Ladki Ki Tarif Me Shayari In Hindi : अपना चांद सा चेहरा देखने की इजाजत दे दो, इस खूबसूरत शाम को और सजाने की इजाजत दे दो। एक लाइन में क्या तेरी तारीफ़ लिखूं पानी भी जो देखे तुझे तो प्यासा हो जाये
खूबसूरती तो समय के साथ खत्म हो जाती हैं, पर सच्चा प्यार ज़िन्दगी भर साथ रहता हैं।
पहली मुलाकात थी और हम दोनों ही बेबस थे, वो अपनी जुल्फें न संभाल पाए और हम खुद को……!!!
नहीं बसती किसी और कीसूरत अब इन आँखो में,काश कि हमने तुझे इतनेगौर से ना देखा होता..!!
चेहरे से पर्दा हटा तो,खूबसूरती बेनकाब हो गई,उनसे मिली नजर तो,दिल बेकरार हो गया।
अभी तो मुस्कराए हैं, हमारा शर्माना अभी बाकी है। अभी तो इत्र से महका है बदन, तुम्हारे इश्क़ से अभी रूह को महकाना बाकी है।।
सुबह का मतलब मेरे लिए सूरज निकलना नही, तेरी मुस्कराहट से दिन शुरू होना है…
झलफे मत बंध करो अपना,हवाई नराज़ हो जाती है।
ढाया है खुदा ने हम दोनों पर जुल्म तुम्हें हुस्न देकर और मुझे इश्क देकर
तू वो खुबसूरत अहसास है,जिसे हर समय पाने की तमन्ना रहती हैं।
चाँद से हसीन है चांदनी, चाँदनी से हसीं है रात, रात से हसीन है ज़िन्दगी, और वो ज़िन्दगी है आप.
ख़ूबसूरत होना अच्छा है,लेकिन अच्छा होना बहुत ही खूबसूरत है।
“शायद तुझे खबर नहीं ए शम्मे-आरजू, परवाने तेरे हुस्न पे कुरबान गये है
आंखें ही, क्या कम थी उस पर काजल भी लगाते हो इश्क में कत्ल के तुम भी क्या हुनर आजमाते हो.
लाज़मी नही कि आँखो से ही देखूँ , तुझे सोचना…….. तेरे दीदार से कम तो नही….!!
जब मैंने चाँद को अपनी चाँद दिखाया, रात में निकला पर हुस्न पर नहीं इतराया.
कितनी खूबसूरत हैं आँखें तुम्हारी, बना दीजिये इनको किस्मत हमारी, इस ज़िंदगी में हमें और क्या चाहिए, अगर मिल जाए मोहब्बत तुम्हारी।
उनकी उल्फ़त अदाओं को बड़ी फुरसत से निहार रहे थे हम, मगर उन्हें फुरसत नहीं थी खूबसूरत-सी अपनी नजरें हमपर फेरने की।
सुना है रब कि कायनात में,एक से बढ़कर एक चेहरे हैं… मगर मेरी आँखों के लिए सारे जहाँ में, सबसे खुबसुरत सिर्फ तुम हो…
उसके इश्क़ की खूबसूरतीकैसे बयां करूं जनाब,जब मुस्कुरा के देखता है,तो लगता हैं हर दुआ कुबूल हो गई।
उसे सजने-संवरने की जरूरत नहीं है,श्रृंगार भी उससे ख़ुद श्रृंगार करता है !
घोड़े की नाल वाली अंगूठी पहनते ही बदल जायेगी आपकी जिंदगी, धन-धौलत किसी चीज की नहीं होगी कमी
तेरी तरफ जो नजर उठी वो तापिशे हुस्न से जल गयी तुझे देख सकता नहीं कोई तेरा हुस्न खुद ही नकाब हैं.
जो तुम्हारे बेपनाह सच्चे इश्क़ में, कमी निकाल जाए। तो फिर उसे इतनी नफरत दो, कि भूल के भी कमी ना निकाल पाए।।
एक लाइन में क्या तेरी तारीफ़ लिखूं पानी भी जो देखे तुझे तो प्यासा हो जाये
लाइसेंस बनवा लो अपनी इन कातिल निगाहों की सुना है कत्ल खाने बन्द हो रहे हैं
वो मुझसे रोज़ कहती थी मुझे तुम चाँद ला कर दो, उसे एक आईना दे कर अकेला छोड़ आया हूँ..!!
यह सवाल मेरे होठों पर पिघल गया है, आप ज्यादा खूबसूरत हैं या आपकी सोच।
सुकून मिलता है जब उनसे बात होती है मज़ा आ जाता है जब उनसे मुलाक़ात होती है जब देखते है उनके ख़ूबसूरत चहरे को मेरे लिए वही पूरी क़ायनात होती है।
खूबसूरती में उनकी कोई कमी तो होती, खुदा कसम वो फिर और ज्यादा खूबसूरत होती।
सूरत मे क्या रखा है जालिम,एक दिन सब ढल जाएगी,दिल की खूबसूरती देख,तेरी जिंदगी सवार जायगी।
तुझको देखा फिर उसको ना देखा चांद कहता रहा…मैं चांद हूं, मैं चांद हूं
कैसे ना हो इश्क, उनकी सादगी पर ए-खुदा, ख़फा हैं हमसे, मगर करीब बैठे हैं…
तेरे हाथों की मेहंदी देखकर हम फिदा हो गये…! सीना खाली रह गया और दिल तुम ले गयें…!!
