
चेहरे की सुंदरता से हीकुछ नही होता जनाब,दिलों की खूबसूरतीकही जयदा मायने रखती है।
तेरे इशारों पर मैं नाचूं क्या जादू ये तुम्हारा है, जब से तुमको देखा है दिल बेकाबू हमारा है,
*ख्वाहिशें ना होतीं तो फ़रेब भी ना होते.**अगर आईने न होते तो यक़ीनन सभी बहुत खूबसूरत होते.*
कैसी थी वो रात कुछ कह सकता नहीं मैं,चाहूँ कहना तो बयां कर सकता नहीं मैं ।
हुस्न दिखा कर भला कब हुई है मोहब्बत,वो तो काजल लगा कर हमारी जान ले गयी।
कौन कहता है कि आपकी तस्वीर बात नहीं करती. हर सवाल का जवाब देती है बस आवाज़ नहीं करती.
लगती है फीकी चाँदनी चाँद की भी उसके आगे,नूर बे नूर सा लगता है उसके आगे।क्या लिखु उसके तारीफ मे ,मेरे शब्द की खूबसूरती क़म पड़ जाएगी उसके आगे।
मुझे दुनिया की ईदों से भला क्या वास्ता यारो,हमारा चाँद दिख जाये हमारी ईद हो जाये
तेरी एक मुस्कुराहट के लिए मैं सब कुछ भूला सकता हूँतो सोच,,, तेरे एक बूंद आंसू के लिएमैं कितनो को रूला सकता हूँ
टिका बिंदी , कंगना , पायल सब ने शोर मचाया था जब उसके शोख बदन को मैंने हाथ लगाया था ,
ज़रा स्माइल रखो चेहरे पे… क्यूँकि,रात में सपनों को हँसते हुए चेहरे पसंद हैं……!!
ये गुलाब से होठ जो चू जाए मेरे होंथो से,बिन पिए ही हम नशा चा जाए।
तुझे पलकों पर बिठाने को जी चाहता है, तेरी बाहों से लिपटने को जी चाहता है, खूबसूरती की इंतेहा है तू तुझे ज़िन्दगी में बसाने को जी चाहता है।
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देख कर तुमको यकीं होता है,कोई इतना भी हसीन होता है।देख पाते है कहा हम तुमको,दिल कही होश कही होता हैं।
मैं जहाँ हूँ तिरे ख़याल में हूँ तू जहाँ है मिरी निगाह में है
जब उनको बरसात में देखा तो ऐसा लगा की गुलाब पर पानी की बूंदे।
ना जाने तू किस कदर मेरे दिल पे छाई है, मेने हर तारीफ में सिर्फ तेरी ही बाते सुनाई है।
तेरी खूबसूरती की तारीफ़ में क्या लिखूं, कुछ खूबसूरत शब्दों की अभी तलाश है मुझे.
जब जब इन आँखों को उनका दीदार होता हैं दिन कोई भी हो मेरे लिए त्यौहार बन जाता है ।।
वो शरमाई सूरत वो नीची निगाहें,वो भूले से उनका इधर देख लेना।
आँखों मे आँसुओं की लकीर बन गई,जैसी चाहिए थी वैसी तकदीर बन गई,हमने तो सिर्फ रेत में उँगलियाँ घुमाई थीं,गौर से देखा तो आप की तस्वीर बन गई।।
सुबह का मतलब मेरे लिए सूरज निकलना नही,तेरी मुस्कराहट से दिन शुरू होना है।
तुम्हारी सादगी की क्या मिसाल दूँइस सारे जहां में बेमिसाल हो तुम
गुलाब खिलते नहीं जिंदगी की राह मे. हंसी चहकती रहे आपकी निगाह मे. खुशी की लेहर मिले हर कदम आप को. देता हूँ दिल से दुआ हर वक्त आप को.
इस डर से कभी गौर से देखा नहीं तुझको, कहते हैं कि लग जाती है अपनों की नज़र भी।
वो हाल मेरा पूछने आये जरूर थे मगर, अपनी निगाहों में वही पुराना गुरूर लिए हुए।
Puaar तो tujse behisab hai, parTujhe kahne ka tarika nahi pata. ❤️
अब कैसे उठेगी आँख हमारी किसी और की तरफ,उसके हुस्न की एक झलक हमें पाबन्द बना गयी।
तुझे पलकों पे बैठाने को जी चाहता है तेरी बाँहों से लिपटने को जी चाहता है ख़ूबसूरती की इन्तेहाँ है तू तुझे ज़िन्दगी में बसाने को जी चाहता है
अदाएं उनकी दिलों से खेलती हैं,वो क्या जाने वफ़ा क्या है जफा क्या।
तुमको देखा तो मुझे मोहब्बत समझ में आयी,वरना औरों से ही तुम्हारी तारीफ सुना करते थे।
क्या लिखूं तेरी तारीफ-ए-सूरत में यार,अलफ़ाज़ कम पड़ रहे हैं तेरी मासूमियत देखकर।
फोन की दुसरी तरफ खाम़ोश से तुम”तुम्हारी साँसों को महसूस करते हमphon ki dusari taraph khaamosh se tum”tumhaari saanson ko mahasus karate ham
मुस्कुराना हर किसी के बस का नहींमुस्कुरा वही सकता है जो दिल का अमीर हो
ये जो निगाहों से हमारे दिल को हलाल करते हैं,करते तो वैसे जुर्म हो लेकिन कमाल करते हो
खुदा ने दोनों को नवाज़ा है तुम्हे ख़ूबसूरती से और मुझे इश्क़ से।
ऐसा ना हो तुझको भी दीवाना बना डाले,तन्हाई में खुद अपनी तस्वीर न देखा कर।
इक अदा आपकी दिल चुराने की,एक अदा आपकी दिल में बस जाने की,चेहरा आपका चाँद जैसा और इक ज़िदहमारी उस चाँद को पाने की.
