1912+ Ladki Ki Tarif Me Shayari In Hindi | लड़कियों की तारीफ के लिए शब्द, स्टेटस व शायरी

Ladki Ki Tarif Me Shayari In Hindi , लड़कियों की तारीफ के लिए शब्द, स्टेटस व शायरी
Author: Quotes And Status Post Published at: July 31, 2023 Post Updated at: November 2, 2024

Ladki Ki Tarif Me Shayari In Hindi : अपना चांद सा चेहरा देखने की इजाजत दे दो, इस खूबसूरत शाम को और सजाने की इजाजत दे दो। एक लाइन में क्या तेरी तारीफ़ लिखूं पानी भी जो देखे तुझे तो प्यासा हो जाये

राज दिल का दिल में छुपाते हैं वो,सामने आते ही नज़र झुकते हैं वो।बात करते नहीं, ये होती नहीं,प्रति जेबी भी मिलते हैं वो।

बनकर तेरा साया तेरा साथ निभाउंगीतु जहा जाएगा में वहाँ-वहाँ आऊँगीसाया तो छोड़ जाता है साथ अँधेरे मेंलेकिन में अँधेरे में तेरा उजाला बन जाउंगी

अभी इस तरफ़ न निगाह करमैं ग़ज़ल की पलकें सँवार लूँ,मेरा लफ़्ज़-लफ़्ज़ हो आईनातुझे आईने में उतार लूँ।

ख़ूबसूरत हो इसलिए मोहब्ब्त नहीं है,मोहब्बत है इसलिए ख़ूबसूरत लगती हो.

खुशबू आ रही है कहीं से ताजे गुलाब की, शायद खिड़की खुली रह गई होगी उनके मकान की.

ये नर्म लहज़ा प्यारी बाते सिर्फ तेरे लिए हैमैं इस लहज़े में सबसे बात भी नही करता!

मुलकत तो आज भी हो जाती है तुमसेमेरे सपने किसी के मोहताज नहीं हैMulakaat To Aaj Bhi Ho Jaati Hai TumseMere Sapne Kisi Ke Mohtaaj Nahi Hai

इशारों में बात करनी थी, तो पहले बताते, हम शायरी को नही, आँखों को सजाते…!!

बात क्या करे उसकी खुबसूरती की,फुलो को भी उसे देखकर शर्माते देखा है मैने।

कसा हुआ तीर हुस्न का, ज़रा संभल के रहियेगा,नजर नजर को मारेगी, तो क़ातिल हमें ना कहियेगा।

दीवानी हो जाती हैं वो कलाम भी,जिस कलाम से तुम्हारा नाम लिखता हूं।

ऐसा ना हो तुझको भी दीवाना बना डाले,तन्हाई में खुद अपनी तस्वीर न देखा कर।

दिल की बेचेनीयो का क्या हम ज़िक्र करे फरेब भी वहा हुआ जहा,,हम बेफिक्र हुए.।।

खूबसूरती चांद की फीकी हैउनके नूर के आगे,अब कुछ भी भाता नही हमेंउनके सूरूर के आगे।

मुझे क्या मालूम था हुस्न क्या होता है मेरी नज़रों ने तुझे देखा और अंदाजा हो गया

तुझे पल्को पे बैठना को जी चाहता है,तेरी बहन से लिपटने को जी चाहता है।ख़ूबसूरती की तबाह है तू,तुझे जिंदगी में बसने को जी चाहता है।

यह जो ज़ुल्फ़ें लेहरहा रही हो,बखुदा क़यामत डा रही हो,अपनी क़ातिल नज़रों से,सरे आम हमारा क़त्ल किये जा रही हो।

ऐ सनम जिस ने तुझे चाँद सी सूरत दी है उसी अल्लाह ने मुझ को भी मोहब्बत दी है हैदर अली आतिश

नींद सी रहती है, हल्का सा नशा रहता है, रात दिन आंखों में एक चेहरा बसा रहता है..!!

