Khet Ki Shayari In Hindi : खेतों में जो पसीना बहाता है, उसका दर्द कोई और कहाँ समझ पाता है. जिनके माँ-बाप खेतों में काम करते है, उनके बच्चे जीवन में बड़ा नाम करते है।
जल संकट: कई क्षेत्रों में कम पानी की समस्या होती है, जिसके कारण खेती पर असर पड़ता है।
अमल से ज़िंदगी बनती है जन्नत भी जहन्नम भी ये ख़ाकी अपनी फ़ितरत में न नूरी है न नारी है
कृषि मनुष्य का सबसे स्वास्थ्यप्रद, सबसे उपयोगी और सबसे उत्तम रोजगार है।#पहला_धर्म_किसानी 👩🌾#जय_किसान
जिन्दगी जीने के लिए तीन चीजें जरुरी होती हैं – खाना, कपड़ा और मकान, जो कि सभी किसानों की देन है। 🏡👖🍚
चमचे लोग मुझसे दूर ही रहेक्योंकि चापलूसी करना मुझे आता नहीं
ये सिलसिला क्या यूँ ही चलता रहेगा,सियासत अपनी चालों सेकब तक किसान को छलता रहेगा.
“प्रकृति का नियम आपके द्वारा बनाए गए किसी भी छोटे कानून से अधिक मजबूत है।”
सोने के जेवर,और जाटों के तेवर सबको बहोत महंगे पड़ते है..!!
दो चीज़ा त हमेशा दूर रहना चाहिए,बड़की होइ आग अर गुस्सा म आया होया जाट..!!
नसीब की बारिश कुछ इस तरह से होती रही मुझ पर, ख्वाहिशे सूखती रही और पलके भीगती रही !!
“दो चीजें मुझे सबसे ज्यादा अखरती हैं, मेरे ऊपर तारों वाला आकाश और मेरे भीतर नैतिक कानून।”
हमें अपने पूर्वजों से पृथ्वी विरासत में नहीं मिली है, हम इसे अपने बच्चों से उधार लेते हैं। अमेरिकी मूल-निवासी कहावत
खाद्य संसाधन: खेती में उपयोग होने वाले खाद्य संसाधनों की प्रभावी उपयोगिता खेती की सफलता में महत्वपूर्ण होती है।
पृथ्वी वही है जो हम सभी के पास है। —वेंडेल बेरी
यहाँ मौसम अपने रंग बदलते है लोग नहीं“अपना गाँव “
जो दौड़ कर भी ना मिला वो संसार का तृष्ण है, जो बिना दौर के प्रेम मिल जाये वो राधा का कृष्ण है
हम तो आज भी रिश्तों को वैसे ही चाहते है,जैसे सुखा पेड बारिश का तलबगार होता है !!
“ की पेड़ काटने आये थे कुछ लोग मेरे गाँव मेंअभी धुप बहुत तेज़ हे कहकर लेट गए उसकी ही छाँव में…!!
दीमाग अपना hai ही गरम हो गयीलड़ाई शामत जब आयी,जब बीच में आया जाट भाई..
हमारा एटीट्यूड कुछ ऐसा है किबर्दाश्त करना भी जानते हैं औरजरूरत पड़े तो संघर्ष करना भी जानते हैं।
रेस मारणा सुरु करू एक GYM म जाणा इसटेनसन म होक्का सुरु कर दियाअपनी इसी तीसी कराओ
राधा मुरली-तान सुनावें,छीनि लियो मुरली कान्हा से,कान्हा मंद-मंद मुस्कावें,राधा ने धुन, प्रेम की छेड़ी,कृष्ण को तान पे,नाच नचावें..*जय श्री राधेकृष्णा…
किसानों को सम्मान देना चाहिए, क्योंकि वे हमेशा देश की सेवा करते हैं। 🙏👨🌾
“ कितना तकलीफ उठाकर कमाते है,जब गाँव से कम उम्रके बच्चे शहर जाते है….!!
जमीन की कीमत और जाट की हिम्मत कभी कम नहीं हो सकती!दिल तो आशिक तोड़ते हैं, हम तो जाट हैं हड्डियां तोड़ते हैं!!
ना जाने क्यूँ जब जब बारिश होती है,मेरे अंदर तेरी याद चुप चुप के रोती है !!
तन के कपड़े भी फट जाते है, तब कहीं एक फसल लहलहाती हैऔर लोग कहते है किसान के जिस्म से पसीने की बदबू आती हैकिसान दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
दौलत में आग लगाकर हमने ये शौक पाले हैं कोई पूछे तुमसे तो कह देना, हम जाट हरियाणे वाले हैं !!
तू रूठी रूठी सी लगती है,कोई तरकीब बता मनाने की…!मैं जिंदगी गिरवी रख दूंगा,तू क़ीमत बता मुस्कुराने की!!
मैं दिमाग कम औरजुबान ज्यादा चलाती हूंजो दिल में हो वो झट सेमुंह पर बोल देती हूंइसीलिए लोगों को बुरी लगती हूं
छत टपकती हैं उसके कच्चे मकान की,फिर भी “बारिश” हो जाये, तमन्ना हैं किसान की.
क्या रोग दे गई है ये नए मौसम की बारिश,मुझे याद आ रहे है मुझे भूल जाने वाले !!