मुझे मालूम नहीं है कि क्या है हुस्न, मेरी नजरों में तो हसीन वो है जो तुम सा हो.
न पूछो हुस्न की तारीफ़ हम से मोहब्बत जिस से हो बस वो हसीं है
नवाज़ा है जिसे उस ख़ुदा ने अपनी अदाकारी से, वो हर शख्स अपने आप मे खूबसूरत तो है ही।
तेरी खूबसूरती पर ही नहीं , तेरी इन बेहतरीन अदाओं पर भी ये दिल फिदा है, माना आसमान में सितारे बहुत है, मगर तू मेरा चांद सबसे जुदा है।
तेरा अंदाज़-ए-सँवरना भी क्या कमाल है,तुझे देखूं तो दिल धड़के ना देखूं तो बेचैन रहूँ।
मैं इतनी अच्छी भी नहीं जितनी तुम तारीफ कर जाते हो, कही किसी और के हिस्से की तारीफ चुरा के तो नहीं लाते हो.
बस उस खिड़की में “चाँद” बैठा था….. बाकी बे-नूर थी गली सारी_!!
जिसे याद करने से होंठों में मुस्कुराहट आ जाए एक ऐसा खूबसूरत ख्याल हो तुम !
ऐ सनम जिस ने तुझे चाँद सी सूरत दी है, उसी अल्लाह ने मुझ को भी मोहब्बत दी है !!
तेरी नज़रें बयाँ करती हैं मेरी खूबसूरती,अब मुझे आइनों की ज़रूरत न रही।
हर वक्त गुल बनकर मुस्कान जिंदगी है,मुस्कानाकर गम भूलाना जिंदगी है।जीत कर मुस्कान तो क्या मुस्काने,हार कर मुस्कान भी जिंदगी है।
कैसे बयान करे सादगी अपने महबूब कीपर्दा हमी से था मगर नजर भी हमी पे थी !
औरों को होगी जरूरत सजने संवरने की, मेरा महबूब तो सादगी में ही कहर ढाता है।
खंजर ना कर सके वो काम तेरी पायल कर जाती है, एक आवाज में इस दिल को घायल कर जाती है ।
तू सर से लेकर पाव तक खूबसूरत है मग़र तेरे दिल में वो बात नहीं जो मेरे दिल में है।
धीरे से लबों पे आया एक सवाल हैतू ज्यादा खूबसूरत ये तेरा ख्याल है
तेरी तरफ जो नजर उठी वो तापिशे हुस्न से जल गयी तुझे देख सकता नहीं कोई तेरा हुस्न खुद ही नकाब हैं
चांद को बहुत गुरूर था उसकी खूबसूरती परतोड़ दिया हमने तुम्हारी तस्वीर दिखा कर !
तुम हक़ीकत नहीं हो हसरत हो, जो मिले ख़्वाब में वही दौलत हो, किस लिए देखती हो आईना, तुम तो खुदा से भी ज्यादा खूबसूरत हो.
पलकों को जब-जब आपने झुकाया है,बस एक ही ख्याल दिल में आया है।कि जिस खुदा ने तुम्हें बनाया है,तुम्हें धरती पर भेजकर वो कैसे जी पाया है।
क्या लिखों तेरी तारीफ-ए-सूरत में यारअलफ़ाज़ काम पद रहे है तेरी मासूमियत देखकर।
लोग कहते है खूबसूरत चहरा नहीं दिल होना चाहिएमैंने कहा लोगो को फिर पहले चहरा नहीं दिल देखना चाहिए।
उन्होनें कहा तुम्हारी आंखें बहुत खूबसूरत हैं,हमने भी कह दिया तुम्हारे ख़्वाब जो देखती हैं
अब वो पूछती भी नहीं मेरे बारे में,शायद उसे पता चल गया है मेरेइश्क़ के बारे में।
अगर खूबसूरती वही है जिसे देख नज़रे ठहर जाए, तो कह दो अपनी नज़रो से, हमारा दीदार कर जाए।
मेरे हमदम तुम्हें बड़ी फुर्सत में बनाया है, जुल्फें ये तुम्हारी बादल की याद दिला दें, नज़र भर देख लो जो किसी को, नेक दिल इंसान की भी नियत बिगड़ जाए..!!
ज़रा स्माइल रखो चेहरे पे… क्यूँकि, रात में सपनों को हँसते हुए चेहरे पसंद हैं……!!
देख कर तेरी आँखों को मदहोश मै हो जाता हूँ.तेरी तारीफ किये बिना मै रह नहीं पता हूँ.
लङने दो ज़ुल्फों और हवाये को आपस में,तुम क्यों हाथ से उनमें सुलह कराने लगती हो…?
इतने हिजाबों पर तो ये आलम है हुस्न का क्या हाल हो जो देख लें पर्दा उठा के हम
एक हुस्न की परी को मैं अपना दिल दे बैठा अपनी ज़िन्दगी को एक मकसद दे बैठा पता नहीं वो मुझे चाहती है या नहीं बस यही ख्याल मुझे भी ले बैठा
इस जहां में तेरा हुस्न मेरी जां सलामत रहे,सदियों तक इस जमीं पे तेरी कयामत रहे।
तेरा हुस्न बयां करना नहीं मकसद था मेरा, ज़िद कागजों ने की थी और कलम चल पड़ी…