Ladki Ki Tarif Me Shayari In Hindi : अपना चांद सा चेहरा देखने की इजाजत दे दो, इस खूबसूरत शाम को और सजाने की इजाजत दे दो। एक लाइन में क्या तेरी तारीफ़ लिखूं पानी भी जो देखे तुझे तो प्यासा हो जाये
मेरे मिजाज की क्या बात करते हो साहबकभी-कभी मै खुद को भी जहर लगती हूं !
सफाईयां देनी छोड़ दी है मैं बहुत बुरी हूं सीधी सी बात है
किन शब्दों में करूं तारीफ तुम्हारी वो अल्फाज ही नहीं बने, तुझे देखकर जाग जाते हैं सोये अरमान ये दिल क्या करे।
सर झुका कर कबूल कर ली हर सजा..!! बस कसूर इत्ना था की बेकसूर थे हम…!!
तेरी खूबसूरत लहराती जुल्फों में जरा हवाओ को भी लहराने दे, देखे जिसे तू प्यारभरी नज़रो से उसे अपनी मोहबत का दीवाना बना दे ।।
तारीफ करने का तो सिर्फ एक बहाना है.असल में हमे तुम्हारे घर में आना है.
पर लिख तो लिख कैसे तारीफ तेरे हुस्न की,कम्भक्त निगाहें तुझसे टोपी कागज पर खा ऐ।
उसके मीठे होठ और मुझे शुगर का रोगहकीम साहब तुम रहने दो हमसे नहीं होता परहेज
में तेरी ख़बसूरती पर नहीं तेरी सादगी पे मरता हुआ,तुम मुझे चाहो या ना चाहो मैं सिर्फ तुमा ही चाहूंगा।
तुम्हारी सुंदरता जगमगाती हुई तारों से भी ज़्यादा है,तुम एक सितारा हो जो हमेशा चमकता रहेगा।
शान से हम तेरे दिल में रहेंगे, तेरी मोहब्बत पे जान निसार करेंगे, देख के जलेंगी हमे दुनिया सारी, इस कदर बे-पनाह तुझे प्यार करेंगे ।
पहना दो अपना प्यार मरे पैरों में पायल की तरह जहां भी और जितना भी चलूँ तुम ही तुम सुनाई दो
उसके चेहरे की चमक के आगे सब सादा लगा, आज आसमा में चांद पूरा था मगर आधा लगा।
उसके चेहरे के तिल पर फिदा मेरा दिल है, हंसती है तो जान ले लेती है, इस दुनिया में वो सबसे खूबसूरत है।
सुबह का मतलब मेरे लिए सूरज का निकलना नहीं,तेरी मुस्कराहट से दिन शुरू होता है मेरा
कुछ अपना अंदाज हैं कुछ मौसम रंगीन हैं, तारीफ करूँ या चुप रहूँ जुर्म दोनो ही संगीन हैं! ?
अब वो पूछती भी नहीं मेरे बारे में,शायद उसे पता चल गया है मेरेइश्क़ के बारे में।
खूबसूरती ना ही सूरत में होती है,और ना ही लिबास में।ये तो महज़ जालिम नजरों का खेल है,जिसे चाहे उसे हसीन बना दें।
तेरे चेहरे की चमक, तेरे बाल की खुशबू,तेरी अदाओं का नशा मुझे हमेशा रहता है।
कितना खूबसूरत चेहरा है तुम्हारा, ये दिल तो बस दीवाना है तुम्हारा, लोग कहते है चाँद का टुकड़ा तुम्हें, पर मैं कहता हूं चांद भी टुकड़ा है तुम्हारा।
क्या ख़ाक करू उस चाँद की तारीफ में, जो हर लम्हा डूब जाता है, अब तोह चाँद को भी तैरना सीखना है..!!
चीन लो तुझे दुनिया से ये मेरे बस मिस नहीं,मगर मेरे दिल से तुझे कोई निकला दे ये भी,,किसी के बस की बात नहीं।
जुल्फ़े सिर्फ दांयी तरफ मत रखा करो,बांया झुमका खुद को महफूज़ नहीं समझता…
मदहोश करती हैं बाते तेरी… गर कहतें हैं नशा इसको तो तलब मंजूर हैं हमे…
फ़क़त इस शौक़ में पूछी हैं हज़ारों बातें..मैं तेरा हुस्न तेरे हुस्न-ए-बयाँ तक देखूँ
अगर तुम न होते तो ग़ज़ल कौन कहता,तुम्हारे चहरे को कमल कौन कहता।यह तो करिश्मा है मोहब्बत का,वरना पत्थर को ताज महल कौन कहता।
मेरी निगाह-ए-इश्क भी कुछ कम नही, मगर, फिर भी तेरा हुस्न तेरा ही हुस्न है…
आसमां में खलबली है सब यही पूछ रहे हैं, कौन फिरता है ज़मीं पे चाँद सा चेहरा लिए।
न पूछो हुस्न की तारीफ़ हम से,मोहब्बत जिस से हो बस वो हसीं है।आदिल फ़ारूक़ी
उसने होठों से छू करदरिया का पानी गुलाबी कर दिया,हमारी तो बात और थी उसनेमछलियों को भी शराबी कर दिया
मोहब्बत और मयकशी में.. हिसाब नहीं देखे जाते...❤ जहाँ दिल के नाते हो वहां.. "अदब ओ आदाब" नहीं देखें जाते...
खूबसूरती से धोखा ना खाइए जनाब,तलवार कितनी ख़ूबसूरत क्यों ना हो मांगती तो खून ही है।
तेरे चहरे की रोशनी से रोशन मेरी रात है पास है तू मेरे जब तारों को भी चांद का साथ है।
तुझे पलकों पर बिठाने को जी चाहता है, खूबसूरती की इंतेहा है तू, तुझे जिंदगी बनाने को जी चाहता है।
वो तारीफे करते रहते हैहम शायरी करते रहते हैवो कुछ कहते नही ओरहम इंतज़ार करते रहते है !
