Kumar Vishwas Desh Bhakti Shayari In Hindi : लड़े वो वीर 🎖️ जवानों की तरह ,ठंडा खून फौलाद हुआ … 😤मरते मरते भी दुश्मनों को मार गिराए ,🗡️तभी तो देश 🇮🇳 आजाद हुआ … ।।। हर 🙏 मजहब से सीखा हमने ,पहले देश 🇮🇳 का नारा …मत बांटो इसे एकही रहने दो ,प्यारा हिंदुस्तान हमारा … ।। 😊☺️
देश की हिफाजत मरते दम तक करेंगे.!!दुश्मन की हर गोली का हम सामना करेंगे.!!आजाद हैं और आजाद ही रहेंगें.!!जय हिन्द.!!
सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा.!!हम बुलबुलें हैं उसकी वो गुलसिताँ हमारा.!!परबत वो सबसे ऊँचा.!!हमसाया आसमाँ का.!!वो संतरी हमारा वो पासबाँ हमारा.!!
इतनी सी बात हवाओं को बताये रखना.!!रौशनी होगी चिरागों को जलाये रखना.!!लहू देकर की है जिसकी हिफाजत हमने.!!ऐसे तिरंगे को हमेशा दिल में बसाये रखना.!!
जब देश में थी दिवाली,वो झेल रहे थे गोली.!!जब हम बैठे थे घरों में ,वो खेल रहे थे होली.!!क्या लोग थे वो अभिमानी.!!है धन्य वो उनकी जवानी.!!जय हिन्द!!
सीने में जूनून और आँखों में देशभक्ति की चमक रखता हूँ.!!दुश्मन की सांसे थम जायें,आवाज में इतनी धमक रखता हूँ.!!
चलो फिर से हम वो स्मृति याद कर ले , शहीदों के दिल में थी वो दर्द याद कर ले… जिस वजह से आजादी पहुंची थी किनारे सैनिक का के खून की वो धारा याद कर ले… ।।
मेरे देश तुझको नमन है मेरा.!!जीऊं तो जुबां पर नाम हो तेरा.!!मरूं तो तिरंगा कफन हो मेरा.!!
आन देश की,शान देश की,इस देश की हम संतान हैं !तीन रंगों से रंगा तिरंगा,अपनी ये पहचान है.!!
अधिकार मिलते नहीं लिए जाते हैं.!!आजाद हैं मगर गुलामी किये जाते हैं.!!वंदन करो उन सेनानियों को.!!जो मौत के आँचल में जिए जाते हैं.!!
देश के रखवाले है हम ,शेर ए जिगर वाले है हम …शहादत में हमे क्यों डर लगेगा ,मौत की बाहों में पले हुए हैं हम …
अपनी 🇮🇳 आजादी को हम हरगिज मिटा सकते नहीं ..सर कटा सकते है लेकिन सर 😤 झुका सकते नहीं … ।।
जहाँ पक्षपात के फैले जाल होते हैं.!!वहाँ हुनरमंदों के सपने बेहाल होते हैं.!!वो मुल्क़ कभी तरक्की नहीं कर सकता.!!जहाँ के वज़ीर ही दलाल होते हैं.!!
भारत प्यारा देश हमारा ,सब देशों से न्यारा है …हर रूत हर एक मौसम इसका ,कैसा प्यारा प्यार है … ।।
लड़े वो वीर 🎖️ जवानों की तरह ,ठंडा खून फौलाद हुआ … 😤मरते मरते भी दुश्मनों को मार गिराए ,🗡️तभी तो देश 🇮🇳 आजाद हुआ … ।।।
वो जो खुद में से कम निकलतें हैंउनके ज़हनों में बम निकलतें हैंआप में कौन-कौन रहता हैहम में तो सिर्फ हम निकलते हैं।
कुछ नशा तिरंगे की आन का है.!!कुछ नशा मातृभूमि की शान का है.!!हम लहराएंगे हर जगह.!!ये तिरंगा नशा ये हिंदुस्तान की शान का है.!!
मुझे ना तन चाहिए,ना धन चाहिए.!!बस अमन से भरा यह वतन चाहिए.!!
जहाँ जाति भाषा से बढ़कर देशप्रेम की धारा है.!!वो देश हमारा है,वो देश हमारा है.!!
जुनून नहीं इश्क हो तुम मेरा.!!तिरंगा नहीं शान हो तुम मेरी.!!मां नहीं जान हो तुम मेरी.!!
सीने में जूनून और आँखों में देशभक्ति की चमक रखता हूँ.!!दुश्मन की सांसे थम जायें,आवाज में इतनी धमक रखता हूँ.!!
अनेकता में एकता ही इस देश की शान है.!!इसीलिए मेरा भारत महान है.!!
एक दिया उनके भी नाम का.!!रख लो पूजा की थाली में.!!जिनकी सांसे थम गई हैं.!!भारत माँ की रखवाली में.!!
