Krishan Ji Shayari In Hindi : मन की आँखों को जब तेरा दीदार हो जाता है,मेरा तो हर दिन प्रिय मोहन त्यौहार हो जाता है। एक तरफ साँवले कृष्ण, दूसरी तरफ राधिका गोरीजैसे एक-दूसरे से मिल गए हों चाँद-चकोरी
जिस व्यक्ति को आपकी कदर नहीं,उसके साथ खड़े रहने से अच्छा आप अकेले रहें.
मुरली मनोहर कृष्ण कन्हैयाजमुना के तट पे विराजे हैंमोर मुकुट पर कानों में कुंडलकर में मुरलिया साजे हैं
जब तकलीफ़ हो जीने में, तोश्री कृष्ण”को बसा लो सीने में.
जिंदगी में कभी भी अपने किसी हुनर परघमंड मत करना क्योंकि पत्थर जब पानी मेंगिरता है तो अपने ही वज़न से डूब जाता है।
प्यार दो आत्माओं का मिलन होता है ठीक वैसे ही जैसे..प्यार में कृष्ण का नाम राधा और राधा का नाम कृष्ण होता है !!
रख लूँ नजर मे चेहरा तेरा,दिन रात इसी पे मरती रहूँ..जब तक ये सांसे चलती रहे,मे तुझसे मोहब्बत करती रहूँ..!!…मेरे कान्हा मेरी दुनिया…!!
“ श्री कृष्ण अच्छे लोगों की परीक्षा बहुत लेते है,परंतु कभी उनका साथ नही छोड़ते…और बुरे लोगों को कृष्ण बहुत कुछ देते है,परंतु उनका की साथ नही देते…!!
“दे के दर्शन कर दो पूरी प्रभु मेरे मन की तृष्णाकब तक तेरी राह निहारूं, अब तो आओ कृष्णा..”
जो सच्चे प्रेम को समझ पाता हैवही राधे कृष्णा को समझ पाता है
देने के लिए दान, लेने के लिए ज्ञान, और त्यागने के लिए अभिमान सर्वश्रेष्ठ है।
जो दौड़ कर भी ना मिला वो संसार का तृष्ण है, जो बिना दौर के प्रेम मिल जाये वो राधा का कृष्ण है
राधा-श्याम जोड़ी कुछ, भाये ऐसे जग में प्रीत की डोरी में बंधे, तेरे ही संग में
दुष्ट’ लोग अगर समझाने मात्र से समझ जाते, तो यकीन मानो ‘महाभारत’ कभी ना होता.....
कान्हा जी लो आज हम आपसे निकाह-ए-इश्क करते हैं. हाँ हमें आपसे मोहब्बत है मोहब्बत है , मोहब्बत है।।
ऐ राधे आओ कभी मेरे पास यूँ,की आने में लम्हे और जाने में सदियाँ बीत जाये !!
हर पल उस से मिलने की चाहत क्यों होती है, हर पल उसकी ज़रूरत क्यों होती है, जिसे हम पा नही सकते, खुदा जाने उसी से मोहब्बत क्यों होती है.
मुरली मनोहर कृष्ण कन्हैया जमुना के तट पे विराजे हैं मोर मुकुट पर कानों में कुंडल कर में मुरलिया साजे हैं…।।
ए जन्नत अपनी औकात में रहनाहम तेरी जन्नत के मोहताज नहीहम श्री बांकेबिहारी के चरणों में रहते हैवहां तेरी भी कोई औकात नही
माखन चुराकर जिसने खायाबंसी बजाकर जिसने नचायाख़ुशी मनाओ उनके जन्म दिन कीजिन्होंने दुनिया को प्रेम का रास्ता दिखाया
बाजार के रंगो में रंगने की मुझे जरुरत नहीमेरे कान्हा की याद आते हीये चेहरा गुलाबी हो जाता है
#राधा के सच्चे प्रेम का यह #इनाम है, #कान्हा से पहले लोग लेते #राधा का नाम है ।।
श्याम तेरे मिलने का सत्संग ही बहाना है, दुनिया वाले क्या जाने ये रिश्ता पुराना है.
