946+ Kitab Shayari In Hindi | किताब शायरी

Kitab Shayari In Hindi , किताब शायरी
Author: Quotes And Status Post Published at: September 27, 2023 Post Updated at: March 29, 2024

Kitab Shayari In Hindi : मैं अभी भी अक्सर रास्ता भटक जाता हूँ, किताब के उस पहले पन्ने पर ही अटक जाता हूँ. किताबों सी हो गई है जिंदगी मेरी, पढ़ हर कोई रहा है, जिन्दगी मेरी.

हम में अकड़ है गुरूर है फिर भी रेहमत देखो रब की हमे चाहने के लिए सब मजबूर है

हम बिगड़े हुए लोग है जनाब एक ही बार कहते है फिर वो मोहोब्बत हो या दुश्मनी

पढ़ने वालों की कमी हो गयी है आज इस ज़माने में नहीं तो गिरता हुआ एक-एक आंसू पूरी किताब है. – अज्ञात

जब हौसला बना लिया ऊंची उड़ान का,फिर देखना फिजूल है कद आसमान का।

हक़ीक़त जान लो जुदा होने से पहले,मेरी सुन लो अपनी सुनाने से पहले;ये सोच लेना भुलाने से पहले,बहुत रोयी हैं ये आँखें मुस्कुराने से पहले.

जीवन के आदर्श मूल्य व्यक्ति को किताबों से पढ़कर ही ज़्यादा बेहतर समझ आते हैं।

थक कर बहुत सो चुके हो अब हर दिन हँस कर जागना शुरू कर दो।

किधर से बर्क़ चमकती हैदेखें ऐ वाइज़,मैं अपना जाम उठाता हूँतू किताब उठा।

हम सबके बाप है जो उलझा हमसे जाके देख लो समसान में उसकी राख है

अच्छी किताबें और सच्चे दोस्त तुरंत समझ में नहीं आते

वो तो अपना दर्द रो-रो कर सुनाते रहे,हमारी तन्हाइयों से भी आँख चुराते रहे,हमें ही मिल गया खिताब-ए-बेवफा क्योंकि,हम हर दर्द मुस्कुरा कर छुपाते रहे.

मुझे खौफ कहां  मौत का, मैं तो जिंदगी से डर गया हूं।।

रात को गीदड़ चाहे कितना भी चिल्ला लेसुबह तो शेरो का ही दबदबा होता है

शौक भले ही Ham मेहफिलो का रखते hai, लेकिन waha शराब का nahi, हमारी दोस्ती का नशा रहता है

कभी फूलों की तरह मत जीना जिस दिन खिलोगे टूट कर बिखर जाओगेजीना है तो पत्थर की तरह जियो जिस दिन तराशे गए खुदा बन जाओगे

शुक्र मान की मैंने तुझसे कभी मुलाकात नही की, वरना तेरे दिल को तेरे खिलाफ कर देता.

आँखे न फाड़ पगली दिल को आराम दे मुझे क्या देखती है अपने वाले पर ध्यान दे

कोई मेरी जिन्दगी की किताब को पढ़ ले हजार में, मुझे मंजूर नहीं कि दिल तमाशा बने बाजार में.Kitab Shayari

जो चाहे हो जाए वह दर्द कैसा और जो दर्द को महसूस ना कर सके वो हमदर्द कैसा

उस जगह पर हमेशा खामोश रहना जहाँ दो कोड़ी की लोग अपनी हसियत के गुण गाते है

में बंदूक और गिटार दोनों चलाना जानता हूंतय तुम्हे करना हे की आप कौन सी धुन पर नाचोगे

नमक स्वाद अनुसार और अकड़ औकाद अनुसार ही अच्छी लगती है

ग़ैरों से पूछती है तरीका निज़ात का,अपनों की साजिशों से परेशान ज़िंदगी।

झूठी शान के परिंदे ही ज्यादा फड़फड़ाते हैं बाज़ की उडान में कभी आवाज़ नहीं होती

खुलकर हंसे एक जमाना हो गया तुझसे मिले थे कभी, एक फसाना हो गया।

मोहब्बत ही तो है लोग भूल जाते हैंदिल लगा के बड़े आराम से,अक्सर हमने देखा हैसूखे गुलाब को गिरते हुए किताब से।

अकल कितनी भी तेज ह़ो नसीब के बिना नही जित सकतीबिरबल काफी अकलमंद होने के बावजूद कभी बादशाह नही बन सका

मोहब्बत ना मिली लेकिन नफरत बहुत मिली,ज़िन्दगी मिली लेकिन राहत ना मिली,महफ़िल में तेरी हर एक को हंसता देखा मैंने,बस हमे ही हंसने की इजाज़त ना मिली.

तकलीफ ये नहीं कि तुम्हें अज़ीज़ कोई और है,दर्द तब हुआ जब हम नजरंदाज किए गए.

बुरी पुस्तकों का पढ़ना जहर पीने के समान है।

भटकते रहे हैं बादल की तरह, सीने से लगालो आँचल की तरह, गम के रास्ते पर ना छोड़ना अकेले, वरना टूट जाएँगे पायल की तरह।

मेरी खामोसी को कमजोरी ना समझ ऐ काफिर गुमनाम समन्दर ही खौफ लाता है

हर दुआ मेरी क़ुबूल हो गयी है,तेरे जैसी दोस्त जो मुझे मिल गयी है।

हमारी दोस्ती एक दूजे से ही पूरी है,वरना रास्ते के बिना तो मंज़िल अधूरी है

तेरी याद आई तो थोड़ा उदास हो जाऊंगा,ज़िन्दगी से फिर एक बार निराश हो जाऊंगा,कभी सोचा भी ना था ऐसा भी होगा,तेरी ख़ुशी के लिए मै खुद को रूलाऊंगा.