मैं दिल की तो बहुत साफ हूं लेकिनजुबान की कोई गारंटी नहीं ले सकती।
लोहा टाटा काजूता बाटा काछोरा जाटों कादुनिया में मशहूर है
किसान खुल के हँस तो रहा हैंफ़क़ीर होते हुए,नेता मुस्कुराभी न पाया अमीर होते हुए.
लब्ज़ ही ऐसी चीज हैंजिसकी वजह से इंसानया तो दिल में उतर जाता हैया दिल से उतर जाता है।
कहानियां तो छोटे-मोटे राजा लोगों की लिखी जाती हैं।हम तो जाट हैं हमारे तो इतिहास लिखा जाएगा।जय जाट।
तुम जो मेरे साथ भीगने का वादा करों,प्यार की बारिश मैं खुद करुँगी !!
“कुछ लोग बारिश में चलते हैं, दूसरे बस भीग जाते हैं।”
“ शहर में पंछियो को पकड़ना समझदारी हे गांवो में दाने उछलना आज भी जारी हे…!!
अगर जिस खेत में जाट के लिए खाट जरूरी हैउतना ही जरूरी आर्मी के लिए जान जरूरी है
वो बचपन के दिन भी क्या खूब थे, ना दोस्ती का मतलब पता था और ना मतलब की दोस्ती थी।
खुदा अब किसानों को आजमाना छोड़ दे, चिलचिलाती धूप में फसलों को जलाना छोड़ दे.
दुनिया का सबसे पवित्र पौधा, विश्वास का होता है..जो धरती पर नही, दिलों में उगता है।
इंतज़ार मत करोजितना तुम सोचते होजिंदगी उससे कहीं ज्यादातेजी से निकल रही है
खेतों में जो पसीना बहाता है, उसका दर्द कोई और कहाँ समझ पाता है.
तेरा इमाम बे-हुज़ूर तेरी नमाज़ बे-सुरूर ऐसी नमाज़ से गुज़र ऐसे इमाम से गुज़र
क्या तुम्हें पता है किसान कैसे जीता हैं, दुःख दर्द के आँसू वो हँसकर पीता हैं.
पहली बारिश का नशा ही कुछ अलग होता है,पलको को छूते ही सीधा दिल पे असर होता है !!
आज मौसम सर पर चढ़कर बोल रहा हैएक गरीब परिवार भगवान के भरोसे रो रहा है#Kisan
सपना टूटा आँख में, नीद हुई अब दूरमन आतुर प्रिय मिलन को, बारिश से मजबूर !!
आंधियां गम की चलेंगी तो संवर जाऊंगा मैं तो दरिया हूँ समंदर में उतर जाऊंगा
यद्यपि हम कहते हैं कि पहाड़ देश के हैं, वास्तव में, वे उन लोगों के हैं जो उन्हें प्यार करते हैं। —डोजेन
हमारी जाट भाई अनपढ़ जाट पढ़ा जैसा..और पढ़ा जाट भगवान जैसा लागे है
दर्द ये सारे सहेगा किस तरह, तन्हा-तन्हा दिल रहेगा किस तरह, जाने वाला कह गया खुश रहो पर फूल बंजर पर खिलेगा किस तरह।
वो सर्द रात जबकि सफ़र कर रहा था मैं रंगीनियों से जर्फ़-ए-नज़र भर रहा था मैं
खिड़की के बाहर का मौसम, बादल, बारिश और हवा, खिड़की के अंदर का मौसम, आंसू, आहें और दुआ !!
सरसों की खेती पर शायरीफूल पे सरसों के थोड़े दिन अभी रुकना, बसंतशहर दे फुरसत तो दिल तुझसे लगाने आएंगे
“ जिन्दगी कभी धूपमें तो कभी छाँव में है,जीवन जीने काअसली मजा तो गाँव में है….!!
“ गाँव में अनपढ़ हैऔर रूढ़िवादी है,मन के भाव कोसमझ ले इतने जज्बाती है….!!
रै म्हारी गाड़ी पे Jaat लिख्या होङकिसे लाल बत्ती ते कम है के!!
हां घमंड तो होगा ही ना हमेंक्योंकि मेरे पापा ने कभीकोई कमी तो नहीं आने दी।
क्या दिखा नही वो खून तुम्हें,जहाँ धरती पुत्र का अंत हुआ,सच को ये सच नही मान रहा,लो आँखों से अँधा भक्त हुआ.
जाट हो के गन्ने का रस न लिया,तो जाट होने पे DOUBT है..!!
ख़्वाहिश बस इतनी सी..चाहिए एक छोटा सा पल, और साथ सिर्फ तुम सिर्फ तुम!
गाय का माखन, यशोधा का दुलार,ब्रह्माण्ड के सितारे कन्हैया का श्रृंगार,सावन की बारिश और भादों की बहार,नन्द के लाला को हमारा बार-बार नमस्कार।
आंधियो ने लाख बढाया हौसला धूल का,दो बूंद बारिश ने औकात बता दी !!
मौसम बारिश का है,और भीग हमारी आँखें रही है !!
जाटों की बराबरी ना कर सके उसे जलना भी छोड़दो क्योंकि हम घर से मां की दुआ लेकर आते हैं
मेरा भारत महान है क्योंकी मेरेदेश की पहचान किसान है.
खेती की खुशबू देश की खुशबू होती है। 🌾🇮🇳
शेरनी के चुप रहने सेजंगल में बंदरियो काराज नहीं हो जाता