Ladki Ki Tarif Me Shayari In Hindi : अपना चांद सा चेहरा देखने की इजाजत दे दो, इस खूबसूरत शाम को और सजाने की इजाजत दे दो। एक लाइन में क्या तेरी तारीफ़ लिखूं पानी भी जो देखे तुझे तो प्यासा हो जाये
खूबसूरती में तुम्हारी कोई कमी तो होती, खुदा कसम फिर तुम और ज्यादा खूबसूरत होती।
कुछ अधूरी चीज़े भी बेहद खूबसूरत होती हैंजैसे होंठो पे रुकी आधी बात कोईघूंघट से आधा दीदार किसी काअधूरा प्यार किसी का
तुम्हारी सूरत ने दिल में ऐसा जलवा कर दिया,कि मेरी आँखों से आँसू निकल आए।
मासूम सी ये सूरत तेरीदिल में उतर जाती है,भूल जाऊं कैसे मैं तुझे,मुझे हर जगहतू नजर आती है..!!
नायब था अंदाज उसकाजमीन से आसमान तकहर चीज में तारीफ करतेखुदा ने बनाया है हसीन आपको !
मदहोश करती हैं बाते तेरी… गर कहतें हैं नशा इसको तो तलब मंजूर हैं हमे…
खूबसूरती किसी के चेहरों व कपड़ो में नहीं होती ….बस ये निगाहें जिसे चाहे उसे खुबसूरत बना दें..!!
कानो में तेरे सबसे पहले मेरा सुबह का पैगाम आये तेरी आँखे खुले और होंठों पर मेरा नाम आये
इक अदा आपकी दिल चुराने की, एक अदा आपकी दिल में बस जाने की, चेहरा आपका चाँद जैसा और इक ज़िद हमारी उस चाँद को पाने की ।
क्या ख़ाक करू उस चाँद की तारीफ में,जो हर लम्हा डूब जाता है, अब तोह चाँदको भी तैरना सीखना है।
तेरे गुस्से में भी,हमें बेशूमार प्यार नज़र आता है,धड़क धड़क कर कहता है ये दिल,तुमसे मेरा जन्मों का नाता है।
अगर खूबसूरती वही है जिसे देख नज़रे ठहर जाए,तो कह दो अपनी नज़रो से, हमारा दीदार कर जाए।
हमने महबूब की तारीफ कुछ इस तरह की, रात भर चांद भी नहीं दिखा।
घनी जुल्फों के साये में चमकता चाँद सा चेहरा,तुझे देखूं तो कुछ रातें सुहानी याद आती हैं।
तेरा दिल है या किराए का मकान है कोई, इसमें बसने वाले अक्सर बदलते रहते है.
चांद को बहुत गुरूर था उसकी खूबसूरती पर, तोड़ दिया हमने तुम्हारी तस्वीर दिखा कर ।
कुछ फिजायें रंगीन हैं कुछ आप हसीन हैं, तारीफ करूँ या चुप रहूँ जुर्म दोनो संगीन हैं।
निगाहें उठे तो सुबह हो,झुके तो शाम हो जाए,एक बार मुस्कुरा भर दो,तो कत्ले-आम हो जाए..!!
इतनी खूबसूरत है वो कि हम खुद को रोक नहीं पाते हैं, जितना भी दूर जाना चाहें उसके और करीब पहुंच जाते हैं।
तेरी तारीफ मेरी शायरी में जब हो जायेगी, चांद की भी कदम कम हो जायेगी।
उनकी मुस्कान ने न जाने कितनों को दिवाना बनाया है, खुशनसीब हैं हम जो उनका दिल हम पर आया है।
तेरे हुस्न के आगे मुझे लगता है सब कुछ सादा आस्मां में है पूरा चाँद पर मुझे लगता है आधा
बेवफाई की तारीफ मैं क्या करूं ! वो जहर भी हमें किस्तों में देते रहे !
मेरे लफ़्ज़ों में क्या है!! तरह-तरह से एक बस तुम्हारा ज़िक़्र!!!
काटे नहीं कटते लम्हें इन्तजार के, नजरें बिछाएं बैठे है रास्ते पे यार के, दिल ने कहा देखे जो जलवे हुस्न-ए-यार के, लाया है उन्हें कौन फलक से उतार के.
बेहिसाब दर्द, बेहिसाब गम,गुनाह मोहब्बत, मुजरिम सिर्फ हम।
बड़ी फुर्सत से तराशा होगा तूने भी ऐ ख़ुदा, यूँ ही तो नहीं ये खूबसूरत मूरत बनी होगी.
तेरा मुस्कुरा देना जैसे पतझड़ मे बहार हो जाये,जो तुझे देख ले वो तेरे हुस्न मे ही खो जाये।
कम खूबसूरत लोगों का प्यार,अक्सर बहुत खूबसूरत होता है…
लम्हे लम्हे मैं बसी हैतुम्हारी यादों की महकयह बात और हैंमेरी नज़रों से दूर हो तुम…
कुछ चीज़ दिल में बस जाती है जिसमे सबसे पहले आपका चेहरा है।
ये सोचकर रोक लेता हूँ कलम को,तेरी तारीफ लिखते लिखते।की कहीं इन लफ़्ज़ों को सबसे बेहतरीन,होने का गुमान ना हो जाये।
बड़ी फुर्सत से बनाया है तेरे खुदा ने तुझे, वरना सूरत तेरी इस कदर ना चाँद से मिलती.
ये तेरा हुस्न औ कमबख्त अदायें तेरी कौन ना मर जाय,अब देख कर तुम्हें.
