Khubsurti Ki Tareef Shayari In Hindi : उसने महबूब की तारीफ कुछ इस कदर की, रात भर आसमान में चाँद भी दिखाई न दी. निगाह उठे तो सुबह हो, झुके तो शाम हो जाएँ, एक बार मुस्कुरा भर दो तो कत्ले-आम हो जाएँ.
इतरा कर अपनी खूबसूरती परतुम कुछ यूँ नखरे दिखाती हो,समां की तरह जलती होऔर दुसरे को भी जलाती हो.!
कुछ अपना अंदाज हैं कुछ मौसम रंगीन हैं,तारीफ करूँ या चुप रहूँ जुर्म दोनो ही संगीन हैं।
नशीली आँखों से वो जब हमें देखते हैं, हम घबराकर आँखें झुका लेते हैं, कौन मिलाए उनकी आँखों से आँखें सना है, वो आँखों से अपना बना लेते है !
वो खूबसूरत नही खूबसीरत होनी चाहिए,खूबसूरती तो एक दिन ढल जानी है!!
उसके यूं शर्माने की अदा दिल में बस जाती है, चांद की तरह मेरी पहुंच से दूर है वो फिर भी दिल ने उसे पाने की जिद लगा रखी है।
सोचता हूँ तेरी खुबसूरती परकुछ लिखूंपर रुक जाता हूँ इस डर से किकहीं पढ़ने वाला तेरादिवाना ना हो जाए..!!
उनके चेहरे की चमक इतनी हैकि हर किसी की सूरत उनके सामने फीकी है।
“ हजारों खूबसूरत पल आयेऔर चले भी गए जिंदगी से, एक आपका हाथ थाम कर पासबैठने का वो पल लाजवाब रहा…!!
मुझको मालूम नहीं…. हुस़्न की तारीफ,मेरी नज़रों में हसीन ‘वो’ है, जो तुम जैसा हो।
मैंने अपार सुंदरता देखी है, जब मैंने “माँ” को मुस्कुराते हुए देखा है।
यूँ न निकला करों आज कल रात को,चाँद छुप जाएगा देख कर आप को।
चांद को बहुत गुरूर था उसकी खूबसूरती पर,तोड़ दिया हमने तुम्हारी तस्वीर दिखा कर।
उसने होठों से छू करदरिया का पानी गुलाबी कर दिया,हमारी तो बात और थी उसनेमछलियों को भी शराबी कर दिया।
तेरे हुस्न की चांदनी ने मुझे अपने जलवे से बहका दिया है, तेरी अदाओं ने मुझे अपने रंग में रंग दिया है।
अल्फ़ाज नये है बात वही पुरानी है, उनकी तारीफों में चल पड़ी कलम हमारी है.
बिखर जाती है खुशबु सी,किसी की याद आते ही,ना जाने कोन सावन बिन मौसम बरसता हैं ।
एक लाइन में क्या तेरी तारीफ लिखूँ,पानी भी जो देखे तुझे तो, प्यासा हो जाये।
शब में आँखों को तलब लगा कर,सेहर को जाने की बात कर देगा।ये इक खूबसूरत सा चाँद,न जाने कितनों को बरबाद कर देगा।
सादगी भी कमाल है उनकी, बिना सँवरें चमकना जानती है। Sadgi Bhi Kamal Hai Unki Bina Sanwachamakna Janti Hai.re
चेहरे की सुंदरता से हीकुछ नही होता जनाब,दिलों की खूबसूरतीकही जयदा मायने रखती है।
तेरी तरफ जो नजर उठी वो तापिशे हुस्न से जल गयी तुझे देख सकता नहीं कोई तेरा हुस्न खुद ही नकाब हैं
रुख से पर्दा हटा तो, हुस्न बेनकाब हो गया, उनसे मिली नज़र तो, दिल बेकरार हो गया..!!
