3256+ Khud Ke Liye Shayari In Hindi | खुद पर शायरी

Khud Ke Liye Shayari In Hindi , खुद पर शायरी
Author: Quotes And Status Post Published at: August 4, 2023 Post Updated at: May 17, 2025

Khud Ke Liye Shayari In Hindi : सभी को खुश तो, भगवान भी नहीं रख सकता, फिर आप तो केवल एक इंसान हैं ! जिंदगी से पूछो ये क्या चाहती है, बस एक तेरी वफा चाहती है !

हम अपने मिजाज लोगों से अलग रखते हैतभी सायद हम उन्हें गलत लगते है।

“ मौजूद तो हूँ मैं इस दुनिया की भीड़ में,अब तलाश अपने वजूद की कर रहा हूँ…!!

जीवन के हिस्सेदारी में कुछ भागीदारी हम भी कर बैठे हैं,वक्त के आगोश में आकर थोड़ीदुनियादारी हम भी समझकर बैठे हैं।

लड़का और लड़की थोड़ा फ्री हो कर बात कर ले,तो उनका भी सीन बना देते है ये घटिया लोग ।

दुशमन बने दुनिया तो इतना याद रखना मेरे दोस्त,तेरा यार जिंदा है तो तेरा हथियार जिंदा है।

हर किसी में अच्छाई ढूंढो उसी से कुछ सीख कर अपना ज्ञान और अनुभव बढ़ाओ देखते ही देखते कब महान इंसान बन जाओगे पता ही नहीं चलेगा..

मेरे होंठो पर लफ्ज़ भी अब तेरी तलब लेकर आते हैं,तेरे जिक्र से महकते हैं तेरे सजदे में बिखर जाते हैं।

ये मत सोचना कि तुम्हारे बिना मर जायेंगे हम,वो लोग भी जी रहे हैं जिन्हें छोड़ा था मैंने तुम्हारी खातिर..

तु हमारी बराबरी क्या करेगी ए पगलीहम तो News भी DJ पे सुनते है

कभी हमारी नजरो से भी,देखो कितने घटिया हो तुम।

जवाब देना तो हमे भी आता हैं लेकिन आप उस काबिल नहीं।

जिसने रिस्क से इश्क कर लिया ना कसम से इतिहास नहीं भूगोल बदल देगा।

घटिया लोगों की वजह से ,सब मर्दों के प्यार पर ओर सब।औरतों की वफ़ा पर ,दाग लग जाते है।

अच्छे से पेश आया करो,वरना अच्छा नही होगा.

सॉरी पगली तू तो लेट हो गयी,तेरे चककर में तेरी सहेली सेट हो गई।

मेरा खुद का ATTITUDE कंट्रोल नहीं होतापगली तेरा कहा से Adjust करू

इज़्हार-ए-इश्क़ की ख़ातिर कई अल्फ़ाज़ सोचे थे,ख़ुद ही को भूल बैठे हम, जब तुम सामने आये!!

दुनिया में खुशियों के रंग तो हजार होते हैंलेकिन जो खुशी दूसरों की मदद करने में मिलती है…वह खुशी हर खुशी से अलग होती है!!

बन्दुक की गोली और मेरी बोली,जब चलती है तो,लड़कियां हमारी बातों में नहीं,हमारी बाहों में आ जाती है।

घमंडी नहीं हूँ साहब ,बस जहा दिल ना करेवहाँ जबरदस्ती बात करने कीआदत नहीं मेरी।

आखो से पढी जाती हैहया की कहानीचेहरे पर नकाब डाल केकोई पारसा नही होता

ख्वाइशो का कैदी हूँ मुझे हकीक़ते सज़ा देती हैआसान चीजो का शौंक नहीं मुझे मुश्किलें मज़ा देती है

ख़्वाहिश है कि मैं फिर से फ़रिश्ता हो जाऊँ, माँ से इस तरह लिपट जाऊँ कि बच्चा हो जाऊँ।

“क्यूट दिखना भी एकर्ट है और..वो सिर्फ लड़कियों को ही आता है….”

