Ladki Ki Tarif Me Shayari In Hindi : अपना चांद सा चेहरा देखने की इजाजत दे दो, इस खूबसूरत शाम को और सजाने की इजाजत दे दो। एक लाइन में क्या तेरी तारीफ़ लिखूं पानी भी जो देखे तुझे तो प्यासा हो जाये
न देखना कभी आईना भूल कर देखो तुम्हारे हुस्न का पैदा जवाब कर देगा
हुस्न दिखकर कर भला कब हुई मोहब्बत,वो तो काजल लगाकर हमारी जान ले गई।
तेरे …..हुस्न की तपिश….कहीं…जला ना दे मुझे…….!!! तू कर….महोब्बत मुझसे….ज़रा….आहिस्ता आहिस्ता..!!!
वो मुझसे रोज़ कहती थी मुझे तुम चाँद ला कर दो, आज उन्हें एक आईना देकर अकेला छोड़ आया हूँ.
जब करते है तारीफ उनकी तो चाँद सितारे अपनी आँखेमलने लगते है, जब चा जाते है नज़रो की गेहराइओ मेंउनकी तो कुछ अपने जलने लगते है।
सादगी भी कमाल है उनकी, बिना सँवरें चमकना जानती है।
ख्वाहिश नहीं तारीफ़ की किसी यार से,मुझे तो इश्क़ हो गया, आज अपने श्रृंगार से।
उस के चेहरे की चमक के सामने सादा लगा,आसमाँ पे चाँद पूरा था मगर आधा लगा।इफ़्तिख़ार नसीम
बाँहों में ले कर उसको फिर लबो की लाली चुराई थी उस सर्द रात में साँसे भी शोला बन कर टकराई थी
साथ शोखी के कुछ हिजाब भी है,इस अदा का कहीं जवाब भी है?
हल्की हल्की मुस्कुराहटें और सनम का खयालबड़ा अजीब होता है मुहब्बत करने वालों का हाल
उनकी हाथों में मेंहंदी लगाने का ये फायदा हुआकि रात भर उनके चेहरे से ज़ुल्फें हम हटाते रहे
ख्वाइश है बस तुम्हे पाने की और कोई हसरत नहीं इस दीवाने की शिक़वा तुम से नहीं खुदा से है क्या ज़रूरत थी तुम्हें इतना हसीन बनाने की।
हर बार हम पर इल्जाम लगा देते हो मुहब्बत का, कभी खुद से भी पूंछा है इतनी खूबसूरत क्यों हो !
प्यार से जो मैंने घूँघट चाँद पर से हटाया था प्यार का रंग भी उतरकर उसके चेहरे पर आया था
मेरे लफ्जो में है तारिफ एक चेहरे की,मेरे महबूब की मुसरुकरत से चलती,,है शायरी मेरी।
तुमको देखा तो मोहब्बत भी समझ आयीवर्ण इस लफ्ज़ की सिर्फ तारीफ सुना करते थे।
हुस्न तेरा ग़ुरूर मेरा था सच तो ये है क़ुसूर मेरा था
मेरी हर बात अब वो मान रही है, लगता है वो अब मुझसे रूठ गई है !
सब हे तारीफ करते है मेरी शायरीकभी कोई नहीं सुनता मेरे लफ़्ज़ों की सिसकियाँ।
आपकी हर एक अदा है दिल चुराने की, तमन्ना है हमारी इस अदा को दिल में बसाने की, चाँद सा है चेहरा आपका और ख्वाइश है , उस चाँद पाने की ।।
गर मुस्करा दे वो तो.. मौषम बन जाय,ढलता सूरज भी रास्ता भटक जाय।दुनिया भर की जंग ही ख़त्म हो सकती,जो वो हुस्न ले के एक बार छत पे आ जाय।
इन आँखो को जब-जब उनका दीदार हो जाता है, दिन कोई भी हो, लेकिन मेरे लिए त्यौहार हो जाता है…
मुझे क्या मालूम था हुस्न क्या होता है, मेरी नज़रों ने तुझे देखा और अंदाजा हो गया.
