2531+ Khone Ka Dar Shayari In Hindi | Tujhe Khone Ka Dar Shayari in Hindi

Khone Ka Dar Shayari In Hindi , Tujhe Khone Ka Dar Shayari in Hindi
Author: Quotes And Status Post Published at: August 8, 2023 Post Updated at: May 23, 2024

Khone Ka Dar Shayari In Hindi : बदलते लोग, बदलते मौसम और नजारे हैं , पार मुझे कोई डर नेही.. जबतक तेरे प्यार मेरे साथ हैं !!! हर सांस मै तेरा नाम लिखा है, तेरा साथ जिने का एहसास दे मुझे !! मेरे मरने का नही.. तुझे खोने का दर हे मुझे !!

तुम कुछ ना कर सकोगे मेरा मुझसे दुश्मनी करके ~ मोहब्बत कर लो मुझसे अगर मिटाना ही चाहते हो…

खुशियों की चाह थी वहां बे हिसाब गम निकले, बेवफा तू नहीं सनम बद नसीब तो हम निकले !

उसके सवाल से मेरे जवाब तक सब आसान था बस मुश्किल ये थी की हम एक दूजे को समझ ना सके

जन्नत का हर लम्हा, दीदार किया था, गोद मे उठाकर जब माँ ने प्यार किया था

ऐसे लोग अक्सर अकेले रह जाते हैं जो लोग खुद से पहले दूसरों का सोचते हैं

मेरे दोस्तों की पहचान इतनी मुशिकल नहीं वो हँसना भूल जाते हैं मुझे रोता देखकर!!!

इश्क़ ऐसा था कि उनको बता ना सके,चोट थी दिल पे जो दिखा ना सके।नहीं चाहते थे हम उनसे दूर होना,लेकिन दूरी इतनी थी कि हम मिटा ना सके।

बच बच कर चलता रहा कांटों से उम्र भर मालूम हुआ एक फूल दर्द देकर चला गया

दर्द की दीवार पर फरियाद लिखा करते हैं हर रात तन्हाई को आवाज किया करते हैं ए खुदा उन्हें खुश रखना जैसे हम तुम्हारे बाद सबसे ज्यादा याद किया करते हैं

ये शराब भी एक अजब चीज़ बनायी है ऐ खुदा, पीते ही चेहरे धुंधले और किरदार साफ नज़र आते है…

घुटनों से रेंगते-रेंगते जब पैरों पर खड़ा हो गया, माँ तेरी ममता की छाँव में, जाने कब बड़ा हो गया

जब कोई आपसे मजबूरी में जुदा होता है,जरूरी नही वो इंसान वेबफा होता है।जब कोई देता आपको जुदाई के आँसू,तन्हाइयों में वो आपसे ज्यादा रोता है।

मैंने खुदा से एक दुआ मांगी,दुआ में अपनी मौत मांगी,खुदा ने कहा मौत तो तुझे दे दूँ,पर उसका क्या जिसने हर दुआ में तेरी जिंदगी मांगी।

“उस शख्स को पाना इतना मुश्किल भी नही मेरे दोस्त, मगर जब तक दूरी न हो मोहब्बत का मजा नही आता।”

कभी अपनी हसरतों को एक तरफ करके देखना ~ बहुत अकेले नजर आओगे!

डॉक्टर को तबीयत देखने के लिएथर्मामीटर और स्टैथोस्कोप चाहिएलेकिन माँ बच्चे की आंखेंऔर सूरत देखकर ही बता देती हैकि मेरे बच्चे को क्या तकलीफ है

भगवान्, सबका होकर देख लिया, बस तेरा होना बाकी है..!!

फर्क नहीं पड़ता कि कौन आपको पाने के लिए मरता है मानो तो ये रखता है कि आपको खोने से कौन डरता है

छुपे रहे वो अपने ही किरदार में हम देख कर भी अनदेखा करते रहे

एक महबूब लापरवाह एक मोहब्बत बेपनाह दोनों काफी हैं सुकून बरबाद करने को!!!

