1658+ Khamosh Shayari In Hindi | ख़ामोशी शायरी

Khamosh Shayari In Hindi , ख़ामोशी शायरी
Author: Quotes And Status Post Published at: September 21, 2023 Post Updated at: October 20, 2023

Khamosh Shayari In Hindi : मेरी जिंदगी में मेरे दोस्तों ने मुझको खूब हँसाया, घर की जरूरतों ने मेरे चेहरे पर सिर्फ खामोशी ही लाया। कभी ख़ामोश बैठोगे, कभी कुछ गुनगुनाओगे,हम उतना याद आयेंगे, जितना तुम मुझे भुलाओगे.

क्या करोगे मेरी ख़ामोशी के पीछे के दर्द को जानकार, कहीं मेरी दर्द को जानकार, तुम भी खामोश न हो जाओ..!!

जो रहते थे ख़ुशी और शोरगुल में हर दम , वो ही अब रहते हैं दुखी और ख़ामोशी में हर दम ।।

ख़ामोश शहर की चीखती रातें,सब चुप हैं पर, कहने को है हजार बातें.

ख़ामोशी बहुत कुछ कहती है,कान लगाकर नहीं, दिल लगाकर सुनो..!!

यही सोचकर ज्यादा शिकवा नही किया मैंने, की अपनी जगह हर कोई सही होता है..!

इश्क करने वालों को फुर्सतकहां जो गम लिखेंगे,कलमइधर लाओ दोस्तों इन बेवफाओंके बारे में हम लिखेंगे..

मुझे अपने इश्क़ की वफ़ा पर बड़ा नाज था,जब वो बेवफा निकला, मैं भी खामोश हो गया.

चुभता तो बहुत कुछ हैं मुझे भी तीर की तरह !!लेकिन खामोश रहता हूँ तेरी तस्वीर की तरह !!

उसकी लम्बी ख़ामोशी बस इतना बताती है प्यार में किसी ने उसे भी छला है.

उसकी भी शायद कोई मज़बूरी थीतभी हमारी कहानी अधूरी रह गई

सूरज !! चाँद और रौशनी इनमें ही बयां कर देती है !!खामोशियाँ पर अधूरी सी रह जाती है !!ये गजले मेरी क्यो है ये बेरुखी सी दुनिया !!

राज खोल देते हैं,नाजुक से इशारे अक्सर,कितनी ख़ामोशमोहब्बत की जुबान होती हैं.खामोशी शायरी

मेरी आवाज़ किसी शोर में गर डूब गई,मेरी खामोशी बहुत दूर सुनाई देगी..!!

दर्द हद से ज्यादा हो तो आवाज छीन लेती है !!ऐ दोस्त !! कोई खामोशी बेवजह नहीं होती है !!

वक्त तुम्हारे ख़िलाफ़ हो तो खामोश हो जाना,कोई छीन नहीं सकता जो तेरे नसीब में है पाना।

चलो अब जाने भी दो,क्या करोगे दास्ताँ सुनकर,ख़ामोशी तुम समझोगे नहीं,और बयाँ हम से होगा नहीं.

जब कोई बाहर से खामोश होता है !!तो उसके अंदर बहुत ज्यादा शोर होता हैं !!

मोहब्बत नहीं थी तो एक बार समझाया तो होता,नादान दिल तेरी खामोशी को इश्क समझ बैठा।

जान ले लेगी अब ये ख़ामोशी,क्यूँ ना झगड़ा ही कर लिया जाये..!!

तड़प रहे हैं हम  तुमसे एक अल्फाज़ के लिए  तोड़ दो खामोशी हमें  जिंदा रखने के लिए

मेरी खामोश निगाहों की बातें,शायद वो समझ नहीं पाएंगी कभी,में टूटकर रह जाऊंगा ऐसे ही उसकी चाहत में,वो मगर किसी और की बातों में दिल लगायेंगे कभी .

ये तुफान यूँ ही नहीं आया है,इससे पहले इसकी दस्तक भी आई थी,ये मंजर जो दिख रहा है तेज आंधियों का,इससे पहले यहाँ एक ख़ामोशी भी छाई थी…!!!

ये तुफान यूँ ही नहीं आया है इससे पहले इसकी दस्तक भी आई थी,

दिल की धड़कने हमेशा कुछ-न-कुछ कहती हैं !!कोई सुने या न सुने ये ख़ामोश नहीं रहती हैं !!

सुना है बाजार में गिर गए हैं दाम सारे इत्र केबारिश की पहली बूंदों ने आज मिटटी को छुआ है

वक्त तुम्हारे ख़िलाफ़ हो तो खामोश हो जाना !!कोई छीन नहीं सकता जो तेरे नसीब में है पाना !!

दिल की खामोशी पर मत जाओराख के नीचे आग दबी होती है।

ख़ामोशी से मुसीबत और भी संगीन होती है तड़प ऐ दिल तड़पने से ज़रा तस्कीन होती है

ख़ामोश शहर की चीखती रातें,सब चुप हैं पर कहने को है हजार बातें..!!

साँसों को छलनी, जिगर को पार करती है ख़मोशी भी, बड़े सलीके से वार करती है

हद से बढ़ जाए ताल्लुक तो गम मिलते हैं, हम इसी वास्ते हर शख्स से कम मिलते हैं।

तू खुश है अपनी जिंदगी मेंमैं खुश हूं अपनी खामोशी में

किताब सी शख्सियत दे ऐ मेरे खुदासब कुछ कह दूँ खामोश रहकर !