दिल में छुपा कर पुरे जग में ढूंढते होबडी कातिल लगती हो जब पूछती हो कहाँ हो
नहीं कहता मैं उसकी तारीफों के किस्से,अब उन्हें आँकूं तो आँकूं किससे ।।
आपकी खूबसूरती ने तो हमें कायल कर दिया, ना चाहते हुए भी आपके प्यार में घायल कर दिया।
चेहरा उसका रूहानी है, लगता जैसे कोई कहानी है, ना बीते उन लफ्जो कि एक, प्यारी सी वो लड़की दीवानी हैं।
मुझे मालूम नहीं हुस्न की तारीफ,मगर मेरी नजर में हसीन वो है जो तुझ जैसा हो…
वो निगाहों से यूँ शरारत करते हैं,अपनी अदा से भी कयामत करते हैं,निगाहें उनकी भी चेहरे से हटती नहीं,और वो हमारी नज़रो से शिकायत करते हैं।
चाँद आहें भरेगा, फूल दिल थाम लेंगे,हुस्न की बात चली तो, सब तेरा नाम लेंगे।
देखे जो तुम्हे वो हर एक दीवाना हो जाये, खूबसूरती ऐसी है तुम्हारी कि तुम्हे देख चांद भी शर्मा जाए।
तुम्हारी सुन्दरता को देख मैं निःशब्द हूँ, तुम्हारी निःशब्दता ही तुम्हें सुंदर बनाती है।
वो तुम्हे दूर से देख कर अपना दुपट्टा संभाल लेती है मैं हैरान हु इस बात से की वो इतनी दूर से तुम्हारा कमीनापन कैसे पहचान लेती है
मेरे मिजाज की क्या बात करते हो साहब, कभी-कभी मैं खुद को भी जहर लगती हूँ..!!
हुस्न वालों को संवरने की क्या जरूरत है,वो तो सादगी में भी क़यामत की अदा रखते हैं।
एक तिल का पहरा भी जरूरी है,लबों के आसपास,डर है कहीं तेरी मुस्कुराहट को,कोई नज़र न लगा दे।
उस के चेहरे की चमक के सामने सादा लगा आसमाँ पे चाँद पूरा था मगर आधा लगा
तेरे हुस्न पर लिखूं में क्या तारीफ मेरी जान,वो लफ्ज़ ही नहीं, जो तेरा हुस्न को बयां कर सकें..!!
इस सादगी पे कौन न मर जाए ऐ ख़ुदा,लड़ते हैं और हाथ में तलवार भी नहीं।
उस वक्त भी लौट आना तू मैं राह तकूंगा,हाथों की मेहंदी जब तेरे बालों में आ जाए।
बहुत ही खूबसूरत लगती है तुम्हारी अदा, जिस पर है हम कुछ इस तरह फिदा, नही होंगे हम कभी एक दूसरे से खफा, ना ही होगे कभी हम एक दूजे से जुदा।
मुझको मालूम नहीं हुस़्न की तारीफ,मेरी नज़रों में हसीन ‘वो’ है, जो तुम जैसा हो।
वो बला की शोख़ी देखी है तेरी नज़रो मैंवो हुस्न वो नजाकत वो बेकाबू जुल्फ की घटाक्या क्या बयान करू मैं ऐ शोख हसीनाहर बात बेमिासल है तेरे हुस्न की
हर बार हम पर इल्जाम लगा देते हो मुहब्बत का,कभी खुद से भी पूंछा है इतनी खूबसूरत क्यों हो।
दिल की नही जान की जरूरत हो तुमजमी की नही आसमा की इनायत हो तुमओर अब हम क्या आपकी तारीफ करेहुस्न की नही कयामत की मूर्त हो तुम.
मेरे दिल के धड़कनों की वो जरूरत सी है,तितलियों सी नाजुक परियों जैसी खूबसूरत सी है.
तुम्हारी मुस्कुराहट तीर है केवल, धनुष का काम तो मादक तुम्हारा रूप करता है.
