Khubsurti Shayari In Hindi : निगाह उठे तो सुबह हो, झुके तो शाम हो जाएँ, एक बार मुस्कुरा भर दो तो कत्ले-आम हो जाएँ. मासूम सी सूरत तेरी दिल में उतर जाती है, भूल जाऊं कैसे मैं तुझे, तू मुझे हर जगह नजर आती है.
हमें तुम जैसा कोई नहीं सिर्फ तू चाहिए।
ख़ूबसूरती तो हर चीज में होती है जनाब, बस उसे देखने का नज़रिया बदल जाता हैं।
आपके सामने जो दूसरों कीबुराई कर रहा है आप उससे येउम्मीद मत रखना के दुसरो केसामने आप की तारीफ ही करेगा।
बड़ी फुर्सत से बनाया है तेरे खुदा ने तुझे, वरना सूरत तेरी इस कदर ना चाँद से मिलती.
किसकी खूबसूरती का दीदार करें हमआज वो और ताजमहल दोनों आमने सामने हैं
इक अदा आपकी दिल चुराने की,एक अदा आपकी दिल में बस जाने की,चेहरा आपका चाँद जैसा और इक ज़िदहमारी उस चाँद को पाने की.
बालों को जो यूँ घुमा के पिन लगाती हो,उसमें मेरा दिल कहीं खो जाता हैं.
खूबसूरत हो इसलिए मोहब्ब्त नहीं है, मोहब्बत है इसलिए खूबसूरत लगती हो.
तेरी खाई हुई मेरे सर की झूठी कसमेंअब मुझे अक्सर बीमार रखती हैं
इन आँखों को जब जब उनका दीदार हो जाता है दिन कोई भी हो, लेकिन मेरे लिए त्यौहार हो जाता है
चुपचाप गुज़ार देगें तेरे बिना भी ये ज़िन्दगी लोगो को सिखा देगें मोहब्बत ऐसे भी होती है.
चाहता तो हूँ कि अब चूम लूँ तुम्हारे इन गालों को मैं पर अपने ही लबों से ख़ुद जल भी तो मैं ही जाता हूँ
तुम हक़ीकत नहीं हो हसरत हो, जो मिले ख़्वाब में वही दौलत हो, किस लिए देखती हो आईना, तुम तो खुदा से भी ज्यादा खूबसूरत हो.
शोख़ी से ठहरती नहीं क़ातिल की नज़र आज,ये बर्क़-ए-बला देखिए गिरती है किधर आज।
हुस्न वालों को संवरने की क्या जरूरत है, वो तो सादगी में भी क़यामत की अदा रखते हैं।
क्या लिखूँ तेरी सूरत-ए-तारीफ मेँ, मेरे हमदम, अल्फाज खत्म हो गये हैँ, तेरी अदाएँ देख-देख के..!! 👸👧
उस लड़के का दुख तुम क्या समझोगे, जिसे मोहब्बत हो जाए और वो , बेरोजगार हो।
हक़ीकत नहीं हो हसरत हो, जो मिले ख़्वाब में वही दौलत हो, किस लिए देखती हो आईना, तुम तो खुदा से भी ज्यादा खूबसूरत हो।
तेरे खुबसुरती पे तो लाखों मरते होंगे,लेकिन हम तेरी बाते सुनने के लिए तड़पते हैं।
वो अपने चहरे में सो आफताब रखते हैं,इसलियें तो वो रूह पर नकाब रखते हैं,वो पास बैठे हो तो आती हैं दिलरुबा खुशबू,वो अपने होठो पर खिलते गुलाब रखते हैं।
हसीं तो और हैं लेकिन कोई कहाँ तुझ साजो दिल जलाए बहुत फिर भी दिलरुबा ही लगेबशीर बद्र
बिन तुम्हारे कभी नहीं आयी… क्या मेरी नींद भी तुम्हारी है…
उनके क़तल करने की तरक़ीब तो देखो जब गुज़रे उनके क़रीब से तो नक़ाब हटा दिया।
तारीफ में तेरी दो शब्द क्या कहें, तेरी तारीफ पर तो किताबें लिखी जाएगी।
एक तिल का पहरा भी जरूरी है,लबों के आसपास,डर है कहीं तेरी मुस्कुराहट को,कोई नज़र न लगा दे..!!