हर ओर शिवम-सत्यम-सुन्दर ,हर दिशा-दिशा मे हर हर हैजड़-चेतन मे अभिव्यक्त सतत ,कंकर-कंकर मे शंकर है…”
आरजू बस यही है.!!दम निकले तो तेरी बन्दगी में.!!जय हिंद का नारा हो.!!तिरंगा कफ़न हमारा हो.!!
बात ये हवाओं को बताए रखना ,जहां रोशन होगा दिए जलाए रखना …की है हिफाजत लहू देकर जिसकी हमने ,मन में हमेशा उस तिरंगे को बसाए रखना … ।।
कुछ नशा तिरंगे की आन का है.!!कुछ नशा मातृभूमि की शान का है.!!हम लहरायेंगे हर जगह ये तिरंगा.!!नशा ये हिन्दुस्तां के सम्मान का है.!!
कर चले हम फ़िदा जाने तन साथियो.!!अब तुम्हारे हवाले वतन साथियो.!!अब तुम्हारे हवाले वतन साथियो.!!
चंद चेहरे लगेंगे अपने से , खुद को पर बेक़रार मत करना , आख़िरश दिल्लगी लगी दिल पर? हम न कहते थे प्यार मत करना…
जो देश के लिए शहीद हुए.!!उनको मेरा सलाम है.!!अपने खूं से जिस जमीं को सींचा.!!उन बहादुरों को सलाम है.!!
खून से खेलेंगे होली.!!अगर वतन मुश्किल में है.!!सरफ़रोशी की तमन्ना.!!अब हमारे दिल में है.!!
मेहफिल-महफ़िल मुस्काना तो पड़ता है,खुद ही खुद को समझाना तो पड़ता हैउनकी आँखों से होकर दिल जाना.रस्ते में ये मैखाना तो पड़ता है..
मैं मुल्क की हिफाजत करूँगा.!!ये मुल्क मेरी जान है.!!इसकी रक्षा के लिए.!!मेरा दिल और जां कुर्बान है.!!
इश्क तो करता है हर कोई.!!महबूब पे तो मरता है हर कोई.!!कभी वतन को महबूब बना के देखो.!!तुझ पे मरेगा हर कोई.!!
उनके हौसले का भुगतान क्या करेगा कोई ,उनकी शहादत का कर्ज देश पर उधार है …आप और हम इसलिए खुशहाल है क्यूंकि ,सीमा पर सैनिक शहादत को तैयार …
जब भारत मां मुझे पुकारती है.!!तो इस कदर दीवाना हो जाता हूं.!!कि मौत भी पास आए तो गले लगा लेता हूं.!!
देशभक्तों से ही देश की शान है.!!देशभक्तों से ही देश का मान है.!!हम उस देश के फूल हैं यारों.!!जिस देश का नाम हिंदुस्तान है.!!
कुछ पन्ने पढ़कर इतिहास के ,मेरे मुल्क के सीने में शमशिर हो गए …जो लड़े जो मेरे वो शहीद हो गए ,जो डरे जो झुके वजीर हो गए … ।।
अब तो मरना जीना बस तिरंगे के नाम होगा ,अगला जनम लिया तो मेरा देश हिंदुस्तान होगा … ।।
देशभक्ति से परिपूर्ण ओजस्वी कविता के लिए कुमार विश्वास जी को धन्यवाद
देश के रखवाले है हम , शेर ए जिगर वाले है हम … शहादत में हमे क्यों डर लगेगा , मौत की बाहों में पले हुए हैं हम …
ऐसे सोद्देश्य और अर्थपूर्ण गीतमंच पर जमते हैं तोफिर कवि मंच के सुखदभविष्य को दुख नहीं दे सकता कोई।
मुझे ना तन चाहिए,ना धन चाहिए.!!बस अमन से भरा यह वतन चाहिए.!!जब तक जिन्दा रहूं,इस मातृ-भूमि के लिए.!!और जब मरुँ तो तिरंगा कफ़न चाहिये.!!
लड़े वो वीर जवानों 🎖️ की तरह ,ठंडा खून फौलाद हुआ … ❤️मरते मरते भी कई मार गिराए ,तभी तो देश 🇮🇳 आजाद हुआ … ।। 🙂
सुंदर है जग में सबसे.!!नाम भी न्यारा है जहां जाती-भाषा से बढ़कर.!!देश-प्रेम की धारा है निशचल.!!पावन, प्रेम पुराना.!!वो भारत देश हमारा है.!!
ये नफरत बुरी है न पालो इसे.!!दिलो में खलिश है निकालो इसे.!!न तेरा ,न मेरा ,न इसका,न उसका.!!यह सब का वतन है ,बचा लो इसे.!!
जन्नत से बढकर वतन कर ले.!!जय हिंद जय हिंद,वंदेमातरम्.!!अमर शहीदों को नमन कर ले.!!
चूमा था वीरों ने फांसी का फंदा.!!यूँ ही नहीं मिली थी आजादी खैरात में.!!