ना जाने कौन कौन से विटामिंस भरे पड़े हैं तुझमे जब तक बात ना कर लू तो कमजोरी सी रहती है
जरा जरा सा था पर था कमाल कावो तेरा मुस्कराना जो हम ले डूबा।
दिल से कुछ लिखना चाहते हैं उनकी तारीफ में, मगर लफ़्ज हैं कि फीके पड़ जाते हैं आज की तारीख में.
तुझसे ना मिलने के कसम खाकड़ो,मैंने हर राह मैं ढुंडा है तुझे।
ना जाने कौन सी शिकायतो का हम शिकार हो गए जितना दिल साफ रखा उतना गुनाहगार हो गए.।।
हम तो अल्फाज़ ही ढूढ़ते रह गए,और वो आँखों से गज़ल कह गए
तुम एक सुंदर राजकुमारी हो,जो सबकी आंखों में खूबसूरती भर देती है।
अपना… आपने भी मुझे नहीं बनाया,और किसी और का होने के लायक भी नहीं छोड़ा।
तेरी खुबसूरती को देखकर चांद भी कतरा रहा है, तुम बहुत ही प्यारे हो यही फरमा रहा है।
गुलाब जैसे सुर्ख गुलाब है होंठ उनके,नज़र भर देखते रहो तो खिलने लगते है।
बस थोड़े ही तो बर्बाद हुए…कुछ तेरे साथ में, कुछ देर बाद हुए…,,
जो कागज पर लिख दू तारीफ तुम्हारी तो श्याही भी तेरे हुस्न की गुलाम हो जाये
तुम एक सूरज की तरह हो,जो हर समय उजाला फैलाता है।
सौ बार जिस को देख के हैरान हो चुकेजी चाहता है फिर उसे इक बार देखना
मेरे दिल से उसकी हर, गलती माफ हो जाती हैं ||जब वो मुस्कुरा के पूछती है, नाराज हो क्या ||
कभी बेपनाह बरस पड़ती है, कभी गुमसुम सी है, यह बारिश भी कुछ कुछ तुम सी है ।
देख कर खूबसूरती आपकी चांद भी शर्मा रहा है, तू कितनी खूबसूरत है यही फरमा रहा है।
अगर तुम न होते तो ग़ज़ल कौन कहता, तुम्हारे चहरे को कमल कौन कहता, यह तो करिश्मा है मोहब्बत का.. वरना पत्थर को ताज महल कौन कहता।
यू ना निकला करो आज कल रात को,चांद चुओ जाएगा देख कर आप को।
तुझे सीने से लगने की चाहत है, तेरी बाहों में लिपट जाने की चाहत है, खुबसूरती का इम्तेहान है, तू तुझे ज़िन्दगी में बसाने की चाहत है.
नींद से क्या शिकवा करूं मैं जो रात भर आती नहीं, कसूर तो उस चेहरे का है, जो रात भर सोने देता नहीं।
निगाह उठे तो सुबह हो, झुके तो शाम हो जाएँ, एक बार मुस्कुरा भर दो तो कत्ले-आम हो जाएँ.
तुम्हारी सादग़ी ही है, तुम्हारी खूबसूरती,वरना हमारी ये आँखे, तुम्हे यूँ ना घूरती।
तेरे चहरे ने मेरी नींद उड़ा रखी है अब तो बस आपके ज़िस्म में रात बितानी है।
तेरे इश्क की जंग में, हम मुस्कुराके डट गए,तलवार से तो बच गए, तेरी मुस्कान से कट गए
कितनी फुर्सत से बनाया होगा रब ने तुझ को,शायद तेरी सूरत पर प्यार आ गया होगा हमें।
तुझे सूरज कहु या फिर चांद तेरे चहरे में दोनों दिखाई देते है।
नागिन जैसे तुम्हारी जुल्फे जब लहराती है,ना जाने कितने दिलों पर कहर बरसाती है.
उसकी सूरत से इश्क नहीं हमें, हम तो उसकी सीरत से मोहब्बत करते हैं, कितनी अनमोल हैं वो हमारे लिए, इस बात से अनजान वो भी इकतरफा तड़पते हैं।
बस उस खिड़की में “चाँद” बैठा था….. बाकी बे-नूर थी गली सारी_!!
आज उसकी मासूमियत के क़ाइल हो गएसिर्फ उसकी एक नजर से ही घायल हो गए !!aaj usaki maasumiyat ke qail ho gaesirph usaki ek najar se hi ghaayal ho gae !!
मेरे दिल को सुकून और आंखों को चैन मिल जाए, गर बनके दुल्हन सनम मेरी जिंदगी में आ जाए।
हसीन तो और भी है इस जहाँ में मौला ,पर जब उसने अपना घुँगट खोला।तो चाँद भी मुझसे शर्मा के बोला,ये रात की चाँदनी है या दिन का शोला।
उसने जी भर के हमको चाह,फिर हुआ यू उसका जी ही भर गया।
मैं तो परशान हूं ये सोच की शायद,ना जिंदगी में आएगा, ना उन जैसा कोई आया होगा।
कसक बन कर .......चुभती रहती हैं यादें तेरी बता वह कौन सा ......लम्हा है जिसमें तू नहीं.!!
उनकी आंखों से काश कोई इशारा तो होता,कुछ मेरे जीने का सहारा तो होता।तोड़ देते हम हर रस्म जमाने की ,एक बार ही सही कोई इशारा तो होता ।