Khet Ki Shayari In Hindi : खेतों में जो पसीना बहाता है, उसका दर्द कोई और कहाँ समझ पाता है. जिनके माँ-बाप खेतों में काम करते है, उनके बच्चे जीवन में बड़ा नाम करते है।
है राम के वजूद पे हिन्दोस्ताँ को नाज़ अहल-ए-नज़र समझते हैं उस को इमाम-ए-हिंद
जाट एक जाति नहीं..जाट एक सुपर ब्रांड हैहमारी जान वही तो यूं ही मुझ करें
किसान होता है देश के भविष्य को खुशहाल बनाने वाला, जिसका योगदान हमेशा अमूल्य होता है। 👨🌾
तुम बरस के तो देखो बारिश की तरह,हम भी महकते रहेंगे मिटटी की तरह !!
रे बावली हम जाट स हमनेपढाई ते पहले बंदूक चलानी सिखाई जाती है।
हम तो आज भी तुझे वैसे ही चाहते है,जैसे कोई सुखा पेड़ बारिश का तलबगार हो !!
बीमारी के पत्तों पर धब्बे बनते हैं, जिसको फफूंदीनाशक बेवस्टीन के 1% के घोल से रोका जा सकता है ।
“ बेशक आराम कीजिंदगी सहरों में मिल जाएगीमगर सुकून बस गाँव में ही आएगी…!!
शराफत गई तेल लेनेजैसी दुनिया वैसे हम
जिन कामा पै सरकारी बैन है, जाट उन कामा का फैन है !
हवा हो ऐसी कि हिन्दोस्ताँ से ऐ ‘इक़बाल’ उड़ा के मुझ को ग़ुबार-ए-रह-ए-हिजाज़ करे
जाटों की आवाज नहीं हैजाटों की आवाज मैं ही शेरोवाली दहाड़ हैजाट अकेला भी खड़ा होजाए तो 100 लोगों के बराबर है
“ काश ख़्वाबों में हीसही अपने गाँव पहुँच जाएँ,कमबख्त पूरी जिन्दगीऐसे ख्वाब भी नही आएँ….!!
“ शहर में सारे बीमार पड़े शहरी होना बीमारी हे शहरी प्रतिस्पर्धा हीगावों की हत्यारी हे…!!
ये बारिश ये हसीन मौसम और ये हवाए,लगता है आज मोहब्बत ने किसीका साथ दिया है !!
शरीर से प्रेम है तो, आसन करेंसांस से प्रेम है तो, प्राणायाम करेंआत्मा से प्रेम है तो, ध्यान करेंऔर परमात्मा से प्रेम है तो, समर्पण करें…Good Morning!
तेरे आते ही दोस्त महफ़िल सजने लगती है, और बेरंग ज़िंदगी भी रंगने लगती है।
इस बार देश में जो सूखा पड़ गया हर किसान के सूखे खेत देख आँखे गीली हो गई।
हज़ारों साल नर्गिस अपनी बे-नूरी पे रोती है बड़ी मुश्किल से होता है चमन में दीदा-वर पैदा
फक्र बाप के कमाए हुए पैसों पर नहींखुद की कमाई पर करना चाहिए
चना खाने से शरीर स्वस्थ रहता है, स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ दिमाग रहता है।
हमने भी मुआवजे की अर्जी डाली है साहब,उनकी यादों की बारिश ने काफ़ी नुकसान पहुँचाया है !!
कृषि को व्यवसाय से जोड़कर ही किसानों की समस्याओं का हल किया जा सकता हैं.
जाट एक कोम ना है जाट एक ब्रांड है,जिसकी अकड़ सिर चढ़ क बोलै है जाट तो यूही मोज करेगे..!!
जंगल में पक्षी घणे,पर मोर जैसे नही।दुनिया में लोग घणे,पर जाट जैसे नही ..।।
तमंचा तो सिर्फ शौक के लिए हैं, बाहर शांत हूं, अंदर तूफान रखता हूं।
“ गाँव के बच्चे बारिशमें भीगकर खुश हो जाते है,शहर के बच्चे बारिशमें भीगकर बीमार हो जाते है….!!
“ गाँव में, पैसे से जेब हल्कीऔर दिल के बड़े होते है,गैरों के मुसीबत में भीअपनों की तरह खड़े होते है….!!
मैं झुक नहीं सकता मैं शौर्य का अखंड भाग जला दे जो दुश्मन की रुह तक में वही जाट की औलाद हो।
उस वक़्त क्या था रूह पे सदमा न पूछिए याद आ रहा था किस से बिछड़ना न पूछिए
तुम ज्यादा औकात औकात मत करोहम अपनी औकात पर आ गए तोतुम्हारी औकात हम लिख देंगे
मधुवन में भले ही कान्हा किसी गोपी से मिले,मन में तो राधा के ही प्रेम के फूल खिले।
रुक जाओ अभी बारिश है जब ठहर जाए तब चले जाना,किसी का तुमको यूँ छू जाना मुझे अच्छा नहीं लगता !!Romantic Barish Shayari
“ चन्द लम्हो का इश्क हम कभी करते नहीं हे हम गाँव के आशिक हे जो हर किसी पर मरते नहीं…!!
भले ही आप खाएं कम, पर चने में होता है बड़ा दम.
“ गाँव में जो लोगज्यादा भाव खाते है,लोग उनसे पैसा खूब खर्च करवाते है….!!
