Ladki Ki Tarif Me Shayari In Hindi : अपना चांद सा चेहरा देखने की इजाजत दे दो, इस खूबसूरत शाम को और सजाने की इजाजत दे दो। एक लाइन में क्या तेरी तारीफ़ लिखूं पानी भी जो देखे तुझे तो प्यासा हो जाये
ढाया है खुदा ने ज़ुल्म हम दोनों पर,तुम्हें हुस्न देकर मुझे इश्क़ देकर।
आईना तो बस एक पल के लिए तसल्ली दिलाता है, खूबसूरती का अंदाजा तो उस से आंखें मिलाकर ही आता है।
तमन्ना थी जो कभी वो हसरत बन गईकभी दोस्ती थी अब मोहब्बत बन गईकुछ इस तरह तुम शामिल हुवे ज़िन्दगी मेंतुझे सोचते रहना अब मेरी आदत बन गई
मेरी इतनी सी ख्वाहिश है, कि तुम मेरी दाएँ हाथ की अनामिका उंगली में अपने इश्क़ का छल्ला पहना दो।
हर बार हम पर इल्जाम लगा देते हो मुहब्बत का, कभी खुद से भी पूंछा है इतनी खूबसूरत क्यों हो.
कितनी मासूमियत है उनके चेहरे पर,सामने से ज्यादा उन्हें छुपकर देखना अच्छा लगता है।
वो पूछते है शायरी क्यू लिखते हो जैसे उन्होंने कभी शीशे को देखा ही नहीं।
फूलों से खूबसूरत कोई नहीं,समंदर से गहरा कोई नहीं,अब आपकी मैं क्या तारीफ करूँ,खूबसूरती में आप जैसा कोई नहीं..!!
यूं तो दुनिया में देखने लायक बहुत कुछ है, पर पता नहीं क्यों ये आंखे सिर्फ तुम्हारी आंखों पर आकर ही रुक जाती है।
मुझे मालूम नहीं हुस्न की तारीफ,मगर मेरी नजर में हसीन वो है जो तुझ जैसा हो…
कहाँ से लाऊँ वो लफ्ज़ जो सिर्फ तुझे सुनाई दे ,दुनियाँ देखे अपने चाँद को मुझे बस तूही दिखाई दे ।
जितनी तारीफ करू उतनी ही कम है, सबसे खूबसूरत मेरा सनम है।
में तेरी खुबसूरती पर नहीं तेरी सादगी पे मरता हूँ तुम मुझको चाहो या न चाहो में सिर्फ तुम्हें ही चाहूँगा..
यू ना निकला करो रात को सनम, चांद ना छुप जाये देख कर हुसन।
चाहता तो हूँ कि अब चूम लूँ तुम्हारे इन गालों को मैं पर अपने ही लबों से ख़ुद जल भी तो मैं ही जाता हूँ
तुम्हे देख के ऐसा लगा चाँद को जमीन पर देख लिया तेरे हुस्न तेरे शबाब में सनम हमने कयामत को देख लिया
तेरी खूबसूरती मेरी नज़रों से पूछ,जिन्हें तेरे ख़याल भी हसीन लगा करते हैं।
खूबसूरती नाम में ही कुछ अलग शानदार छुपा हुआ है खूबसूरती सुनते ही लोग पागल हो जाते हैं कहने का मतलब के खूबसूरती के दीवाने हो जाते हैं।
अजब तेरी है ऐ महबूब सूरत नज़र से गिर गए सब ख़ूबसूरत हैदर अली आतिश
खूबसूरती ना सूरत में है ना लिबास में है,निगाहें जिसे चाहें उसे हसीन बना दें।
बड़ा हैरान हूँ देखकर आईना का जिगर, एक तो तेरी कातिल नज़र और उस पर काजल का कहर
क्या तारीफ करू आपकी, आपका नुर कोहिनूर है। Kya tarif karu apaki, aapka nur kohinur hai.
कोई तुम सा हो लेकिन किसी और का ना हो.
दुनिया में तेरा हुस्न मेरी जां सलामत रहे,सदियों तलक जमीं पे तेरी कयामत रहे।
उफ़ वो मरमर से तराशा हुआ शफ़्फ़ाफ़ बदन देखने वाले उसे ताज-महल कहते हैं
किसने भीगे हुए बालों से ये छटका पानी झूम के आयी घटा टूट के बरसा पानी – आरज़ू लखनवी
तू ज़रा सी कम खूबसूरत होती तो,भी बहुत खूबसूरत होती।
आंखे मानो झील हो, जैसे गाल मानो गुलाब हो, जैसे सुंदरता की मूरत हो, तुम जुल्फ मानो घटा हो जैसे.
इन आंखों को जब-जब उनका दीदार हो जाता हैदिन कोई भी हो लेकिन मेरे लिए त्यौहार हो जाता है
खूबसूरती अगर गोर रंग में होती, तो रात इतनी खूबसूरत नहीं होती।
जो कागज पर लिख दू तारीफ तुम्हारी, तो श्याही भी तेरे हुस्न की गुलाम हो जाये.
तेरी जिन्दगी भी जानेमन कितनी बेमिसाल है, सारी दुनिया है मरती, तेरे हुस्न का कमाल है.
हर नज़र को एक नज़र की तलाश है, हर छेरे में कुछ तो एहसास है, आपसे दोस्ती हम यूँ ही नहीं कर बैठे क्या करें हमारी पसंद ही कुछ ख़ास है.
बहुत खूबसूरत है आँखें तुम्हारी, इन्हें बना दो सनम किस्मत हमारी.
कैसी थी वो रात कुछ कह सकता नहीं मैं चाहूँ कहना तो बयां कर सकता नहीं मैं ,
कुछ अपना अंदाज हैं कुछ मौसम रंगीन हैं,तारीफ करूँ या चुप रहूँ जुर्म दोनो ही संगीन हैं! ?
एक हुस्न की परी को मैं अपना दिल दे बैठा अपनी ज़िन्दगी को एक मकसद दे बैठा पता नहीं वो मुझे चाहती है या नहीं बस यही ख्याल मुझे भी ले बैठा.
मेरे लफ्जों में है तारीफ एक चेहरे कीमेरे महबूब की मुस्कराहट से चलती है शायरी मेरी
आपका हँसता हुआ चेहरा किसी की ज़िन्दगी को और भी खूबसूरत बना सकता है !
तेरी तरफ जो नजर उठीवो तापिशे हुस्न से जल गयीतुझे देख सकता नहीं कोईतेरा हुस्न खुद ही नकाब हैं.