तुझे पलकों पर बिठाने को जी चाहता है,तेरी बाहों से लिपटने को जी चाहता है,खूबसूरती की इंतेहा है तूतुझे ज़िन्दगी में बसाने को जी चाहता है।
हुस्न को शर्मसार करना ही इश्क़ का इंतिक़ाम होता है
वो जब भी संवर कर हमारे सामने आए,पलकें झपकना भूल गईं, दिल ने साथ देना छोड़ दिया।
न पूछो हुस्न की तारीफ़ हम से मोहब्बत जिस से हो बस वो हसीं है
यही चेहरा यही आंखें यही नजाकत बस यही रंगत निकले, तराशूं जब मैं कोई ख्वाब, तो बस तेरी सूरत निकले।
उस वक्त भी लौट आना तू मैं राह तकूंगा,हाथों की मेहंदी जब तेरे बालों में आ जाए।
अपना इक-इक वादा इस तरह निभाना हैतुम को मेरे आँगन मे चाँद बन के आना है !
खुश होना है तो तारीफ सुनिएऔर बेहतर होना है तो निंदा
ऐ सनम जिस ने तुझे चाँद सी सूरत दी है उसी रब ने मुझ को भी मोहब्बत दी है
मत मुस्कुराओ इतना,कि फूलों को खबर लग जाए,कि करे वो तुम्हारी तारीफऔर तुम्हें नजर लग जाएँ।
तुम हर तरफ प्यार से देखा ना करो हर तरफ प्यार की एक कहानी बनेगी नजर जो झूकी तो नयी शायरी बनेगी नजर जो उठी तो गज़ल की जुबान बनेगी ।
नहीं पसंद आता अब तेरे सिवा किसी और का चेहरा,तुझे देखना और देखते रहना दस्तूर बन गया है।।
तू नाराज़ होती है की हम तेरी तारीफ कम करते है, तेरी तारीफ कितनी भी करूँ कम पड़ जाती है।
तेरे नैनों की झील नेहमें डुबो दिया,चाहते तो नहीं थे हम परतू ने हमें आशिक बना दिया..!!
चेहरे की सुंदरता से हीकुछ नही होता जनाब,दिलों की खूबसूरतीकही जयदा मायने रखती है।
इशारों में बात करनी थी, तो पहले बताते, हम शायरी को नही, आँखों को सजाते…!!
मेरी आँखों में छुपी उदासी को महसूस तो कर..हम वह हैं जो सब को हंसा कर रात भर रोते हैं…
तेरी आँखों के जादू से तू खुद नही हैं वाकिफ, ये उसे भी जीना सीखा देता जिसे मरने का शौक हो..!!
तुझे पलकों पे बिठाने को जी चाहता हैतेरी बाहों से लिपटने को जी चाहता है,खूबसूरती की इंतेहा हैं तू,तुझे ज़िन्दगीमें बसाने को जी चाहता है।
खूबसूरती में भी आजकल कमी ढूँढ़ते फिरते हैं, शायद किसी से इश्क का सौदा करने चले हैं।
खूबसूरती से धोखा ना खाइए जनाब,तलवार कितनी ख़ूबसूरत क्यों ना हो मांगती तो खून ही है।
मेरी शायरी से सबको अपनी सी कहानी मिल गई, दुख बस इतना है कि वो न मिली जिसके लिए ये लिखी गई थी।
खूबसूरती न सूरत में है ना लिबास में है, निग़ाहें जिसे चाहे उसे हसीन बना दे..!!
