Khet Ki Shayari In Hindi : खेतों में जो पसीना बहाता है, उसका दर्द कोई और कहाँ समझ पाता है. जिनके माँ-बाप खेतों में काम करते है, उनके बच्चे जीवन में बड़ा नाम करते है।
एक बार आकर देख कैसा,ह्रदय विदारक मंजर हैं,पसलियों से लग गयी हैं आंते,खेत अभी भी बंजर हैं
“ जहां कुदरत की अपनी छांव है,जिसे अपना कहसकूं वह अपना गांव है…!!
मगरमच्छ की पकड़ और हमारी अकड़ बहुत ही तगड़ी होती है।
अनोखी वज़्अ’ है सारे ज़माने से निराले हैं ये आशिक़ कौन सी बस्ती के या-रब रहने वाले हैं
“ ग़रीबी में भी अपने बच्चेको अच्छा संस्कार देना,दुनिया में कही भी रहोगाँव की मिट्टी को प्यार देना….!!
किसान वह होता है जो समूचे देश का भावी भोजन उत्पन्न करता है। 🌾🌽🥕
धार की दारू और जाट की दोस्ती का मजा ही कुछ और हैजाट किंग
नही हुआ हैं अभी सवेरा,पूरब की लाली पहचान,चिडियों के उठने से पहले,खाट छोड़ उठ गया किसान
लम्हें थे तेरे साथ के या बारिश की बूँदें,हथेली पर गिरते ही फिसलते चले गये !!
तूने जितना मेरे बारे में सुना हैउससे कई गुना में बुरी हूं।
कोई शोक से शेर नहीं बनता, हमारी कोम ही बब्बर शेरो वाली है ! ” जाट “
“ यूं खुद की लाश अपने कांधे पर उठाये हैंऐ शहर के वाशिंदों हम गाँव से आये हैं…!!
कोई रंग नहीं होता बारिश के पानी में,फिर भी फ़िज़ा को रंगीन बना देता है !!?
मुल्क मे जो सब से ज्यादा परेशान है.उसी मेरे भाई का नाम किसान है.
यमराज से जो डरे उसे यमदूत कहते हैंयमराज जिससे डरे उसे जाट कहते है।
अपनी जाटों वाली मंजिल अलग हो या करें हमकोई भेड़ चाल नहीं चलते.. जाट वाला रुतबा..
ज़िन्दगी के नगमे कुछ यूँ गाता,मेहनत मजदूरी करके खाता,सद्बुद्धि सबको दो दाता,हम है, अगर हैं अन्नदाता
अब तो बारिश भी आ गयी,पता नहीं अब इस बारिश में पकोड़े बनानेवाली कब आएगी !!
संघर्ष के समय कोनजदीक नहीं आता..औरसफलता के बाद किसीको आमंत्रित नहीं करना पड़ता..!
सोशल मीडिया पर क्यों मजाक बनाते हो हमाराकरनी है अगर हक की बात तो साथ दो हमारा.#Kisan
आईन-ए-जवाँ-मर्दां हक़-गोई ओ बे-बाकी अल्लाह के शेरों को आती नहीं रूबाही
आलस्य के खेत में जो ख़्वाबों के फसल बोता है, वक्त की मार पड़ने पर वो अकेले में खूब रोता है.
किस्मत को छोड़ो,जब मेहनत का सिक्का उछलता है,तब Head भी तुम्हारा होता है औरtail भी तुम्हारा होता है
ये जन्नत मुबारक रहे ज़ाहिदों को कि मैं आप का सामना चाहता हूँ
पांडवो सी विवशता आएगी ..तो हिस्से में कृष्ण भी आएंगे
वो घुमा तो रहा है धरती कोफिर भी ये इन्सान भागता क्यू रहता है ।
शेर कभी छुपकर वार नहीं करतेबुज़दिल कभी खुलकर वार नहीं करतेअरे हम तो जाट हैं हम तोमरके भी हार स्वीकार नहीं करते
सुनो कान्हा तुमFive Star की तरह दिखते होMunch की तरह शरमाते होCadbury की तरह जब तुम मुस्कुराते होKit Kat की कसमतूम बहुत सुंदर नजर आते हो
क्या #तुम्हें पता है #किसान कैसे जीता हैं, दुःख# दर्द के आँसू वो #हँसकर पीता हैं.
देखू मेरे माधव की आँखे, या करूँ आँखे चार,दर पर उसके शीश नमाऊं या निहारु वारंवार।
ऊपर से बारिश, नीचे बाढ़ और बीच में कोरोना,साले हम बिहारी है या खतरों के खिलाड़ी !!
हाथ तो हाम बस बड़े बुड्ढया तेराम-राम करण खातर ए जोड़या करे,नी त हाम वे सा जो मौत न भीघुंगरू परहा क नचा दिया करे हां।सॉलिड जाट
हम जैसे सिंगल लोगों की मासूम सी दुआ,हे भगवान 14 फ़रवरी को तेज बारिश हो जाए !!
आँखों में उमड़ आता है बादल बन कर, दर्द अहसास को बंजर नहीं रहने देता।
“प्रकृति सादगी से प्रसन्न है। और प्रकृति कोई डमी नहीं है।”
सोचता हूँ क्या लम्हा होगा,बारिश, छतरी, तुम और मैं !!
