788+ Khudgarz Shayari In Hindi | खुदगर्ज़ शायरी हिंदी में

Khudgarz Shayari In Hindi , खुदगर्ज़ शायरी हिंदी में
Author: Quotes And Status Post Published at: October 2, 2023 Post Updated at: August 19, 2024

Khudgarz Shayari In Hindi : आज दिल के आईने में तेरी धुंधली सी तस्वीर मिल गई खुदगर्जी की सजा भी हमें इस मोहब्बत में मिल गई किसी की आंखों में चाहत नजर नहीं आ रही है दुनिया खुदगर्जी के इस बुरे समंदर में बहती जा रही है

“ मोहब्बत हर एक को जीना सीखा देती हे,वफ़ा के नाम पर मरना भी सीखा देती हे,मोहब्बत नही की तो करके देखो,ज़ालिम हर एक दर्द सहेना सीखा देती हे…!!

भुला देंगे तुम्हे भी जरा सब्र तो कीजिए,आपकी तरह मतलबी होने में जरा वक्त लगेगा !!

वो दिल क्या जो मिलने की दुआ न करे , तुम्हें भुलकर जिऊ यह खुदा न करे, रहे तेरी दोस्ती मेरी जिंदगानी बनकर, यह बात और है जिंदगी वफा न करे

यकीन पे यकीन दिलाते है दोस्त; राह चलते को बेवकूफ बनाते हैं दोस्त; शरबत बोल कर दारू पिलाते है दोस्त; पर कुछ भी करो साले बहुत याद आते हैं दोस्त।

कुछ खुदगर्ज़ सी रही है ये ज़िंदगी हमारे साथ, है आरज़ू बहुत अब शिकायत कुछ भी नहीं ।

कौन कहता है कि दोस्ती बराबरी में होती है… सच तो ये है दोस्ती में सब बराबर होते है…!!

तन्हा जिन्दगी में बस इंटरनेट का सहारा है, वरना मतलबी दुनिया में कौन हमारा है।

तेरी झूठी मोहब्बत में यारा अब मेरी धड़कन बढ़ने लगी जिंदगी जब खुदगर्ज जमाने को समझने की कोशिश करने लगी

मेरी चुप्पी को मेरी मज़बूरी समझने की गलती मत करो लोगो,ये तो मेरे संस्कार है,वर्ना जुबान तो हमारी भी कैची से तेज ही चलती है |

मेरा सनम बड़ा धोखेबाज़ है ,क्यूंकि मतलब के लिए ,,मुझे बेमतलब में प्यार करता है।

“ नाज़ुक लगते थे जो लोग !        वास्ता पड़ा तो पत्थर के निकले ….!!!

मतलब न पूरे होने पर लोग,लहज़े बदल लेते हैं।

“ आज तन्हा हुए तो अहसास हुआ !        कई घण्टे होते है एक दिन में….!!

मै भी कहां शामिल था गफलती दुनिया में, मै भी कहां अकेला था मतलबी दुनिया में।

मेरे ही दिल में रहकर कैसे तुम इसमें ही छेद करोगे मुझे क्या पता था चाहत में इतने खुदगर्ज निकलोगे

बड़ा ही खुदगर्ज़ समंदर है ये दुनिया, कितने ही पैर पटको, कोई किनारा नहीं दोस्तो.

वक़्त कहाँ है किसी के पास, जब तक मतलब न हो ख़ास।

ऐ जिन्दगी जरा सबक उन्हें भी सिखा दे जीवन का,जो तेरी अहमियत को भूल चुके हैं |

“ गलती उसकी नहीं,कसूर मेरी गरीबी की थी दोस्तों,हम अपनी औकात भूलकर,बड़े लोगों से दिल लगा बैठे…!!