मुझको ये आरज़ू वो उठाएं नक़ाब खुद,उन को ये इंतज़ार तकाजा करे कोई।

पहना दो अपना प्यार मरे पैरों में पायल की तरह जहां भी और जितना भी चलूँ तुम ही तुम सुनाई दो

तुझको सजने सवारने की जरुरत ही क्या है,तुझपे सजती है हया भी किसी जेवर की तरह।

ना चाहते हुए भी आ जाता हैंलबों पे नाम तेरा,कभी तेरी तारीफ में तोकभी तेरी शिकायत में..!!

कैसे ना हो इश्क, उनकी सादगी पर ए-खुदा,ख़फा हैं हमसे, मगर करीब बैठे हैं…

फिज़ाओ में रंग बिखेरे तुम्हारा चाँद सा चेहरा,मुझे बेचैन कर जाये तुम्हारा मासूम चाँद सा चेहरा,,मेरी खातिर सँवरता है तुम्हारा चाँद सा चेहरा।

ममता की तारीफ न पूछिए जनाब चिड़िया सांप से लड़ जाती है..!!

तेरा यूं सजना भी किसी कयामत से कम नहीं, तुझे देखूं तो जान जाये, ना देखूं तो दिल बेचैन रहे।

बचपन में सोचता था चाँद को छू लूँ,आपको देखा वो ख्वाहिश जाती रही।

सोचता हु हर कागज पे तेरी तारीफ करु, फिर खयाल आया कहीँ पढ़ने वाला भी तेरा दीवाना ना हो जाए।

इश्क के फूल खिलते हैं तेरी खूबसूरत आंखों में,जहां देखे तू एक नजर वहां खुशबू बिखर जाएँ।

तुम एक ख़ूबसूरत चिराग़ हो,जो हर जगह रोशनी फैला देता है।

तुम्हारी सुन्दरता को देख मैं निःशब्द हूँ, तुम्हारी निःशब्दता ही तुम्हें सुंदर बनाती है।

नशीली आँखों से वो जब हमें देखते हैं,हम घबराकर ऑंखें झुका लेते हैं।कौन मिलाए उनकी आँखों से आंखे,सुना है वो आँखों से अपना बना लेते है।

ख़ुद न छुपा सके वो अपना चेहरा नक़ाब में,बेवज़ह हमारी आँखों पे इल्ज़ाम लग गया।।

तुझ सा अगर कोई ज़रा भी खूबसूरत हो जाए, तो तुझ सा तो नहीं पर वो भी बहुत खूबसूरत हो जाए.

तेरी खूबसूरत लहराती जुल्फों में जरा हवाओ को भी लहराने दे, देखे जिसे तू प्यारभरी नज़रो से उसे अपनी मोहबत का दीवाना बना दे ।।

कभी आहट, कभी ख़ुशबू, कभी नूर से आ जाती है, तेरे आने की ख़बर मुझे दूर से आ जाती है ।

क्या कहुं तेरे बारे में मेरे पास कुछ अल्फाज नहीं, तुझे देखकर दिल में न जगे ऐसे कोई अरमान नहीं।

तेरे ख्याल से ही एक रौनक आ जाती है दिल में। तुम रूबरू आओगे तो जाने क्या आलम होगा।।

यह मुस्कुराती हुई आँखें जिनमें रक्स करती है बहार,शफक की, गुल की,बिजलियों की शोखियाँ लिये हुए।

तेरी सूरत में चांद नज़र आया तेरी बातों में ईमान नज़र आया तू मेरे क़रीब आजा इस कदर क्युकी हर रात तेरा हुस्न नज़र आया।

तुम्हारी हर अदा, मुझे अपनी तरफ खींचती है, जैसे कि मैं तुम्हारे बिना अधुरा हूं.

जब आप अपना हाथ मेरे हाथो पर रखते हो तोलगता है की खुदा ने चांद को मेरी हतेली पर रख दिया हो।

मय-कदे में न ख़ानक़ाह में है जो तजल्ली दिल-ए-तबाह में है

कितना खूबसूरत चेहरा है तुम्हारा, ये दिल तो बस दीवाना है तुम्हारा, लोग कहते है चाँद का टुकड़ा तुम्हें, पर मैं कहता हूं चांद भी टुकड़ा है तुम्हारा।

मेरी हसरत है सिर्फ तुम्हें पाने की,और कोई ख्वाहिश नहीं इस दीवाने की।शिकवा मुझे तुमसे नहीं खुदा से है,क्या जरूरत थी तुम्हें इतना खूबसूरत बनाने की।

अब हम किसी और को नहीं चाह पाएंगे तुझे देखना औरदेखते रहना मेरीआदत बन गई है।

देख कर खूबसूरती आपकी,चांद भी शरमा रहा है,आप कितनी खूबसूरत हो,वो यही फरमा रहा है..!!

