1489+ Khafa Shayari In Hindi | खफा शायरी

Khafa Shayari In Hindi , खफा शायरी
Author: Quotes And Status Post Published at: October 4, 2023 Post Updated at: April 11, 2024

Khafa Shayari In Hindi : किस-किस को बताएँगे जुदाई का सबब हम तू मुझ से खफा है, तो जमाने के लिए आ छेड़ मत हर दम ना आईना दिखा अपनी सूरत से ख़फ़ा बैठे हैं हम।

लफ्जों में महफूज़, करके छुपा लूं उसको, मिस्ले गुलाब है वो… . उसकी आँखों में खुद को पढ़ता हूँ, मेरे दिल की किताब है वो

गुस्सा कर बेशक जितना मर्जी पर इतना भी मत करना कि नफरत में बदल‌ जाए।

गलत फहमियों के सिलसिले इतने दिलचस्प हैं, ~ हर ईंट सोचती है कि दीवार बस मुझसे जिन्दा है !

उनसे खफा होकर भी देखेंगे एक दिन, कि उनके मनाने का अंदाज़ कैसा है।

हक हूँ में तेरा हक़ जताया कर, यूँ खफा होकर ना सताया कर

ये जो पत्थर है आदमी था कभी, इस को कहते हैं इंतज़ार मियां.

मुझे दफनाने से पहले मेरा दिल निकालकर उसे दे देना, मैं नहीं चाहता कि वो खेलना छोड़ दे.

खफा हो माना पर मान जाओ ना, तुम जान मेरी लेलो पर यू सताओ ना।

कितनी हसरत थी प्यार को पाने की मगर इसके अंजाम का नहीं पता था क्यूंकि ये प्यार वफा करने वाले को भी बेवफा बना देता है

खुद्दारियों में हद से गुजर जाना चाहिए, ~ इज्जत से जी न पाये तो मर जाना चाहिए

दिल के लिये हयात का पैगाम बन गईं ~ बैचैनियाँ सिमट के तेरा नाम बन गईं!!!

अच्छा लगता है अपने आप को नीचा दिखाना आते जाते लोग बड़ा कुछ सिखा जाते हैं।

गुफ्तगू बंद न हो बात से बात चले ~ नजरों में रहो कैद दिल से दिल मिले!

चाह कर भी पूछ नहीं सकते हाल उनका, डर है कहीं कह ना दे की ये हक तुम्हे किसने दिया !!

एक ही शख़्स था मेरे मतलब का, ~ और वही शख़्स मतलबी निकला…

खता जो तुमसे हुई हैं उसकी माफ़ी नहीं मिलेगी खफा जो हुई हूं मैं अब तुमसे रूठ जाऊंगी।

किस-किस को बताएँगे जुदाई का सबब हम,तू मुझ से खफा है, तो जमाने के लिए आ.

तूने क्या सोचा डर जाऊँगाबेटा बाप हूँ तेरे घर तक आऊँगा

पहचान कफ़न से नहीं होती हैं दोस्तोंलाश के पीछे काफिला बयां कर देता हैंरुतबा किसी हस्ती का हैं.!

लोग कहते हैं कि तू अब भी ख़फ़ा है मुझसे तेरी आँखों ने तो कुछ और कहा है मुझसे

ख्वाबों में समिट कर रह गई है ज़िंदगी, आप अभी भी माफी पर अटके हुए हैं !

ऐ ग़म-ए-ज़िंदगी न हो नाराज़,मुझको आदत है मुस्कुराने की..

बुत भी रक्खे हैं नमाज़ें भी अदा होती हैं ~ दिल मेरा दिल नहीं अल्लाह का घर लगता है… **************************************** 5

हमारी भी संभल जायेगी हालत… वो पहले अपनी जुल्फ़ें तो संभाले…

वो Online होकर भी मुझसे बातें नही करता, ~ इधर हम हिचकी आने पर भी Net On कर देते हैं

तुम क्या समझ पाओगी मेरे प्यार की कशिश, ~ जिसने फ़र्क़ ही नहीं समझा पसन्द और प्यार में.

गुज़रे हैं ऐसे हालात से,जहाँ आकर सभी गुज़र जाते हैं,जो अपने दर्द को ही दवा बना ले,उसपर किया गया हर वार बेअसर जाते हैं।

मेरे प्यार की मजार तो आज भी वही है जान बस तेरे ही सजदे की जगह बदल गयी!!!

अब तो हाथों से लकीरें भी मिटी जाती हैं ~ उसको खो कर तो मेरे पास रहा कुछ भी नहीं …

मिजाज़ अच्छा है आज हमारा,,, ऐ_दोस्त,,,,, सितम करना हो तो लौट आओ…..

पायेदारी क्या कि एक ही लहर से गिर गए ~ कुछ मकां तूफ़ान की झूठी खबर से गिर गए!

तेरी बेवफाई के बारे मैं बहुत सुना था , फिर भी तेरे से दिल लगा बैठे, भूल हमारी थी, उससे चाहत लगा बैठे, जो बेवफा से वफ़ा की उम्मीद कर बैठे!!