उनका मतलबी होना भी पसंद है हमें, मतलब से ही सही याद तो करते हैं हमें।

खुद से ही पूछते हैं, आस पास ढूंढते हैं, हम खोए हैं दुनिया में हर किसी सी रास्ता पूछते हैं।

हमारा तो एक यही है दस्तूर , हम दुश्मन के घमंड को करते है चकनाचूर।

दुश्मनी करो तो अपनी ही औकात वालों से करो, हमसे करने की कोशिश भी मत करो।

ज़िन्दगी जिने का कुछ ऐसा अंदाज रखो,मतलबी दोस्तों को नजर अंदाज़ रखो।

मतलबी है वो हर रिश्ता जो बेवफाई करता है ,जो सामने अच्छी अच्छी बातें ,,मगर पीठ पीछे बुराई करता है।

चुप्पी साध ली हैं हम ने, ऐसा नहीं की सवाल नहीं, बस अब तेरे लौट आने का इंतजार नहीं......

कुछ खोये बिना हमने पाया है; कुछ मांगे बिना हमें मिला है; नाज़ है हमें अपनी तक़दीर पर; जिसने आप जैसे दोस्त से मिलाया है।

जिस जिस को अपना बनाता गया वो शख्स अपने रंग दिखाता गया

दुनिया अच्छी नहीं लगती आज कल मुझ को। इस की हर जुस्तजू लगती है बे-कल मुझ को।

उसकी शहादत को भला ख़ुदगर्ज़ जमाना क्या समझे, यहाँ तो हाथ बढ़ाते हैं सब, अपना मुक़ाम पाने के लिये.

घड़ी वक्त बताता हैं,और वक्त,,लोगो की औकात।

“ वो एक ख़त जो उसनेकभी लिखा ही नहीं !        मैं हर रोज़ उसकाजवाब तलाश करता हूँ….!!!

जब तक पास पैसा है तब तक ही लोग पूछते हैं हाल कैसा है

आज मेने एक नया सबक सीखा ज़िन्दगी से,खामोशियाँ ही बेहतर है,शब्दों से क्योंकि लोग रूठते बहुत है।

उसने सारे रिश्ते तोड़ दिएपता नहीं नराज किस बात से थासबसे ज्यादा करीब था वो मेरे औरवाकिफ वो मेरे हर एक जज्बात से था।

विश्वास की डोर एक धोखे से तोड़ जाते है,मतलबी लोग की फितरत है की,,वो अपनों को बीच रस्ते में छोड़ जाते है।

मेरा थोड़ा सा वक़्त क्या बदलादोस्तों ने अपने सही रंग दिखा दिए।

“ भूलने वाली बातें याद हैं !       इसलिए ज़िन्दगी में विवाद है…!!

जिस-जिस पर मुझे नाज थाउन सब ने सबक सिखाया है।

मैंने जब खुदा से कहा।। तू मेरी दुआ भी कभी कुबूल कर दे।। उसने भी मुस्कुरा कर कह दिया।। तू एक ही शक्श को मांगना छोड़ दे।।

तेरी दोस्ती की कीमत का मुझे पता चल गया है कोई दो पैसे मै भी नहींख़रीदेगा तेरी दोस्ती को।

हुआ जब इश्क़ का एहसास उन्हे।। आकर वो पास हमारे सारा दिन रोते रहे।। हम भी निकले खुदगर्ज़ इतने यारो; कि ओढ़ कर कफ़न आंखें बंद करके सोते रहे।।

इस बात का गम नहीं कीतूने मुझे धोखा दिया बल्कि गम तो इस बात का हैमैंने तुझे बार बार मौका दिया।

दुनिया बोहोत बड़ी है मगरये बात सही है ज्यादा तरलोग धोकेबाज़ ही होंगे।

साजिशे हजार करलो मगर,मुझे भुला ना पाओगेमतलबी कह कर छोड़ने वाले,एक दिन बड़ा पछताओगे।

जरूर एक दिन वो शख्स तड़पेगा हमारे लिए,अभी तो खुशियाँ बहोत मिल रही है उसे मतलबी लोगो से।

ज़िन्दगी बहुत आसान हो जाती है,जब परखने वाले नहीं समझने वाले मिल जाते है।ह

एक हसीन पल की ज़रूरत है हमे; बीते हुए कल की ज़रूरत है हमें; सारा ज़माना रुठ गया हमसे; जो कभी न रुठे ऐसे दोस्त की ज़रूरत है हमें ।

न देख कर ये चेहरा अब दिल खोलते हैं… कभी कभी कुछ शीशे भी झूठ बोलते हैं…!!