रूठ कर कुछ और भी हसीन लगते हो,बस यही सोच कर तुमको खफा रखा है।।
ये चाँद सा रोशन चेहरा जुल्फों का रंग सुनहरा,ये झील सी नीली आंखे कोई राज हैं इनमे गहरा,तारीफ़ करू क्या उसकी जिसने तुम्हे बनाया।।
मुसीबत सा था वो तेरे गालों पे झुमकों का झूला जान,जब कहने में औ अपनी दिल की बात लाज़मी थामेरा भूल जाना।
आइने में जमाल था तेरा तेरे चेहरे पे नूर मेरा था
अपने प्यार का अंदाज़ कुछ ऐसा है,क्या बताएं ये राज़ कैसा है,कौन कहता है कि आप चाँद जैसे हो,सच तो ये है कि खुद चाँद आप जैसा है..!!
तेरी हर अदा सनम,दिल पर एक नया सितम गिराती है,पतझड़ में भी आ जाती है बहार,जब तू प्यार से मुस्कुराती है..!!
लबों से कुछ कहना लाज़मी भी नहीं…!! आंखों से ही छलक जाए वो है इश्क…!!!!
ममता की तारीफ न पूछिए साहब,वक्त आने पर चिड़िया सांप से लड़ जाती है।
होश-ए-हालात पे काबू तो कर लिया मैंने,उन्हें देख के फिर होश खो गए तो क्या होगा।
ढाया है खुदा ने जुल्म हम दोनों पर, तुम्हें हुस्न देकर मुझे इश्क देकर !
तुम्हारी तारीफ किये बिना मै रुक नहीं पता.तुम्हारे हुस्न के चर्चे महफ़िल में करता जाता.
दुनिया में तेरा हुस्न मेरी जां सलामत रहे, सदियों तलक जमीं पे तेरी कयामत रहे.
जिस्मों वाली महोब्बत नही है मेरी,मेने तुझको रूह में महेसुस किया है । 😊
ना जाने कौन कौन से विटामिंस भरे पड़े हैं तुझमे जब तक बात ना कर लू तो कमजोरी सी रहती है
मुझसे अच्छा तो तेरे होंठों पर निखरा तिल है जब मुस्कुराती है तू दुनियाँ को नज़र आता है !
मेरी हसरतों ने अब मकसद बदल लिया है अपना, जब से शिद्दत-ए मोहब्बत सनम से हुई है।
तेरी हर अदा सनम,दिल पर सितम पर सितम गिराती है,पतझड़ में भी आ जाये बाहर,जब तू प्यार से मुस्कुराती है।
इक अदा आपकी दिल चुराने की,एक अदा आपकी दिल में बस जाने की,चेहरा आपका चाँद जैसा औरइक ज़िद हमारी उस चाँद को पाने की..!!
खूबसूरती चांद की फीकी है उनके नूर के आगे, अब कुछ भी भाता नही हमें उनके सूरूर के आगे।
तेरा चेहरा है जब से मेरी आंखें में,लोग मेरी आँखों से जाने लगे हैं।
गूँध के गोया पत्ती गुल की वो तरकीब बनाई है रंग बदन का तब देखो जब चोली भीगे पसीने में
जितने आप खूबसूरत हो अपने तन से उससे भी कई ज्यादा खूबसूरत होअपने मन से।
काटे नही कटते लम्हे इन्तजार केनजरे बिछाएं बैठे है रास्ते पे यार के !