तीन चीजें ज्यादा देर तक नहीं छुप सकती सूरज, चंद्रमा और सत्य।
किसी की संगत से आपके विचार शुद्ध होने लगे। तो समझ लेना वह कोई साधारण व्यक्ति नहीं है।
सुनो कन्या जहाँ से तेरा मन करे मेरी ज़िन्दगी को पड़ लो पन्ना चाहे कोईं भी खोलो हर पन्ने पर तेरा नाम होगा मेरे कान्हा||
जीवन के हर मोड़ पर तू जीता है,कृष्णा के आदर्शों को अपना मंत्र बना ले।
प्यार मे कितनी बाधा देखी, फिर भी कृष्ण के साथ राधा देखी.|
तेरी मुस्कान से ही शुरु हुई हैअपनी कहानी…राधे तुम सदा मुस्कुराती रहोयही है कान्हा कि जिंदगानी…
“ एक तरफ साँवले कृष्णदूसरी तरफ राधिका गोरी,जैसे एक-दूसरे से मिलगए हों चाँद-चकोरी…!!
जिंदगी आपको वो नहीं देगी जो तुम्हे चाहिए। जिंदगी आपको वो देगी जिसके तुम काबिल हो।
अधुरा हैं मेरा इश्क तेरे नाम के बिना,जैसे अधूरी हैं राधा श्याम के बिना।
जिस समय कोई समस्या जन्म लेती है। उसके साथ उसका समाधान भी जन्म लेता है।
नन्द के घर आनन्द भयो जो नन्द के घर गोपाल गयो जय हो मुरलीधर गोपाल की जय हो कन्हैया लाल की…।।
किसी की सूरत बदल गई किसी की नियत बदल गई, जब से तूने पकड़ा मेरा हाथ, “राधे” मेरी तो किस्मत ही बदल गई।।
हे कान्हा, तुम्हे पाना जरूरी तो नहीं, तुम्हारा हो जाना ही काफी हैं मेरे लिए। Thank u sir
निराश मत होना कमजोर तेरा वक्त है तू नहीं।
दो बातों से बचकर रहें, मुझे किसी की जरूरत नहीं है ‘अहम’, सबको मेरी जरूरत है ‘वहम’ ।
प्रेम कोई प्रमेय नहीं…जो निश्चित सूत्र में ही सिद्ध होता हो…प्रेम तो अपरिमेय है…!!🌺🌺
भजन का ही महत्व है और उसीका वजन विभु को भी तौलने में समर्थ है। एक पत्ता समर्पण स्वरूप तुलसी का।
राधा-कृष्णा ही प्रेम की सबसे अच्छी परिभाषा है, बिना कहे जो समझ में आ जाए, प्रेम ऐसी भाषा है।
प्रेम की अग्नि जलती है राधा कृष्ण के दिल में,जो साथ चलते हैं वे देवकी-नंदलाल हैं।
कुछ पाना है तो खुद पर भरोसा कीजिये, क्योकि सहारे कितने भी सच्चे और अच्छे हो साथ छोड़ ही जाते है।
कान्हा तुझे ख्वाबों में पाकर दिल खो ही जाता हैं खुदको जितना भी रोक लू, प्यार हो ही जाता हैं…!!
तेरी मुरली की मधुर धुन से मेरा मन तारीफ करता है, तेरी याद में मेरा मन बहकता है।
“ हे कान्हा तुम्हें पाना जरूरी तो नहीं,तुम्हारा हो जाना ही काफी हैं मेरे लिए…!!
कृष्ण तेरी लीला सदा अमर रहेंगी, तेरा नाम सदा जपा जाएँगे।
तेरे कजरारे नैन ओ राधा प्यारीइन काले नैनों में खो गएमेरे बांके बिहारी!!..
जैसे राधा ने माला जपि श्याम के नाम की, मैं भी ओढु चुनरिया तेरे नाम की…!!