मतलबी लोग सामने तारीफ़,और पीठ पीछे बुराई करते है।

जो तुझे लिखूँ तो तेरा तलबगार समझती है दुनिया, जो कुछ और लिखूँ तो बेरोज़गार समझती है दुनिया।

वक्त आने दो हमारा भी जवाब भी देंगे, हर एक मतलबी इंसान से उसका हिसाब भी लेंगे।

मेरे प्यारे मित्र होनहार होगए हैबदलने का हुनर सिख लियाहै उन्होंने।

चली गई हो लगा कर मुझे चाहत का ये मर्ज पहचान गया हूं बेवफा, तुम हो बड़ी खुदगर्ज

” बनना है तो किसी के दर्द की दवा बनो !        जख्म तो हर इंसान देता है…!!!

निकल गया मतलब या और कोई काम लोगे, बदनाम तो हो ही गये हैं और कितना नाम लोगे।

मुझे पता नहीं की भगवानक्या करवाना चाहता है मुझसेपहले बेवफा लड़की से मिलायाउसके बाद बेवफा दोस्त से।

वाकई अगर दुख बांटने से कम होता, तो शायद आज दुनिया में कोई दुखी नहीं होता।

कभी यह धड़कन आपसे जो भी कहे; फिर साँसों को भी उसकी ख़बर न हो; बहुत गहरा है हमारी दोस्ती का यह रिश्ता; दुआ करो कि इसको कभी किसी की नज़र न लगे।

वादे कर बड़े मुकर जाते है,मतलबी दुनिया वाले ,,मतलब के लिये मर जाते है।

अपने आप को आगे रखना मतलबी नहीं है,लेकिन हर समय अपने बारे में ही सोचना मतलबी होना ही है।दोनों के फर्क को समझिए।

मेरी मासुमीयत पर हंसते हैं,मतलब निकालने वाले।खुद को बहुत समझदार समझते हैं ,ये शहर में रहने वाले।

जिस दिन तुम अकेले जीना सिख जाओगे, उस दिन ये दुनिया तुम जीत जाओगे।

दिलों में मतलब और जुबान से प्यार करते हैं, बहुत से लोग दुनिया में यही कारोबार करते हैं।

नासमझ मत समझो मुझे लोगों ,बस वक़्त से कदम नहीं मिला मिला पा रहा हूँ ,वक़्त आने दो, तुम खुद मेरे कदमो के निशा पर चलोगे |

“ तुम्हे क्या पता किसदौर से गुजर रहा हूँ मैं,कहने को तो ज़िंदा हूँ,मगर मौत से गुज़र रहा हूँ मैं…!!

कोन किसको दिल में जगह देता हैं,सूखे पत्तो तो पेड़ भी गिरा देता हैं।वाकिफ है हम दुनिया के रिवाजो से,मतलब निकल जाए तो हर कोई भूल जाता हैं।

“ हर शब्द में अर्थ होता है,हर अर्थ में तर्क होता है,सब कहते हैं हम हँसते बहुत है,लेकिन हँसने वाले के दिलमें भी दर्द बहुत होता है….!!

मेरे बुरे समय में कुछ दोस्तमेरी कमिया गिना रहे हैंहोकर मतबी वे दुसरो से दोस्तीनिभा रहे हैं।

तेरी रुस्वाई से मुझे एक सबक मिला है,दुश्मन भी इतना नहीं करता जितना,,तूने दोस्त बनके किया है।

“ इस दुनिया में अजनबी ही रहना ठीक है,लोग बहुत तकलीफ देते हैं,अक्सर अपना बना कर….!!

लोग खुद पर विश्वास खोने लगे हैं ! अब तो दोस्त भी मतलबी होने लगे हैं !

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