न जाने क्या जादू है, उसके पाक इश्क और अदाओं में ~ बेफिक्र हूँ ज़माने से और, मशरूफ हूँ उसकी मोहब्बत में

भीख मांगना नहीं,कमाना सीखोफिर चाहे दौलत हो या इज्जत।

ख़ुदाई को भी हम न ख़ुश रख सकेख़ुदा भी ख़फ़ा का ख़फ़ा रह गया

युँ तो मुद्दते गुजार दी है हमने तेरे बगैर.. ~ मगर आज भी तेरी यादों का एक झोंका ~ मुझे टुकड़ो में बिखेर देता है …

चुप चाप चल रहे थे सफर-ऐ-हयात में, तुम पर नजर पड़ी तो गुमराह से हो गये…

आप खुद में एक आग भरोचलो अब जिंदगी की उड़ान भरो !

पतंग उड़ा के खुली रील छोड़ देता है ~ खुदा खफा हो तो फिर ढील छोड़ देता है!!!

कुछ पेड़ भी बे-फ़ैज हैं इस राह-गुज़र के ~ कुछ धूप भी ऐसी है के साया नहीं होता

किसी के पैरों में गिरकर कामयाबी पानेसे बेहतर है अपने पैरों पर चलकरकुछ बनने की ठान लो.

हमने तुफानो से घबरानानहीं टकराना सीखा है !

किस्सा नही कहानी हूँ मैंशरीफ नही हरामी हुँ मैं.!

प्यार में शक की कोई जगह नहीं होती और मेरे खफा होने के बाद सुलह नहीं होती।

हर बार इल्जाम हम पर लगाना ठीक नहीं,वफ़ा खुद से नहीं होती खफा हम पर होते हो.

तुम्हारे बाद किसी पर खफा नहीं हुए हम, क्या करे अब बड़ा फर्क आ गया है हममे।

मेरी आवारगी में कुछ कसूर तुम्हारा भी है…. ऐ.. दोस्त जब तुम्हारी याद आती है तो घर अच्छा नही लगता……..

दुनिया है सताती रहेगी,बस आप मुस्कुराते रहो !

वो जो ख़ामोशी की एक पतली लकीर उभरी थी न.. अब ~ ~ सरहद बन चुकी है.. तेरे मेरे दरमियाँ…..

किससे मांगे दवा जख्मो की सभी ने चोटें खायी है किसी का सनम बेवफा है तो किसी का साजन हरजाई है!

तु जो कहे ये ,के फ़क़त तेरे हैं, ~ कितना सच सा लगता है…

कमाल का शख्स था जिसने ज़िंदगी तबाह कर दी राज़ की बात ये है दिल उससे खफा अब भी नहीं

मेरे दिल से उसकी हर गलती माफ हो जाती हैं, जब वो मुस्कुरा के पूछती है नाराज हो क्या !

मुझे दूसरों से हो क्यों कोई शिकवाके माथे की तहरीर तो आपकी थी

जो गहरी नींद सोते हैं वो मोहब्बत कर नहीं सकते ~ सकून इतना कहाँ हासिल मोहब्बत करने वालों को

तौहीन ना करो नीम को कड़वा कहकर ~ कुछ जिंदगी के तजुर्बे नीम से भी कड़वे होते है!

हम 💫 ने दुनिया की हर 🐳 इक शय से उठाया 🐧 दिल को, लेकिन एक शोख़ 🐸 के हंगामा-ए-महफ़िल 🐅 के सिवा,

सालभर….तेरी बेरूखी से कत्ल होते रहे हैं हम,अब तो तहरीरें बन गई है…उदासियाँ गुजरे साल की।

जीने के लिए रोज़ हँस लेता हुँ, मगर, रोज़ थोड़ी थोड़ी ज़िन्दगी बेच लेता हुँ…

बेवफा लोग बढ़ रहे हैं धीरे-धीरे, एक शहर अब इनका भी होना चाहिए.

हमने तो खुद से इंतकाम लिया ~ तुमने क्या सोचकर मुहब्बत की ?

छेड़ मत हर दम ना आईना दिखा !!अपनी सूरत से ख़फ़ा बैठे हैं हम !!

लोग कहते थे कि मेरा दिल पत्थर का है, यकीन मानिये कुछ लोग उसे भी तोड़ गए…!!! 166

कोइ गैंग नही हे मेरी पर पहचान ऐसी हैं की हर गैंग का आदमी इस चेहरे को देख के सलाम ठोकता है।

उन हवाओं से भी जल्द सामना होगा,जो आज कल हमारे खिलाफ चल रही है..!!

दुनिया जिस मुकाम पर झुकती है,मुझे जिंदगी में वही मुकाम हासिल करना है।

चाहने वालों की दुआ औरजलने बालों का शुक्रिया..!

रूह के नजदीक आँख से ओझल ~ दिल के रिश्ते भी अजीब होते हैं

नयी नस्लों के ये बच्चे जमाने भर की सुनते हैं। मगर माँ बाप कुछ बोले तो बच्चे बोल जाते हैं।।

मुस्कराहट भी एक अजीब पहेली है, जितना बताती है उससे ज्यादा छुपाती है…!!!

एक दिन हम भी कफ़न ओढ़ जाएँगे, हर एक रिश्ता इस ज़मीन से तोड़ जाएँगे, जितना जी चाहे सतालो यारो, एक दिन रुलाते हुए सबको छोड़ जाएँगे.

वे मुझे भूलने के तरीके ढूंढ रहे थे, नाराज होकर हमने उनकी मुश्किल आसान कर दी।

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