किसी की सहायता करने से सदा ही शक्ति बढ़ जाती है।
गोविंद तेरी चाहत में रुसवा यूं सरे बाज़ार हो गये,हमने ही दिल खोया और हम ही गुनाहगार हो गये.जय श्री राधे राधे
बीता हुआ कल जीवन को समझने का एक अच्छा मौका है और आने वाला कल जीवन को जीने का एक दूसरा मौका।
यह विचार मानव जाति के लिए बहुत ही उपयुक्त है और आज भी यह विचार मानव जाति पर लागू होते है।
पीर लिखो तो मीरा जैसीमिलन लिखो कुछ राधा सादोनों ही है कुछ पूरे सेदोनों में ही वो कुछ आधा साजय श्री कृष्णा
ए कान्हा… मनमोहना…तेरे प्यार भरे चेहरे परप्यार आ ही जाता हैमैं कितना भी रोकूं दिल कोमोहना तुझसे प्यार हो ही जाता है!..
जिस मनुष्य के ह्रदय में सच्ची मानवता हो। उसकी सोच हमेशा यही होगी कि मुझे मिला हुआ दुख किसी को नहीं मिले और मुझे मिला हुआ सुख सबको मिले।
अब तो आँखों से भी जलन होती हैं मुझे ए कान्हा, खूकि हो तो तलाश तेरी और बंद हो तो ख्वाब तेरे…!!
चिड़ियों के संग सरसराते वन में,तुम्हारे गीत सुनाते हम खो जाते हैं।तुम आओ बांहों में गोदी में,खेलें हम तुम्हारी मधुर लीला को देखते हैं।
ज्ञानी व्यक्ति को कर्म के प्रतिफल की अपेक्षा कर रहे अज्ञानी व्यक्ति के दीमाग को अस्थिर नहीं करना चाहिए।
मटकी तोड़े, माखन खाए फिर भी सबके मन को भाये, राधा के वो प्यारे मोहन, महिमा उनकी दुनिया गाये…!!
कृष्णा के कदमो पे कदम बढाते चलो, अब मुरली नही तो सीटी बजाते चलो राधा तो घर वाले दिलाएंगे ही, मगर तब तक गोपियाँ पटाते चलो…!!
“अधुरा हैं मेरा इश्क तेरे नाम के बिनाजैसे अधूरी हैं राधा श्याम के बिना..”
मेरा नाम अधूरा है, तेरे नाम के बिनाजैसे राधा अधूरी है, श्याम के बिनाराधे श्याम… राधे श्याम…
कान्हा तेरी मुरली कानों में घुल जाती हैंये टेढ़ी सी चाल तुम्हारी हमको खूब लुभाती हैं.!! जय श्री कृष्ण !!
#जिंदगी में कभी भी अपने किसी #हुनर पर घमंड मत करना, क्योंकि #पत्थर जब पानी में गिरता है, तो अपने ही वजन से #डूब जाता है ।।
छोड़ा सबका दामन हठयोग में तुम्हारे मेरी साँसे उखड़ रही वियोग में तुम्हारे लौट आओ मोहने किस बात पे अड़े हो मूर्त बनकर बस मंदिर में क्यों खड़े हो…।।
नन्द के घर आनन्द भयो जो नन्द के घर गोपाल गयो जय हो मुरलीधर गोपाल की जय हो कन्हैया लाल की…।।
सुख-दुख का आना-जाना सर्दी-गर्मी के आने-जाने के जैसा है। इसलिए इन्हें सहन करना सीखना चाहिए।
हे कान्हा, तुम संग बीते वक़्त का मैं कोई हिसाब नहीं रखतीमैं बस लम्हे जीती हूँ, इसके आगे कोई ख्वाब नहीं रखती।
प्यार में ना जाने कितनी बाधा देखी,फिर भी कृष्ण के साथ हरदम राधा देखी।
हमेशा धर्म और सत्य के साथ खड़े रहे, भले ही आपको अकेले रहना पड़े।
राधा की कृपा,कृष्णा की कृपा,जिस पे हो जाए,भगवान को पाए,मौज उड़ाए…!!सब सुख पाए…!!
प्यार का पहला.. इश्क़ का दूसरा और मोहब्बत का तीसरा अक्षर अधुरा होता है..हम कृष्ण दीवाने है क्यूंकि दीवानों का हर अक्षर पूरा होता है !!