तुम चाहे शहरों में भूकंप रोधी मकानों में रह लोकिसान से धोखेबाजी करोगे वही मारे जाओगे#Kisan
“जिस तरह एक मोमबत्ती बिना आग के नहीं जल सकती, वैसे ही पुरुष आध्यात्मिक जीवन के बिना नहीं रह सकते।”
हर रोज़ नहा लेता हूँ तेरी यादों की बारिश में,पर कमबख्त तेरे इश्क़ का रंग छूटता ही नहीं !!
अनपढ़ जाट पढ़ा जैसा, और पढा जाट खुदा जैसा ये कहावत जाटों ने नहीं, जमाने ने कही है।।
सोने के जेवर और जाटों के तेवरसबको बहुत महंगे पड़ते है
“एक और शानदार दिन, हवा फेफड़ों के लिए स्वादिष्ट के रूप में जीभ के लिए अमृत है।”
खेती के बिना देश की आत्मनिर्भरता संभव नहीं है। 🇮🇳🌾
फ़िर्क़ा-बंदी है कहीं और कहीं ज़ातें हैं क्या ज़माने में पनपने की यही बातें हैं
🌾 BRAND_FARMER_96K 🍁✨ जय महाराष्ट्र🚩⚡ सर्व शेतकरी बांधवांना एकत्र आणण्याचा एक पाऊल.🔹वावर हाय तर 💪 पॉवर हाय 😄🔹 टाक चारा काढ धारा।
बना कर उसने मेरे संग रेत का महल,न जाने क्यों बारिशों को खबर कर दी !!first barish status
यदि हमने पृथ्वी की बुद्धिमत्ता के सामने आत्मसमर्पण कर दिया तो हम पेड़ों की तरह जड़ें जमा सकते हैं। —नरेर मारिया रिल्के
तू क़ादिर ओ आदिल है मगर तेरे जहाँ में हैं तल्ख़ बहुत बंदा-ए-मज़दूर के औक़ात
मज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना हिन्दी हैं हम वतन है हिन्दोस्ताँ हमारा
चौधर का हुक्का सअर Jat का रुक्का स।असली खौफ तो जाट का स ,बाक़िया का टोरा सुक्का स ..।।
सुनो कान्हा,जिस पल कोई आस न हो,उस पल भी तुझसे आस बाकि हो !मुझमे तेरी एक साँस बाकि हो !
“प्रकृति में हर चीज हमें लगातार आमंत्रित करती है कि हम क्या हैं।”
गलती हो गई बाबा नशे में प्यार करग्या, सायद वो आपणा ए था जो ठंडा वार करग्या !
गुलज़ार-ए-हस्त-ओ-बूद न बेगाना-वार देख है देखने की चीज़ इसे बार बार देख
अंदाज़ कुछ अलग है हम जाटों कासबने Attitude रखने का शौक है,और हमने Attitude तोड़ने का ..।।
आशिको के मरने पर कफ़न भी नहीं मिलता हसीनों के मरने पर “ताज महल” बनता है!
राधे राधे बोल, श्याम भागे चले आएंगे,एक बार आ गए तो कभी नहीं जायेंगे।
आज आयी जो बारिश तो याद आया वो जमाना, तेरा छज्जे पे रहना और मेरा सड़को पर नहाना !!
जब भोजन की थाली सामने आ जाए, तो भोजन के समय ईश्वर को नहीं उस महान किसान को धन्यवाद देना,
जब हुयी थी पहली बारिश, तुमको सामने पाया था,वो बुंदो से भरा चेहरा, तुम्हारा हम कैसे भूला पायेंगे !!
दोस्ती ज़िन्दगी में रौशनी कर देती हैं, हर ख़ुशी को दोगुनी कर देती हैं, कभी झूम के बरसती हैं बंज़र दिल पे, कभी अमावस को चांदनी कर देती है।
“मैं प्रकृति के दिल के करीब हूं … एक बार थोड़ी देर में, और एक पहाड़ पर चढ़ो या जंगल में एक सप्ताह बिताओ। अपनी आत्मा को साफ करो।”
“कभी भी किसी भी महत्वपूर्ण समय को बर्बाद करने के लिए कुछ भी नहीं करना चाहिए जब बाहर सूर्यास्त होता है तो आपको नीचे बैठना चाहिए!”
“ गांव की सादगीशहर में न मिल पायेगी किसी दर्द की दवाजहर में न मिल पायेगी…!!
मुफ़्त की कोई भी वस्तु बाजार में नहीं मिलती, किसान की आत्महत्या की खबर अखबार में नहीं मिलती।
हुई न आम जहाँ में कभी हुकूमत-ए-इश्क़ सबब ये है कि मोहब्बत ज़माना-साज़ नहीं
“मनुष्य का एक रईस व्यक्ति प्रकृति से सेवा करता है, अर्थात्, सौंदर्य का प्यार।”
क्या रोग दे गई है ये नए मौसम की बारिश,फिर याद आ रहे है मुझे भूल जाने वाले !!
#देश की प्रगति है तब तक अधूरी, किसान के #विकास के बिना न होगी पूरी
गांव में खेत जान से प्यारा होता है, जिसके पास खेत नहीं वो बेचारा होता है।
बे-नूर हो के डूबने वाला था माहताब कोहरे में खुप गई थी सितारों की आब-ओ-ताब
“ मैं गाँव से पैसाकमाने निकलता हूँ,पर गाँव को दिल सेनही निकालता हूँ….!!