मेरी किस्मत की लकीरों का तुम ताज बन जाओ… कल की बात छोड़ो तुम मेरे आज बन जाओ…
कितना हसीन चांद से चेहरा है,उसपे शबाब का रंग गहरा है।खुदा को याकिन ना था वफ़ा पे,तबी चांद पे तारो का पहला है।
तुझे पलकों पर बिठाने को जी चाहता है,तेरी बाहों से लिपटने को जी चाहता है,खूबसूरती की इंतेहा है तू…तुझे ज़िन्दगी में बसाने को जी चाहता है।
आपके सामने जो दूसरों कीबुराई कर रहा है आप उससे येउम्मीद मत रखना के दुसरो केसामने आप की तारीफ ही करेगा।
ख़ूबसूरती तो हर चीज में होती है जनाब,बस उसे देखने का नज़रिया बदल जाता हैं।
समन्दर सी भरी आँखों में काजल लगाने से क्या होगा, इतना ना सजाओ खुद को, वरना आईना भी आपका दीवाना होगा.
जब वो सँवर कर मेरे सामने आयें,वो करोड़ो में सँवरी,,और चिल्लर में हम तारीफ़ कर पायें।
किसी को नफरत है मुझसे,और कोई प्यार कर बैठा,किसी को यक़ीन नहीं मुझपे,और कोई एतबार कर बैठा।
मुझ पर इल्जाम हर बार लगा देते हैं मोहब्बत का, अपनी खूबसूरती के गुनाह से अब तक अनजान हैं वो।
हम तबाह भी हो जायेंगे तुम क़यामत बनो तो सही
वो अपने चहरे में सो आफताब रखते हैं,इसलियें तो वो रूह पर नकाब रखते हैं,वो पास बैठे हो तो आती हैं दिलरुबा खुशबू,वो अपने होठो पर खिलते गुलाब रखते हैं।
देखते ही उनको फिदा हो जाएं, इतनी हसीन हैं वो, न गहने न श्रृंगार, फिर भी वो बला की खूबसूरत है।
यूं तो तेरी खुबसूरती पर फिदा हो गये हम, अगर तुम हमसफर होते है अपने आप को बहुत ही खुशनसीब मानते हम।
सूरत मे क्या रखा है जालिम, एक दिन सब ढल जाएगी, दिल की खूबसूरती देख, तेरी जिंदगी सवार जायगी।
तुम्हारी खूबसूरती की दिन रात मैं तारीफ करता हूं, तुम्हारी तस्वीर लेकर यूं ही दिन रात देखा करता हूं.
किसका चेहरा अब मैं देखूं…? चाँद भी देखा…! फूल भी देखा…!! बादल बिजली…! तितली जुगनूं…!! कोई नहीं है ऐसा…! तेरा हुस्न है जैसा…!!
ये आईने क्या देंगे तुझे तेरे हुस्न की खबर,मेरी आँखों से तो पूछ कर देख कितनी हसीन है तू।
ये जो निगाहों से हमारे दिल को हलाल करते हो, करते तो वैसे जुर्म हो लेकिन कमाल करते हो.
मुझे देख कर तेरा मुस्कुरा देना,मुझे कई सारे सपने दिखा जाता है, तेरे संग ज़िन्दगी गुजारूं,मेरी हर धड़कन कह जाती है।
रोज एक ताजा शेर कहाँ तक लिखूं तेरे लिएतुझमें तो रोज ही एक नई बात हुआ करती है
देख के तेरी ये तस्वीर हो गए हम खामोश, चाँद ऊपर से चीला के बोला, थम जा वरना हो जायेगा बेहोश।
बस इक लतीफ तबस्सुम बस इक हसीन नजर,मरीजे-गम की हालत सुधर तो सकती है।
तारीफ अपने आप की करना फ़िज़ूल है खुशबू खुद बता देती है कौन सा फूल है..!!
रोज इक ताज़ा शेर कहाँ तक लिखूं तेरे लिए,तुझमें तो रोज ही एक नई बात हुआ करती है।
बहुत खूबसूरत लग रही थी वो,मगर माथे पे सिंदूर था।