माँ तेरी याद सताती है मेरे पास आ जाओ थक गया हूँ, मुझे अपने आँचल में सुलाओ उँगलियाँ फेर कर बालों में मेरे एक बार, फिर से बचपन की लोरियाँ सुनाओ..।।।

खुद से ही जितने की जिद है,खुद को ही हराना है,मैं भीड़ नहीं हूँ दुनिया की,मेरे अंदर एक जमाना है।

कुछ पल की शायरी नहीं,जीवन भर की कहानी हो तुम…Kuch pal ki shayari nahi,Jeevan bhar ki kahani ho tum…

शरीफ तो हम “बचपन” से थे पर,क्या करें? दिल तोड़ना लड़कियों ने,सिखाया हड्डी तोड़ना ‘यारों’ ने सिखाया।

जो सुने वो कहे क्या खूब कहानी है ज़िन्दगी इस तरह तुम्हारे साथ निभानी है

मजा आता है किस्मत से लड़ने में किस्मत आगे बढ़ने नहीं देती और मुझे रुकना नहीं आता

सर झुकाने की आदत नहीं है,आँसू बहाने की जरूरत नहीं है,हम गए तो पछताओगे बहुत,क्योंकि लौट आने की आदत नहीं है।

एक लड़की आकर बोलती है,मुझे आपसे मिलना है,मैने बोला ये ले पगली टोकन और लाइन मे लगजा।

अपने चेहरे पर मुस्कुराहटहमेशा सदाबहार बनाए रखो…तुम्हारी सारी तकलीफेंअपने आप ठीक हो जाएंगी।

हमारे जिँदगी की कहानी कूछ ऐसी है जिसमे Hero भी हम और Villain भी हम

किसी ने सही कहा है मुझसेतुम जरा संभल कर चलनाक्योकी ये इंसानों की बस्ती हैयहा लोग खुद को आजमाते हैंतो फिर तेरी क्या औकात है।

घुटनों से रेंगते-रेंगते जब पैरों पर खड़ा हुआ, माँ तेरी ममता की छाँव में जाने कब बड़ा हुआ।

ये इश्क की एक ऐसी बीमारी चल रही हैदोस्तों से दुरी औरअजनबियों से यारी चल रही है।

यूं आये जिंदगी में कि ख़ुशी मिल गई,मुश्किल राहों में चलने की वजह मिल गई,हर एक लम्हा खुशनुमा बना दिया,मेरी उम्मीद को नई मंजिल मिल गई।

चलो मन लिया की कोई किसी का नहीं,मतलबी है सब।पर क्या ये तू भी मानता है या फिर ,तू भी उन सब जैसा ही है, मतलबी।

अगर मगर काश में हूँ, मैं खुद की तलाश में हूँ, खो गया हूँ न जाने कहाँ खुद को पाने की आस में हूँ.

बाते ऐसी करो सामने वाले का दिल जीत लोस्माइल ऐसी दो के जलने वालों का कलेजा चीर दो

जब खुद को पता होता है कि मैं सही👍हूँ, तो दूसरे को सफाई देने की जरूरत नहीं पड़ती है !

सही वक्त पर करवा देंगे हदों का अहसास कुछ तालाब खुद को समंदर समझ बैठे हैं

मुझे अच्छे लगते है वो लोग, जो मुझसे नफ़रत करते है,क्योंकि हर कोई प्यार से देखेगा तो नज़र लग जाएगी ना मुझे.

ये तो हद की भी हद हो गयी जो कभी नहीं हुयी वो अब हो गयी जिससे कभी नज़रें भी मिला नहीं पाते थे उससे ऐसी वैसी बातें सब हो गयी

हमें तो कबूल है हर दर्द… हर तकलीफ़ तेरी चाहत में,बस इतना बता दे क्या तुझे मेरी मोहब्बत क़बूल है ?