हटाये नहीं है तो ये नज़रें तेरे चेहरे से हुज़ूर हम तेरे कायल है और तुझे है हुस्न का गुरुर

तू मेरे दिल के लाइब्रेरी की वो डायरी है, जिसे हम पढ़ना कम और देखना ज्यादा पसंद करते हे !

तारीफों से जी भरा सा है, इक वो नहीं तो सब अधूरा सा है.

चल काजल लगा ले पलकों पर..क़त्ल का नया इतिहास रचते हैं,आज शाम मेरी महफ़िल में आना..हम एक ग़ज़ल तेरे नाम लिखते हैं..!!

बड़ी खूबसूरती से, कल देखा उसने मुझे, बड़ी हैरानी से ,मैं आज भी उसे सोच रही हूं।

खूबसूरत क्या कहा दिया उनको हमको छोड़ कर वो शीशे की हो गयी तराश नहीं था तो पत्थर जैसी थी तराश दिया तो खुदा हो गयी..

आपकी खूबसूरती की तारीफ करने का हौसला नहीं मिलता, आप वो गुलाब है जो हर बाग़ में नहीं खिलता।

रात यूँ तेरे ख़्वाब से गुज़रा कि बदन चूर चूर मेरा था

नज़रों की नज़ाकत के क्या कहने जनाब,उनका गुस्से से देखना भी शहद लगता है।

ये उड़ती ज़ुल्फें और ये बिखरी मुस्कान,एक अदा से संभलूँ तो दूसरी होश उड़ा देती है।

सब कुछ बाँट लूंगा बस एक तुम्हे छोड़ कर।

तेरी नज़र से “ghayal” हो गए, तुझे खोने से डरने वाली “kayar” हो गए, घर वालों से इश्क़ में इतना झूठ बोला कि “lier” हो गए।

तलब उठती है बार-बार तेरे दीदार की,ना जाने देखते-देखते कब तुम लत बन गये।

वो अपनी निगाहों से यूँ शरारत करते हैं,अपनी अदाओं से कयामत ढाते हैं,निगाहें उनकी भी हटती नहीं चेहरे से,और वो हमारी नज़रो से शिकायत करते हैं..!!

सरक गया जब उसके, रुख से पर्दा अचानक। फ़रिश्ते भी कहने लगे, काश हम इंसान होते।

मत पूछो ये इश्क कैसे होता है,बस जो रूलता है उसी के गले लग कर रोने को जी चाहता है।

मस्त नज़रों से देख लेना था अगर तमन्ना थी आज़माने की,हम तो बेहोश यूँ ही हो जाते क्या ज़रूरत थी मुस्कुराने की?

धीरे से लबों पे आया एक सवाल हैतू ज्यादा खूबसूरत ये तेरा ख्याल है

तेरे हुस्न को परदे की ज़रुरत ही क्या है,कौन होश में रहता है तुझे देखने के बाद।

चाँद की चाहत में पास बैठी जन्नत को ना पहचान सके,दिल की हालत ही कुछ ऐसी थी, हम सच्चे इंसान को ना जान सके।

मेरे अंधेरे तुम्हे छु कर सवेरे हो गए क्या जादु है तेरे वजूद में हम बेवजह ही तेरे हो गए….!!

उसकी कातिल निगाहें दिल पर वार करती हैं, लबों को सिए वो बातें हजार करती हैं।

तेरा हुस्न जब से मेरी आँखों में समाया है, मेरी पलकों पे एक सुरूर सा छाया है, मेरे चेहरे को हसीन नूर देने वाले, ये तेरे दीदार के लम्हों का सरमाया है!

मिलावट है तेरे हुस्न में “इत्र”और “शराब”. तेरे हुस्न को परदे की ज़रुरत ही क्या है,, कौन होश में रहता है तुझे देखने के बाद…

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