कुछ भी बोलने से पहलेजरा सोच लिया करोक्योंकि जुबान मेरे पास भी है।
श्याम तेरे मिलने का सत्संग ही बहाना है,दुनिया वाले क्या जाने ये रिश्ता पुराना है।
यारों की यारी भी खिचड़ी से कम नहीं, स्वाद भले ही न रहे पर कमबख्त भूख मिटा देती है।
लड़की हो तो क्या हो गयामैं जियूंगी तो एटीट्यूड से ही
घमंड ही नहीं गुरुर है अपने किसान होने का.
जिनके माँ-बाप खेतों में काम करते है, उनके बच्चे जीवन में बड़ा नाम करते है।
जाट का दिल नरमअर दिमाग गर्म होया करअ ..।।
“ गाँव में जब भूख सताता है,तो शहर का रास्ता नजर आता है,वो हर तरह के दर्द को सह लेता हैजब घर की याद आये तो अकेले में रो लेता है…!!
हम झुकते तो सिर्फअपने बाप के सामने हैंबाकी औरों को तो हमकायदे से झुकाना जानते हैं।
पहियों की गर्दिशों में मचलती थी रागनी आहन से आग बन के निकलती थी रागनी
इश्क़ तिरी इंतिहा इश्क़ मिरी इंतिहा तू भी अभी ना-तमाम मैं भी अभी ना-तमाम
तेरी यादों के संग बरसती रही अश्कों की बारिश,भीग गई हथेलियाँ ढूंढते ढूंढते लकीरों में तेरा नाम !!
जब वो बात अपने स्वाभिमान की औरजाट के सम्मान की। तो फिर हम नहीं पीछे हटते।चाहे क्यों ना हो फिर बाजी जान की हो।
“ शहर इंसान से कितनाकुछ छीन लेती है,जिसके बदले में चंदकागज के नोट देती है….!!
बेशक दोस्त से फासला हो जाए, मगर उसकी दोस्ती से फासला कभी मत करना।
छत टपकती हैं उसके कच्चे मकान की,फिर भी “बारिश” हो जाये, तमन्ना हैं किसान की.
नही हुआ हैं अभी सवेरा, पूरब की लाली पहचान,चिडियों के उठने से पहले, खाट छोड़ उठ गया किसान.
कीमत तो खूब बड़ गई शहरों मे धान की,बेटी विदा न हो सकी फिर भी किसान की.
जाटो के जलवे का अर गाजर का हलवे का,स्वाद ही न्यारा होवे से..!!
प्रकृति की सबसे सुंदर चीज, एक फूल, अभी भी पृथ्वी और खाद में इसकी जड़ें हैं। —डॉ। एच। लॉरेंस
कोई परेशान हैंसास-बहू के रिश्तो में,किसान परेशान हैं कर्ज की किश्तों में
“ बहुत वक्त हुआखुद से मिले हुए कल सुबह मेंअपने गांव जा रहा हु..!!
“ जो गाँव का मजाशहर में ढूंढते है,वो जीने का मजाजहर में ढूंढते है….!!
बहुत से लोग ऐसे भी है जो खेती के कार्य को हीन भावना से देखते है क्योंकि वे ऐसे लोगों को नहीं जानते है जो खेती से करोड़ो कमायें है.
भारतीय किसान भाइयो के लिए भी ड्रैगन फ्रूट की फायदे वाली खेती करने से किसान लाखो की कमाई कर सकते है इसमें क्या के काम…
हमने तुम्हारी खातिर क्या-क्या नहीं तोड़ दियाजमीन से लेकर आसमान जोड़ दियाआज हम वापस मांग रहे हैंतो आपने हमें रास्ते पर छोड़ दिया.#Kisan
माना #गरीब हूं मैं बेटा किसान का मैं ही बनूंगा गौरव# भारत महान का!!
ऐश करने के लिए #जुआ तो सब खेलते है, पर दो वक्त की रोटी के लिए #किसान इस मिट्ठी के साथ जुआ #खेलता है, और हर बार इस #खेल में हार जाता है
“मैं आश्चर्यचकित था, हमेशा की तरह, छोड़ने की क्रिया कितनी आसान थी, और यह कितना अच्छा लगा। दुनिया हमेशा संभावना से समृद्ध थी।”
सौ सौ उमीदें बंधती है इक इक निगाह पर मुझ को न ऐसे प्यार से देखा करे कोई
किसान की समस्या खत्म नही होती,नेताओ के पास पैकेज अस्सी हैं,अंत में समस्या खत्म करने के लिए,किसान चुनता रस्सी हैं.
“ गांव का मज़ाशहर में ढूंढते हो ज़हर की दवा ज़हर में ढूंढते हो…!!
ये शेरनी अकेली ही घूमती रहती हैअगर किसी में ताकत होतो अपनी औकात दिखा दे।
रात भर गिरते रहे उनके दामन पे आँसूं मेरे,सुबह होते ही वो बोले की रात में बारिश बहोत थी !!
आज भी किसान लेते नहीं आरामफिर भी लोग नहीं समझते किसानों की जवान.#Kisan
जाट की Yaari सबसे Nyaari अच्छी लगे देशभक्ति और ईमानदारी !