नसीब अच्छे न हों तो खूबसूरती का कोई फायदा नहींदिलों के शहनशाह अक्सर फ़क़ीर होते हैं

उस घटिया इंसान ने मुझे नफरत करना सीखा दिया,उस बेवफा ने मुझे अपने जैसा बना दिया।

” अगर आपको अपनीकाबिलियत का अंदाज़ा नहीं होगा,तो दूसरे इसका फायदा उठाएंगे…!!

मेरा क्या उखाड़ लेगा तू,आज भी वही अदा है मेरे पास…Mera kya ukhaad lega tu,Aaj bhi wahi ada hain mere paas..

मैं क्या भरूंगा खुशिया किसी की ज़िन्दगी में, मैं तो खुद ही खुद में खाली सा हूँ।

इक मन था मेरे पास वो अब खोने लगा है,पाकर तुझे, हाय मुझे कुछ होने लगा है! ?

मां भले ही पढ़ी-लिखी हो या नहीं, पर संसार का दुर्लभ व महत्वपूर्ण ज्ञान हमें मां से ही प्राप्त होता है…

सुनो तुम अपना ख्याल रखा करो,क्योंकि मेरे पास तुम जैसा और कोई नही..Suno tum apna khyaal rakha karo,Kyuki mere paas tum jaisa aur koi nahi..

हमारी PHOTO और स्टेटस PETROL की तरह हैजरा सी चिंगारी और पूरे FACEBOOK पे आग लगा दी

“पैसों से खरीद सकते हो सोना चांदी और हीरो के हार, लेकिन पैसों से नही खुरीद सकते माँ बाप के दिये हुए संस्कार।”

होंगी लाखों महफिलें दुनिया में,मग़र तेरे दीदार जैसा सुकून कहीं और नहीं..Hongi lakho mahfile duniya mein,Magar tere didar jaisa sukoon kahi aur nahi..

जितने दिन ज़िन्दगी को आपने खुलकर जीलिया वही दिन आपके हैं !बाक़ी दिन तो कैलेंडर की तारीखें हैं

पड़ती है जरूरत तो मुंह पर,बेशर्मी का लिबास डाल लेते हैं।मतलब निकालने के लिए लोग,रिश्ते तक निकाल लेते हैं।

दुश्मनों को हाथ से नहीनजरों से गिरा देता हूं.

फेसबुक इंस्टा लिंकडिन ट्विटर सब जगह यहाँ तक कि,गूगल में भी सर्चिंग में उनका नाम सबसे ऊपर रहता है,इकतरफा_इश्क का ये भी एक डिजिटल तरीका है।

कुछ घटिया लोग स्लीपर चप्पल जैसे होते है,साथ तो देते है पर पीछे से कीचड़ उछालते रहते है।

बेटा जब बैंक में बैलेंस होता है नालाइफ अपने आप बैलेंस्ड लगने लगती है

खूबसूरती की इंतहा बेपनाह देखी… जब मैंने मुस्कराती हुई माँ देखी..

मज़बूत होने में मज़ा ही तब है,जब सारी दुनिया कमज़ोर कर देने पर तुली हो।

हम दोस्त समझ कर उसे दिल की बात बताते थे,वो मेरे दुश्मनों के पास मेरे राज़ खोलता रहा।

स्कूल का वो बस्ता मुझे फिर से थमा दे माँ, जिंदगी का सफ़र मुझे बड़ा मुश्किल लगता है।

तेरी मोहब्बत को कभी खेल नही समजावरना खेल तो इतने खेले है कि कभी हारे नही

न कोई खुदा उसका न कोई भगवान होता है,इस दुनिया में जो घटिया इन्सान होता है।

ढूॅढना ही है तो परवाह करने वालों को ढॅूढ़ीये साहेब,इस्तेमाल करने वाले तो ख़द ही आपको ढॅूढ़ लेंगे।

“अगर आप ऐसा कुछ हासिल करना चाहते है जो आप आजतक नहीं कर पाए है तो आपको ऐसा कुछ करना होगा जो आपने आजतक नहीं किया है।”

कर जाओ वो ग़लती जो सुकून देती है जाने क्यों तुम्हारी आवाज़ मुझे जूनून देती है

Recent Posts