दीवारों से मिल कर रोना अच्छा लगता है,हम भी पागल हो जाएँगे ऐसा लगता है।“क़ैसर-उल जाफ़री”

किताब के मुड़े हुए पन्ने कहते हैं अक्सर ~ बहुत कुछ रह गया तुम से कहे बगैर

वो लम्हा जब मेरे बच्चे ने माँ पुकारा मुझे, मैं एक शाख़ से कितना घना दरख़्त हुई

कुछ तो शायद हमने पलटने मे देर की ~ कुछ उसने इन्तज़ार ज़्यादा नहीं किया…

दिल तोड़ना कभी नहीं आया मुझे, प्यार करना जो सीखा है माँ से

माँ की गोद और सर परमाँ का हाथ हो तो ऐसा लगता है, कीदुनिया की सारी तकलीफे खत्म हो चुकी है।

वो मेरी बातें दबाती रही मुझ काफिर से रिश्ता निभाती रही मैं बेवफा हूँ जानती थी वो मेरी नीयत ज़माने से छुपाती रही

दर्द बताऊँ कब ज़्यादाहोता है दोस्तोंजब आपसे कोई झूट बोल रहा होऔर आपको सच पता हो ।

हमारे बीच भले ही दुरियां बढ़ गई, दर्द सहते सहते जिंदगी गुजर गई।

गिरानी=महंगाई; ख़ून-ए-नाहक़=व्यर्थ की हत्या/खूनखराबा

बीमारी में भीखुद की परवाह से बेपरवाह रहती हैएक माँ ही तो होती हैजो सब कुछ सह कर भीबच्चों का ख्याल रखती है

वह मेरा सब कुछ है पर मुक़द्दर नहीं,काश वो मेरा कुछ न होता पर मुक़द्दर होता।

भूल जाता हूँ परेशानियां ज़िंदगी की सारी, माँ अपनी गोद में जब मेरा सर रख लेती है

दर्द बहुत हुआ दिल के टूट जाने से,कुछ न मिला उनके लिए आँसू बहाने से,वो जानते थे वजह मेरे दर्द की,फिर भी बाज़ न आये मुझे आजमाने से.

बनके अजनबी मिले है ज़िंदगी के सफर में,इन यादों को हम मिटायेंगे नहीं।अगर याद करना फितरत है आपकी,तो वादा है हम भी आपको भुलायेंगे नहीं।

ऐ दीवाने अब तो मान जा… तेरी शायरी पढ़ने वाली … किसी और की ग़जल बन गई है…

तुम क्या समझ पाओगी मेरे प्यार की कशिश, ~ जिसने फ़र्क़ ही नहीं समझा पसन्द और प्यार में.

तुम्हे चाहने से डर लगता है,तुम्हे खोने से डर लगता है,कही गम ना हो जाएँ तुम्हारी यादेंइसलिए रातों को सोने से डर लगता है.

“जाने लागे जब वो छोड़ के दामन मेरा, टूटे हुए दिल ने एक हिमाक़त कर दी, सोचा था कि छुपा लेंगे ग़म अपना, मगर कमबख्त आँखों ने बगावत कर दी।”

तुमको क्या खबर हाल मेरा है क्या मैं कह भी नहीं सकता कुछ मुझे सहना भी सब है

अकेले ही गुजरती हैं जिंदगी,लोग तसल्लियां तो देते हैं पर साथ नहीं…।

एक मुद्दत से मेरी माँ नहीं सोई… मैंने इक बार कहा था मुझे डर लगता है

कभी- कभी मेरे दिल में ख्याल आता है कि खुदा का दिया हुआ दिमाग है पर ख्याल दिल में ही क्यों आता है!!