हिम्मत ए रौशनी बढ़ जाती है, हम चिरागों की इन हवाओं से, कोई तो जा के बता दे उस को, चैन बढता है बद्दुआओं से…
ये बात हवाओं को बताए रखना ,रोशनी होगी बस चिरागो को जलाए रखना …लहू देकर जिसकी हिफाजत हमने की ,ऐसे तिरंगे को सदा दिल में बसाए रखना … ।।
जब तक सांसे चले भारत मां तुझे प्रणाम करूं.!!अगर हो जाऊं शहीद तो.!!तिरंगे में लिपटकर तेरा गुणगान करूं.!!
शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले.!!वतन पे मर मिटनेवालों का बाकी यही निशां होगा.!!
दोस्ताना इतना बरकरार रखो कि.!!मजहब बीच में न आये कभी.!!तुम उसे मंदिर तक छोड़ दो.!!वो तुम्हें मस्जिद छोड़ आये कभी.!!
ऐ मेरे प्यारे वतन.!!ऐ मेरे पिछड़े चमन.!!तुझ पे दिल कुर्बान.!!
कर जस्बे को बुलंद जवान.!!तेरे पीछे खड़ी आवाम.!!हर पत्ते को मार गिरायेंगे.!!जो हमसे देश बटवायेंगे.!!
दुश्मन की औकात नहीं थी.!!ये तो देश के गद्दारों ने ही खंजर घोपा है.!!दुश्मन को बाद में पहले गद्दारों को मिटाना है.!!
जहाँ जाति भाषा से बढ़कर देशप्रेम की धारा है.!!वो देश हमारा है,वो देश हमारा है.!!
बहुत ही बेहतरीन कविता.. कुमार भाई, महेंन्द्रगढ़ के कविसम्मेलन में आपसे सुनी भी थी.... बेहतरीन........ दुबई यात्रा के लिये अग्रिम शुभकामनाएं..
कुछ पृष्ठ पढ़कर इतिहास के , मेरे देश के सीने में शमशिर हो गए… जो लड़े युद्ध पे जो मेरे वो शहीद हो गए , जो डरे मैं झुके वजीर हो गए… ।।
जब उंच -नीच समझाने में , माथे की नस दुःख जाती हैं ,तब एक पगली लड़की के बिन जीना गद्दारी लगता है ,और उस पगली लड़की के बिन मरना भी भरी लगता है !!
जो अब तक ना खौला,वो खून नहीं पानी है.!!जो देश के काम ना आये,वो बेकार जवानी है.!!
गुलाम बने इस देश को आजाद तुमने कराया है.!!सुरक्षित जीवन देकर तुमने कर्ज अपना चुकाया है.!!दिल से तुमको नमन हैं करते.!!ये आजाद वतन जो दिलाया है.!!
आन देश की ,शान देश की,इस देश की हम संतान हैं.!!तीन रंगों से रंगा तिरंगा ,अपनी ये पहचान है.!!
भारत माँ की जय कहना.!!अपना सौभाग्य समझता हूँ.!!अपना जीना मरना अब सब.!!तेरे नाम ऐ “तिरंगा” करता हूँ.!!भारत माता की जय.!!
लड़े हमारा संतान वीरों की तरह, जब खून धारा की तरह निकल पड़ा आखरी दम तक लड़ते रहे वो, तब ही तो हमारा देश स्वाधीन हुआ
उनके हौसले का भुगतान क्या करेगा कोई.!!उनकी शहादत का क़र्ज़ देश पर उधार है.!!आप और हम इस लिए खुशहाल हैं क्योंकि.!!सीमा पे सैनिक शहादत को तैयार हैं.!!
उड़ जाती है नींद ये सोचकर.!!कि सरहद पे दी गयीं वो कुर्बानियां.!!मेरी नींद के लिए थीं.!!
मैं मुल्क की हिफाजत करूँगा.!!ये मुल्क मेरी जान है.!!इसकी रक्षा के लिए.!!मेरा दिल और जां कुर्बान है.!!
अपनी आज़ादी को हम हरगिज़ मिटा सकते नहीं.!!सर कटा सकते हैं लेकिन सर झुका सकते नहीं.!!
दे सलामी इस तिरंगे को जिससे तेरी शान है.!!सिर हमेशा ऊँचा रखना इसका जब तक दिल में जान हैं.!!
डॉ कुमार विश्वास को पढ़ना और सुनना, दोनों ही अद्भुत है.
तूफान कभी शांत नहीं होते.!!आंधियों से जो डर जाए वो मुकाम नहीं होते.!!जो देश के झंडे को सलाम नहीं करते.!!वो सच्चे इंसान नहीं होते.!!
लहराएगा तिरंगा अब सारे आसमान पर.!!भारत का ही नाम होगा सबकी जुबान पर.!!ले लेंगे उसकी जान या खेलेंगे अपनी जान पर.!!कोई जो उठाएगा आँख हिंदुस्तान पर.!!