“क्या लिखूँ तेरी सूरत-ए-तारीफ मेँ,मेरे हमदम अल्फाज खत्म हो गये हैँ,तेरी अदाएँ देख-देख के”
आपकी खूबसूरती की क्या तारीफ करें, आपको तो चाँद भी देखे तो वो भी सरमा जाए !
ये आईने क्या देंगे तुझे तेरे हुस्न की खबरमेरी आँखों से तो पूछ कर देख कितनी हसीन है तू.
खूबसूरत हैं आपकी आंखे और इनमें हया है,बस इन्हीं की जादूगरी से तो मेरा दिल गया है।
ये नर्म लहज़ा प्यारी बाते सिर्फ तेरे लिए हैमैं इस लहज़े में सबसे बात भी नही करता!
जिंदगी से सिकवा नहीं की उसने गम का आदी बना दिया गिला तो उनसे है जिन्होंने रौशनी की उम्मीद दिखा के दीया ही बुझा दिया
तुझे नाज है तु हुस्न है .तेरे गुलिस्ता की !!मुझे फक्र है मैं इश्क हूँ !!तुझे तड़पा न दूं तो कमाल क्या !!
मैं उमरा भर जिन्का ना दे शक जवाब,वो एक नज़र में इतने सवाल कर गए।
तू ही तो है वो तारीफ जो मेरे दिल के हर कोने में बसा है, तेरा हर चेहरा मेरे दिल में इतना घुल गया है, के अब किसी और को देखना भी मुश्किल हो गया है.
नसीहत वो सच्ची बात है..जिसे हम कभी ग़ौर से नहीं सुनते..और तारीफ वह धोखा है….जिसे हम पूरे ध्यान से सुनते हैं..
एक लाइन में क्या तेरी तारीफ लिखूँ,पानी भी जो देखे तुझे तो, प्यासा हो जाये।
“ लोग कहते हैं समझो तोखामोशियाँ भी बोलती हैं , मैं अर्सों से खामोश हूँवो बरसों से बेखबर है…!!
न जाने क्या मासूमियत है तेरे चेहरे पर…तेरे सामने आने से ज़्यादातुझे छुपकर देखना अच्छा लगता है.
“ एक लड़की आसानी से प्यार मेंनहीं आती लेकिन एक बार आ गयीतो उसके बाद वो लड़के कीकेयर बच्चे की तरह करती है…!!
दिल कहता हैं की,तेरी रूह से पर्दा हटा दू,हो जाये बेनकाब ये हुस्न,और मिल जाये आराम इस धड़कन को.
उसके चेहरे की चमक के सामने सब सादा लगा ,आसमान पे चाँद पूरा था मगर आधा लगा ।
तेरे हुस्न से हैरान है ज़माना सारा, एक तेरी कातिल नज़र, उस पर काजल का कहर ।
उसका चाहा तो मोहब्बत की तारीफ नज़र आयी,वार्ना इस शब्द की तो सिर्फ तारीफ सुना करते थे।
नवाज़ा है जिसे उस ख़ुदा ने अपनी अदाकारी से,वो हर शख्स अपने आप मे खूबसूरत तो है ही..!!
गिरता जाता है चहरे से नकाब अहिस्ता अहिस्ता; निकलता आ रहा है आफताब अहिस्ता अहिस्ता..!!
बहुत खास थे कभी नजरों में किसी के हम भी,मगर नजरों के तकाज़े बदलने में देर कहाँ लगती है।
तेरी खूबसूरती की तारीफ़ में क्या लिखूं, कुछ खूबसूरत शब्दों की अभी तलाश है मुझे.
इजाज़त ही नहीं कुछ और हमको देखने की, अभी तो ख़्वाब आँखों में तुम्हारा चल रहा है..!!
ज़िंदगी अपनी मस्ती में जिया कर इश्क बहुत बुरी चीज है ना किया कर तू अपना पूरा ध्यान करियर पे मोड़ दे इश्क और अपनी गर्लफ्रेंड मेरे लिए छोड़ दे