मिट जायगा गुनाहो का तसव्वुर इस जहाँ से, अगर हो जाये यक़ीन की खुदा देख रहा।

तेरे प्यार मै मदहोश हो कर,मै जमाने से भी लड़ पड़ा,प्यार हमारा सच्चा था झूठा नहीं था,जमाने को बताने मै चल पड़ा.

हर किसी को में खुश रख सकु वो सलीका मुझे नहीं आता

हिम्मत को परखने की गुस्ताखी न करनापहले भी कई तूफानों का रुख मोड़ चुका हूँ

एक बार फिर इश्क़ करेंगे हम,अभी सिर्फ भरोसा उठा है जनाजा नहीं।।

खाली कागज़ पे क्या तलाश करते हो?एक ख़ामोश-सा जवाब तो है।

कुछ कहानियों की कोई किताब नहीं होती पर, मशहूर जमाने भर में होती है.Book Shayari

हम उन लोगो में से नहीं है जो गूगल पे स्टेटस ढूँढ़ते हैहम उन लोगो में से है जिनके स्टेटस लोग गूगल पे ढूँढ़ते है

~ चिराग जलते है तो जलने दो आसमां रोशन होता है होने दोबंद करो हिन्दू मुस्लिम को बाटने का धंधा अब हमे मिलजुलकर एक तिरंगे के नीचे रहने दो।

कुछ पन्ने क्या फटे जिन्दगी की किताब केजमाने ने समझा हमारा दौर ही बदल गया

न जाने कौन सी शोहरत पर आदमी को नाज है, जबकि आखरी सफर के लिए भी, आदमी औरों का मोहताज है !

आती जाती हर सांस में सामिल हो तुम औरकैसे बताऊं कहां कहां हो तुम।

जिंदगी अगर एक जंग हैतो आपना ATTITUDE भी दबंग है

पैदा तो में भी शरीफ हुवा था पर शराफत से अपनी कभी नही बनी

हमारी Dosati एक दूजे से hi पूरी है, वरना रास्ते ke बिना to मंज़िल है अधूरी

इश्क की किताब का ऊसूल है जनाब,मुड़ कर देखोगे तोमोहब्बत मानी जायेगी।

लड़किया हमारी बराबरी क्या करेगी जितनी English वो बोलती है उतनी English तो हम पी जाते है

सलीका अदब का तो बरकरार रखिए जनाब, रंजिशे अपनी जगह है सलाम अपनी जगह।।

अपने हसीन होंटो को किसी पर्दे से छिपा लिया करोहम जरा गुस्ताख़ लोगो मैं से है नज़रो से चुम लिया करते है

जब भी आप एक अच्छी किताब पढ़ते हैं, तो कहीं न कहीं दुनिया में अपने लिए रोशनी का एक नया दरवाजा खुलता है।

यूँ भी इक बार तो होता कि समुंदर बहताकोई एहसास तो दरिया की अना का होताYun bhi Ek Bar Hota  ki Samundar BehtaKoi Ehsas to Dariya bhi aane ka hota

हम से हमको ही चुरा के ले गए,दिल से हमारे सारे अरमान ले गए,ना करना कभी किसी से प्यार,जो कहते थे अपना वो हमारी ही जान ले गए.

तन्हाई की दीवारों पर घुटन का पर्दा झूल रहा हैं, बेबसी की छत के नीचे, कोई किसी को भूल रहा हैं।

इस जिंदगी से हजारों शिकायते है मगर,इस तस्वीर ने मुझे खामोश कर दिया।

आज़माना अपनी यारी को पतझड़ में मेरे दोस्त  सावन में तो हर पत्ता हरा नजर आता है..

आज भी मैंने वो किताब छुपा रखी है,जिसमें मैंने तेरी याद को सजा रखी है.

जिसको तुम से सच्ची मुहब्बत होगी वो तुमको फज़ुल और नाजाइज़ कामों से रोकेगा

किताबों सी हो गई है जिंदगी मेरी, पढ़ हर कोई रहा है, जिन्दगी मेरी.

यूँ ही नहीं जिंदगी के किताब को सबके सामने खोलता हूँ, हार हो या जीत हर खेल को बड़ी शिद्दत से खेलता हूँ.किताब शायरी

ज्यादा वो नहीं जीता जो ज्यादा सालों तक ज़िंदा रहता है, बल्कि ज़्यादा वो जीता है जो ख़ुशी से जीता है।

कर्म के पास न कागज हैऔर न किताबलेकिन फिर भी रखता हैसारे जग का हिसाब ।

उनकी एक झलक पे ठहर जाती है नजर मेरी,कोई हमसे पूछे हमसफर दीवानगी क्या होती है।

एक अच्छी पुस्तक मे जो सबसे उत्तम होता है  वह पंक्तियों के बीच (गूढ अर्थ) छिपा होता है.

याददाश्त का कमजोर होना उतनी भी बुरी बात नहीं,बड़े बेचैन रहते हैं वो लोग जिन्हे हर बात याद रहती है।

मोहब्बत में लाखों ज़ख्म खाये हमने,अफसोश उन्हें हम पर ऐतबार नहीं,मत पूछों क्या गुजरती है दिल पर,जब वो कहते है हमें तुमसे प्यार नहीं है.

हम तो समझे थे कि हम भूल गए हैं उनको,क्या हुआ आज ये किस बात पे रोना आया?

एक सो सोलह चाँद की रातें ,एक तुम्हारे कंधे का तिल। गीली मेहँदी की खुश्बू झूठ मूठ के वादे,सब याद करादो, सब भिजवा दो, मेरा वो सामान लौटा दो।।

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