टूटे दिल को रोने की जगह नहीं मिली,इसके दर्द की कही कोई दवा नहीं मिली।सब को मिली थी अपनी सच्ची मोहब्बत तो क्यों,मेरी ही मोहब्बत की मुझे वफ़ा नही मिली।

मतलबी दुनिया मे सम्भल के चलना….!! यहाँ तो लोग हाथों से दफ़ना कर भूल जाते हैं कि कब्र कौन सी थी….!! ****************************************

हुए पागल के अब कैसे कहें, हाँ एक मर्ज़ था जिसे मोहब्बत कहते हैं

प्यार मोहब्बत नहीं हमने तो इबादत की है,रस्मों और रिवाजों से बगावत की है।माँगा था हमने जिसे अपनी दुआओं में,उसी ने मुझसे जुदा होने की चाहत की है।

दिल की लगी में वक़्त-ए -तन्हाई ऐसा भी आता है ~ कि रात चली जाती है मगर अँधेरे नहीं जाते…

मेरी जगह कोई और हो तो चीख उठे,मैं अपने आप से इतने सवाल करता हूँ।

तकदीर बनाने वाले तूने भी हद कर दी तकदीर में किसी और का नाम लिखा था और दिल में चाहत किसी और की भर दी!!!

एक सूखे पत्ते को देखकर इतना तो समझ गया जरूरत पूरी होने पर अपने भी साथ छोड़ देते हैं

तो ये तय है के अब उम्र भर नहीं मिलना ~ तो फिर ये उम्र ही क्यूँ गर तुझसे नहीं मिलना…

ऐ दिल, तेरे रुतबे में शामिल नहीं साक़ी की ख़ुशामद , ~ मैखाना खिंचा आयेगा , किस्मत में अगर है…

दर्द दो तरह के होते हैएक दर्द आपको दर्द देता हैऔर दूसरा दर्द आपको बदल देता है ।

मिट जाए तो फिर मिटने दे सब ज़ख्म मेरे दिखने दे मैं एक टूटा शायर हूँ मुझे गम मेरे लिखने दे

इंसान को मौत से भी उतना डर नहीं लगता है, जितना डर माँ के बगैर इस दुनिया में जीने से लगता है.

हर बात में आँसू बहाया नही करते,हर बात दिल की हर किसी से कहा नही करते।ये नमक का शहर है,इसलिए ज़ख्म यहाँ हर किसी को दिखाया नही करते।

सोचा नही था जिंदगी में ऐसे भी फसाने होंगे, रोना भी जरूरी होगा और आसूं भी छुपाने होंगे

जिस के लिए बच्चा रोया था और पोंछे थे आँसू बाबा ने वो बच्चा अब भी ज़िंदा है वो महँगा खिलौना टूट गया                    - महशर बदायुनी

तुझको जाता देख कर दिल घबरा जाता था,तुझे देख कर कभी कभी ये शर्मा जाता था,लेकिन वो प्यार रहा ना वो शर्म रही,जब तेरी याद में मै रो कर रात गुजारता था.

बिछड़ने का दर्द उनको ही पता है,जो माँ बाप से छुप के अकेले में रहता हो.

ख़त्म हो रहा हूँ अपने ही अन्दर, ~ तुम्हें इतना ज़्यादा कर लिया है…

जो पागल हुए थे तेरी सूरत देख कर तेरी नीयत देख कर सब ठीक हो गए

इक आग ग़म-ए-तन्हाई की जो सारे बदन में फैल गई, ~ जब जिस्म ही सारा जलता हो फिर दामन-ए-दिल को बचाएँ क्या.

सजा बन जाती है गुजरे हुए वक़्त की यादे ना जाने क्यों छोड़ जाने के लिए मेहरबान होते है लोग!!!

परवाह करने वालों की कोई कदर नहीं करता है, परवाह करने वालों को हमेशा बेवकूफ समझा जाता है।

अश्क बह कर भी कम नहीं होते, ~ आँखें कितनी अमीर होती हैं..

लड़कियों को कौन बताए क्या सफर है हमारा हमें कहना भी नहीं कुछ हमें सहना भी बहुत है

कलम से लिख नहीं सकते अपने उदास दिल के अफसाने

उनसे की हुई एक दो मुलाकातें,हम भूल पाएंगे ना उम्र भर।जब दिल को दर्द होगा,लबों पे खुद व खुद आ जायेगा उनका जिकर।

तू चेहरे की बढ़ती सलवटों की परवाह ना कर, हम लिखेंगे अपनी शायरी में हमेशा जवाँ तुझको..! **********

बअ’द मरने के मिरी क़ब्र पे आया वो ‘ग़ाफ़िल’ ~ याद आई मेरे ईसा को दवा मेरे बअ’द

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