ना जाने कब कोई तारा टूट जाये ना जाने कब कोई आंसू आँख से छूट जाये कुछ पल हमारे साथ भी हँस लो ना जाने कब तुम्हारे दांत टूट जाये
आँखो मे आँसुओ की लकीर बन गईजैसी चाहिए थी वैसी तकदीर बन गई !
होश-ए-हवास पे काबू तो कर लिया मैंने,उन्हें देख के फिर होश खो गए तो क्या होगा।
मेरी आँखों को जब उनका दीदार हो जाता है, दिन कोई भी हो मेरे लिए त्यौहार हो जाता है.
सुबह का मतलब मेरे लिए सूरज निकलना नही, तेरी मुस्कराहट से दिन शुरू होना है…
कितना हसींन चाँद सा चेहरा है,उसपे शबाब का रंग गहरा है।खुदा को यक़ीन ना था वफा पे,तभी तो एक चाँद पे हजारों तारों का पहरा है।
कभी खुशी से खुशी की तरफ नहीं देखा तुम्हारे बाद हमने किसी की तरफ नहीं देखा
यूं तो दुनिया में देखने लायक बहुत कुछ है, पर पता नहीं क्यों ये आंखे सिर्फ तुम्हारी आंखों पर आकर ही रुक जाती है।
घर सजाने का काम बाकी है,आप अपनी तस्वीर क्यूँ नही देती….!!!
आपके सामने जो दूसरों की बुराई कर रहा है आप उससे ये उम्मीद मत रखना के दुसरो के सामने आप की तारीफ ही करेगा..!!
उनकी जुल्फें चेहरे पर कर लेती हैं पर्दा इस तरह, काली रात में बादलों ने चांद को छिपा लिया हो जिस तरह।
उन्होनें कहा तुम्हारी आंखें बहुत खूबसूरत हैं,हमने भी कह दिया तुम्हारे ख़्वाब जो देखती हैं
मेरे मिजाज की क्या बात करते हो साहब,कभी-कभी मैं खुद को भी जहर लगती हूँ।
ढाया है खुदा ने जुल्म हम दोनों पर, तुम्हें हुस्न देकर मुझे इश्क देकर.
तेरे हुस्न के आगे मुझे लगता है सब कुछ सादा आस्मां में है पूरा चाँद पर मुझे लगता है आधा
अभी इस तरफ़ न निगाह कर, मैं ग़ज़ल की पलकें संवार लूं, मेरा लफ़्ज़-लफ़्ज़ हो आईना, तुझे आईने में उतार लूं।
क्या क्या बयान करू मैं ऐ शोख हसीना,हर बात बेमिासल है तेरे हुस्न की।
खुदा ने बड़ी ही फुरसत से बनाया होगा, ऐसा कभी भी सोचा मुझसे भी खुबसूरत मेरा यारा होगा।
सच्ची मुहब्बत तो एक तरफ़ से ही होती है, जो दौनों तरफ़ से हो, उसे किस्मत कहते हैं…!!
“हमें नहीं चाहिये ज़माने की खुशियाँ,अगर मिल जाये मोहब्बत तुम्हारी…”
तेरी आँखों के जादू से तू खुद नही हैं वाकिफ,ये उसे भी जीना सीखा देता जिसे मरने का शौक हो ।
कातिल आपकी अदाओं ने लूटा है,मुझे आपकी वफाओं ने लूटा है,शौक नहीं था हमें आशिक़ी का,मुझे तो अपकी निगाहों ने लूटा है..!!
सोचता हु हर कागज पे तेरी तारीफ करु,फिर खयाल आया कहीँ पढ़ने वाला भीतेरा दीवाना ना हो जाए।
“ रूठ जाने के बादगलती किसी की भी होबात शुरू वहीं करता हैंजो बेपनाह मोहब्बत करता हैं…!!
ये जो निगाहों से हमारे दिल को हलाल करते हो, करते तो वैसे जुर्म हो लेकिन कमाल करते हो.
उसने होठों से छू करदरिया का पानी गुलाबी कर दिया,हमारी तो बात और थी उसने तोमछलियों को भी शराबी कर दिया..!!