इश्क़ का तो काम ही है खामखा बोलना परेशानी की बात तो तब होती है जब बात ही नहीं होती।

मेरे दोस्तों मुझे खामोश ही रहने दो कहीं मैं कुछ कहने पर आ गया तो तुम कुछ कहने लायक नहीं रहोगे।

खामोशी बहुत कुछ कहती है, कान लगाकर नहीं दिल लगाकर सुनो।

मेरी खामोशी से किसी को कोई फर्क नही पड़ता !!और शिकायत में दो लफ़्ज कह दूं तो वो चुभ जाते हैं !!

खामोशी बहुत है ज़िन्दगी में मेरी मगर शान्ति एक पल की भी नहीं।

सारी दुनिया के रूठ जाने से मुझे कोई फर्क नहींबस एक तेरा खामोश रहना मुझे तकलीफ देता है !

अल्फाज बेहद खुबसूरत होते है,पर खामोशी की तो बात ही अलग है..!!

खामोश है ये जुबां सुनी सी है राते !!न दिल का ठिकाना है न दिल का बसेरा !!

मेरी खामोशियों पर भी उठ रहे थे सौ सवाल,दो लफ्ज़ क्या बोले मुझे बेगैरत बना दिया..!!

मैं सिर्फ उस से मोहब्बत करता था और उसने ही मुझे छोड़ दिया मैं अब अपनी खामोशी के साथ खुश हूं जब उसने मेरा दिल तोड़ दिया

अजीब है मेरा अकेलापनना खुश हूँ, ना उदास हूँबस अकेला हूँ और खामोश हूँ…!!!

चलो अब जाने भी दो यार क्या करोगे दास्तान सुनकर,खामोशी तुम समझोगे नहीं और बयां हमसे होगा नहीं।

कोई ख्याल जब दिल से टकराता है , दिल चाह कर भी  खामोश रह जाता है ,

इश्क़ में यह बात मुझे रह रह कर खटकती है, दिल उसका भरा था मुझसे तो आंख मेरी क्यूं छलकती है।

अल्फाज को रखा है हमनेइश्क के हिफाजत मैंखामोशी लापरवाह हैअक्सर रिश्ते खो देती हैं..!

जब से उसकी सच्चाई हमारे पास आईहमारे होठों को तब से खामोशी पसंद है!

आपको लगता है आपसे डरते है सब,बेटा ये खोफ तो सिर्फ हमारी खामोशी का है । 🖤💥

इक मासूम चेहरा,और दिल मे सौग़म की परछाई है.आँखों से पढ़ लो मेरी ख़ामोशी कोजुबां ने चुप रहने के कसम खायी है😔😔

ख़ामोशी छुपाती है ऐब और हुनर दोनोंशख्सियत का अंदाज़ा गुफ्तगू से होता है!

ख़ामोशी से जब तुम भर जाओगे जनाब, थोड़ा सा चीख़ तोह लेने वरना मर जाओगे.,

बातों को कोई न समझेबेहतर है खामोश हो जाना।

हम खामोशी से देते है खामोशी का जवाबकौन कहता है अब हम बात नहीं करते

तूफान से पहले की खामोशी की तरहमिरी बस्ती में आज है ऐसा सन्नाटा!

मुझे अपने इश्क़ की वफ़ा पर बड़ा नाज था, जब वो बेवफा निकला, मैं भी खामोश हो गया.

खामोशी की भी अपनी एक अलगही अहमियत होती है तितलियाँ अपनीखूबसूरती का बखान नहीं किया करतीं।

मेरी खामोशियाँ हमेशा आपके इंतज़ार में रहती हैं,मेरी खामोशियाँ मुझसे हमेशा यही सवाल करती हैं,ये इंतज़ार कब ख़तम होगा।

दूर तक छाए थे बादल और कहीं साया न थाइस तरह बरसात का मौसम कभी आया न था

दर्द वही, तलब वही , ख्वाब वही.. लोग कहते है 2022 साल नया है…!!

जब कोई ख्याल दिल से टकराता है,दिल न चाह कर भी खामोश रह जाता है,कोई सब कुछ कह कर प्यार जताता है,कोई कुछ न कहकर भी सब बोल जाता है।

मेरा मिज़ाज समुन्दर सा है बहार भले मैं काफी शोर करता हूँ पर दिल की गहराईयों में काफी खामोश हूँ मैं।

मेरे रूठ जाने से अब उनको कोई फर्क नहीं पड़ता,बेचैन कर देती थी कभी जिस को ख़ामोशी मेरी।

तमन्ना जब किसी की नाकाम होती है, जिंदगी उसकी एक उदास शाम होती है, दिल के साथ दौलत ना हो जिसके पास, मोहब्बत इस गरीब की नीलाम होती है!!

मेरी आवाज़ किसी शोर में गर डूब गई मेरी खामोशी बहुत दूर सुनाई देगी..

चुभता तो बहुत कुछ हैं मुझे भी तीर की तरह,लेकिन खामोश रहता हूँ तेरी तस्वीर की तरह.

यदि जलेगा ज़िस्म तो रूह भी ख़ामोशी से जलेगी , कुरेदते हो जो अब राख ज़ुस्तज़ू बचेगी ,

उसने कुछ कहा भी नहीं और मेरी बात हो गई !!बड़ी अच्छी तरह से उसकी खामोशी से मुलाक़ात हो गई !!

मेरी खामोशी थी जो सब कुछ सह गयी, उसकी यादें ही अब इस दिल में रह गयी, थी शायद उसकी भी कोई मज़बूरी, जो मेरी जिंदगी की कहानी अधूरी ही रह गयी.,

चलो अब जाने भी दो यार क्या करोगे दास्तान सुनकर, खामोशी तुम समझोगे नहीं और बयां हमसे होगा नहीं।

गुज़र जाएँगे हर लम्हें,तुम्हारी यादों के साथ।इज़हार नहीं करेंगे कभी,ख़ामोशी का देंगे साथ।

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