कमियां तो बहुत है मुझ मेंपर कोई निकाल कर तो देखें
अंगड़ाई लेके अपना मुझ पर जो खुमार डाला,काफ़िर की इस अदा ने बस मुझको मार डाला।।
तेरी आँखों के जादू से तू ख़ुद नहीं है वाकिफ़ये उसे भी जीना सीखा देते हैं जिसे मरने का शौक हो
वो आंखो मे काजल फंसाती है फिर उसकी आँखे मुझे फंसाती है
पानी से प्यास न बुझी तो,मैं खाने की तरफ चल निकला।सोचा शिकायत करुं तेरी खुदा से पर,खुदा भी तेरा आशिक निकला।
सुना है रब कि कायनात में,एक से बढ़कर एक चेहरे हैं…मगर मेरी आँखों के लिए सारे जहाँ में, सबसे खुबसुरत सिर्फ तुम हो…
अब कैसे उठेगी आँख हमारी किसी और की तरफउसके हुस्न की एक झलक हमें पाबन्द बना गयी.
तेरी ख़ूबसूरती के इस तरह कायल है जी करता है तुझे तस्वीर से बाहर निकाल लू।
तुम सुंदर हो, जैसे सबकी ख्वाहिश होती है,तुम्ह
हर बार हम पर इल्जाम लगा देते हो मुहब्बत का,कभी खुद से भी पूंछा है इतनी खूबसूरत क्यों हो।
उसका चाहा तो मोहब्बत की तारीफ नज़र आयी, वार्ना इस शब्द की तो सिर्फ तारीफ सुना करते थे..!!
तेरा होंठो की पंखुडियो को तू गुलाब न कहना,वो तो मुरझा जाते है।इनकी लाली को देखकर लगता है,गुलाब भी अपना रंग यही से चुरा कर लाये है।
वो बे-नकाब जो फिरती है गली-कूंचों में,तो कैसे शहर के लोगों में क़त्ल-ए-आम न हो।
लौट जाती है उधर को भी नजर क्या कीजे,अब भी दिलकश है तेरा हुस्न तो क्या कीजे?
मैं इतनी अच्छी भी नहीं,जितनी तुम तारीफ कर जाते हो।कही किसी और के हिस्से की,तारीफ चुरा के तो नहीं लाते हो।
बड़ी खूबसूरत नाज़ुक से हैं उनके ये होठ की क्या कहिये,मानो पंखुड़ी हो इक गुलाब सी।।
मेरी तारीफ़ ही कुछ इस तरह की उसने, खुद की ही तस्वीर को सो दफा देखा मैंने.
नशीली आँखों से वो जब हमें देखते हैं,हम घबराकर ऑंखें झुका लेते हैं,कौन मिलाए उनकी आँखों से आंखे,सुना है वो आँखों से अपना बना लेते है.
जो लव्स तेरी तारीफ करते नहीं थकते थे आज वो तेरा नाम तक नहीं लेना चाहते है..!!
कितना खूबसूरत चेहरा है तुम्हारा,ये दिल तो बस दीवाना है तुम्हारा,लोग कहते है चाँद का टुकड़ा तुम्हें,पर मैं कहता हूँ चाँद भी टुकड़ा है तुम्हारा।
बहुत खुबसूरत है हमारा सनम | खुदा ऐसा चेहरा बनाता है कम ||
घनी जुल्फों के साये में चमकता चाँद सा चेहरा, तुझे देखूं तो कुछ रातें सुहानी याद आती हैं।
क्या कशिश हुस्न-ए-बे-पनाह में है जो क़दम है उसी की राह में है
मेरे लफ़्ज़ों में क्या है!!तरह-तरह से एक बस तुम्हारा ज़िक़्र!!!
फूलों से खूबसूरत कोई नहीं, सागर से गहरा कोई नहीं, अब आपकी क्या तारीफ़ करूँ, खूबसूरती में आप जैसा कोई नहीं.
बहक जाती है शराब भी, जब महकता है तेरा “शबाब”, उफ्फ़…! तेरे गुलाबी होंठ हैं या तेरे होंठों जैसा गुलाब…!!
डरता हूँ कहीं लग न जाए तेरे हुस्न को मेरी नज़र,इस लिए अभी तक तुझे गौर से देखा ही नहीं।
ये हुस्न, ये सावन, ये बारिश, ये हवाएंलगता है मुहब्बत ने आज किसी का साथ दिया है
मासूमियत से भरा खूबसूरत चेहरा है, उस पर काले तिल का पहरा है.
सादगी भी कमाल है उनकी,बिना सँवरें चमकना जानती है।
घूँघट में इक चाँद था और सिर्फ तन्हाई थी आवाज़ दिल के धड़कने की भी फिर ज़ोर से आयी थी
आपको देखा तो फिर किसी को नहीं देखा चांद भी कहता रहा मैं चांद हु।
ये जो कार्ति है परदा झुल्फे तेरे चेहरे पर आकार,जैसे कोई चांद चुप रहा हो बद्री माई जकार।
ऐसा ना हो तुझको भी दीवाना बना डालेतन्हाई मे खुद अपनी तस्वीर न देखा कर !
तू इतनी खूबसूरत है कैसे बयान करुं,दिल यही चाहता है की बस देखता रहूं।
तुम्हारी खूबसूरती की दिन रात मैं तारीफ करता हूं,तुम्हारी तस्वीर लेकर यूं ही दिन रात देखा करता हूं।
उनके हुस्न का आलम न पूछिये, बस तस्वीर हो गया हूं, तस्वीर देखकर।
बिना मिले ही तेरा यूँ मुहब्बत करना मुझसे❤ बस तेरी यही चाहत तो मुझे पसंद है ❤
ये तुमसे किसने कहा तुम इश्क का तमाशा करना… मगर मोहब्बत करते हो हमसे तो बस हल्का सा इशारा करना….