तुम्हारी तस्वीर के लिए दुनिया कीसबसे खूबसूरत फ्रेम मेरी आंख है । 👁️
खूबसूरती तो सांवले चेहरे में ही होती है,गोरी तो तब भी तकलीफ देते थे और आज भी।
उसने होठों से छू कर दरिया का पानी गुलाबी कर दिया, हमारी तो बात और थी उसने मछलियों को भी शराबी कर दिया।
लोग मेरी शायरी की तारीफ कर रहे है ! लगता है दर्द अच्छा लिखने लगी हूं मैं !
निगाह-यार पे पलकों की लगाम न हो,बदन में दूर तलक ज़िन्दगी का नाम न हो।वो बेनकाब फिरती है गली कूचों में,तो कैसे शहर के लोगो में कतले आम न हो।
ऐसी कोई तारीफ ही नही हैजो तुम्हारी तारीफ कर सके !
तुझको देखा… तो फिर… किसी को ना देखा,चाँद भी कहता रह गया, मैं चाँद हूँ मैं चाँद हूँ।
है होठ उसके किताबो मे लिखी तहरीरो जैसेऊँगली रखो तो आगे पढ़ने को जी करता है !
सलीका तुमने परदे का बड़ा अनमोल रखा है,यही कातिल निगाहें हैं इन्हीं को खोल रखा है।
हाल तो पूछ लूँ तेरा पर डरता हूँ आवाज़ से तेरी,जब जब सुनी है कमबख्त मोहब्बत ही हुई है।
पूछो न अरक़ रुख़्सारों से रंगीनी-ए-हुस्न को बढ़ने दो सुनते हैं कि शबनम के क़तरे फूलों को निखारा करते हैं
सुबह का मतलब मेरे लिए सूरज निकलना नही, तेरी मुस्कराहट से दिन शुरू होना है।
ना चाहते हुए भी आ जाता हैं लबों पे तेरा नाम, कभी तेरी तारीफ में तो कभी तेरी शिकायत में ।
बेस्ट impress karne wali shayari – पता नहीं क्या जादू है टूजमे, जब भी तुम पास आते हो तो मेरी धड़कन मेरे काबूसे बहार हो जाती है ।
तारीफ खुद ही करना बहुत फ़िज़ूल है, खुशबू ही बता देती है कौन सा फूल है।
अजब तेरी है ऐ महबूब सूरत ! नजर से गिर गए सब खूबसूरत !
तुम्हारी नाक की नथ और भी खुबसूरत लगती है, जब तुम घुँघट के पीछे से हल्का सा मुस्कुराती हो…!!
वो पहन ले लाल सारी तो कमाल लगती हैं, और लगा ले माथे पे बिंदीया तो ईद का चाँद लगती हैं।
क़भी चुपके से मुस्कुरा कर देखना, दिल पर लगे पहरे हटा कर देख़ना,ये ज़िन्दग़ी तेरी खिलखिला उठेगी, ख़ुद पर कुछ लम्हें लुटा कर देखना |
सरकारी डाक्टर जैसे तेवर है “मेडम” के प्यार मांगता हूँ तो कहती है “लाइन” से आना__!!
तुम दिल मे रहो इतना ही बहुत है••• मुलाकात की हमे इतनी भी जरूरत नही•••
खूबसूरती अगर गोर रंग में होती, तो रात इतनी खूबसूरत नहीं होती।
उसको सज़ने संवरने की ज़रूरत ही नही …… उसपे सज़ती है हया भी किसी ज़ेवर की तरह !!
💕💕💕कौन कहता है संवरने 😊से बढ़ती है खूबसूरती…💕💕💕दिल❤में चाहत हो तो👩 चेहरे यूँ ही निखर आते है..!!💕💕💕
तुम हक़ीकत नहीं हसरत हो, जो मिले ख़्वाब में वही दौलत हो, किस लिए देखती हो आईना, तुम तो खुदा से भी ज्यादा खूबसूरत हो ।
वो मुझसे रोज़ कहती थी मुझे तुम चाँद ला कर दो,आज उन्हें एक आईना देकर अकेला छोड़ आया हूँ।
मेरे मिजाज की क्या बात करते हो साहबकभी-कभी मै खुद को भी जहर लगती हूं !
उसने महबूब की तारीफ कुछ इस कदर की,रात भर आसमान में चाँद भी दिखाई न दी।
मुझे मालूम नहीं है कि क्या है हुस्न, मेरी नजरों में तो हसीन वो है जो तुम सा हो।
हम तो फना हो गए उनकी आंखें देख गालिब,ना जाने वो आए कैसे देखते होंगे।
कितनी खूबसूरत हैं आँखें तुम्हारी,बना दीजिये इनको किस्मत हमारी,ज़िंदगी में हमें और क्या चाहिए,अगर मिल जाए मोहब्बत तुम्हारी..!!
अजब तेरी है ऐ महबूब सूरत,नज़र से गिर गए सब ख़ूबसूरत।हैदर अली आतिश
उसके चेहरे की चमक के सामने सब सादा लगा ,आसमान पे चाँद पूरा था मगर आधा लगा ।
ये आईने क्या दे सकेंगे तुम्हेंतुम्हारी शख्सियत की खबर,कभी हमारी आँखो से आकर पूछोकितने लाजवाब हो तुम।
एक लाइन में क्या तेरी तारीफ़ लिखू,पानी भी जो देखे तुझे तो प्यासा हो जाये
तुम बस मुस्कुराया करो मेरी जानक्युकी तुम्हारी स्माइल में ही तोह मेरीजान बस्ती है।
आँख की हर ज़बान पर कल तक बोलने में उबूर मेरा था
कसक बन कर .......चुभती रहती हैं यादें तेरी बता वह कौन सा ......लम्हा है जिसमें तू नहीं.!!